RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--7
गतान्क से आगे......................
निम्मो- वैसे चाची चंदा भी अब बड़ी होने लगी है इसके ब्याह के बारे मे सोचना शुरू कर दो
कामिनी- अरे उस गीता का ब्याह किया था और वह कुतिया तब से यही पड़ी है इसका ब्याह कर दिया तो क्या पता यह भी हमारे सर ही ना आ जाए मे तो कहती हू इन कुतियो को कुँवारी ही पड़ी रहने दे कम से कम कोई कहने वाला तो नही होगा
निम्मो- हस्ते हुए, क्या पता चाची यह कुँवारी है या नही
चंदा- लो दीदी पानी पियो
निम्मो- क्यो री चंदा कभी हमारे खेतो की तरफ भी आ जाया कर मस्त गन्ने चुस्वाउंगी
चंदा- दीदी मुझे तो बाबा बड़े मस्त गन्ने लाकर देते है
निम्मो- अरे तो क्या हुआ कभी हमारे खेत के गन्ने भी चख कर देख, चाची तुमने चूसे है हमारे खेत के गन्ने
कामिनी- अरे कहाँ मुझे तो अपने ही गन्ने चूसने को नही मिल रहे है तेरे खेत के कहा से चुसुन्गि
निम्मो- कामिनी चाची की मोटी जाँघो को सहलाते हुए, कहो तो मे अपने खेत के गन्ने चूसने का इंतज़ाम करू
कामिनी- मुस्कुराकर पहले यह बता तूने चूसे है अपने खेत के गन्ने
निम्मो- अभी तक तो नही
कामिनी- पहले तू तो चूस कर देख ले फिर मुझे चुसवाना,
निम्मो- तो ठीक है मे जल्दी ही तुम्हे अपने खेत का सबसे मोटा गन्ना चुस्वाउंगी अच्छा चाची मे जा रही हू फिर
आउन्गि और फिर निम्मो वापस अपने खेत की ओर चल देती है,
रमिया- आह रामू भैया अब छ्चोड़ दो कही दीदी ना आ जाए
रामू पहले एक बार तू मेरे मुँह पर बैठ जा उसके बाद चली जाना, रामू जल्दी से खाट पर लेट जाता है और रमिया उसके सर की तरफ अपनी गान्ड करके अपनी स्कर्ट उँची करके बैठ जाती है और खुद रामू के लंड को पकड़ कर चाटने लगती है रामू उसके मोटे-मोटे चुतड़ों को खूब कस-कस कर फैलाते हुए उसकी गान्ड के सुराख और उसकी चूत के रस से भीगे छेद को चाटने लगता है, लेकिन जैसे ही निम्मो वहाँ पहुचती है दोनो को उस पोज़िशन मे देख कर उसके पेर वही के वही रुक जाते है और उसका मुँह खुला का खुला रह जाता है वह जल्दी से गन्ने के पास की झाड़ियो मे च्छूप जाती है और दोनो को देखने लगती है उसकी चूत से पानी बहने लगता है रामू का पूरी तरह तना हुआ मोटा लंड देख कर निम्मो की आँखे फटी की फटी रह जाती है,
हे रब्बा रामू का लोड्ा कितना बड़ा है कितना मस्त लग रहा है और इस कुतिया रमिया को देखो कितने प्यार से चाट रही है
इसकी तो आज मे मा से कह कर खाल उधड़वा दूँगी, कामिनी मुझसे कितनी छोटी है और इतने बड़े लंड पर कैसे झूम रही
है, हे राम मे क्या करू और फिर निम्मो अपनी एक उंगली अपने घाघरे मे ले जाकर अपनी चूत की फांको को सहलाती हुई चूत के छेद मे डाल देती है,
रमिया- भैया जीभ अंदर घुसाओ ना उसका कहना था कि रामू अपनी जीभ को उसकी चूत के छेद मे कस कर पेल देता है
जैसे ही रमिया का पानी निकलने को होता है वह रामू का लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसना चालू कर देती है और फिर रामू एक दम से उसके मुँह मे अपने पानी की पिचकारी तेज़ी से मारने लगता है और रमिया अपनी चूत को रामू के मुँह मे ज़ोर-ज़ोर से रगड़ते हुए उसके लंड का पानी चूसने लगती है, करीब दो मिनिट बाद दोनो अलग होते है और जल्दी से कपड़े ठीक कर लेते है,
रमिया जैसे ही जाने को होती है सामने से निम्मो आ जाती है,
रमिया- दीदी मे जा रही हू तुम भी चलोगि क्या
निम्मो- नही तू जा मे रामू के साथ शाम तक आउन्गि
रमिया के जाने के बाद, निम्मो-क्यो रे रामू इतना पसीने-पसीने क्यो हो रहा है ज़्यादा काम कर लिया क्या
रामू- अरे नही दीदी बस आज गर्मी कुछ ज़्यादा ही लग रही है
निम्मो- अरे गर्मी लग रही है तो नहा ले कुछ ठंडक हो जाएगी, चल आज मे अपने भैया को नहला देती हू,
रामू- अरे नही दीदी इतनी भी गर्मी नही है और अभी बहुत काम बाकी भी है, तुम्हारा खाना रखा है खा लो
निम्मो खाना खाने लगती है और रामू अपने काम मे जुट जाता है, निम्मो अपनी जाँघो को फैलाए रामू के मजबूत
बदन को घूर रही थी और रामू अपने काम मे लगा हुआ बीच-बीच मे निम्मो की तरफ भी देख लेता था,
निम्मो- अच्छा रामू एक बात पूंच्छू
रामू- हाँ पूंच्छो
निम्मो- तुझे मे ज़्यादा अच्छी लगती हू या रमिया
रामू निम्मो को मुस्कुराकर देखते हुए, अरे दीदी यह भी कोई पुच्छने की बात है, मुझे तो आप ही ज़्यादा अच्छी लगती हो
निम्मो-मुँह बनाते हुए, तो फिर तू मेरी और ध्यान क्यो नही देता
रामू- देता तो हू दीदी
निम्मो- क्या खाक ध्यान देता है दिन भर रमिया के साथ खेतो मे रहता है और रात को घर आकर खा पीकर सो जाता है,
रामू- नही दीदी ऐसा नही है
निम्मो- अच्छा रामू आज हम खेत से अंधेरा होने के बाद चलेगे
रामू- मंद-मंद मुस्कुराते हुए, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, लेकिन सोच लो रात को कही तुम्हे डर तो नही लगेगा
निम्मो- मुझे भला काहेका डर लगेगा
रामू- नही वो क्या है ना खेतो के आस पास रात को काले-काले साप जो निकलते है
निम्मो- अरे बाप रे फिर तो हमे अभी चल देना चाहिए
रामू- हस्ते हुए, अरे घबराओ नही दीदी मे जो हू तुम्हारे साथ, और फिर रामू खेत से निकल कर निम्मो के पास आकर
खड़ा हो जाता है, और फिर अगर तुम्हे डर लगेगा तो तुम्हे मे अपनी गोद मे उठा कर ले चलूँगा,
निम्मो- मुस्कुराते हुए, अच्छा तू क्या इतना बड़ा हो गया है कि अपनी बड़ी बहन को अपनी गोद मे उठा सकता है
रामू- क्यो नही दीदी, अभी तुमने अपने भाई की ताक़त देखी ही कहाँ है मे तो तुम जैसी दो औरतो को अपनी गोद मे उठा सकता हू,
निम्मो- अच्छा तो फिर उठा कर दिखा मे भी तो देखु कि तू मुझे अपनी गोद मे उठा पाता है या नही
उसका इतना कहना था कि रामू अपने एक हाथ को अपनी दीदी के पीछे लेजा कर उसके भारी चुतड़ों को थामते हुए उसे एक हाथ मे कसे हुए अपने कंधे पर लाद लेता है ओए दूसरे हाथ से अपनी बहन के मोटी गान्ड को सहलाते हुए अब बोलो दीदी उठा लिया कि नही,
निम्मो- अरे वाह रामू तूने तो मुझे एक हाथ से ही उठा लिया, अब मुझे टाँगे ही रहेगा या उतारेगा भी.
रामू- दीदी तुम्हारा तो कोई वजन ही नही है दिल कर रहा है तुम्हे ऐसे ही उठाए रहू
दोनो एक दूसरे से बाते करते हुए मस्त हो रहे थे रामू से बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था और उसका लंड धोती के
अंदर झटके मार रहा था.
रामू- दीदी एक बात कहु
निम्मो- क्या
रामू- हरिया काका कह रहे थे कि,
निम्मो- बोल ना क्या कह रहे थे
रामू- रहने दो तुम्हे अच्छा नही लगेगा
निम्मो- अरे नही तू बता मे बुरा नही मानूँगी
रामू- नही दीदी कुछ नही
निम्मो- तू बताता है कि नही
रामू- नही मे कुछ नही कह रहा था
निम्मो- रामू तू बता दे नही तो मे तेरी हरकत मा से कहूँगी
रामू- कौन सी हरकत
निम्मो- वही जो तू अभी कुछ देर पहले रमिया के साथ कर रहा था
निम्मो की बात सुन कर रामू का मुँह खुला का खुला ही रह गया, और उसने अपना सर झुका लिया
निम्मो- अब ज़्यादा भोला ना बन मे सब जानती हू तेरी हर्कतो के बारे मे, अब जल्दी से बता दे मुझे हरिया काका क्या कह
रहे थे मेरे बारे मे नही तो आज मा के हाथ से मार ज़रूर खाएगा तू.
रामू- वो दीदी
निम्मो- पहले इधर मेरे पास आकर बैठ और फिर बता
रामू- धीरे से निम्मो से सॅट कर बैठ जाता है और निम्मो उसकी जाँघो के उपर हाथ रख कर धीरे-धीरे सहलाते हुए अब
बता,
रामू- दीदी हरिया काका कह रहे थे कि तेरी बहन निम्मो की
निम्मो- अरे आगे भी तो बोल
रामू- वह कह रहे थे की तेरी बहन निम्मो की गान्ड बहुत मोटी हो गई है और जब वह चलती है तो उसकी गान्ड बहुत
मटकती है.
निम्मो- तो तू हरिया काका से मेरे बारे मे ऐसी बाते करता है,
रामू- नही दीदी ऐसा वो कह रहे थे,
निम्मो- और क्या कह रहा था
रामू- बस इतना ही
निम्मो- तो फिर तूने क्या कहा
रामू- मेने कुछ नही बोला
निम्मो- सच बता तूने भी उसकी हाँ मे हाँ मिलाई थी ना
रामू- नही-नही दीदी बिल्कुल नही
निम्मो- उसकी जाँघ सहलाते हुए मतलब तुझे मेरी गान्ड अच्छी नही लगती है
रामू- नही दीदी
निम्मो एक दम से रामू का मोटा लंड उसकी धोती के उपर से पकड़ कर, तो फिर तेरा यह मोटा गन्ना क्यो खड़ा है, कमिने
अपनी बहन की जवानी चोदने का मन कर रहा है और कहता है कि तुझे मेरी गान्ड अच्छी नही लगती है, आज घर चल
मे मा को सब बात बता देती हू,
रामू- उसके पाँव पकड़ता हुआ अरे नही दीदी ऐसा मत करना नही तो मा मुझे घर से निकाल देगी,
निम्मो- मंद-मंद मुस्कुराते हुए, एक शर्त पर मे तुझे छ्चोड़ सकती हू
रामू- मुझे तुम्हारी सब शर्त मंजूर है,
निम्मो- ठीक है तो फिर तुझे मुझे अपना गन्ना चुसाना पड़ेगा और फिर निम्मो झट से रामू की धोती के साइड से हाथ डाल
कर उसका खड़ा हुआ लंड एक झटके मे बाहर निकाल लेती है, निम्मो जब रामू के मोटे खड़े लंड को देखती है तो उसकी
आँखो मे चमक और मुँह मे पानी आ जाता है और उसकी चूत का दाना तन कर खड़ा हो जाता है, निम्मो बिना देर किए
झुक कर रामू के लंड को अपने मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर देती है, रामू का लंड जैसे ही अपनी बहन के मुँह मे
जाता है रामू से सहन नही होता है और वह जैसे ही अपनी बहन के भरे हुए मोटे-मोटे थनो को अपने हाथ मे भर
कर दबोचता है उसे ऐसा लगता है जैसे उसका पानी अभी निकल जाएगा, क्योकि आज से पहले इतनी कसी हुई जवान लोंड़िया के मस्त चुचे उसने कभी नही दबाए थे, वह पागलो की तरह अपनी दीदी के मोटे-मोटे खरबूजो को खूब कस-कस कर दबाने और मसल्ने लगता है,
उधर निम्मो की हालत तो रामू से भी खराब हो चुकी थी उसकी चूत पानी छ्चोड़-छ्चोड़ कर लह्गे को गीला कर चुकी थी और जब उसने अपने भाई के मस्त भारी-भारी टटटे पकड़ कर सहलाते हुए उसके लंड को चूसना शुरू किया तो उसे इतना मज़ा आया की वह पागलो की तरह रामू के पूरे लंड को अपने मुँह मे भर-भर कर चूसने लगी, रामू अपने हाथो का सारा ज़ोर निम्मो की मस्त चुचियो को मसल्ने मे लगा रहा था और निम्मो अपने भैया के मस्त लंड को मस्ती के साथ चूसे जा रही थी,
निम्मो- रामू तेरा लंड तो बहुत मस्त है रे, ये रमिया ने कैसे ले लिया होगा,
रामू- दीदी रमिया तो फिर भी बड़ी है, तुम तो यह सोचो कि हरिया काका का लंड 16 की चंदा ने कैसे ले लिया होगा, और
फिर मेरा लंड तो तुम्हारी चूत मे बहुत मज़े से जाएगा,
निम्मो- अपनी दीदी की चूत चतेगा
रामू- हाँ दीदी मे तो कब से मरा जा रहा हू तुम्हारी चूत और गान्ड दोनो को जी भर कर चाटना और चोदना चाहता हू
निम्मो- तो फिर ठीक है मे खड़ी हो जाती हू तो नीचे बैठ कर मेरी चूत को चाट ले
निम्मो खड़ी होकर रामू को अपना लहगा उठा कर जैसे ही अपनी फूली हुई चिकनी चूत दिखाती है रामू अपनी बहन की
मस्तानी बुर पर अपना मुँह एक दम से दबा कर पागल कुत्ते की तरह उसकी चूत की फांको को फैला-फैला कर चाटने लगता
है और निम्मो अपने हाथो से रामू का सर अपनी फूली बुर मे दबाने लगती है,
निम्मो- आह रामू आह ओह और ज़ोर से आ ऐसे ही थोड़ा सा और फैला कर चाट भैया बहुत मज़ा आ रहा है और फिर निम्मो अपनी एक टांग उठा कर रामू के कंधे पर रख देती है जिससे उसकी चूत पूरी तरह से रामू के सामने आ जाती है
रामू- वाह दीदी कितनी गुलाबी और फूली हुई चूत है तुम्हारी और फिर रामू अपनी दीदी की चूत को अपनी जीभ से खुरेदने लगता है.
निम्मो- हे रामू मे पागल हो जाउन्गि और चाट ज़ोर से चाट अपना मुँह डाल दे मेरी चूत मे, रामू कुछ देर तक निम्मो की
चूत को चाटने के बाद उसे पीछे की ओर घुमा कर उसे अपनी झोपड़ी के एक डंडे के सहारे खड़ा करके उसे अपनी गान्ड को
बाहर की ओर निकालने को कहता है और फिर रामू घुटनो के बल अपनी दीदी की गान्ड के पीछे आकर उसका लहगा उपर उठा कर निम्मो को पकड़ा देता है और निम्मो अपने भारी चुतड़ों को और ज़्यादा उभार कर अपने लह्गे को अपने हाथो से थाम कर कमर तक चढ़ा लेती है, अब रामू जब अपनी बहन की गान्ड पर थपकी मारते हुए उसकी गान्ड के पाटो को चीर कर उसकी भूरे रंग की गुदा देखता है और उसकी गुदा से नीचे उसकी फूली फांको वाली रसीली चूत देखता है तो वह सीधे अपनी जीभ से उसकी गुदा से लेकर चूत के तने हुए दाने तक चाटना शुरू कर देता है और निम्मो अपने भारी भरकम
चुतड़ों को अपने भैया के मुँह पर रगड़ने लगती है,
रामू पागल कुत्ते की तरह अपनी दीदी के भारी चुतड़ों को खूब चीर-चीर कर चाटने लगता है, जब रामू अपनी बहन की
गान्ड और चूत चाट-चाट कर लाल कर देता है तब निम्मो सीधी खड़ी होकर अपनी एक टांग रामू की ओर बढ़ा देती है और
रामू उसकी टांग को अपने हाथो मे थाम कर अपने खड़े लंड को अपनी बहन की चूत से भिड़ा कर रगड़ने लगता है,
निम्मो उसके लंड का घर्षण अपनी चूत मे पाते ही पागल हो जाती है और वह रामू के खड़े लंड पर चढ़ने की कोशिश
करने लगती है, तभी रामू उसकी गान्ड मे हाथ डाल कर उसे अपने लंड पर चढ़ा लेता है और उसके लंड का टोपा जैसे ही
निम्मो की खुली चूत के छेद से भिदता है रामू एक तगड़ा झटका मार देता है और उसके लंड का टोपा उसकी बहन की चूत
मे फस जाता है और निम्मो उसके लंड पर चढ़ि कराहने लगती है,
निम्मो- आह रामू मुझे दर्द हो रहा है, मुझे उतार दे
रामू- अरे नही दीदी यह तो थोड़ा सा दर्द है अभी देखना कितना मज़ा आएगा तुम्हे बस धीरे-धीरे मेरे लंड पर बैठने
की कोशिश करो और फिर रामू अपनी बहन की मोटी गान्ड को पकड़ कर अपने लंड पर दबाने लगता है और अपने घुटनो को थोड़ा नीचे करके अपनी कमर का एक जोरदार धक्का निम्मो की उठी हुई चूत मे मार देता है और उसका आधे से ज़्यादा लंड एक दम से उसकी बहन की चूत मे फस जाता है,
निम्मो- आह रामू बहुत मोटा है तेरा उपर से खड़े-खड़े मुझे अपने लंड पर बैठा रहा है बहुत दर्द हो रहा है
रामू- दीदी मेने जब से तुम्हारी फूली हुई चूत को मुतते देखा है तब से ही मेरा दिल कर रहा था कि तुम्हे अपने लंड पर
बैठा कर तुम्हारी चूत फाड़ने का अलग ही मज़ा आएगा, खड़े-खड़े मेरा लंड तुम्हारी चूत मे बहुत कसा हुआ घुस
रहा है चाहो तो देख लो अब तो मेरा लंड धीरे-धीरे तुम्हारी चिकनी चूत मे सरक-सरक कर पूरा अंदर फिट हो गया है,
क्रमशः.............
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