RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--2
गतान्क से आगे......................
कुछ देर तक हरिया और उसकी बेटी साँसे लेती रहती है और उधर रामू अपने लंड को मुठिया-मुठिया कर लाल कर लेता है, कुछ देर बाद चंदा अपने बाबा से मुस्कुरा कर बाबा जाहंर निकल गया कि और भी चतोगे मेरी चूत को
हरिया- देख बेटी जाहंर तो निकल गया है पर तेरे अंदर जो दर्द है उसे मिटाना पड़ेगा नही तो यह बाद मे बहुत तकलीफ़ देगा,
चंदा-अपने हाथ से अपनी चूत को मसल्ति हुई, पर बाबा अब तो दर्द नही हो रहा है,
हरिया-बेटी दर्द ऐसे मालूम नही पड़ेगा देख मे बताता हू कि तेरे अंदर दर्द भरा है या नही और फिर हरिया अपनी बेटी की चूत को खोल कर उसके अंदर अपनी बीच की सबसे मोटी उंगली डाल कर जैसे ही ककच से दबाता है चंदा के पूरे बदन मे एक दर्द की लहर दौड़ जाती है और वह अपनी चूत को कसते हुए आह बाबा बड़ा दर्द है अंदर तो,
हरिया-अपनी उंगली निकाल कर चाटता हुआ, तभी ना कह रहा हू बेटी इसके अंदर का दर्द अच्छे से साफ करना पड़ेगा और उसके लिए इसके अंदर कुछ डालना पड़ेगा,
चंदा- अपने बाबा को देखती हुई क्या डालोगे बाबा
हरिया-बेटी इसमे कुछ डंडे जैसा डालना पड़ेगा तभी इसका दर्द ख़तम होता है,
चंदा- बाबा गन्ने जैसा डंडा डालना पड़ेगा क्या
हरिया-मुस्कुराता हुआ, बेटी गन्ने जैसा ही लेकिन चिकना होना चाहिए नही तो तुझे खरॉच आ जाएगी
चंदा- तो फिर क्या डालोगे बाबा
हरिया- जा पहले झोपड़ी मे से तेल की कटोरी उठा कर ला फिर बताता हू क्या डालना पड़ेगा,
चंदा तेल लेने के लिए झोपड़ी मे जाती है और हरिया अपनी चिलम जला कर एक तगड़ा कस खीचता है और उसकी आँखे पूरी लाल हो जाती है, चंदा अंदर से तेल की कटोरी उठा लाती है और हरिया अपने दोनो पेर खाट से नीचे लटका कर बैठ जाता है,
हरिया अपनी बेटी को अपनी जाँघ पर बैठा कर बेटी मेरे पास जो डंडा है उसे डालने पर बहुत जल्दी तेरा दर्द ख़तम हो जाएगा,
चंदा- तो बाबा दिखाओ ना आपका डंडा कहाँ है
हरिया ने अपनी बेटी की तरफ अपनी लाल आँखो से देखा और फिर अपनी धोती हटाकर अपना मोटा काला लंड जैसे ही अपनी बेटी को दिखाया, अपने बाबा का विकराल लंड देख कर चंदा के चेहरे का रंग उड़ गया, तभी हरिया ने चंदा की चूत को सहलाना शुरू कर दिया और चंदा के हाथो मे अपना लंड थमा दिया,
हरिया- बेटी ऐसे क्या देख रही है पहले कभी किसी का डंडा नही देखा क्या
चंदा- अपना थूक गटकते हुए, बाबा देखा तो है पर यह तो बहुत मोटा और लंबा है,
हरिया- बेटी इस डंडे को जितना ज़ोर से हो सके दबा तभी यह तेरी चूत के अंदर घुस कर तेरा सारा दर्द ख़तम कर देगा,
चंदा-अपने बाबा का लंड सहलाने लगती है और हरिया अपनी बेटी की कुँवारी गुलाबी चूत को सहलाने लगता है चंदा की चूत मे खूब चुदास पैदा हो जाती है और वह अब अपने मनमाने तरीके से अपने बाबा का लंड कभी मसल्ने लगती कभी उसकी चॅम्डी को उपर नीचे करके उसके टोपे को अंदर बाहर करती और कभी अपने बाबा के बड़े-बड़े गोटू को खूब अपने हथेलियो मे भर कर सहलाने लगती, इधर चंदा को इतना मज़ा आ रहा था कि उसे पता भी नही चला कब उसके बाबा ने अपनी उंगली थुन्क मे भिगो-भिगो कर उसकी चूत मे गहराई तक भरना शुरू कर दिया था,
हरिया- बेटी कभी गन्ना चूसा है कि नही
चंदा- हाँ बाबा खूब चूसा है
हरिया-बेटी अपने बाबा का डंडा चूस कर देख गन्ना चूसने से भी ज़्यादा मज़ा आता है
चंदा- हस्ते हुए क्या इसको भी चूसा जाता है
हरिया- एक बार चूस कर देख फिर बता कैसा लगता है
चंदा अपने बाबा की बात सुन कर उसके मोटे लंड को अपने मुँह मे भर कर चूसने लगती है उसके मुँह मे अपने बाबा का मोटा लंड मुश्किल से समा रहा था वह पहले धीरे-धीरे अपने बाबा का लंड चुस्ती है और फिर जब उसे बहुत अच्छा लगने लगता है तब वह हा बाबा आपका डंडा तो बहुत अच्छा लग रहा है और फिर चंदा उसे खूब कस-कस कर चूसने लगती है.
जब चंदा चूस-चूस कर थक जाती है तब हरिया उसे तेल की कटोरी दे कर ले बेटी इसमे से तेल लेकर मेरे लंड पर अच्छे से लगा दे अब यह तेरी चूत के अंदर जाकर उसका सारा दर्द दूर करेगा,
चंदा- अपनी मस्ती मे आ चुकी थी और अपने बाबा के मोटे लंड पर खूब रगड़-रगड़ कर तेल लगाने लगती है, जब हरिया का लंड तेल से पूरा गीला हो जाता है तब हरिया अपनी बेटी को खाट पर लेटा कर उसकी दोनो जाँघो को उठा लेता है और अपने लंड को अपनी बेटी की गुलाबी चूत मे लगा कर अपने लंड के टोपे को उसकी चूत के गुलाबी रस से भीगे हुए छेद मे फिट करके
हरिया- देख बेटी अब यह जब अंदर घुसेगा तो थोड़ा ज़्यादा दर्द होगा और फिर तुझे एक दम से धीरे-धीरे आराम होने लगेगा, इसलिए ज़्यादा आवाज़ मत करना,
चंदा- आप फिकर ना करो बाबा मे सब सह लूँगी, चंदा के मुँह से यह बात सुनते ही हरिया ने एक तबीयत से ऐसा झटका मारा कि अपनी बेटी की कुँवारी चूत को फाड़ता हुआ सीधा उसका मोटा लंड आधे से ज़्यादा उसकी चूत मे फस गया और चंदा के मुँह से हेय मर गई रे बाबा की ज़ोर से आवाज़ निकल पड़ी हरिया ने जल्दी से उसका मुँह दबा कर एक दूसरा झटका इतनी ज़ोर से मारा कि उसका पूरा लंड जड़ तक उसकी बेटी की चूत को फाड़ कर पूरा अंदर समा गया और चंदा आह करके चीखती है और उसकी आँखो से आँसू आ जाते है उसकी चूत से खून की धार लग जाती है और वह अपनी टाँगे इधर उधर फेकने लगती है, तभी हरिया उसकी गान्ड के नीचे एक हाथ डाल कर उसे उठा कर अपने सीने से चिपका लेता है और धीरे-धीरे अपनी कमर को हिलाते हुए चंदा के दूध को दबा-दबा कर उसकी चूत मे झटके मारने लगता है,
चंदा आह छ्चोड़ दे बाबा बहुत दुख रहा है आह आह ओ बाबा,
हरिया- बेटी अपने बाबा से खूब कस कर चिपक जा अब बिल्कुल दर्द नही होगा अब देखना तुझे कितना मज़ा आएगा, चंदा अपने बाबा से पूरी तरह चिपक जाती है और हरिया अब कुछ तेज-तेज अपनी बेटी की चूत मे अपने लंड से धक्के मारने लगता है, हरिया का लंड अब चंदा की चूत मे कुछ चिकनाहट के साथ जाने लगता है पर उसके लंड को उसकी बेटी की चूत ने बहुत बुरी तरह जाकड़ रखा था इसलिए हरिया को अपनी बिटिया रानी को चोदने मे बड़ा मज़ा आ रहा था उसने चंदा की दोनो मोटी जाँघो को थाम कर अब सतसट अपने लंड से पेलाई शुरू कर दी और चंदा आह आह ओ बाबा आह अब ठीक है आह आह ओ बाबा बहुत अच्छा लग रहा है और तेज मारो बाबा तुम बहुत अच्छा मार रहे हो थोड़ा तेज मारो बाबा
हरिया अपनी बेटी की बात सुन कर उसे खूब हुमच-हुमच कर चोदने लगता है, अब हरिया खड़ा होकर अपनी बेटी को अपने लंड के उपर टाँगे हुए उसे अपने खड़े लंड पर उपर नीचे करते हुए उसकी चूत मारने लग जाता है, चंदा पूरे आनंद मे अपने बाबा से बंदरिया की तरह चिपकी हुई अपनी चूत मे अपनी औकात से बड़ा और मोटा लंड फसाए हुए मस्त झूला झूल रही थी, करीब आधा घंटे तक हरिया अपनी बेटी को अपने लंड पर बैठाए रहता है,
हरिया अपनी बेटी के छ्होटे-छ्होटे दूध को भी पकड़ कर मसलता है तब चंदा उससे खूब कस कर चिपक जाती है और उसका पानी निकल जाता है, हरिया अपने लंड पर उसे बिठाए हुए खाट पर बैठ जाता है और चंदा अपने बाबा के लंड पर आराम से अपनी चूत को फसाए हुए बैठी रहती है, हरिया अपनी चिलम निकाल कर एक बार जला कर फिर से एक तगड़ा काश खीचता है और फिर चंदा के मोटे-मोटे चुतड़ों को सहलाते हुए उसे अपने लंड पर लेकर फिर से खड़ा होकर खूब हुमच-हुमच कर चोदने लगता है,
करीब 10 मिनिट बाद हरिया अपनी बेटी को खाट पर लेता देता है और फिर उसके उपर लेट कर तबाद तोड़ तरीके से अपनी बेटी की चूत मारने लग जाता है और फिर कुछ तगड़े धक्के ऐसे मारता है क़ी चंदा का पानी अपने बाबा के लंड के पानी के साथ ही छूट जाता है और दोनो एक दूसरे से पूरी तरह चिपक जाते है,
कुछ देर बाद हरिया उठ कर पानी पीता है और थोड़ी देर बाद चंदा जब उठती है तो आह बाबा दर्द तो अभी भी लग रहा है
हरिया- अपनी बेटी के गालो को चूमते हुए, बिटिया ज़हरीला चिंटा था उसका जाहंर तो निकल गया पर इस दर्द को पूरी तरह मिटाने के लिए मेरे डंडे से तुझे रोज ऐसे ही अपना दर्द मिटवाना पड़ेगा तब ही कुछ दिनो बाद बिल्कुल दर्द मिट जाएगा,
चंदा-अपने बाबा के मोटे लंड को अपने हाथो मे भर कर दबाते हुए, बाबा तुम्हारा डंडा बहुत मस्त है मुझे तो बड़ा मज़ा आया है, अब तो मे खुद ही इस डंडे से अपना दर्द रोज मिटवाउन्गि
हरिया- अपनी बेटी की बात सुन कर खुश होता हुआ, हा बेटी ठीक है पर एक बात ध्यान रखना यह बात किसी को नही बताना अपनी मा को भी नही समझी, नही तो तेरी शादी नही हो पाएगी
चंदा- नही बाबा मे किसी को नही बताउन्गि
हारिया-अच्छा अब जा जाकर झोपड़ी मे थोड़ा आराम कर ले
रामू वहाँ से दबे पाँव उठ कर अपने खेतो की ओर चल देता है और उसका लंड उसे पागल किए जा रहा था उसके मन मे भी चोदने की एक बहुत ही बड़ी इच्छा ने जनम ले लिया था और वह यह सोच रहा था कि इस हरिया काका की चिलम मे कितना दम है अपनी बेटी को कितनी देर तक कितनी मजबूती से चोद्ता रहा, कितना मज़ा आया होगा उसे अपनी बेटी को चोदने मे, बस यही सोचता हुआ रामू अपने खेतो की ओर चल देता है,
खेत पर पहुचने के बाद रामू अपनी खाट बाहर निकाल कर गन्नो के बीच एक चोकोर जगह पर खाट डाल कर लेट जाता है पर उसकी आँखो मे तो बस चंदा की गुलाबी चूत ही नज़र आ रही थी, थोड़ी देर लेटे रहने के बाद रामू को कुछ दूरी पर रमिया आती हुई नज़र आ रही थी, रमिया 20 साल की हो चुकी थी और उसका शरीर वक़्त से पहले ही इतना भर चुका था कि उसे अगर अपने चूतड़ हिलाकर चलते हुए कोई भी देखे तो उसका लंड खड़ा हो जाए,
और वह भोली इतनी थी जैसे कोई बच्ची हो, रमिया जैसे ही रामू के पास आती है रामू उसे देख कर सोचने लगता है उसकी बहन रमिया तो चंदा से भी गोरी और भरे बदन की है रमिया की चूत कितनी बड़ी और गुलाबी होगी अगर रमिया की चूत मुझे उसी तरह चाटने और चोदने को मिल जाए जैसे हरिया ने अपनी बेटी की चूत चाट-चाट कर चोदि थी तो वाकई मज़ा आ जाएगा, पर इसके लिए उसे हरिया काका की चिलम पीना
पड़ेगी तभी वह अपनी प्यारी बहन को तबीयत से चोद पाएगा,
रमिया- अरे भैया आम खाओगे खूब पके है पास के पेड़ से गिरे थे तो मे उठा लाई,
रामू- रमिया के मोटे-मोटे पके आमो जैसी चुचियो को घूर कर देखते हुए, अरे
रमिया आम खाते थोड़े है आम को तो चूसा जाता है,
रमिया-अपने भैया से सॅट कर बैठते हुए, तो भैया चूसो ना और रमिया उसकी और एक पका हुआ आम बढ़ा देती है, रमिया ने एक स्कर्ट और उपर एक सफेद रंग की शर्ट पहन रखी थी शर्ट के अंदर ब्रा नही थी और उसके बटनो के बीच की गॅप से रमिया के मोटे-मोटे चुचे ऐसे कसे हुए नज़र आ रहे थे कि आम की साइज़ भी उसके तने हुए मस्त ठोस चुचियाँ से छ्होटे नज़र आ रही थी,
वही उसकी पुरानी सी स्कर्ट उसके घुटनो के भी उपर तक थी जिसकी वजह से उसकी भरी हुई गोरी पिंदलिया और मोटी-मोटी गदराई जंघे बहुत मादक नज़र आ रही थी, रामू का लंड अपनी बहना को देख कर अपनी धोती मे पूरा तन चुका था. रामू ने रमिया का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खिचते हुए,
रामू- क्यो री मा क्या कर रही है घर मे,
रमिया- अभी जब मे आई तो नहा रही थी,
रामू- वही घर के आँगन मे नहा रही थी क्या
रमिया- हाँ और दीदी भी उनके साथ नहा रही थी
रामू- दीदी ने क्या घाघरा चोली पहना था
रमिया- नही पेटिकोट पहन कर मा से अपनी टाँगे रगडवा रही थी,
रामू- अरे दीदी से कह दे कभी रामू से भी टाँगे रगडवा ले मे बहुत अच्छी टाँगे रगड़ता हू
रमिया- इठलाते हुए हटो भैया मुझे आम चूसने दो
रामू- आ मेरी गोद मे बैठ कर आराम से मे तुझे चुसता हू
रमिया झट से रामू की गोद मे जैसे ही बैठने जाती है रामू अपना हाथ उसकी स्कर्ट मे भर कर उसके भारी-भारी चुतड़ों से उपर उठा देता है और फिर उसके नंगे चुतड़ों को अपनी जाँघ पर रख कर उसे प्यार से सहलाता हुआ हल्के से उसकी तनी हुई चुचियो पर अपने हाथ रख कर उसे देखने लगता है, रमिया आम को दबा-दबा
कर उसका रस चूस रही थी और रामू रमिया के रसीले होंठो को देख रहा था, रामू उसका गाल चूमते हुए उसकी चुचियों को थोड़ा सा अपने हाथो मे भर कर अपने भैया को नही चूसाएगी,
रमिया-अपने भैया की ओर देखती हुई उसके मुँह की ओर आम कर देती है तब रामू आम को एक दम से हटा कर रमिया के रसीले गुलाबी होंठो को अपने मुँह मे भर कर चूसने लगता है और उसका हाथ अचानक ही रमिया की मोटी-मोटी चुचियो को शर्ट के उपर से खूब ज़ोर से मसल्ने लगता है,
रमिया- आह भैया यह क्या कर रहे हो मुझे दर्द हो रहा है, छ्चोड़ो ना
रामू- उसका मुँह छ्चोड़ कर उसके गाल को चूमता हुआ,
रामू से रहा नही जा रहा था उसका लंड पूरी तरह तन चुका था लेकिन वह जानता था कि रमिया इतनी भोली है कि बहुत सोच समझ कर उसे चोदना होगा,
रमिया आम खाने के बाद खड़ी होकर एक अंगड़ाई लेती है और भैया कोई मोटा सा गन्ना दो ना मुझे चूसने के लिए
रामू- उसकी बात सुन कर अपने लंड को मसल्ते हुए, रानी बहना गन्ना तो बहुत मोटा है पर क्या तू इतना मोटा गन्ना चूस लेगी,
रमिया वही गन्ने के बीच अपने भारी-भारी चुतड़ों को मतकाते हुए टहलने लगती है और अपनी बहन की कातिल कुँवारी जवानी देख कर रामू का मोटा लंड पागल होने लगता है, रामू अपनी बहन की एक छोटी सी स्कर्ट मे मटकती मोटी गान्ड देख कर उसके पीछे पीछे बिल्कुल उससे सतते हुए चलने लगा उसने रमिया के मोटे चुतड़ों को थामते हुए उससे पूछा ये इधर उधर क्या देख रही है रमिया,
क्रमशः.............
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