Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
08-07-2019, 12:56 PM,
#13
RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--11

गतान्क से आगे......................

हरिया का लंड अपनी बेटी की गुदा मे खूब चिकनाहट के साथ कसा हुआ अंदर

बाहर हो रहा था और हरिया उसे अपनी बाँहो मे दबोचे हुए उसकी गान्ड को खूब तबीयत से ठोक रहा था,

हरिया को अपनी बेटी की गान्ड मारते-मारते काफ़ी समय हो गया और मीना की गान्ड का छेद पूरी तरह लाल हो चुका था,

मीना अपनी दोनो मुत्ठिया बाँधे अपनी गान्ड को उपर नीचे कर रही थी तभी हरिया ने उसके नीचे हाथ लेजा कर उसकी चूत

को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और इस तरह जब वह अपनी बेटी की चूत को दबोच-दबोच कर उसकी गान्ड मे अपना मोटा लंड पेलने लगा तो उसे मस्त मज़ा आने लगा और उसे लगने लगा जैसे उसकी बेटी की गुदा खूब कस-कस कर उसके लंड को दबाते हुए उसका सारा पानी निचोड़ लेना चाहती हो वह अपनी बेटी की पीठ पेर लेट कर एक हाथ से उसके दूध और दूसरे हाथ से उसकी चूत को दबाते हुए उसकी गान्ड को चोद रहा था और जब मीना की चूत से भी पानी बहने लगा तब हरिया ने अपनी दो उंगलिया मीना की चूत मे डाल कर उसकी मोटी गान्ड मारना शुरू कर दी और मीना आह बाबा आह बाबा करती हुई सीसीयाने लगी

हरिया से अब रहा नही जा रहा था और उसने मीना की गान्ड को खूब कस कर ज़ोर-ज़ोर से ठोकना शुरू कर दिया और ताबड़तोड़ दस बीस धक्के मारते हुए अपनी बेटी की मस्तानी गान्ड के छेद मे अपना सारा पानी छ्चोड़ कर उसकी गान्ड मे अपना पूरा लंड जड़ तक दबा कर हाफने लगा, कुछ देर हरिया ऐसे ही लेटा रहा फिर जब मीना थोडा कसमसाई तो हरिया उसके उपर से अलग होकर लेट गया,

मीना- हस्ते हुए अपने बाबा का लंड दबोच कर, क्यो बाबा अब इसकी मस्ती कुछ कम हुई कि अभी और चोद्ना चाहता है

अपनी बेटी को,

हरिया- आज तो तूने सचमुच मस्त कर दिया है बेटी अपने बाप को, जैसा मज़ा तेरी गान्ड और चूत मारने मे आता है वैसा

मज़ा मुझे तेरी मा भी नही दे पाई है, चल अब ज़रा अपने बाबा को चाइ बना कर भी देगी या बस मज़ा ही लेती रहेगी, घर

आया नही कि तूने पूरी तरह थका दिया,

मीना- हस्ते हुए, बड़े भोले ना बनो बाबा खुद तो ना जाने कहा से लंड खड़ा करके आते हो और फिर अपनी बेटी पर

सारी कसर निकाल लेते हो, मे तो खुद अपनी गान्ड मरवा कर थक गई हू अब थोड़ा मुझे अपने साथ सुला लो फिर मे चाइ

बना कर लाउन्गि,

हरिया उसे अपने बगल मे लेटा लेता है और फिर उसकी नंगी चूत और गान्ड को सहलाता हुआ सो जाता है.

शाम को जब कामिनी अपने घर की ओर जाती है तब उसे सुधिया की याद आ जाती है और वह सोचती है क्यो ना सुधिया बहन के यहाँ थोड़ी देर बैठा जाए और वह चंदा को कहती है की तू घर चल मे अभी आती हू, चंदा अपने घर की ओर आ जाती है और कामिनी सुधिया के घर पहुच जाती है,

सुधिया घर के आँगन मे झाड़ू लगा रही थी और निम्मो दूसरे कमरे मे लेटी हुई थी दरवाजे से आती शाम की धूप से

सुधिया का पारदर्शी घाघरा उसके झुकने की वजह से ऐसा लग रहा था जैसे कोई औरत पूरी नंगी होकर झाड़ू मार रही

है, कामिनी दरवाजे पर खड़ी सुधिया की मसल जंघे और उसकी भारी गान्ड को देख कर कुछ जलन महसूस कर रही थी

और मन मे सोच रही थी कि इस घोड़ी की गान्ड और जंघे कितनी मोटी और सुडोल है तभी तो हरिया जब भी उसे चोद्ता है तो अपने मन मे सुधिया की गान्ड की कल्पना करते हुए चोद्ता है और कभी-कभी तो उसके मुँह से भी निकल जाता है हाय सुधिया भाभी कितनी गदराई जवानी है तुम्हारी, अगर मे रामू की जगह तुम्हारा बेटा होता तो रोज तुम्हे रात भर नंगी

करके चोद्ता,

सुधिया- अरे कामिनी तू कब आई

कामिनी- बस दीदी अभी आकर खड़ी हुई हू, और बताओ कैसी तबीयत है तुम्हारी, निम्मो बता रही थी कि तुम्हारे पेरो मे

बड़ा दर्द रहता है,

सुधिया- अरे क्या बताऊ कामिनी अब उमर भी ढलने लगी है दर्द तो रहेगा,

कामिनी- हस्ते हुए, अरे अभी तो तुम्हारी जवानी मे असली निखार आया है और तुम कहती हो कि उमर ढलने लगी है

सुधिया- तुझे ना जाने कहाँ मेरे शरीर मे निखार दिख रहा है, जब कि मुझे तो बुढ़ापे ने आकर जकड़ना शुरू कर

दिया है,

कामिनी- अब छ्चोड़ो भी सुधिया दीदी मुझसे सच ना उगलवाओ, क्या मे नही जानती कि जब तुम घर से बाहर निकलती हो तो जीतने मर्द और आजकल के लोंडे तुम्हारी गदराई जवानी देखते है तो बस उनका हाथ सीधे अपने लंड पर चला जाता है और वह सब तुम्हारी मोटी गान्ड को देख-देख कर अपने लंड मसल्ने लगते है,

सुधिया- मुस्कुरकर चुप कर बहशरम कही कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा, लगता है तेरे मरद ने तुझे भी रणडिबाजी के

सारे हुनर सिखा दिए है, तेरा मरद तो जब देखो अपने लंड को ही मसलता रहता है सच मे उसके जैसा चुड़क्कड़ और

लंडखोर आदमी इस पूरे गाँव मे कोई नही होगा.

कामिनी- एक मर्द है जो मेरे मरद से भी चार गुना आगे है,

सुधिया- ऐसा कौन मरद है जो तेरे हरिया से भी ज़्यादा चुदासा हो और औरतो की गान्ड और चूत मारने और चाटने के लिए

दिन रात पागल रहता हो

कामिनी- है एक मरद पर तुम यकीन नही करोगी

सुधिया- अरे बताएगी तब तो यकीन होगा कि बिना जाने ही यकीन कर लू

कामिनी- अरे और कोई नही बल्कि तुम्हारा बेटा रामू

सुधिया- उसकी पीठ मे मारते हुए चुप कर कुतिया जो मुँह मे आया बक देती है मेरा बेटा इतना सीधा है और तो उसके बारे

मे इतनी बकवास कर रही है,

कामिनी- अगर मे झूठ बोलू तो मेरा सर और तुम्हारा चप्पल

दोनो की बाते सुन कर निम्मो उठ कर बैठ जाती है और अपने कान वापस उन दोनो की बातो मे लगा देती है,

सुधिया- ऐसा क्या देख लिया तूने मेरे बेटे के बारे मे

कामिनी- मुँह बनाते हुए रहने दो दीदी, तुम एक तो सच्चाई सुन नही पाती हो और अगर सुनती हो तो मुझ पर बिगड़ती हो

जैसे मे अपने मन से सब कह रही हू, तुम्हे यकीन ना हो तो मेरे पास और भी कई लोग है जो मेरी बात को सच ही कहेगे

सुधिया- अच्छा अब बता भी ऐसा क्या देखा तूने

कामिनी- आज जब मे तालाब के पास से गुजर रही थी तब मेने देखा रामू एक पेड़ के पीछे छुपा हुआ था और तालाब मे

नहाती हुई गाँव की नंगी औरतो को घूर-घूर कर देख रहा था और साथ ही उसका हाथ तेज़ी से हिल रहा था, मेने जब

चुपके से थोड़ा पास जाकर देखा तो मेरी सांस एक दम से रुक गई, तुम्हारे बेटे रामू का मोटा घोड़े जैसा लंड देख कर

तो सच मानो मेरी चूत से भी पानी बह निकला, सच दीदी रामू का लंड बहुत लंबा और मोटा है बिल्कुल किसी मोटे से गन्ने

जैसा तना हुआ था और वह उन औरतो को देख-देख कर अपने लंड को खूब हिला रहा था,

सच दीदी मे तो रामू के मोटे लंड को देख कर पागल हुई जा रही थी मेरा दिल कर रहा था कि उसे अभी अपने मुँह मे भर

कर खूब कस कर चुसू और फिर उसे अपनी चूत मे जड़ तक घुसा लू,

सुधिया- बेशरम कही की बड़ी आई मेरे बेटे का लंड चूसने वाली, अरे अब वह भी जवान हो गया है तो उसका भी मन

औरतो को नंगी देखने का तो करेगा ही, इसमे कौन सी बड़ी बात है जो तू मेरे बेटे की तुलना अपने पति से करने लगी है, तेरा हरिया तो कौन नही जानता है कि एक बार खेत मे वह मीना की चूत सहला रहा था और गाँव के किसी आदमी ने उसे देख लिया था,

कामिनी- अरे तो रामू कौन सा शरीफ है वह भी तो जब चिलम पी लेता है तो उसे ऐसा नशा चढ़ता है कि उसे बस चूत और गान्ड ही नज़र आती है फिर चाहे जिसकी हो, तुम नही जानती कल जब निम्मो झाड़ियो के पीछे बैठ कर पेशाब कर रही थी तब रामू छुप कर अपनी बड़ी दीदी की चूत और गान्ड को बड़े प्यार से निहार रहा था,

सुधिया- अरे ग़लती से मेरे बेटे की नज़र पड़ गई होगी नही तो वह अपनी बहन को कभी ऐसी नज़रो से नही देख सकता है,

कामिनी- अरे क्या नही देख सकता है, तुम्हे उस पर इतना यकीन है, जबकि मे तो कहती हू एक बार कभी उसके सामने अपना घाघरा उठा कर दिखा देना फिर देखना वह तुम्हारे पीछे भी पागलो की तरह पड़ जाएगा,

सुधिया- रहने दे, वह तो रोज ही मेरे साथ सोता है पर उसमे तेरे आदमी जैसे गुण नही है,

कामिनी- अच्छा तो फिर रात को थोड़ा ध्यान देकर सोना और फिर देखना रामू तुम्हारी मोटी गान्ड मे बिना हाथ फेरे नही

रह पाता होगा, कही ऐसा ना हो कि उसका लंड तुम्हारी चूत मे घुस जाए और तुम सोती ही रह जाओ,

सुधिया- हस्ते हुए कामिनी तू बहुत कमिनि है, आज क्या रामू की ही शिकायत लेकर आई है,

कामिनी- मुस्कुराकर, अरे दीदी मे शिकायत लेकर कहाँ आई हू मे तो तुम्हारे बेटे की तारीफ कर रही हू एक बार तुम अपने

बेटे का लंड देख लो तो तुम्हारी जवानी फिर से चढ़ने लगेगी, अब अपनी बेटी निम्मो को ही देख लो जब से उसने रामू का लंड देखा है तब से कितनी खोई-खोई रहती है,

निम्मो- कुतिया चाची कितना अनाप शनाप मा के सामने बके जा रही है पता नही और क्या-क्या बाते बना-बना कर

बताएगी, कही यह ना कह दे कि निम्मो तो रामू से अपनी चूत भी मरवा चुकी है,

सुधिया- अपने मुँह मे हाथ रख कर धीरे बोल कामिनी निम्मो अंदर ही सो रही है, पर यह बता निम्मो ने कैसे रामू का

लंड देख लिया,

कामिनी- अब यह तुम निम्मो से ही पुंछ लेना मे चलती हू,

सुधिया- अरे बैठ ना मे चाइ बनाती हू, पहले तू यह बता कि क्या रामू का लंड तेरे मरद से भी बड़ा है

कामिनी- अरे मेरे मरद से बड़ा तो है ही पर मोटा इतना है कि तुम्हारी खुली हुई चूत मे भी अगर घुसे तो पूरी तरह

चूत को कस लेगा,

कामिनी- बहुत चालू चीज़ थी और वह सुधिया के चेहरे को लाल होता देख समझ गई कि अब इसे भी खूब मज़ा आ रहा है

सुधिया- बता ना निम्मो ने कैसे देखा था अपने भाई का लंड

कामिनी- अरे रामू जब अपनी धोती से अपने लंड को निकाल कर मूत रहा था तब निम्मो तुम्हारे खेतो की झोपड़ी के पीछे

खड़ी होकर अपने भाई का मोटा लंड बड़े प्यार से देख रही थी और अपने दूध को अपने हाथो से मसल रही थी,

अंदर पड़ी हुई निम्मो ने सोचा कही चाची और कुछ ना बक दे इसलिए वह जल्दी से उठ कर बाहर आ जाती है और

निम्मो- अरे चाची तुम कब आई

कामिनी- बस आभी आई हू बेटी अब जाउन्गि बहुत देर हो गई है और तेरे काका भी शायद आ गये होंगे

निम्मो- बैठो ना चाइ बनाती हू और फिर निम्मो चाइ बनाने चली जाती है और तभी रामू और रमिया भी घर के अंदर आ

जाते है, रामू के आते ही सुधिया की नज़र रामू की धोती मे उठे हुए उसके लंड की ओर जाती है और सुधिया द्वारा इस

तरह अपने बेटे के लंड की ओर देखने से कामिनी के चेहरे पर एक मुस्कान फैल जाती है,

कुछ देर बाद कामिनी अपने घर चली जाती है और रामू हाथ मुँह धोकर गाँव मे निकल जाता है, और गाँव की चोपाल पर

रात को 8 बजे हरिया काका और उनका एक और जोड़ीदार किसान बिरजू बैठे रहते है और बिरजू चिलम भरने की तैयारी मे रहता है, तभी वहाँ रामू आ जाता है,

हरिया- आओ रामू कितने दिन हो गये बेटवा तुमसे मिले को,

रामू- हा काका बहुत दिनो से हम ने साथ मे दम भी तो नही लगाया है

बिरजू- अरे रामू का तुम भी चिलम पीने लगे हो

हरिया- अरे बिरजू का पागला गये हो, रामू तो हमारे गाँव का शेर है फिर वह भला काहे ना पिएगा, का तुम देखे नही हो

गाँव की लोंड़िया रामू के कसरती बदन को कैसे देखती है,

बिरजू- हाँ ये बात तो तुम ठीक कह रहे हो हरिया भाई,

हरिया- अरे रामू तो इतना जबरदस्त मर्द बन चुका है कि अब इसकी चौड़ी छाती को 40-50 साल की औरते भी देखने लगी है लगता है रामू का बदन देख कर अब बड़ी-बड़ी घोड़ियो की चूत मे भी खुजलाहट होने लगी है,

बिरजू- एक बात कहे हरिया भाई, रामू को हम जब भी देखत है हमे तुम्हारी जवानी के दिन याद आ जाते है

हरिया- अब साले तो का हम अभी बूढ़ा गये है, अभी भी हम किसी कुँवारी लोंड़िया को कस कर चोद दे तो दो घंटे तक

ससूरी पानी नही माँगेगी,

रामू- अरे बिरजू काका यह बात तो हरिया काका बिल्कुल ठीक कह रहे है, उनका शरीर आज भी पहलवानो की तरह सधा हुआ है, लोंड़िया क्या औरतो को भी पसीने छुड़वा देते होंगे हरिया काका,

और फिर तीनो हस्ने लगते है, कुछ देर बाद उनकी चिलम शुरू हो जाती है और लगभग आधे घंटे बाद बिरजू अपने घर

चला जाता है और हरिया और रामू नशे मे मस्त होकर बाते करने लगते है.

रामू आज पूरा मस्त हो रहा था और ना जाने उसके मन मे क्या था कि हरिया काका के नज़र आते ही उसके लंड मे ताव आना शुरू हो गया था

रामू- हाँ तो काका इतने दिन किधर गायब रहे कही किसी के चक्कर मे तो नही गये थे.

हरिया- अरे नही रे बेटा वो क्या था कि मुझे किसी से अपना पैसा लेना था इसलिए शहर तक गया था और वहाँ मेरी बहन

और बहनोई रहते है, बस उन्ही के यहाँ रुक गया था,

रामू- आपकी बहन आपसे छोटी है या बड़ी

हरिया- अरे बेटा बस यू समझ ले तेरी मा की उमर की है और दिखती भी बिल्कुल तेरी मा की तरह ही है, वही गोल भरा हुआ चेहरा वही रस से भरे हुए होंठ, उसके बदन का एक-एक हिस्सा तेरी मा सुधिया की तरह है,

रामू- मुस्कुराते हुए, लगता है काका तुम अपनी बहन से बहुत प्यार करते हो,

हरिया- अरे बेटा हम नही बल्कि हमारी बहना रानी हमसे बहुत प्यार करती है,

रामू- तो क्या स्वागत किया आपकी बहन ने आपके वहाँ जाने पर और आपका जीजा क्या करता है और कैसा लगता है.

हरिया- अरे बेटा मेरा जीजा नाइट शिफ्ट करता है इसलिए शाम को चला जाता है और फिर सुबह ही आता है और रात भर ना सोने के कारण दिन भर सोता है,

और रही बात मेरी बहन के स्वागत की तो वह तो मेरे जाते ही मुझसे लिपट गई और अपने उभरे हुए पेट को मेरे हाथो के

नरम स्पर्श से सहलाने लगी उसके बाद दीदी मुझसे अलग हो गई और मेरे लिए शरबत लेकर आई और मुझे देकर मुझसे

सॅट कर बैठ गई, जब मेने शरबत पी लिया तब दीदी ने वह गिलास उठा कर अंदर रखने जाने लगी तब मेने जब दीदी की साडी मे उठे हुए उनके मस्त कूल्हे देखे तो मेरा लंड बिना खड़ा हुए ना रह सका, दीदी के चौड़े-चौड़े बल खाकर

मटकते चूतड़ देख कर मे तो अपना मुँह अपनी दीदी की मोटी गान्ड मे लगा देने के लिए तड़प उठा,

हरिया- सच रामू अपनी बहन के चौड़े और उठे हुए चूतड़ देख कर मुझे तुम्हारी मा सुधिया की याद आ गई,

रामू- क्या तुम्हारी बहन की गान्ड मेरी मा की गान्ड की तरह लगती है,

हरिया- अरे रामू बेटा अगर तुम अपनी मा को पूरी नंगी कर दो और मे अपनी बहन को पूरी नंगी करके साथ मे खड़ा कर

डू तो दोनो मे कोई अंतर नज़र नही आएगा, दोनो नंगी भी एक दम एक जैसी लगेगी,

रामू- फिर क्या हुआ आपकी बहन के यहाँ

हरिया- फिर रामू जब मेरी बहन वापस आई तो मे देख कर मस्त हो गया उसने एक पतली कपड़े की मॅक्सी पहनी हुई थी और उसमे उसका पूरा बदन साफ उभर कर दिखाई दे रहा था, मेरा लंड पूरी तरह से अपनी धोती मे तना हुआ था, तभी उसने मेरे पास आकर मुझसे कहा चलो भैया नहा लो, मेने कहा नही मे कपड़े नही लाया हू जब कि मे धोती के अंदर

पूरा नंगा था, दीदी ने एक झटके मे मुझे उठा कर मेरी धोती खोल दी और फिर मेरे लंड को निकाल कर चूसने लगी उसकी

चुसाइ ने मुझे मस्त कर दिया फिर सबसे पहले मेने उसे घोड़ी बना दिया और अपनी दीदी की मोटी गान्ड पर जब अपना हाथ फेरा तो मेरा लंड झटके मारने लगा, मेने झुक कर उसकी चूत की मोटी उभरी हुई फांको को अपने दोनो हाथो से फैला

कर अपनी जीभ डाल दी, जैसे ही मुझे उसकी फूली हुई चूत को चाटने का मोका मिला मेने अपना पूरा मुँह उसकी फूली हुई चूत मे लगा दिया और चाटने लगा,

दीदी ने मस्त होकर मुझसे अपनी चूत चटवाई उसके बाद मेने दीदी की चूत मे पीछे से ही अपना लंड पेल दिया और कस-कस कर दीदी को चोदने लगा, इस तरह रामू मे जितने दिन रहा मेने दीदी की खूब जम कर चुदाई की है, अभी भी उसकी फूली हुई चूत से मेरे लंड का दर्द पूरी तरह से मिटा नही होगा,

सोचो रामू जब हमरी बहन पूरी नंगी होने पर इतनी मस्त जवान नज़र आती है तो तुम्हारी मा सुधिया की गदराई जवानी

नंगी होने पर कैसी नज़र आती होगी,

रामू - यह तो आप बिल्कुल सही कह रहे है काका, मेरा लंड भी मोटे-मोटे चुतड़ों को देख कर तन जाता है,

हरिया- पर रामू ऐसे मस्त चूतड़ जब तक चोदने को ना मिले मज़ा नही आएगा,

रामू अपने लंड को मसलता हुआ मस्त हो रहा था उसे चूत और मोटी गान्ड के सिवा कुछ दिखाई नही दे रहा था,

हरिया ने एक नई चिलम बना कर रामू की ओर बढ़ते हुए, ले बेटा इस चिलम को पी कर जब तू घर जाएगा तो तुझे तेरी मा सुधिया पूरी नंगी नज़र आने लगेगी और बस तेरा दिल यही करेगा कि उसका घाघरा उठा कर उसकी मोटी गान्ड मे लंड डाल दे, रामू ने दम लगाना शुरू कर दिया और हरिया काका उसके लंड को अपनी बातो से झटके मारने पर मजबूर कर रहा था,

रामू- काका तुम्हारी दीदी की चूत कैसी है क्या वह अपनी चूत हमेशा चिकनी रखती है,

हरिया- अरे मेरी बहन की चूत एक दम चिकनी रहती है और मे जब उसकी फूली हुई चूत को देखता हू तो मेने जितनी भी

चूत चोदि है उन सब से सुंदर नज़र आती है, सच रामू तेरी मा सुधिया की चूत भी वैसी ही फूली हुई होगी, जब तू अपनी

मा की चूत मे हाथ फेरेगा तो मस्त हो जाएगा, तेरा दिल करेगा कि उस पाव रोटी की तरह फूली छूट को खूब चाते और खूब कस-कस कर अपने मोटे लंड से चोदे,

हरिया- रामू अगर तेरी मा ने तेरा लंड देखा होगा तो वह भी तुझसे अपनी चूत ठुकवाने के लिए तड़पति तो ज़रूर होगी,

रामू- नही काका मा ने मेरा लंड अभी तक नही देखा है,

क्रमशः.............
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RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास - by sexstories - 08-07-2019, 12:56 PM

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