RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--12
गतान्क से आगे......................
हरिया- अरे तो फिर देर किस बात की है रात को ही जब तुम सो जाओ तब अपनी धोती से अपने लंड को निकाल कर सोना, तुम्हारी मा जब भी उठेगी उसे तुम्हारा मोटा लंड नज़र आ जाएगा, और वैसे भी तेरी मा ने बहुत समय से लंड लिया नही है इसलिए देखना वह तेरा लंड देखते ही उसे पकड़ने को तरसने लगेगी, तेरी मा की उमर मे औरतो की चूत की खुजली कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती है, तेरी मा की उमर मे औरतो को खूब चूत मरवाने का मन करता है, तूने कभी गौर नही किया होगा तेरी मा रात को ज़रूर अपनी चूत सहलाती होगी,
रामू- पर काका उसने भी मुझे कभी अपनी चूत नही दिखाई
हरिया- अरे ऐसा हो ही नही सकता, तूने ध्यान नही दिया होगा, औरते तो काम करते-करते भी बीच-बीच मे अपनी चूत को
मसल लेती है, तू देखना जब तेरी मा अपने पेर फैला कर खाना बनाती होगी तब तू उसके सामने बैठ कर देखना ज़रूर वह
बीच-बीच मे अपनी चूत को भी सहला लेती होगी,
रात को 11 बजने को थे और रामू और हरिया की बाते ख़तम होने का नाम नही ले रही थी, फिर हरिया ने कहा देख भाई
मुझे तो अब चोदने का मन कर रहा है और मे घर जाकर चूत मारूँगा, तुम रामू अपना जुगाड़ जमाओ नही तो बस रोज
लंड पकड़ कर ही सोना पड़ेगा, चलो अब चला जाय और फिर दोनो अपने -अपने घर की ओर चल देते है
रामू नशे मे धुत होकर अपने घर पहुचता है और दरवाजा बजाता है,
सुधिया- क्यो रे इतनी रात तक कहाँ घूम रहा था
रामू- वो मा बस चौपाल पर बैठा था,
सुधिया- दरवाजा लगाते हुए मुझे सब मालूम है उस कमिने हरिया की संगति जो पकड़ी है तूने तो अब तो रात को ऐसे ही
देर से लोटेगा, क्या कह रहा था वह कमीना, तुझे कुछ उल्टा सीधा तो नही सिखा रहा है
रामू- नही मा वो भला मुझे क्या उल्टा सीधा सिखाएगा, और फिर रामू निम्मो के बगल मे लेट जाता है, निम्मो के दूसरी
तरफ रमिया सो रही थी और उसकी स्कर्ट उँची उठ जाने से उसकी गान्ड लगभग साफ नज़र आ रही थी, सुधिया आकर रामू के बगल मे लेट जाती है, निम्मो भी लग रहा था कि गहरी नींद मे है, रामू अपनी मा और बड़ी बहन के बीच लेटा हुआ हरिया काका के बारे मे सोचने लगा था,
सुधिया- रामू की और मुँह करके धीरे से ता कि ज़्यादा आवाज़ से निम्मो ना जाग जाए, क्यो रे रामू क्या बाते करता रहता है तू हरिया से,
रामू- कुछ नही मा बस ऐसी ही गाँव घर की बाते और क्या
सुधिया- उसके साथ ना उठा बैठा कर नही तो तू भी उसी की तरह हो जाएगा,
रामू- मा तुम्हे हरिया काका मे क्या बुराई नज़र आती है,
सुधिया- अभी तू बच्चा है नही समझेगा, वह इतना बड़ा कमीना है कि अब तुझे क्या बताऊ, चल अब सो जा सुबह खेतो
मे भी जाना है कि नही और फिर रामू अपना मुँह निम्मो की ओर करके जैसे ही आँख बंद करता है निम्मो रामू का लंड
धीरे से पकड़ लेती है, रामू अपनी आँख खोल कर निम्मो की ओर देखता है और निम्मो धीरे से उसकी ओर मुस्कुरा देती है,
रामू चुपचाप लेटा रहता है क्यो कि उसे सुधिया का डर रहता है और निम्मो अपने हाथ को नीचे से रामू की धोती मे डाल
कर उसका लंड बाहर निकाल लेती है,
रामू नशे की मस्ती मे मस्त था लेकिन अभी चोदने का कोई इंतज़ाम था नही और वह चुपचाप आँखे बंद किए हुआ लेटा
रहता है और ना जाने कब उसकी नींद लग जाती है, उधर निम्मो रामू के लंड को बाहर निकाल कर कुछ देर तक उससे खेलती है और फिर उसकी भी नींद लग जाती है,
सुबह-सुबह जब सुधिया एक दम से उठ कर बैठती है तो उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है और उसका हलक सूखने
लगता है रामू आसमान की ओर मुँह किए सीधा लेटा था और उसका मूसल जैसा मोटा तगड़ा लंड पूरी तरह तना हुआ आसमान की ओर सर उठाए खड़ा था,
सुधिया के तो होश उड़ गये थे उसने कभी सपने मे भी नही सोचा था कि उसके बेटे का लंड इतना मस्त है और वह यह
सोच कर सिहर गई कि रोज रात को वह इतने मोटे लंड के पास सोती है, रामू के लंड की उभरी हुई नशे देख कर और उसका किसी आलू की तरह फूला हुआ सूपड़ा देख कर सुधिया को एक बार अपने दूध को अपने हाथो से मसलना पड़ा, उसका दिमाग़ काम नही कर रहा था कि क्या करे, कुछ देर तक वह रामू के लंड को घूर-घूर कर देखती रही उसके बाद उसने धीरे से एक चादर उठा कर रामू के लंड के उपर डाल दी,
रामू सुबह उठ कर रोज की तरह खेत की ओर चल देता है, आज वह अकेला ही अपनी मस्ती मे चला जा रहा था, जब वह
हरिया के खेत के सामने से गुजरा तब हरिया उसे दिखाई दिया जो खाट पर बैठा चिलम पीने की तैयारी मे था,
रामू- क्या हरिया काका सुबह-सुबह शुरू हो गये, मे तो अगर सुबह से पी लेता हू तो मुझसे पूरा दिन काम ही नही होता
है, तुम पता नही कैसे दम लगा कर भी काम कर लेते हो
हरिया- बचुआ यही अंतर है तुम मे और मुझमे, मे जब भी सुबह दम लगाता हू तो बस यही सोच कर कि आज फलानी की
चूत मारना है, बस जिसको चोदने का सबसे ज़्यादा मन करता है उसकी चूत और गान्ड को दिन भर सोचता रहता हू, तभी तो काम मे भी मन लगा रहता है और मेरा लंड भी बार-बार खड़ा होकर मज़े देता रहता है,
रामू- तुम्हारा मतलब है जिसकी चूत मारने का सबसे ज़्यादा मन करे उसी के ख्यालो मे खोए हुए दम लगा कर काम
करना चाहिए,
हरिया- अब समझा तू मेरी बात
रामू- अरे ये झोपड़ी मे से चूड़ियो की आवाज़ क्यो आ रही है अंदर कोई है क्या
हरिया- अरे तेरी चाची पड़ी है अंदर मत जाना अभी पूरी नंगी ही पड़ी होगी, आज सुबह-सुबह ही उसे चोदने का मन है
इसलिए उससे मेने कहा तू अंदर जाकर पूरी नंगी होकर अपनी चूत और गान्ड मे तेल मल मे अभी दम मार कर आता हू,
रामू- हरिया के पास बैठते हुए लाओ फिर मे भी लगा लेता हू और अपने लंड को मसल्ने लगता है,
हरिया- मुस्कुराते हुए क्या हुआ अपनी चाची को नंगी पड़ी सोच कर तेरा लंड खड़ा हो गया क्या,
रामू- झेप्ते हुए नही ऐसी बात नही है,
हरिया- अब हमे ना सिख़ाओ बेटा जब तुम पेदा भी नही हुए थे तब से हम तुम्हारी मा को तालाब मे नंगी नहाते देखते
आए है, सच बताओ अपनी चाची को नंगी जान के ही तुम्हारे लंड मे कड़ापन आया है ना,
रामू- मुस्कुराते हुए जब जानते हो तो पूछते क्यो हो
हरिया- मुस्कुराते हुए, बेटा जानते तो हम यह भी है कि तुम अपनी मा सुधिया की मोटी गान्ड मारने के लिए मरे जा रहे
हो पर हमे भी तो तुम्हारे मुँह से ही सुनने मे अच्छा लगता है,
रामू- अरे काका वह तो एक सपने जैसा है भला हमसे हमारी मा क्यो अपनी गान्ड मरवाएगी,
हरिया- बेटा जब तुम्हारी मा तुम्हारा मोटा लंड देख लेगी तो वह उस गन्ने की याद मे ज़रूर प्यासी हो जाएगी,
अरे बेटा यही तो इस गन्ने की मिठास है कि जब कोई औरत एक बार इस गन्ने को देख लेती है तो तन्हाई मे बिना इस गन्ने को याद किए नही रह पाती है,
रामू- अरे काका वो कॉन लोग हमरी तरफ़ चले आ रहे है
हरिया ने जब मुँह घुमा कर दूसरी ओर देखा तो, अरे यह तो हमारे समधी आ रहे है आज बहन्चोद इधर का रास्ता
कैसे भटक गये, अरे ओ चंदा की मा अब नंगी ही पड़ी रहोगी या कपड़ा पहन कर बाहर भी आओगी,
कामिनी ने जब अपने पति हरिया की आवाज़ सुनी तो कहा क्या हुआ क्यो अपना गला फाड़ रहे हो
हरिया- अरे बाहर आकर देख तो सही कौन आया है
कामिनी- कौन है
हरिया- लगता है साले तेरी बेटी को वापस लेने आ गये है
हरिया कामिनी को बाहर बुला लेता है और सामने से उसका दामाद और समधी आकर खड़े हो जाते है,
हरिया उन्हे बैठने को कहता है
हरिया- कहिए किशनलाल जी आज कैसे इधर का रास्ता भूल गये
किशनलाल- अरे हरिया भाई हम तुमसे और अपनी बहू से माफी माँगने आए है और हमारा बेटा चाहता है कि हम बहू
को अपने साथ वापस ले जाए अब जो हुआ सो हुआ इन बच्चो का जीवन क्यो खराब हो,
हरिया- अरे हमे तो पहले ही पता था कि एक दिन आप लोग ज़रूर हमारी बेटी को वापस लेकर जाओगे,
हरिया- अरे चंदा की मा जा जाकर मीना को तैयार कर दे जमाई साहब उसे लेने आए है, और रामू बेटवा तुम ज़रा अपनी
चाची के साथ घर तक चले जाओ मे मेहमानो को लेकर पीछे से आता हू,
रामू कामिनी के साथ चल देता है कामिनी अपने भारी चुतड़ों को मटका-मटका कर आगे चल रही थी और रामू उसकी मोटी
गान्ड को देखता हुआ पीछे-पीछे चल रहा था,
रामू- चाची तुम्हारे चूतड़ कितने मस्त है मेरा तो लंड देखते ही खड़ा हो गया है
कामिनी- हस्ते हुए, बेटा जब मेरे चूतड़ देख कर तेरे यह हाल है तो अपनी मा सुधिया के भारी चुतड़ों को देख कर तेरा
क्या होता होगा, सच-सच बता जब भी तेरी मा तेरे सामने रहती होगी तेरा लंड खड़ा ही रहता होगा ना,
रामू- हा चाची वो तो है अब क्या करू मा के चूतड़ है ही इतने भरे हुए कि लंड देखते से ही तन जाता है
कामिनी- बेचारी सुधिया दीदी को क्या पता कि उसका अपना बेटा ही उसकी गान्ड का कितना बड़ा दीवाना है, तू कहे रामू तो मे तेरे लिए तेरी मा से बात करू,
रामू- अरे नही-नही चाची क्यो मुझे जूते खिलवाना चाहती हो जबकि तुम जानती हो मेरी मा कैसी है,
कामिनी- डरता क्यो है बेटा एक बार उसकी चूत कस के मार देगा तो फिर देखना वह दिन भर तेरे लंड को अपने से दूर नही होने देगी,
दोनो बात करते हुए घर की ओर आ जाते है, उनके पीछे से हरिया अपने मेहमानो के साथ आता रहता है तभी सामने से
निम्मो पानी का घड़ा लिए हुए अपने घर की ओर चली जा रही थी.
किशनलाल- अरे हरिया यह लड़की कौन है देखने मे बड़ी सुंदर लग रही है,
हरिया- अरे ये समझ लो हमारी बेटी ही है आप बताओ आप क्यो पूछ रहे हो
किशनलाल इसके लायक एक लड़का है हमारी नज़र मे तुम कहो तो बात चलाऊ
हरिया- अरे नेकी और पुच्छ-पुच्छ, अरे इसकी मा तो कब्से इसकी शादी करने के लिए तैयार बैठी है आप तो बस बात बढ़ा दो बाकी बात मे इसकी मा से कर लूँगा,
इधर हरिया की बेटी अपने ससुराल चली जाती है और उधर हरिया निम्मो का रिश्ता एक अच्छे घर मे करवा देता है जिससे
सुधिया भी हरिया का एहसान मानने लगती है, निम्मो की शादी के बाद हरिया और रामू के परिवार मे दूरी कम हो जाती है
और अब सुधिया भी हरिया के घर आने जाने लगती है,
एक दिन सुधिया कामिनी के घर की ओर चली जा रही थी तभी एक सांड दूसरी ओर से एक गाय के पीछे आया और गाय के पिच्छवाड़े मे मुँह लगा कर चाटने लगा वह जैसे-जैसे गाय के पिछे चाट रहा था उसका लाल और नुकीला लंड बाहर आता जा रहा था फिर तभी सांड अपने दोनो पेर उठा कर गाय के पिच्छवाड़े मे अपना लंड डाल कर चोदने लगा, उस सीन को देख कर सुधिया की चूत मे एक दम से खुजली सी होने लगी, वह चुपचाप कामिनी के घर पहुच गई,
कामिनी- आओ दीदी आज सुबह-सुबह इधर का रास्ता कैसे भूल गई,
सुधिया- अरे घर मे भी तो बोर हो जाती हू इसलिए सोचा तेरे पास ही कुछ टाइम पास करती हू,
कामिनी- अच्छा किया मे भी फ़ुर्सत ही थी, हरिया और चंदा तो सुबह ही खेत पर चले गये
सुधिया- रामू भी रमिया को लेकर सबेरे ही निकल गया है,
कामिनी- तुम सूनाओ अब तो निम्मो के जाने के बाद और भी सूना-सूना लगता होगा,
सुधिया- हाँ पहले निम्मो थी तो उसके साथ ही टाइम पास हो जाता था अब तो घर खाने को दौड़ता है,
कामिनी- रामू का ब्याह क्यो नही कर देती, घर मे बहू आएगी तो तुम्हारा मन भी लगा रहेगा और रामू के भी मज़े हो
जाएगे, तुम देखना रामू दिन भर घर मे ही घुसा रहेगा, पर एक बात कहु लड़की थोड़ी बड़ी उमर की लेकर आना क्यो कि
रामू का मोटा तगड़ा लंड कोई छोटी लड़की नही सह पाएगी,
सुधिया- हस्ते हुए तू तो मेरे बेटे के पिछे पड़ गई है,
कामिनी- अरे अब तुम उसकी मा हो तो तुम क्या जानो अपने बेटे की चाहत को, मुझसे पुछो हरिया मुझे एक-एक बात बता देता है, और रामू अपने दिल की बात हरिया से ज़रूर करता है,
सुधिया- क्या बताया हरिया ने
कामिनी- यही कि तुम्हारे बेटे को औरतो की मोटी गान्ड बहुत अच्छी लगती है, आज कल तो वह चोदने के लिए मरा जा रहा है,
सुधिया- तो क्या रामू हरिया से यह सब बाते कर लेता है
कामिनी- अरे यह तो कुछ भी नही उसका लंड तो सबसे ज़्यादा तुम्हारे मोटे-मोटे चुतड़ों को देख कर खड़ा होता है,
सुधिया- कामिनी की पीठ मे मारती हुई, झूठी कही की भला रामू ऐसा कभी कह सकता है, सुधिया की चूत तो पहले से ही
फूली थी और कामिनी ने ऐसी बाते शुरू कर दी थी कि उसकी खुजली और बढ़ गई थी, उसने जब से रामू का तना हुआ लंड देखा था उसकी चूत रह-रह कर गीली हो जाती थी, शायद इतना मोटा लंड उसने पहले कभी लिया भी नही था,
सुधिया- कभी उसने तुझसे भी मेरे बारे मे कुछ कहा है
कामिनी- कहा तो नही है पर मेने अक्सर उसको तुम्हारे मोटे चुतड़ों की ओर बड़े प्यार से घूरते देखा है,
मुझे तो लगता है उसे अपनी मा ही पसंद आ गई है और वह ज़रूर तुम्हे अपनी कल्पनाओ मे चोद्ता होगा,
सुधिया- चुप कर बेशरम कुछ भी बके जा रही है चल अब मे चलती हू रामू का खाना लेकर खेतो मे जाना है और
फिर सुधिया वहाँ से घर आ जाती है और रामू का खाना लेकर खेतो की ओर चल देती है, वह अपने मन मे सोचती रहती
है कि क्या रामू हरिया से उसके बारे मे बाते करता होगा, आख़िर क्या बोलता होगा
रामू उसका दिल रामू की बाते सुनने को करने लगता है, जब वह हरिया के खेत से होकर गुजरती है तो हरिया और उसकी बेटी को देख कर सन्न रह जाती है, हरिया चंदा को अपनी गोद मे बैठा कर अपनी बेटी की मस्त कसी हुई चुचियो को बेदर्दी से मसल रहा था और चंदा अपने हाथ मे अपने बाबा का मोटा लंड पकड़ कर सहला रही थी, सुधिया यह देख कर सन्न रह गई और छुप कर देखने लगी, हरिया लगातार अपनी बेटी के दोनो दूध को कभी अपने मुँह मे लेकर पीता और कभी अपने हाथो मे भर कर मसल्ने लगता था, चंदा के हाथ मे हरिया का मस्त लंड था और वह बड़े प्यार से उसे सहला रही थी,
सुधिया ने इधर उधर देखा और एक बार अपनी चूत को दबोचते हुए चुपचाप आगे निकल गई और जैसे ही अपने खेत के
गन्नो के बीच पहुचि उसके कान कुछ आवाज़ सुन कर उसे वही रोक देते है और वह चुपके से आवाज़ की ओर बढ़ती है,
रमिया- भैया ऐसे नही, आप खाट पर पेर झूला कर बैठ जाओ और मे नीचे बैठ कर आपका लंड चुसुन्गि,
अपनी बेटी रमिया के मुँह से ऐसी बात सुन कर सुधिया की चूत से पानी आ गया और उसने जब सामने देखा तो उसकी साँसे अपने काबू मे नही रही, रमिया अपने भैया रामू का लंड अपने हाथो मे खूब दबोच-दबोच कर चूस रही थी और दूसरे
हाथ को उसके गोटू के नीचे लेजा कर उन्हे मसल रही थी, रामू अपनी आँखे बंद किए हुए रमिया के दूध जो कि उसकी
शर्ट से पूरे बाहर निकले हुए थे को खूब कस-कस कर मसल रहा था,
सुधिया चुपके से झाड़ियो के पीछे बैठ गई और उन दोनो को देखने लगी
रमिया- भैया अब अच्छा लग रहा है ना
रामू- हाँ मेरी रानी बहुत अच्छा लग रहा है पर अब ज़रा मुझे अपनी गोरी और मोटी गान्ड और उसके नीचे फूली हुई चूत भी दिखा दे,
रमिया- नही भैया पहले मुझे अपनी गोद मे बैठा कर प्यार करो
रामू ने रमिया को उठा कर अपनी गोद मे बैठा लिया और उसके रसीले होंठो को वह उसके दूध दबाते हुए चूस रहा था
उसे देख कर सुधिया पागल हुई जा रही थी, रमिया अपने भाई की गोद मे बैठी उससे अपने दूध दबवा रही थी और अपने
भैया का लंड अपने हाथो मे लिए सहला रही थी,
अचानक रामू को ऐसा लगा कोई छुप कर देख रहा है और रामू ने तिर्छि नज़रो से यह जान लिया कि उसकी मा झाड़ियो के
पीछे छुप कर बैठी है, रामू ने एक पल के लिए कुछ सोचा और फिर उसने रमिया को घोड़ी बना कर उसकी गदराई गान्ड मे
अपना हाथ फेरते हुए,
रामू- रमिया तेरी मोटी गान्ड बहुत अच्छी है, पर मे तुझे चोद-चोद कर तेरी गान्ड और भी मोटी और मजबूत करना
चाहता हू, और फिर रामू ने अपना मुँह अपनी बहन की मोटी गान्ड मे भरते हुए, तू नही जानती रमिया मोटी-मोटी गान्ड
देख कर तेरे भैया का लंड कितनी जल्दी खड़ा होता है, तेरी गान्ड मे बिल्कुल मा की मोटी गान्ड की तरह कर दूँगा,
रमिया- भैया तुम्हे मा की मोटी गान्ड बहुत पसंद है ना,
रामू- हाँ रमिया, अपनी मा की गान्ड सबसे ज़्यादा मोटी और मस्त है,
रमिया- तो क्या तुम मा को भी चोद्ना चाहते हो,रामू- हा रमिया मे मा को पूरी नंगी करके खूब कस कर उसकी गान्ड
मारना चाहता हू पर मा को मेरा ख्याल ही कहाँ है, मे तो उसके गदराए जिस्म से चिपकने के लिए कब से मरा जा रहा हू
पहले तो मा मुझे थोड़ा बहुत अपने सीने से लगा भी लेती थी लेकिन अब जब उसके खुद के बेटे का लंड उसकी मस्त चूत
मारने लायक हो गया है तो वह मुझे अपने करीब भी नही आने देती है,
क्रमशः.............
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