RE: Maa Sex Kahani माँ-बेटा:-एक सच्ची घटना
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मै अब क्या कहुँ समझ नहीं रहा है. आँख उठाके नानी को देखने को भी शर्म आ रहा है. मेरे मन में एक बिचित्र अनुभुति दौड़ रहा है. आज से में उनका दामाद हु, कोई प्यारा छोटा बच्चा नहि, जो उनका प्यारा पोता है. मुझे अब एक परिपूर्ण आदमी बनके उनको भी विस्वास देना है. ज़िन्दगी का हर रिलेशन पे अगर विस्वास, प्रतिबद्धता, ईमानदारी, निष्ठा न रहे और एक दूसरे के प्रति देखभाल, प्रेम , सुरक्षा न रहे , तो वह रिलेशन कैसा स्ट्रांग बनेगा. मुझे भी मेरे अंदर का संकोच और दुविधा छोड़के इस रिलेशन को ऐसे ही देखभाल करना पड़ेगा. मैं धीरे से सर उठाके उनके आँखों में आँख मिलाके कहा
?? आप को यह बात मालूम है की दुनिया में सबसे ज़ादा प्यार में आप की बेटी को ही करता हु. उनको खुश नहीं रखूँगा तो में कैसे खुश रहूँगा !!??
फिर में उनके हाथ पे मेरा हाथ रख के धीरे धीरे कहा
?? आप लोगो ने अपने पोते को दामाद बनाने का जो फैसला किया, उसको में अपनी जान देकर रक्षा करूँगा??.
नानी उनके हाथ से प्यार से माँ की ममता लेकर मेरे गाल सहलानेलगी. उनकी आँखों में ख़ुशी मेहसुस करने की एक अनुभुति प्रकट करके पुछि
?? मेरी बेटी उसके पति के साथ खुश रहेगी यह जानकर मुझे अब मरने का भी दुःख नहीं होगा.??
बोलकर नानी की आंख गिलि होने लगी और वह मुझे गले लगाना चाही. मैं आगे बढ़के उनके गले लग गया. वह प्यार से मेरे पीठ पे अपनी ममता के साथ हाथ फ़िराने लगी. उनके मन के इमोशन को थोडा क़ाबू करके फिर हसपड़ी और मेरे कान के पास धीरे धीरे कहि
?? चलो सब तो ठीक हो जायेगा. लेकिन मेरे मन में इन खुशिओं के साथ एक दुःख है??
मैन वैसे उनके गले लगे हुए पोजीशन पे रहके पुछा
?? वह क्या है मम्मी???
मै नानीजी को मम्मी कह्के बुलाया. वह इस चीज़ को मेहसुस किया और फिर थोड़ी टाइम बाद हस्ते हस्ते एकदम नीची आवाज़ से बोलि
?? मुझे दामाद मिला लेकिन पोता खो दिया. आब मुझे नानी बुलाने के लिए कोई नहीं है. मुझे नानी कह्के बुलाने के लिए कोई चाहिए??
बोलकर नानी हॅसने लगी और में उनके गले लगते हुए पोजीशन पे रहके शर्मा के बोला
?? आप भी न????.??.
मै एक नई हल्का येलो कलर का कुरता और वाइट पाजामा पेहेनके कॉटेज से बाहर निकलते ही देखा नाना वहा मैनेजर के साथ बात कर रहे है. मुझे देखते ही नानाजी और वह दोनों स्माइल दिया और नानाजी बोले
" आजाओ बेटा. हम चलते है. वह लोग बस आनेवाले है."
मुझे मालूम है हमारी हल्दी एक समय पर रखी हुई है , लेकिन होगी अलग अलग . हमारा और कोई रिलेटिव्स , फ्रेंड्स और फॅमिली न होने के कारन यह लोह यहाँ से कुछ लोगो का बंदोबस्त किया है. जो मुझे और माँ को अलग अलग हल्दी लगाएँगे. मैं कुछ न बोलके उनके पास जाने लगा. और तभी दूसरे कॉटेज का डोर खुल गया और हम सब उस तरफ मुड़के देखने लगे. नानीजी पहले निकलकर डोर के सामने खड़ी होकर अंदर की तरफ देखने लगी. और फिर माँ बाहर आयी. माँ डोर के पास आतेहि नानी उनका एक हाथ माँ के पीठ के ऊपर से लेजाकर उनको पकड़के धीरे धीरे आगे बढ्नेलगी. मैं बस माँ की तरफ देखते रह गया. वह एक येलो कलर की नयी साड़ी पहनी हुई है. साड़ी की बॉर्डर रेड और येलो से डिज़ाइन किया हुआ है. मैचिंग शार्ट स्लीव ब्लाउज पहन के रखी है. उससे उनके गोल गोल और लम्बे लम्बे गोरी बाजु और हाथ, और भी सुन्दर लगने लगे. उनके गले में एक गोल्ड चेन और दोनों हाथ में एक एक गोल्ड बँगल है. माथे पे एक छोटी लाल बिन्दी. और पैर में एक क्रीम कलर की फ्लैट स्लिपर पहनी हुई है. बाल जुड़ा करके थोड़ी ऊपर की तरफ बंधा हुआ है, जिसमे उनकी गर्दन और गले की लम्बाई पूरी तरह से नज़र आ रहा है. आज पहली बार लाल बिंदी और इस टाइप का ड्रेस में उनको देख रहा हु. इतने सिंपल ड्रेस में भी मुझे वह बहुत ज़ादा सेक्सी लगने लगी. वह उनके पापा मम्मी और मेरे सामने नज़र उठाने में शायद शर्मा गई. इसलिए नज़र नीचे करके नानी के साथ धीरे धीरे हमारे तरफ आनेलगी. वह इतनी सुन्दर लग रहा है की मेरे मन में बस एक ख़ुशी की लहर बहने लगी. उनको देखके लगता नहीं की वह ३६ साल की है और मेरी माँ है. बस एक नवजवान कुंवारी लड़की के जैसी शर्मा के आगे बढ़ रहा है. यहाँ का मैनेजर यह चित्र देख के कल्पना भी नहीं कर पायेगा की में उनका बेटे हु और यहाँ शास्त्र सम्मत तरीके से उनको शादी करके अपनी पत्नी बनाने के लिए आया हुं.
हम सब एक साथ सामने वाली इमारत की तरफ जाने लगे.
वहा एक रूम दुल्हन के लिए यानि की माँ के लिये, और दूसरे रूम दूल्हे के लिए यानि की मेरे लिए सजाके रखा है रिसोर्ट वाले. दो रूम में से बहुत आवाज़ आरहा है. बहुत सारी लेडीज भरी हुई है. कुछ लोग बाहर थे, हमें आते हुए देख के वह लोग अंदर चले गए और आगे की तैयारी सुरु करदि. मैनेजर के कहने पर नानीजी माँ को लेकर दुल्हन के रूम में जानेलगी. मैं माँ को जाते हुए देखा. उनका ब्लाउज पीछे से ज़ादा कट किया हुआ है. पूरी सुडौल गर्दन और कमर के ऊपरवाला हिस्सा साफ साफ नज़र आ रहा है. मेरे मन में एक हिल्लोल यानि की एक हलचल मचने लगा. जब में नीचे देखा तब उनके फ्लैट स्लिपर में पैर की मुलायम गुलाबी एडी नजर आई. मुझे क्या पता क्यूं, उनकी वह गोल गोल मुलायम गुलाबी एडी देखके मेरे पजामके अंदर लिंग में एक शिर शिरनी होने लगा. मुझे लगा की में अभी झुक के उनके सामने बैठके उनके वह गुलाबी पैर में मेरे चुम्बन दे दुं. मैं जानता हु की उनका सब कुछ बस मेरा ही होने वाला है. तब में प्यार से उनके पैर के हर कोना चुम्बन से भर दूँगा.
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