Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
08-05-2019, 01:27 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
कविता की चूत में आज तक सिर्फ उसके पति का लण्ड ही गया था, क्योंकी वो इस चीज को गंदा समझता था। इसलिए उसने कविता की चूत को कभी चूमा या चाटा नहीं था। कविता पहली बार अपनी चूत पर किसी मर्द के होंठों के अहसास से ही काँप उठी, और लाख कोशिश करने पर भी उसका जिम उसके वश में नहीं रहा।

ठाकुर- “वाह... बातें तो बहुत कर रही थी, यह क्या है? तुम्हारी चूत तो बता रही है की तुम बहुत मजे ले रही हो..." ठाकुर ने कविता की चूत से पानी को निकलता हुआ देखकर खुश होते हुए कहा।

कविता ठाकुर की बात सुनकर शर्म से पानी-पानी हो गई और शर्म के मारे अपनी टाँगों को बंद करने लगी। मगर तभी ठाकुर ने अपनी जीभ निकालकर कविता की चूत के छेद पर रख दिया और उसकी चूत से निकलते हुए पानी को अपनी जीभ से चाटने लगा। कविता की टाँगें अपनी चूत पर ठाकुर की जीभ के पड़ते ही बंद होने के बजाए अपने आप खुलने लगी।


कविता खुद समझ नहीं पा रही थी के ऐसा क्यों हो रहा है? उसका पूरा शरीर ठाकुर की इस हरकत से सिहर उठा और उसका जिश्म अकड़ने लगा। कविता का जिम अकड़ते हुए बहुत जोर से कांपने लगा। कविता ने अपने आपको बहुत रोकने की कोशिश की मगर उसके जिस्म ने उसका साथ नहीं दिया, और उसकी चूत से पानी की नदियां बहने लगी। कविता ने झड़ते हुए अपनी आँखें बंद कर ली। उसको झड़ते वक़्त बहुत ज्यादा मजा आ रहा था, जितना पहले कभी नहीं आया था और उसकी चूत से पानी भी पहले कभी इतना नहीं निकला था। कविता का जिम जब पूरी तरह झड़ने के बाद शांत हो गया तो उसकी आँखों से आँसू की नदियां बहने लगी।

ठाकुर- “अरे वाह... तुम्हारे तो दोनों तरफ से आँसू निकल रहे हैं...” ठाकुर ने जैसे ही कविता की चूत के पानी को चाटने के बाद अपना मुँह ऊपर किया तो उसको रोता हुआ देखकर बोला।।

कविता- “ठाकुर मेरा जिम चाहे मेरा साथ ना दे, मगर मेरी आत्मा मेरे साथ है...” कविता ने ठाकुर को देखकर वैसे ही रोते हुए कहा।।
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ठाकुर- “ठीक है। हमें भी तुम्हारा जिश्म चाहिए, आत्मा भले अपने पति को दे देना..." ठाकुर ने यह कहकर कविता की दोनों टाँगों को उसके पेट पर रख दिया और अपने फरफराते हुए लण्ड को उसकी गीली चूत पर घिसने लगा।

कविता ने ठाकुर के लण्ड को अपनी चूत पर घिसता हुआ पाकर शर्म से अपनी आँखें बंद कर ली। ठाकुर ने अपने लण्ड को पूरा गीला करने के बाद कविता की चूत के छेद पर रखते हुए एक जोर का धक्का मार दिया। ठाकुर का लण्ड कविता की चूत गीली होने के कारण आधा अंदर चला गया। कविता को थोड़ा दर्द हुआ, क्योंकी ठाकुर का लण्ड उसके मर्द के लण्ड से मोटा था। मगर उसने कोई आवाज नहीं की।

ठाकुर- “वाह... छोरी बहुत टाइट है तुम्हारी चूत... तुम्हारा मर्द नहीं चोदता क्या तुम्हें?” ठाकुर ने अपना आधा लण्ड घुसाने के बाद कविता की तरफ देखते हुए कहा। ठाकुर के लण्ड को कविता की चूत पूरी तरह जकड़े हुई थी इसलिए उसने कविता से पूछा था।

कविता ने ठाकुर का कोई जवाब नहीं दिया, और चुपचाप अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी रही। कविता ने आज तक सिर्फ अपने पति से चुदवाया था, जिसका लण्ड ठाकुर के लण्ड से छोटा और पतला था। ठाकुर ने अब अपने लण्ड को बाहर खींचकर कविता की चूत में धक्के मारने शुरू कर दिये। ठाकुर का लण्ड 5 इंच तक तो कविता की चूत में आसानी से घुस गया, मगर अब वो आगे नहीं जा रहा था। ठाकुर समझ गया की कविता के मर्द का लण्ड इतना ही लंबा है इसलिए उसकी चूत इतनी ही खुली हुई है।

कविता को अपनी चूत में ठाकुर का लण्ड बहुत जोर की रगड़ दे रहा था, क्योंकी वो उसके पति के लण्ड से बहुत मोटा था। इसलिए ठाकुर का लण्ड जैसे-जैसे अंदर-बाहर हो रहा था, कविता का जिश्म वैसे-वैसे ज्यादा गरम हो रहा था।


ठाकुर ने कुछ देर तक कविता को वैसे ही धक्के लगाने के बाद अब उसकी चूत में बहुत जोर से अपने लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा। ठाकुर अब अपना लण्ड कविता की चूत से पूरा निकालकर फिर बहुत जोर का धक्का देते हुए घुसा रहा था। जिससे ठाकुर का लण्ड अब थोड़ा-थोड़ा अंदर होते हुए कविता की चूत में पूरा घुस चुका था।

कविता को भी अब ठाकुर का लण्ड उसकी चूत में बहुत अंदर तक महसूस हो रहा था, जहाँ तक उसके पति का कभी नहीं पहुँचा था। ठाकुर के धक्के अब बहुत ज्यादा तेज और खतरनाक होते जा रहे थे, जिससे कविता का । पूरा जिश्म ठाकुर के हर धक्के के साथ हिल रहा था, और उसके मुँह से हर धक्के के साथ जोर की आहे निकल रही थी। कविता खुद नहीं जानती थी के उसे क्या हो गया है? वो ठाकुर का साथ कैसे दे रही है? कविता का जिश्म अचानक फिर से अकड़ने लगा और ठाकुर से चुदवाते हुए उसके चूतड़ अपने आप उछलने लगे।

ठाकुर समझ गया की वो फिर से झड़ने वाली है। इसलिए वो अपने लण्ड को पूरा बाहर खींचकर कविता की चूत में जोर के धक्के मारने लगा। अचानक कविता के मुँह से एक जोर की सिसकी निकली, उसकी आँखें बंद हो गई, और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी। ठाकुर ने कविता को फिर से झड़ता हुआ देखकर अपना लण्ड जड़ तक उसकी चूत में घुसाकर उसके ऊपर आते हुए उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों से खेलने लगा।
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