RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
दादाजान ने मेरे मम्मों को इतना चूसा की वो उनके थूक से खराब हो गये। मेरे मम्मों को चूसने के बाद दादाजान ने मेरी चिकनी चिकनी सेक्सी चूत पर हमला कर दिया और बड़ी बेदर्दी से मेरी चूत को चूमने और काटने लगे। दादाजान ने मेरी चूत में आग लगा दी थी।
और मैं बुरी तरह से मचलने और सिसकने लगी- “आह्ह्ह... उफफ्फ़... दादाजान बस करें उफफ्फ़... मैं मार जाऊँगी प्लीज मेरे हाल पर रहम करें आह्ह्ह... अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा है प्लीज़ अब मुझे और ना तड़पायें अह्ह... अब अपना मस्त मोटा लण्ड मेरी चूत में डाल दें आहहह... उफफ्फ़... फाड़ डालें मेरी चूत को... उफफ्फ़... प्लीज जल्दी डालें वरना मैं मर जाऊँगी आह्ह्ह..."
दादाजान मुश्कुराते हुये मुझ पर से उतरे और बोले- “तुम पहले मेरा लण्ड चूसकर तैयार तो करो..”
मैं सिसकी और कहने लगी- “नहीं दादा जान.. अहह... अभी आप मुझे ऐसे ही चोदें, मैं आपका लण्ड बाद में चूसूंगी, अभी आप जल्दी से मुझे चोदें, मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ, मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज आप मेरे हाल पर रहम करें और चोद डालिए मुझे...”
दादाजान मुश्कुराये और बोले- “अगर ऐसी बात है तो ये लो...” दादाजान ने घुटनों के बल बैठकर मेरी टांगें उठाकर अपने कंधों पर रखी और अपने लण्ड की टोपी को मेरी चूत के सुराख पर रखकर बोले- “निदा मेरा लण्ड बहुत सख़्त और मोटा है तुम्हें बहुत दर्द होगा...”
मैं सिसकारी लेकर बोली- “आह्ह्ह... दादाजान आप मेरी फिकर ना करें, मैं हर दर्द बर्दाश्त करने को तैयार हूँ, अब आप मेरी परवाह ना करें और अपनी पूरी ताकत लगाकर एक ही झटके में अपना मस्त लंबा मोटा लण्ड मेरी छोटी सी चूत में डाल दें... फाड़ दें मेरी चूत को, जल्दी करें..”
मेरी बात सुनकर दादाजान हँसे और बोले- “तो फिर संभालो मेरी जान...” ये कहकर दादाजान ने एक शदीद झटका मारा।
और उनका मस्त मोटा लण्ड मेरी छोटी सी चूत को बुरी से फाड़ता हुवा जड़ तक अंदर घुस गया। दादाजान का ये झटका इतना जोरदार था की मैं बुरी तरह से तड़प गई और मेरे हलाक से एक तेज भयानक चीख निकली“आह्ह... मैं मर गईई...”
दादाजान हँसे और बोले- “क्यों एक ही झटके में सारे कस बल निकल गये..” ये कहकर उन्होंने एक और झटका पहले से ज्यादा जोरदार मारा।
मेरे हलक से फिर चीख निकली और मेरी नन्ही सी चूत दादाजान का इतना जोरदार झटका बर्दाश्त नहीं कर सकी और मैं झड़ गई।
मेरे झरने पर दादाजान हँसने लगे और बोले- “अरे निदा तुम्हारे अंदर बस इतना ही दम था की तुम मेरा दूसरा ही झटका बर्दाश्त नहीं कर पाई...”
दादाजान की बात सुनकर मैं शर्म से पानी-पानी हो गई। मैं अपनी शर्मिंदगी मिटाने के लिए बोली- “वो दादाजान आपका लण्ड बहुत मोटा लंबा और बहुत ज्यादा सख़्त है, मेरी चूत बिल्कुल नाजुक सी है, ये आपका इतना शानदार लण्ड बर्दाश्त नहीं कर पाई है और वैसे भी आपने झटका ही इतना जोरदार मारा है की यहां मेरी जगह कोई भी प्रोफेशनल रंडी होती तो वो भी झड़ जाती...”
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