Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
08-07-2019, 12:58 PM,
#17
RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--15

गतान्क से आगे......................

सुधिया की साँसे एक दम तेज हो गई और वह मुड़ना चाहती थी लेकिन रामू ने उसकी दोनो बाजुओ को पीछे से कस कर पकड़े हुए अपने लंड को अपनी मा की मोटी गान्ड मे थोड़ा और गढ़ा दिया, सुधिया तो एकदम मस्ती मे झूम उठी,

रामू --मा अब धीरे-धीरे उन तीन चार गन्नो को हटाओ, रामू अपनी मा के गालो से बिल्कुल चिपका हुआ था, सुधिया ने धीरे से दो तीन गन्नो को हटाया और थोड़ा आगे बढ़ी तब रामू ने कहा बस रुक जाओ मा अब बस आगे वाले वो दो गन्ने हटा दो

सामने जो दिखाई दे रहा था वह दो गन्नो के पिछे थोड़ा-थोड़ा नज़र आ रहा था बस उसको ही देख कर सुधिया की नशो मे खून दौड़ पड़ा सुधिया का हाथ जब गन्नो को हटाने के लिए आगे बढ़ रहा था तब उसके हाथ लरज रहे थे तभी रामू ने अपनी मा की कमर मे हाथ डाल कर अपने मोटे लंड को अपनी मा की मस्तानी गान्ड मे तबीयत से गढ़ाते हुए,

मा धीरे से हटाना और जैसे ही सुधिया ने सामने के गन्नो को हटा कर देखा तो उसकी साँसे रुक सी गई हरिया और चंदा एक दूसरे के लंड और चूत को पागलो की तरह चूस रहे थे हरिया खड़ा हुआ था और चंदा को उल्टी टांग कर उसकी जाँघो को फैला कर उसकी चूत और गान्ड चाट रहा था और चंदा नीचे से अपने बाबा का लंड चूस रही थी,

सुधिया ने एक दम से गन्नो को छ्चोड़ दिया तो रामू ने अपनी मा की गान्ड मे अपने लंड को कस कर गढ़ाते हुए मा थोड़ा आगे सर्को मुझे पीछे कुछ चुभ रहा है, सुधिया थोड़ा आगे सरक्ति है और रामू अब थोड़ा आगे होकर अपने हाथो से दोनो गन्नो को हाथ देता है,

रामू और सुधिया दोनो बिल्कुल चुप थे मगर रामू के हाथ अपनी मा की कमर मे हाथ डाले हुए धीरे-धीरे उसके गुदाज पेट पर चल रहे थे, रामू लगातार अपने लंड का दबाव धीरे-धीरे अपनी मा की गान्ड मे बना रहा था,

लेकिन वह यह नही जानता था की उसका लंड उसकी मा के पतले से घाघरे को दबाते हुए सीधे उसकी रस छोड़ती चूत के छेद से भिड़ा हुआ था और सुधिया का घाघरे का वह हिस्सा भी चूत के पानी से पूरा गीला हो चुका था,

सुधिया ने जब रामू के लंड को अपनी चूत के छेद मे गढ़ते महसूस किया तो वह सिहर उठी उसकी चूत का दाना कूदने लगा

सुधिया अब बड़ी बेशर्मी से हरिया के मोटे लंड को देख रही थी और सोच रही थी कि कैसे चंदा अपने बाप का लंड बड़े प्यार से चूस रही है और रामू देख रहा था कि हरिया कैसे बड़े प्यार से अपनी बेटी चंदा की चूत को चूस रहा है,

तभी अचानक हरिया ने चंदा को उतार कर खड़ी करके उसे उल्टी घुमा कर खटिया से पेट के बल लेटा दिया और नीचे बैठ कर उसकी गान्ड को चौड़ी करके अपनी जीभ से चाटने लगा और चंदा हाय बाबा और ज़ोर से चतो आह बाबा बहुत मज़ा आ रहा है, ओह बाबा फाड़ दो अपनी बेटी की गान्ड और चूत को और चूसो खूब कस कर चूसो दबाओ .

रामू ने अपनी मा के भारी चुतड़ों को अपने हाथो मे थाम रखा था और अपने लंड का सारा दबाव अपनी मा की मोटी गान्ड के छेद मे दे रखा था, सुधिया चंदा के मुँह से ऐसी बाते सुन कर पागल हो जाती है और रामू की ओर अपना मुँह घुमा कर उसके गालो से अपने होंठो को सताए हुए कहती है,

सुधिया- रामू बेटा मुझे पेशाब लगी है,

रामू यह सुनते ही खुशी से पागल हो जाता है और अपनी मा की गान्ड मे अपने लंड को दबा कर उसके गालो को चूमते हुए कहता है

रामू- मा धीरे से यही बैठ के कर ले,

सुधिया- यहाँ

रामू- हाँ और कहाँ

सुधिया- लेकिन तू तो मेरे पास खड़ा है

रामू- तो क्या हुआ तू बैठ तो सही और फिर रामू ने सुधिया की बाँहे पकड़ कर उसे मूतने के लिए बैठा दिया, सुधिया ने अपना घाघरा उचा कर लिया और पीछे से रामू ने जब अपनी मा की गोरी-गोरी मोटी गान्ड देखी तो वह मस्त हो गया, रामू तुरंत अपनी मा के पिछे बिल्कुल उससे सॅट कर बैठ गया,

सुधिया- तू क्यो बैठ गया

रामू- अपनी धोती के उपर से अपने लंड को मसल्ते हुए, मा मुझे भी पेशाब लगी है

सुधिया- तो क्या मेरे सामने करेगा,

रामू अपनी धोती से अपने मोटे लंड को बाहर निकालते हुए, मा जब तू मेरे सामने कर सकती है तो मे क्यो नही और फिर रामू अपने मस्त लंड को निकाल कर जब उसकी चॅम्डी उलटता है तो सुधिया उस तगड़े लंड की मोटाई और उसके टोपे की चिकनाहट देख कर मस्त हो जाती है उसकी खुली हुई चूत से पेशाब की जगह चुदास रस निकलने लगता है,

रामू- क्या हुआ मा पेशाब करो ना

सुधिया- उसको खा जाने वाली नज़रो से देखती हुई, मुझे नही आ रही है,

रामू- अभी तो लगी थी रुक क्यो गई

सुधिया- पता नही

रामू- लाओ मे करवा देता हू और रामू ने झट से अपनी मा की चूत मे हाथ डालते हुए उसकी चूत के खड़े दाने को अपनी उंगलियो मे भर लिया, सुधिया रामू की इस हरकत से एक दम से सन्न रह गई रामू ने धीरे-धीरे अपनी मा की चूत को अपनी हथेलियो से सहलाते हुए देखना शुरू कर दिया,

सुधिया की चूत से पानी बहने लगा और रामू उसे बड़े प्यार से सहलाते हुए देखने लगा, सुधिया अपने बेटे

द्वारा इस तरह से अपनी चूत सहलाए जाने से मस्त हो गई और उससे रहा नही गया और उसने रामू के लंड को एक दम से पकड़ लिया,

रामू अपनी मा की इस हरकत से पागल हो उठा और वह अपनी मा की चूत को अपने हाथो से सहलाता हुआ उसके रसीले होंठो को अपने मुँह मे भर लेता है और दूसरे हाथ से

अपनी मा की मोटी-मोटी छातिया पकड़ लेता है,

सुधिया- पूरी मस्ती से अपने बेटे के लंड को सहलाती हुई आह रामू तू यह क्या कर रहा है तुझे शरम नही आती अपनी मा की चूत को इस तरह सहलाते हुए,

रामू- अपनी की चूत मे दो उंगली खच्छ से भर कर, मा देख हरिया काका कैसे अपनी बेटी चंदा की गान्ड और चूत को अपनी जीभ से प्यार कर रहे है,

सुधिया- आह बेटा आह अरे बेटे वह तो अपनी बेटी की चूत और गान्ड चाट रहा है तो क्या तू अपनी मा को नंगी करके उसकी चूत और गान्ड चाटना चाहता है,

रामू- अपनी मा की पूरी भोसड़ी को अपने हाथो से दबोचते हुए, हाँ मा मे तुझे पूरी नंगी करके खूब कस कर चोद्ना चाहता हू

सुधिया- थोडा सा मुस्कुराकर रामू के लंड को कस कर भिचते हुए, तो क्या तू अपने इस लंड से अपनी मा को अच्छी तरह चोद पाएगा,

रामू- मा पहले तो इस मोटे लंड को मे तेरे मुँह मे देकर चूसाउँगा उसके बाद तेरी चूत को खूब कस कर फाड़ुँगा और फिर अंत मे अपनी मा की यह मस्तानी गान्ड फाड़ुँगा और जानती है मेरा यह लंड कहाँ घुसेगा और फिर रामू अपने हाथ को चूत से हटा कर अपनी मा की गुदा मे लगा देता है और अपनी उंगली अपनी मा की गुदा मे भर देता है,

रामू- मा तेरी गान्ड का छेद तो बड़ा कसा हुआ है मेरा लंड तो बहुत टाइट घुसेगा इसमे

सुधिया- रामू बेटे अब मुझसे नही रहा जा रहा है,

रामू- मा एक बार मूत तो ले फिर चलते है अपने खेत मे

सुधिया- नही बेटे यहाँ मुझसे नही मुता जाएगा तू चल हम खेत मे चलते है फिर वहाँ मे मुतुँगी

रामू- अपनी मा के होंठो को चूम कर मा खेत मे चल कर तुझे अपने बेटे के मुँह मे मुतना पड़ेगा, बोल मुतेगि ना अपने बेटे के मुँह पर

सुधिया- सीसियते हुए हाँ बेटा हाँ आज तेरी मा तुझे पूरी नंगी होकर अपनी चूत का मूत पिलाएगी, तेरी मम्मी खड़ी होकर मुतती जाएगी और तू अपनी मम्मी की मूत से भरी छूट चाटते जाना,

रामू- मा तू नही जानती तेरी चूत से पेशाब पीने के लिए मे कब से तरस रहा हू, सच मा तेरा भोसड़ा बहुत मस्त है,

सुधिया- मेरे लाल आज तू अपनी मा की चूत तब चाटना जब उसकी चूत से मस्त पेशाब की मोटी धार निकलेगी

रामू- मा एक बार खड़ी होकर अपनी चूत मेरे मुँह के उपर रख ना मे यही बैठा रहता हू और तू थोड़ा खड़ी होकर मेरे मुँह से अपनी गान्ड और चूत ऐसे रगड़ कि मे किसी कुत्ते की तरह तेरी चूत और गान्ड को सूंघ कर चाट सकु,

सुधिया- बेटे ऐसे तो मेरा पेशाब तेरे मुँह मे निकल जाएगा

रामू- तो क्या हुआ तू थोड़ा सा मेरे मुँह मे मुँह देना पर पूरा नही बाकी का खेत मे चल कर मुझे पिलाना

सुधिया वही थोड़ा सा खड़ी होती है और रामू अपने मुँह को अपनी मा की भारी गान्ड और चूत के नीचे ले आता है और सुधिया अपनी चूत और गान्ड को अपने बेटे के मुँह पर रगड़ने लगती है, और रामू अपनी जीभ निकाल कर कभी अपनी मा की गान्ड और कभी चूत को चाटने लगता है तभी रामू अपनी मा की चूत के मोटे तने हुए दाने को अपने मुँह से पकड़ कर एक दम से चूसने लगता है,

सुधिया जब देखती है कि उसके बेटे ने उसकी चूत को कस कर अपने मुँह से दबोच लिया है तो मस्ती मे उसकी चूत से पेशाब निकल जाती है और रामू अपनी मा की गान्ड और जाँघो को पकड़े हुए उसका पेशाब चाटने लगता है,

उसके मुँह मे जैसे ही उसका मा का पेशाब का स्वाद जाता है वह किसी पागल कुत्ते की

तरह अपनी मा की चूत को चाटने और चूसने लगता है, सुधिया आज अपने जिंदगी का सबसे मजेदार वक़्त गुज़ार रही थी और अपने बेटे के द्वारा अपनी चूत इतने प्यार से चाटने के कारण उसने थोड़ा रुक कर फिर से थोड़ा सा मुतना चालू कर के फिर से रोक लिया और रामू अपनी मा की चूत की फांको को फैला कर खूब कस-कस कर चाटने लगा,

सुधिया के पेर काँपने लगे और वह एक दम से फिर से नीचे बैठ गई, उधर चंदा ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते हुए कह रही थी ओह बाबा थोड़ा और तेज मरो अपनी बेटी की चूत मे ओह बाबा आज फाड़ दो अपनी बेटी की चूत, जब सुधिया ने उधर झाँक कर देखा तो उसके होश उड़ गये हरिया चंदा को अपने लंड पर खड़ा होकर बैठाए था और उसकी जाँघो को थामे उसे हवा मे उठाए अपने मोटे लंड से अपनी बेटी की चूत मार रहा था,

सुधिया उनकी भयानक चुदाई देख कर मस्त हो गई और रामू का लंड ज़ोर से पकड़ कर मसल्ते हुए रामू अब चल बेटा मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है मे बस

तेरे मुँह मे अपनी चूत धर कर मूतने के लिए मरी जा रही हू,

रामू- मा एक बार और अपनी चूत मुझे चटा दे फिर हम चलते है, सुधिया एक दम से अपने दाँत पीसते हुए मस्ती मे आ गई और उसने वही खड़ी होकर अपने हाथ से

अपने बेटे रामू का मुँह खोला और उसमे अपनी चूत का दाना लगा कर एक धार उसके मुँह मे जैसे ही मारी रामू ने अपनी मा की चूत को अपने मुँह मे पूरा भर लिया और सुधिया अपने बेटे की इस हरकत से पागल हो उठी उसने खूब ज़ोर-ज़ोर से रामू के मुँह मे अपनी चूत को मारना शुरू कर दिया और रामू ने अपनी मा की चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से चूस्ते हुए उसका सारा रस निचोड़ कर चूस लिया.

रामू से अब रहा नही गया और वह सुधिया का हाथ पकड़ कर उसे वापस अपने खेत की ओर चलने का इशारा करता है, सुधिया वहाँ से उठ कर चल देती है और रामू अपनी मा के भारी चुतड़ों को सहलाता हुआ उसके पीछे-पीछे चलने लगता है,

दोनो जब खेत मे आ जाते है, खेत मे आते ही रामू सुधिया को झोपड़ी के अंदर लेजा कर तुरंत उसका घाघरा पकड़ कर उठा देता है और घुटनो पर बैठ कर अपनी मा की चूत चाटने लगता है सुधिया सीसियते हुए रामू के सर पर हाथ फेरने लगती है,

रामू- मा तुझे पेशाब लगी थी ना

सुधिया- खड़ी-खड़ी अपनी चूत अपने बेटे के मुँह से रगड़ती हुई हा बेटे बहुत जोरो की पेशाब लगी है

रामू- मा तो मूत ना

सुधिया-कहाँ

रामू-यही खड़े-खड़े अपने बेटे के मुँह मे अपनी चूत फैला कर मूत दे

सुधिया- अपने हाथो से अपनी चूत खोले नही बेटा मुझे शरम आती है,

रामू- अच्छा तू नीचे बैठ और सुधिया को नीचे बैठा कर अपना हाथ अपनी मा की चूत मे लेजा कर उसे धीरे-धीरे सहलाते हुए, एक हाथ से अपनी मा की गान्ड को सहलाना शुरू कर देता है सुधिया से बर्दास्त नही होता है और वह फिर से खड़ी हो जाती है,

रामू सीधे अपना मुँह अपनी मा की चूत के ताने हुए दाने से लगा कर चाटते हुए, ले मा अब मुँह और अपना हाथ पीछे लेजा कर अपनी मा की गान्ड को दबोचते हुए उसकी गुदा मे उंगली भर देता है सुधिया बिल्कुल पागल हो जाती है और अपनी चूत से खड़े-खड़े एक लंबी धार मार देती है रामू जब अपनी मा की चूत से मोटी पेशाब की धार निकलते देखता है तो वह अपना मुँह अपनी मा की चूत मे लगा कर पागलो की तरह चाटने लगता है,

रामू अपनी मा की चूत की फांको को दोनो हाथो से फैलाकर उसकी चूत के दाने से रिस्ते पानी को अपनी जीभ से दबा-दबा कर जैसे-जैसे चूस्ता है सुधिया उह आ ओ बेटे करने लगती है, रामू उसकी एक टांग को उठा कर अपने कंधे पर रख लेता है और फिर अपनी मा की पूरी चूत को सूंघते हुए अपनी जीभ चूत के छेद मे भर-भर कर उसका रस चूसने लगता है,

सुधिया अपने हाथो से अपनी चूत को और फैला देती है और रामू बड़े आराम से अपनी मा की चूत को चूस्ते हुए अपनी मा की गुदाज गान्ड को दबाता हुआ उसके छेद मे उंगली डाल-डाल कर सहलाता रहता है

रामू अपनी मा की चूत चूस-चूस कर उसे लाल कर देता है और सुधिया की टाँगे काँपने लगती है वह सीधे ज़मीन मे लेट जाती है और रामू को अपने उपर खीच लेती है,

क्रमशः.............
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RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास - by sexstories - 08-07-2019, 12:58 PM

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