Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
08-07-2019, 12:57 PM,
#16
RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--14

गतान्क से आगे......................

हरिया- देखो रामू तुम हमारी बात समझते नही हो इसलिए तकलीफ़ मे रहते हो,

हम तुमको इतना बढ़िया आइडिया दिए थे कि अपनी बहन निम्मो की कसी मस्त जवानी का रस तुम खुद ही पिलो वह लोंड़िया भी मस्त होकर ससुराल जाती और जब कभी वापस आती तो रात दिन तेरे वारे न्यारे रहते, लेकिन तूने कोई प्रयास नही किया अब अगर असली माल चोद्ना चाहता है तो तेरी मा सुधिया सा मस्त माल चोदने को नही मिलेगा, अभी तेरी मा की चूत मे बहुत उठाव है उसे एक तगड़े लंड की ज़रूरत है, उसके चूतड़ नही देखे, लंड खाने को कैसे तड़प रहे है, सच मे रामू तुम्हारी मा सुधिया तुम्हारे जैसे मोटे लंड से चुद्ने के लिए भीतर ही भीतर तड़प रही होगी,

रामू का लंड अपने पूरे ताव पर था और हरिया उसके बदन मे और भी आग लगा रहा था,

हरिया- रामू मे सच कहता हू तेरी मा सुधिया सा मस्त माल नही है, बस ये है कि तुझे चोदने मे थोड़ी मेहनत करनी

पड़ेगी, काफ़ी हेवी शरीर की है, जब तू उसे पूरी नंगी करके उसके बदन से चिपकेगा ना तो ध्यान रखना तेरा लंड कही

पानी ना छ्चोड़ दे,

रामू- पर काका अब मुझे आगे क्या करना चाहिए,

हरिया- देख बेटा दुनिया के सारे कम रात को ही होते है, तू अब बस रात को अपनी मा के बदन से चिपक कर सोया कर और धीरे-धीरे उसकी मोटी गान्ड और गुदाज जाँघो पर हाथ फेर कर मज़ा ले, उसके जाग जाने से डरना नही, अगर वह जाग भी गई तो पहले कुछ समय तक तेरे सहलाने का आनंद ज़रूर लेगी, तू बस उसे रोज रात को हाथ फेर-फेर कर गरम कर, कोशिश कर की उसकी चूत को सहला सके अगर एक बार तूने उसकी चूत को अपने हाथो मे भर कर सहला दिया फिर तो वह खुद अपनी चूत तेरे लिए खोल देगी,

रामू- काका कहते तो तुम ठीक हो मे करके देखता हू,

रामू हरिया के पास से उठ कर घर आ गया,

रात को जब सब आधे घंटे से लेटे हुए थे तब रामू ने एक करवट लेते हुए अपनी टाँगे अपनी मा सुधिया की मोटी जाँघो

के उपर चढ़ा कर रख दी और हाथ को सुधिया की मोटी छातीयो के ठीक उपर रख दिया,

रामू दो मिनट तक ऐसे ही पड़ा रहा उसका लंड पूरी तरह तन चुका था, उसे यकीन हो गया कि मा गहरी नींद मे सो

रही है, रामू ने अपने मुँह को उसके गालो के पास लाकर उसे चूमते हुए अपने हाथ को उसकी मोटी जाँघो के उपर रख कर

हल्के से दबा दिया, रामू ने जब कोई फ़र्क नही देखा तो वह नीचे सरक कर लेट गया और अपने मुँह को अपनी मा की मोटी गान्ड के पीछे दोनो पाटो के बीच लगा दिया, फिर रामू धीरे से उपर सरक कर आया और उसका धोती मे तना हुआ लंड सीधे सुधिया की मोटी गान्ड की दरार मे उसके घाघरे सहित फस गया, सुधिया थोड़ी कसमसाई लेकिन फिर शांत हो गई,

रामू हिम्मत करके अपनी मा की मोटी गान्ड मे अपने लंड को गढ़ाए हुए चिपका रहा, एक हाथ से रामू अपनी मा सुधिया

के उठे हुए पेट और उसकी गहरी नाभि पर चला रहा था, इधर सुधिया की चूत से पानी बह आया और वह चुप चाप

आँखे बंद किए हुए लेटी रही उसे उसके बेटे के लंड की चुभन अपनी गान्ड मे बहुत अच्छी लग रही थी उसकी चूत से

पानी टपकना तो सुबह से ही शुरू था लेकिन अब तो उसके अंदर की चिकनाहट इतनी बढ़ गई थी कि सुधिया से रहा नही जा रहा था,

रामू ने थोड़ी हिम्मत करके सुधिया के मोटे दूध पर रख कर अपनी मा के दूध को अपने हाथो मे पूरी तरह जैसे ही

भरा ना जाने उसकी कमर ने क्यो ऐसा झटका लिया कि सुधिया उस झटके से एक दम मस्त हो गई, रामू ने जब लंड को एक दम

से अपनी मा की चूत के छेद के उपर ठोकर मारी तो सुधिया की चूत का दाना फड़फड़ाने लगा, इधर रामू ने सुधिया को

पूरी तरह अपनी बाँहो मे भर रखा था और नीचे से अपनी मा की मोटी गान्ड मे अपने लंड को पूरी ताक़त से दबाए हुए

था,

सुधिया एक बुत की तरह चुपचाप करवट लिए लेटी थी लेकिन उसकी चूत ने उसकी जाँघो तक पानी पहुचा दिया था,

रामू अपनी मा के गले और गालो को चूमते हुए धीरे-धीरे उसके दूध दबाने लगा, बीच-बीच मे वह दूध की

मोटाई को महसूस करके दूध कुछ तेज दबा देता था और उसी समय उसकी कमर का दबाव भी अपनी मा की मोटी गान्ड की गहराई मे पड़ जाता था, सुधिया मस्ती मे चुपचाप मज़ा ले रही थी लेकिन अब वह एक ही तरीके से लेटे हुए थक गई थी पर रामू था कि उसे छ्चोड़ने का नाम ही नही ले रहा था, रामू उसे अपनी बाँहो मे पूरी तरह लेने के बाद उसे बड़े प्यार

से सहला रहा था,

तभी दूसरी और लेटी हुई रमिया ने खाँसते हुए अचानक करवट ली तो रामू एक दम से अपनी मा को छ्चोड़ कर अलग हो गया

सुधिया एक ही तरह से लेटे हुए थक गई थी इसलिए उसने भी करवट लेते हुए एक दम सीधे लेट गई और दोनो पेर लंबे कर लिए, अब सुधिया का पतला सा घाघरा उसके घुटनो तक चढ़ा हुआ था और उसके घाघरे के उपर से उसकी फूली हुई चूत का उभार साफ नज़र आ रहा था, रामू करवट लेकर लेटे हुए अपनी मा के घाघरे के उस स्थान को देख रहा था जहाँ उसकी मा की चूत का बड़ा सा उभार साफ नज़र आ रहा था, रामू ने धीरे से अपने हाथ को लेजा कर अपनी मा की फूली हुई चूत के उभार पर रख दिया,

अपनी चूत पर सीधे-सीधे अपने बेटे का हाथ पड़ते ही सुधिया मस्त हो गई और अपने मन मे कहने लगी हे बेटा रामू

लगता है तू आज अपनी मा की जान लेने के इरादे से यहाँ लेटा है,

रामू ने धीरे से अपनी मा की चूत को अपने हाथो मे भर कर दबोच लिया और अपने मुँह को अपनी मा के मोटे-मोटे दूध

के उपर रख कर उन्हे हल्के-हल्के दबाने लगा, रामू अब बड़े प्यार से अपनी मा सुधिया की चूत को उसके घाघरे के उपर

से सहला रहा था और सुधिया मस्ती मे मस्त हो रही थी, अब रामू का मन अपनी मा की फूली हुई चूत देखने का करने लगा

और वह धीरे से उठा और अपने हाथो से अपनी मा के घाघरे को उपर की ओर सरकाने लगा, वह बहुत आहिस्ते से अपनी मा के घाघरे को उपर की ओर खींच रहा था, सुधिया रामू की इस हरकत से अंदर ही अंदर शर्म से लाल हुई जा रही थी, लेकिन आज उसका भी दिल कर रहा था कि उसका अपना बेटा उसकी गदराई चूत को अच्छे से देख ले,

रामू ने अपनी मा के घाघरे को उसकी मोटी गुदाज जाँघो तक सरका दिया और फिर रामू ने जब अपनी मा की चूत के उपर से उसका घाघरा हटा कर अपनी मा की मस्त गुदाज पॅव रोटी सी फूली चूत को देखा तो उसके लंड से पानी निकलते-निकलते रह गया, रामू पूरी तरह अपनी मा की चूत को खा जाने की नज़र से देख रहा था, और सुधिया उस वक़्त मस्त हो गई जब उसने धीरे से अपनी आँखे खोल कर अपने बेटे की ओर देखा जो कि उसकी फूली चूत को बड़े प्यार से देखे जा रहा था, रामू से सहन नही हुआ और उसने धीरे से अपनी मा की चूत के उपर अपना मुँह लेजा कर उसकी चूत को पहले अपनी नाक से सूंघने की कोशिश करने लगा और जब उसकी नाक मे उसकी मा की मादक नशीली गांध पहुचि तो उससे रहा नही गया और उसने अपनी मा की फूली हुई चूत पर अपना मुँह रख कर उसे अपने होंठो से दबा दिया,

रामू एक दम मस्त हो गया और वह बार-बार अपने मुँह से अपनी मा सुधिया की फूली हुई चूत को दबा रहा था, सुधिया से

रहा नही जा रहा था और अचानक उसने थोड़ी सी टाँगे खोल दी, जब सुधिया ने थोड़ी सी टाँगे खोली तो रामू ने एक दम से

अपना मुँह अपनी मा की चूत से हटा लिया और कुछ देर अपनी मा को देखता रहा, जब उसे कोई परेशानी नज़र नही आई तब उसने अपनी मा की मस्त मोटी जाँघो को सहलाते हुए उसकी दूसरे टांग की मोटी जाँघो को थोड़ा और फैला दिया, और उसके सामने उसकी मा की पानी छोड़ती चूत नज़र आने लगी,

रामू अपनी मा की मस्त फटी हुई चूत देख कर मस्त हो गया, वह धीरे से अपनी मा की चूत को सहला कर देख रहा था उसका दिल उसे चूमने और चाटने का कर रहा था लेकिन वह जानता था कि अगर उसने चूत चाटने की कोशिश की तो उसकी मा जाग जाएगी, रामू मन मार कर चुप चाप लेट कर अपनी मा की चूत और मोटी गान्ड को अपने हाथो से सहलाता रहा और फिर ना जाने कब उसकी नींद लग गई,

उसके सोने के बाद सुधिया ने रामू के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए उसके चेहरे हो चूम लिया और उसे अपने मोटे-मोटे

दूध मे भर कर दबा लिया, सुधिया की पूरी चूत गीली हो रही थी, वह समझ चुकी थी कि रामू उसे चोद्ना चाहता है

लेकिन वह डर के मारे आगे नही बढ़ सका, वह रामू से अपनी चूत मराने के लिए तड़पने लगती है और उसका हाथ अनायास ही रामू के लंड की और चला जाता है, वह धोती के उपर से ही रामू के ढीले हुए लंड को एक बार पकड़ कर महसूस करती है, लेकिन फिर यह सोचती हुई सो जाती है कि कही रामू जाग ना जाए,

सुबह-सुबह रामू खेतो मे जाने के लिए तैयार हो जाता है तभी सुधिया उससे कहती है बेटा मे भी आज तेरे साथ खेतो

मे चलूंगी, आज का खाना बना कर रमिया लेकर आएगी, और फिर सुधिया भी रामू के साथ चल देती है,

हरिया- क्या बात है सुधिया बहन आज तो तुम भी रामू के साथ यहाँ आ गई हो

सुधिया- अरे क्या करू घर भी तो सूना लगता है इन बच्चो के बिना, और कामिनी नही आई क्या,

हरिया- अरे भाभी वह तो दोपहर का खाना लेकर आएगी, अच्छा बेटा रामू थोड़ी देर बाद ज़रा आना हमारा ये हल काम नही

कर रहा है थोड़ा आकर बनवा देना,

रामू- ठीक है काका यह समान रख कर आता हू,

रामू और सुधिया अपने खेतो मे आ जाते है,

सुधिया को खेत मे छ्चोड़ कर रामू हरिया के पास से होकर आने का कह कर चला जाता है और सुधिया खत पर गुम्सुम

सी बैठ जाती है,

हरिया- रामू को देख कर मुस्कुराते हुए, क्या बात है राजा बाबू आज तो तुम लगता है अपनी मा को खेतो मे ही चोदने के मूड से लेकर आए हो, नही तो तुम्हारी मा कभी खेतो मे आती नही है,

रामू- अरे क्या काका, कौन सी मा अपनी चूत मरवाने आई है वह तो ऐसे ही आ गई,

हरिया- बेटा यह बाल धूप मे ही सफेद नही हुए है, ज़रूर तूने रात को कुछ किया है, तभी तो तेरी मा सुबह से ही इतनी चुदासी दिखाई दे रही है, मेने तो तेरी मा का लाल तमतमाया हुआ चेहरा देखते ही समझ लिया था कि उसके मन मे तेरे लंड से चुदने की इच्छा पेदा हो चुकी है और उसकी आँखो के सामने बस तेरा लंड ही लंड नज़र आ रहा है,

रामू- काका तुम ठीक कह रहे हो पर अब आगे मे क्या करू मे ना तो मा को रात को सोते मे चोद सकता हू और ना उससे अभी जा के कह सकता हू कि मे उसकी चूत मारना चाहता हू,

हरिया- और वह भी तुझसे यह तो कहेगी नही कि बेटा मेरी चूत को अपने मोटे लंड से चोद दे,

रामू- वही तो मे कह रहा हू काका अब बात आगे कैसे बढ़े,

हरिया- कुछ सोचते हुए तू एक काम कर एक आधे घंटे से आ मे तब तक अपनी चिलम बना कर तैयार कर लेता हू फिर मे तुझे कुछ उपाय बताता हू,

रामू हरिया के पास से अपनी मा के पास आ जाता है उसकी मा आराम से खेतो मे जाते पाइप के पानी से अपने पेर धो रही थी और रामू उसके पास जाकर बैठते हुए,

रामू- मा गन्ना चुसेगी,

सुधिया- रामू को कातिल नज़रो से देखते हुए, बेटा अब इस उमर मे मे क्या गन्ना चुसुन्गि

रामू- क्यो तेरी उमर को क्या हुआ है, तू तो मस्त तरीके से गन्ना चूस सकती है, तू नही जानती मेने निम्मो दीदी को खूब मस्त गन्ने चुस्वाए है यहाँ,

सुधिया- रामू को मुस्कुराते हुए देख कर, अपनी बहन को गन्ना चूसा कर तेरा पेट नही भरा जो अब अपनी मा को भी गन्ना चूसाना चाहता है,

रामू- अरे मा यहाँ के गन्ने है ही इतने मीठे और रसीले कि तू एक बार चूस लेगी तो इन गन्नो की मिठास कभी नही भूलेगी और तेरा दिल तो मोटे-मोटे गन्ने चूसने का करेगा,

सुधिया- हस्ते हुए अच्छा ला चूसा दे कहाँ है तेरा गन्ना,

रामू का दिल किया कि वह अपनी धोती मे से अपने लंड को निकाल कर अपनी मा के मुँह मे दे दे लेकिन फिर कुछ सोच कर खेतो के बीच से एक मस्त गन्ना तोड़ कर ले आया और अपनी मा को देते हुए ले तू गन्ना चूस मे अभी आता हू और फिर रामू हरिया काका के पास चला जाता है,

रामू जब हरिया काका के खेत मे जाता है तो उसे वह बाहर नज़र नही आते है तब वह आवाज़ लगाता हुआ झोपड़ी की ओर बढ़ जाता है, तभी झोपड़ी के अंदर से हरिया बाहर आकर हरिया- का बात है रामू कुछ काम है का,

रामू- हा काका काम तो है पर तुम का दिन भर चंदा के संग लगे रहते हो,हरिया- आओ खटिया पर चलते है और रामू के गले मे हाथ डाल कर खटिया पर आकर बैठ जाते है, हरिया अपनी चिलम निकाल कर उसे जलाने की तैयारी करने लगता है,

हरिया- देखो रामू जब अपनी मस्त लोंड़िया के साथ हम यहाँ काम करते है तो हमारा लंड तो उसकी गुलाबी जवानी देख-देख कर वैसे ही खड़ा रहता है तो अब तुम ही बताओ जब लंड खड़ा रहेगा तो बार-बार दिल अपनी लोंड़िया को दबोचने का नही करेगा,

रामू-काका आपकी बात तो एक दम ठीक है पर हमारा भी कुछ भला कर दो ना

हरिया- बोलो क्या करना हैरामु- आज मा भी मेरे साथ आई है, तुम ज़रा खटिया पर चंदा को लाकर थोड़ा मज़े करो और मे जाकर मा को किसी बहाने इधर से लेकर निकालूँगा और फिर तुम समझ गये कि नही काका,

हरिया- चिलम जलाते हुए बेटा बात तो तू एक दम ठीक कह रहा है पर कही चंदा के साथ मुझे देख कर तेरी मा ने हल्ला मचा दिया क़ी बाप बेटी पर चढ़ा है तो,

रामू- हस्ते हुए क्या काका अब तुम डरने लगे,हरिया- अरे डर कौन रहा है ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी हो हमे इशारा कर देना हम तैयार हो जाएगे.रामू वहाँ से वापस आता है तो अचानक अपनी मा को खाट से खड़ा होते देख एक दम से गन्ने के पीछे छिप जाता है और देखने लगता है,

सुधिया किसी मस्तानी घोड़ी की तरह चलती हुई अपने घाघरे के उपर से अपनी गान्ड मसल्ते हुए आगे बढ़ती हुई उस और जाती है जहाँ नहाने के लिए पत्थर रखे हुए थे और वहाँ जाकर वह एक दम से अपना घाघरा उपर उठा कर इधर उधर एक नज़र मारती है और फिर अपनी चूत को अपने हाथो से सहलाते हुए देखती है और वही बैठ जाती है,

रामू अपनी मा की मस्त मोटी नंगी गान्ड देख कर पागल हो जाता है और अपने लंड को धोती के उपर से सहलाते हुए अपनी रंडी मा की जवानी को घूर्ने लगता है उसके सामने उसकी मा के भारी चूतड़ साफ खुले नज़र आते है और उसकी चूतड़ की गहराई को देख कर उसका लंड झटके मारने लगता है तभी सुधिया अपने घाघरे को आगे से थोड़ा उपर करके अपनी फूली हुई चूत को देखती है और फिर एक मोटी धार मार कर मूतने लगती है उसके मूतने से रामू के सुनसान खेत मे जब मस्त सीटी की आवाज़ गूँजती है तो रामू के होश खोने लगते है,

सुधिया वही कुछ देर तक मुत्ती रहती है और उसकी चूत से रह-रह कर पेशाब बाहर निकलता है, रामू अपनी मा की मस्त फूली हुई गुलाबी चूत को देख कर अपने लंड को बराबर सहलाए जा रहा था, सुधिया कुछ देर मूतने के बाद वही गड्ढे मे भरे पानी से अपनी चूत को सहला-सहला कर धोने लगती है और रामू अपनी मा की चूत की गुलाबी घाटी को बड़े प्यार से घूर कर देखता हुआ अपना लंड सहला रहा था,

कुछ देर सुधिया अपनी फूली चूत को वही बैठी-बैठी रगड़ती है और फिर खड़ी होकर अपनी चूत को अपने घाघरे से पोंछ कर वापस से खाट की तरफ चल देती है,थोड़ी देर बाद रामू आकर अपनी मा के पास बैठ जाता है और सुधिया इधर-उधर का नज़ारा देखते हुए, बेटे निम्मो ने भी खूब गन्ने चूसे होंगे ना,रामू- हाँ मा दीदी तो मस्त गन्ने चुस्ती थी,

उसे मेने खूब मस्त तरीके से गन्ने चुस्वाए है

,सुधिया- वह कायसेरामू- खड़ा होकर तुझे चूसना है क्या

सुधिया- चूसा दे रामू- तो फिर हमे गन्नो के खेत मे घुस कर कोई मस्त गन्ना ढूँढना पड़ेगा, बोल ढूँढेगी

,सुधिया- पर तुझे भी मेरे पीछे-पीछे आना पड़ेगा,

रामू मे तो तेरे पिछे ही रहूँगा तू खुद मस्त वाला गन्ना ढूँढ लेना, और फिर रामू ने अपनी मा का हाथ पकड़ कर कहा चल और सुधिया उसके साथ चलने लगी,

रामू रुक गया और उसने अपनी मा सुधिया को गन्ने के खेत मे घुसेड दिया, रामू का खेत काफ़ी बड़ा था और खेत के सामने वाले हिस्से मे हरिया का खेत जुड़ा हुआ था और बीच मे गन्नो के कारण दोनो की झोपडिया तक नज़र नही आती थी,

रामू अपनी मा को हरिया की ओर जाने वाले हिस्से मे घुसेड कर उसके पिछे चलने लगा,

रामू- मा कोई गन्ना पसंद आ रहा है

सुधिया- देख रही हू

रामू अपनी मा को एक हाथ से पकड़े हुए दूसरे हाथ से गन्ने हटा-हटा कर आगे बढ़ रहे थे रामू अपने हाथ को कभी अपनी मा की मोटी गान्ड पर फेर देता कभी उसकी नंगी कमर पर और जब सुधिया एक दम से रुकती तो रामू पूरा उसके उपर चला आता था,

अब हरिया काका का खेत बस थोडा ही बचा था, उधर हरिया ने चंदा को अपनी गोद मे बैठा लिया और उसके गाल चूमते हुए उसके मोटे-मोटे दूध दबाने लगा, चंदा अपने बाबा द्वारा इस तरह कस-कस कर अपनी ठोस और मोटी चुचिया दबाए जाने से बहुत चुदासी हो गई थी और उसने अपना हाथ अपने बाबा की धोती मे डाल कर उसका मस्त तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया,

अब चंदा अपने दोनो हाथो से अपने बाबा के लंड के टोपे को कभी उपर कभी नीचे करने लगी जब अपने बाबा के लंड का लाल बड़ा सा सूपड़ा एक दम से फूल गया तब चंदा ने उस फूले सूपदे को एक दम से अपने मुँह मे भर कर रस से भिगो दिया,

चंदा अपने बाबा के लंड को बराबर चूस रही थी और हरिया अपनी बेटी की मोटी गान्ड को फैला कर चाट रहा था, तभी हरिया ने खाट पर बैठे-बैठे चंदा को कमर से पकड़ कर उठा लिया और उसकी दोनो जाँघो को अपने मुँह मे भर कर उसकी चूत और गान्ड को चूसने लगा, नीचे झुकी हुई चंदा ने अपने बाबा का लंड पकड़ कर उसे अपने मुँह मे भर लिया,

चंदा अपने बाबा के सीने से उल्टी होकर चिपकी हुई अपने बाबा को अपनी चूत और गान्ड चटा रही थी और नीचे अपने बाबा का लंड पीते हुए उसके मोटे-मोटे गोटे सहला रही थी,

रामू ने एक दम से अपनी मा सुधिया की मोटी गान्ड को दोनो हाथो से थाम लिया और मा रूको एक मिनिट कुछ आवाज़ आ रही है और अपनी मा के बिल्कुल करीब आ गया, रामू का लंड उसकी धोती मे खड़ा होकर अपनी मा की मोटी गान्ड जो कि सिर्फ़ एक पतले से घाघरे से धकि थी मे घुसने लगा,

क्रमशः.............
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RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास - by sexstories - 08-07-2019, 12:57 PM

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