RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--8
गतान्क से आगे......................
निम्मो रामू के लंड पर अपनी टाँगे फैलाए तंगी हुई थी और रामू नीचे से धीरे-धीरे अपने मोटे लंड को अपनी बहना
रानी की चूत मे पेल रहा था, जब रामू उसे अपनी गोद मे उठाए-उठाए थक गया तब उसने निम्मो को खाट पर लाकर लेटा
दिया और उसकी दोनो जाँघो को फैला कर एक झटके मे अपना लंड अंदर पेल दिया और फिर खूब कस-कस कर निम्मो को
चोदने लगा, अब निम्मो को भी मज़ा आने लगा था और वह रामू के लंड की ओर अपने चूतड़ उठाने लगी थी,
निम्मो- आह आह रामू तू कितना अच्छा चोद्ता है ऐसे ही मुझे चोद्ते रहना, आह और ज़ोर से खूब कस कर चोद आह आह
रामू सतसट अपने लंड को अपनी दीदी की चूत मे मारने लगता है और उसका लंड बड़ी चिकनाहट के साथ आगे पिछे होने
लगता है. रामू अपनी बहन पर पूरी तरह लेट कर उसके रसीले होंठो को चूमने लगता है और एक हाथ से उसकी चुचियों को
मसल्ने लगता है, करीब 10 मिनिट तक रामू अपनी बहन को चोदने के बाद उसकी चूत मे अपना पानी छ्चोड़ देता है और
निम्मो आह-आह करती हुई रामू से पूरी तरह चिपक जाती है और उसकी चूत से भी पानी बहने लगता है,
निम्मो- अपनी जाँघो को फैला कर रामू को दिखाती हुई देख रामू तूने मेरी चूत फाड़ कर रख दी
रामू- दीदी अब तो मे इस चूत को रोज फाड़ुँगा
निम्मो- मुस्कुराती हुई तू बहुत बदमाश है तूने रमिया को कैसे पटा लिया, अब तो तू उसे रोज चोद्ता है ना
रामू- अरे दीदी अभी उसे चोदे दो तीन दिन ही हुए है पर जब मे उसे चोद्ता हू तो ऐसा लगता है किसी छोटी सी लोंड़िया को चोद रहा हू और जब तुम्हे चोद्ता हू तो ऐसा लगता है जैसे किसी जवान औरत को चोद रहा हू,
निम्मो- तो तुझे ज़्यादा मज़ा किसे चोदने मे आया है
रामू- दीदी मज़ा तो दोदो को चोदने मे आता है पर तुम्हारी चूत मारने मे एक अलग ही मज़ा मिला है, सच तो यह है
दीदी मेरा लंड शुरू से ही औरतो को देख कर जल्दी खड़ा हो जाता है क्योकि उनका पूरा बदन भरा हुआ रहता है और खास
कर उनके भारी चूतड़ मुझे पागल कर देते है,
निम्मो- अच्छा यह बता तुझे कामिनी चाची कैसी लगती है, उसके चूतड़ तो मुझसे भी भारी है,
रामू- अच्छी है पर उसका चेहरा तुम्हारे जैसा सुंदर नही है,
निम्मो- अरे तुझे कौन सा उसका चेहरा चूमना है, तू तो यह बता उसकी मोटी गान्ड तुझे कैसी लगती है, अगर चाची तुझसे
चुदवाये तो चोदेगा,
रामू- मुस्कुराते हुए, दीदी तुम कहोगी तो चोद दूँगा
निम्मो- मुस्कुराकर अच्छा ठीक है तेरी यह इच्छा जल्दी ही पूरी हो जाएगी
रामू- वो कैसे
निम्मो- बस तू मुझ पर छ्चोड़ दे और अगर तुझे चंदा को चोदना हो तो उसके लिए भी मेरे पास एक उपाय है
रामू- वह क्या दीदी
निम्मो- चल पहले मे मुँह हाथ धो लेती हू और अब शाम भी हो चुकी है हम रास्ते मे चलते-चलते बात करेगे.
निम्मो अपने हाथ पाँव धोकर आ जाती है और रामू बचा हुआ काम ख़तम करके निम्मो के साथ घर की ओर चल देता है
निम्मो के भारी चुतड़ों को थामे हुए रामू उसके साथ चलने लगा उसकी आँखो के सामने उसकी बहन की गदराई जवानी
नाच रही थी वह निम्मो से पूरी तरह सटा हुआ चल रहा था,
अंधेरा लगभग हो ही चुका था, हल्की-हल्की ठंडी हवाए चलना शुरू हो चुकी थी,
रामू- दीदी डर लग रहा है क्या
निम्मो- नही रे मुझे तो थोड़ी-थोड़ी ठंड लग रही है
रामू- ठीक है थोड़ी दूर और चलना है और क्या
निम्मो- रामू मुझे पेशाब लगी है,
रामू- उसे देख कर, कही भी कर लो दीदी
निम्मो अपना घाघरा उठा कर बैठ जाती है और मूतने की कोशिश करने लगती है, रामू उसके पीछे जाकर खड़ा हो जाता है
अपनी बहन की मोटी गान्ड देख कर उसका लंड तन जाता है और वह अपनी बहन के पीछे बैठ कर
रामू- क्या हुआ दीदी नही आ रहा क्या
निम्मो- हा रे, लेकिन आ जाएगा
उसकी बात सुनते ही रामू अपने हाथ को उसकी मोटी गान्ड के नीचे से डाल कर सीधे उसकी कातीली चूत को अपने हाथो मे जाकड़ लेता है उसकी इस हरकत से निम्मो सिहर जाती है और तभी रामू अपनी दीदी की चूत के दाने को धीरे-धीरे मसल्ने लगता है तभी निम्मो की चूत से फुहार निकलने लगती है और रामू एक दम से हाथ हटा लेता है फिर रामू अपना हाथ वापस चूत पर रख देता है और निम्मो का पेशाब रुक जाता है, रामू फिर से निम्मो की चूत के फुदकते दाने को छेड़ देता है और निम्मो फिर से मूतने लगती है, जब निम्मो मूत कर खड़ी होती है तभी रामू उसे अपनी बाँहो मे भर कर उसके गालो को चूमता हुआ,
रामू- दीदी एक बार यही गन्नो के बीच मे तुम्हे चोदना चाहता हू, घर जाने के बाद मोका मिलना मुश्किल है,
और फिर रामू निम्मो को अपनी बाँहो मे भर कर उसे चूमते हुए अपने हाथो से उसकी नंगी गान्ड को मसल्ते हुए उसे
उठा कर गन्नो के बीच लेजा कर थोड़ा झुका कर खड़ा कर देता है, निम्मो दो गन्नो के डंडे को पकड़े हुए अपनी मोटी
गान्ड उभार कर खड़ी हो जाती है और रामू अपने मस्त लंड को मसलता हुआ उसे अपनी बहन की फूली हुई फांको से भरी
गुलाबी चूत मे फसा कर एक मोटी गान्ड को अपने हाथो मे अच्छी तरह थाम कर एक तगड़ा धक्का मारता है और उसका
मोटा लंड आधे से ज़्यादा उसकी दीदी की चूत मे धस जाता है,
रामू धीरे-धीरे अपनी दीदी के पके आमो की तरह कसी चुचियो को दबाना शुरू कर देता है और अपनी कमर के तगड़े
धक्के नीचे की तरफ अपनी दीदी की मस्तानी गान्ड मे मारने लगता है, कुछ देर तक रामू अपने लंड के धक्के एक रफ़्तार से अपनी दीदी की फूली हुई चूत मे मारता रहता है लेकिन कुछ देर बाद वह अपनी बहन के उठे हुए पेडू को अपने हाथो मे
थाम कर कस-कस कर अपनी दीदी की चूत मे अपना मूसल जैसा लंड ठोकने लगता है और निम्मो इस तरह की जोरदार चूत ठुकाई से मज़ा पाते हुए अपनी मोटी गान्ड को पूरी ताक़त से अपने भाई के लंड पर मार रही थी, रामू ने अपनी दीदी के मोटे-मोटे कसे दूध को कस-कस कर दबाते हुए उसकी चूत मे अपने लंड को पेलता रहा,
कुछ देर बाद रामू ने अपनी दीदी को सामने करके उसे अपनी गोद मे चढ़ा कर अपने लंड पर बैठा लिया और अपने लंड को
अपनी दीदी की चूत मे तबीयत से मारते हुए उसके भारी चुतड़ों को सहलाता रहा, निम्मो पूरी मस्ती मे आ चुकी थी और
अपने छ्होटे भाई के लंड पर चढ़ कर इस तरह से चूत मरवाने के कारण उसकी चूत मे एक मीठी खुजली शुरू हो गई और
उसने अपनी फूली चूत को अपने भाई के लंड पर खूब कस-कस कर मारना शुरू कर दिया और नीचे से रामू ने भी अपनी दीदी की चूत मे अपने लंड को पेलना शुरू कर दिया और फिर निम्मो एक दम से अपने भाई के सीने से कस कर चिपक जाती है और उसकी चूत से ढेर सारा पानी बह कर रामू के लंड पर आ जाता है और रामू भी एक लंबी पिचकारी अपनी दीदी की चूत मे मार कर उसकी चूत को अपने लंड पर कस कर चिपका लेता है,
निम्मो- रामू आज बहुत मस्त मज़ा आया है तू बड़ा मस्त चुड़क्कड़ बन गया है, तुझसे जो भी औरत अपनी चूत
मरवाएगी वह एक दम मस्त हो जाएगी,
रामू- दीदी तुम्हारा जिस्म इतना भरा हुआ है कि मे रात भर तुम्हे नंगी करके चोद सकता हू, तुम्हे देखते ही मेरा लंड
खड़ा हो जाता है,
निम्मो- हस्ते हुए अच्छा और किसे देख कर तेरा लंड खड़ा होता है,
रामू- दीदी अब तुमसे क्या च्छुपाना मेरा लंड तो कामिनी चाची की मोटी गान्ड देख कर भी खड़ा हो जाता है
निम्मो- और इसके अलावा
रामू- इसके अलावा फिर चंदा और रमिया को अगर नंगी देखता हू तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है
निम्मो- अच्छा और यह बता कभी मा को देख कर भी तेरा लंड खड़ा होता है, मा की मोटी गान्ड तो सबसे ज़्यादा चोदने
लायक नज़र आती है, मा को देख कर तो तेरा लंड ज़रूर खड़ा होता होगा,
रामू- हा मा को जब नहाते देखता हू तो ज़रूर लंड खड़ा हो जाता है
निम्मो- मा को कभी पूरी नंगी देखा है तूने, अगर तू मा को पूरी नंगी देख ले तो आज रात ही तू उसे इस कदर चोदने के
लिए पागल हो जाए कि क्या बताऊ,
रामू- नही दीदी मा को पूरी नंगी तो मेने कभी नही देखा लेकिन उनकी मोटी-मोटी गोरी जाँघो की भरी हुई जवानी देख
कर जब मे पूरे जिस्म की कल्पना करता हू तो मेरा लंड झटके मारने लगता है,
निम्मो- रामू तू रात को मा की तरफ ही सोता है ना, कही ऐसा तो नही कि रात को जब मा सो जाती होगी तो तू उनकी मोटी गान्ड से अपने लंड को सटा कर उनकी गान्ड को रगड़ता और दबाता होगा,
रामू- नही दीदी मेने अभी तक तो ऐसा नही किया है,
निम्मो- हस्ते हुए रामू कहीं रात को मा तुझसे अपनी गान्ड तो नही मरवाती है ना, पता चले हमे कुछ पता ही नही है
और आधी रात को तू चुपचाप पड़े-पड़े ही अपना लंड मा की मोटी गान्ड मे तेल लगा कर डाल देता हो,
रामू- हस्ते हुए तुम भी ना दीदी, कहाँ क़ी बात कहाँ ले गई मेरी भला हिम्मत है मा को हाथ लगाने की,
निम्मो- अरे बेटा जब भारी चूतड़ देख कर लंड खड़ा हो जाता है तब वह नही सोचता कि यह मोटे-मोटे चोदने लायक
चूतड़ किसके है, तेरा मन अगर मा की गान्ड और उसकी फूली हुई पाँव रोटी जैसी चूत मारने का मन हो तो बता हो सकता है मे कुछ मदद कर सकु,
रामू अपने मोटे लंड को मसल्ते हुए दीदी तुमने आज मा के नंगे जिस्म के बारे मे मुझसे इतनी बात कह गई कि मेरा लंड
पूरी तरह तन कर फिर से चूत मारने का इरादा बना रहा है,
निम्मो- अरे तू फिकर ना कर अगर तेरा इतना ही मन मा की गान्ड मारने का कर रहा है तो बता मे कुछ ना कुछ करती हू,
रामू- दीदी मा को पूरी नंगी करके अपने बदन से चिपकाने के लिए तो मे मरा जा रहा हू मुझे तो मा जब कह दे मे
उसे चोदने के लिए तैयार हू,
निम्मो- अच्छा चल अब चुप हो जा घर पहुच रहे है और सुन रमिया से यह सब बात मत करना उसे अभी अकल नही है,
रामू- तुम फिकर ना करो दीदी और फिर रामू अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध को अपने हाथ से दबाकर उसके होंठो को एक बार कस कर चूमता है और फिर दोनो घर के अंदर पहुच जाते है, और जब अंदर का नज़ारा देखते है तो दोनो की निगाहे एक दूसरे से मिलती है और दोनो के होंठो पर मुस्कान फैल जाती है और जब दोनो दुबारा सामने देखते है तो
सुधिया दीवार से टिकी हुई थी और उसका घाघरा उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था और रमिया अपनी मा की मोटी मुलायम
जाँघो को तेल लगा कर मालिश कर रही थी, सुधिया ने जब दोनो को देखा
सुधिया- आ गये तुम दोनो
निम्मो- क्या हुआ मा पेर दर्द कर रहे है क्या
सुधिया- हा रे थोड़ी अकड़न महसूस हो रही थी तो मेने रमिया से कहा चल थोड़ा तेल मालिश ही कर दे शायद आराम मिल
जाए,
निम्मो- अरे मा रमिया के नाज़ुक हाथो से क्या आराम मिलेगा, तुम्हारी जाँघो की मालिश तो सख़्त हाथो से होगी तो ही
तुम्हे मज़ा आएगा, मे तो कहती हू तुम रामू से मालिश करवा लिया करो, वह जब अपने मर्दाना हाथो से कस कर
तुम्हारी जाँघो की मालिश करेगा तो देखना तुम्हारा बदन मस्त हो जाएगा,
सुधिया- चल अभी थका हारा आया है बेचारा, मे फिर कभी उससे मालिश करवा लूँगी,
निम्मो- रमिया तू जा रामू और मेरे लिए पानी ले आ मा की मालिश मे कर देती हू और फिर निम्मो अपनी मा की गोरी पिंदलियो को सहलाने लगती है और रामू हाथ मुँह धोने चला जाता है,
निम्मो- मा तुझे कभी बापू की याद भी सताती होगी ना
सुधिया- अरे बेटी सताती भी है तो उससे क्या होगा, तेरा बापू उपर से आ तो नही जाएगा मेरी खेरियत पुच्छने, तेरा बापू
होता तो अब तक तेरा ब्याह हो चुका होता और दो तीन बच्चे भी हो गये होते,
निम्मो- मा ब्याह लायक तो रामू भी हो गया है
सुधिया- हा हो तो गया है पर पहले तेरा ब्याह करना ज़रूरी है उसके बाद ही रामू का होगा
निम्मो- मा आज तो कामिनी चाची भी अपने खेतो मे आई थी और तेरे बारे मे भी पुंछ रही थी
सुधिया- अरे उसके घर जाना ही बेकार है वह कमीना हरिया जब भी मुझे देखता है कुत्ता ऐसे घूरता है जैसे खा
जाएगा, वह बड़ा ही कमीना है इस उमर मे भी वह औरतो के चुतड़ों को दिन भर घूरता रहता है,
निम्मो- तो क्या मा वह तुम्हे भी घूरते है
सुधिया- क्यो तुझे भी देख रहा था क्या
निम्मो- हा मा मुझे जब भी मिलते है बस कभी मेरी छातीयो को और कभी मेरे पिछे देखने लगते है
सुधिया- तू उस हरामी से बच कर रहा कर उसकी नीयत का कोई भरोसा नही है उसकी खुद की बेटी मीना जब से ससुराल
छ्चोड़ कर आई है दिन रात घर मे ही घुसी रहती है
रात को निम्मो लेटी थी लेकिन उसकी चूत उसे सोने नही दे रही थी और रामू और उसके बीच मे उसकी मा लेटी हुई थी, निम्मो को बड़ी मुश्किल से नींद आई और सुबह जब वह सोकर उठी तब तक रामू और रमिया खेतो की ओर जा चुके थे,
सुधिया- उठ जा घोड़ी सूरज सर पर चढ़ चुका है और तू ऐसे सो रही है जैसे रात भर ठीक से तुझे नींद ना आई हो
निम्मो- मा रामू चला गया क्या
सुधिया- हा और शायद रात को भी ना आए उसे खेतो की मेड मे खुदाई करके वहाँ थोड़ी-थोड़ी दूर पर पोधे लगाने है
और उस टूटी हुई झोपड़ी की मरम्मत भी करना है,
निम्मो- कुछ सोच कर मा रमिया तो शाम को आ जाएगी ना
सुधिया- हाँ वह तो आ जाएगी
निम्मो- तो मा शाम को मे भी खेतो मे चली जाउ क्या
सुधिया- तू वहाँ क्या करेगी और फिर तुझे जल्दी ही नींद आने लगती है वहाँ कहाँ सोएगी
निम्मो- अरे मा खाट है ना रामू काम करेगा और मे उससे बाते करते हुए उसकी बोरियत दूर कर दूँगी
सुधिया- तेरी जैसी मर्ज़ी हो कर मे चली नहाने
निम्मो- मा तुम नंगी होकर नहाती हो या नही
सुधिया- हस्ते हुए मेरी कोई उमर है नंगी होकर नहाने की
निम्मो- तो मा किस उमर मे नंगी होकर नहाना चाहिए
सुधिया- मुस्कुराते हुए, मे तो जब तेरी उमर की थी तब ज़रूर नंगी होकर नहाती थी,
निम्मो अपनी मा से ज़्यादा से ज़्यादा रंगीन बाते करने का प्रयास कर रही थी लेकिन वह ज़्यादा कुछ नही कह पा रही थी
उसने मन मे सोचा क्यो ना कामिनी चाची के मध्यम से मा के ज़ज्बात जाना जाय,
उधर रामू जब हरिया काका के खेत के पास से निकला तब
कामिनी- का है रामू आज निम्मो को साथ नही लाए,
रामू- नही चाची वह तो सो रही थी और मे इधर आ गया, पर दो दिन से हरिया काका नज़र नही आ रहे है कही बाहर
गये है क्या,
कामिनी- बाहर गये थे बेटा लेकिन शाम तक आ जाएगे
रामू की नज़र बार-बार कामिनी की नंगी कमर और उसके गुदाज मसल पेट की ओर जा रही थी क्यो कि कामिनी ने नाभि के काफ़ी नीचे से साडी पहनी हुई थी और उसका उठा हुआ गोरा चिट्ठा पेट इस तरह नज़र आ रहा था कि किसी का भी लंड खड़ा हो जाए,
उधर कामिनी भी कई दिनो से ठीक से चुदी नही थी और उसका मन भी तबीयत से लंड लेने का कर रहा था और वह रामू से बात करते हुए धीरे-धीरे अपने मसल पेट पर हाथ फेर रही थी, रामू का लंड झटके मारने लगा था,
रामू- चाची एक बात पुच्छना थी
कामिनी- हा बोल क्या पुच्छना है
रामू रमिया की ओर देख कर रमिया तू चल मे अभी थोड़ी देर मे आता हू, रमिया रामू की बात सुन कर जाने लगती है
तभी दूसरी और से चंदा आ जाती है और
चंदा- मा मे भी रमिया दीदी के खेत पर जाउ
कामिनी- ठीक है जा, और फिर रमिया और चंदा खेत की ओर जाने लगते है
कामिनी- मन मे सोच रही थी कि रामू शायद उससे कोई मीठी-मीठी बाते करने वाला है, हाँ रामू अब कहो क्या कह
रहे थे
रामू- चाची वो हरिया काका की चिलम यहाँ रखी है क्या
कामिनी- उसे देख कर का तू भी चिलम पीने लगा है
रामू- अरे चाची एक दिन काका ने पिला दी तब से बड़ा दिल कर रहा है
कामिनी- अच्छा तू खत पर बैठ मे देखती हू और फिर कामिनी झोपड़ी मे जाकर हरिया की चिलम उठा लाती है और रामू
को देते हुए ले मिल गई,
रामू- लगता है काका लेकर नही गये
कामिनी- अरे उसके पास इसके सिवा काम ही क्या है जहाँ खड़ा हो जाता है वही उसके हुक्के पानी का इंतज़ाम हो जाता है
रामू- चाची मे पी लू पर आप मा से नही कहना
कामिनी- अरे नही रे तू फिकर काहे को करता है पी ले और फिर कामिनी उसके बगल मे बैठ जाती है
रामू- चिलम पीने लगता है और नशे मे उसका लंड और भी तगड़े तरीके से तन जाता है
क्रमशः.............
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