RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मैंने ब्लैक, पर्पल और सफेद कलर की नेट की ब्रा पसन्द की और दो नेट की पैंटीस मैचिंग की और एक थोंग (पैंटी) ली। थोंग के लिए मुझे उससे थोड़ा एक्सप्लेन करना पड़ा और थोंग देखके अंकल भी खुश हो गये। वहाँ पेमेंट की तो उस वक़्त 2:30 बज गये थे और मुझे अभी अपने लिए फुटवेयर लेने थे, मैंने अंकल से पूछा की। आपको कुछ नहीं लेना तो उन्होंने कहा की नहीं। फिर हमने डिसाइड किया की पहले लंच किया जाए फिर बाकी शापिंग।
यहाँ भी यही हाल की सब मेरी तरफ मुतवजा और उन लोगों को बड़ा मसला था जिनके साथ कोई लड़की या आंटी होती। जाहिर है मोका पाकर ही मेरी तरफ देखते। मैं बहुत मज़ा कर रही थी ये सब का। अंकल मेरे सामने ही बैठे थे और कहने लगे की तुम मेरी रानी हो, मेरी मलिका हो, तुम वाकयी ही बहुत हसीन, बहुत ही सेक्सी। हो। मेरा बस चले तो तुम्हें खा ही जाऊँ और मैं हँस पड़ी और मैंने कहा की अंकल आप भी कम नहीं हैं, आपने भी क्या छांट के कैप्री दीलायी हैं। सभी मुझे देखके पागल हो रहे हैं और वो हँसते हुये कहने लगे की अगर तुम किसी और देश में होती तो मैं तुम्हें मिनी स्कर्ट्स और टाप में ही रखता हर समय। और मैंने अंकल को बताया की मुझे खुद भी बहुत शोक है मगर यहाँ कहाँ पहन सकते हैं।
इसके बाद हमने जूते खरीदे और घर की तरफ चल पड़े। घर पहुँचे तो 4:00 बज रहे थे। मैंने अंकल से कहा की मैं थोड़ा थक गई हैं, जरा आराम करना चाहती हूँ। अंकल ने कहा की हाँ आराम तो मैं भी करूंगा और ये कहती हुये वो मुझे अपने बेडरूम में ले गये, और कहने लगे की यहाँ बेड पर आराम करो और मुझसे पूछा की अगर मैं भी यहाँ लेट जाऊँ तो तुम्हें कोई ऐतराज तो नहीं?
मैं मुश्कुराई और कहा की- “मुझे कोई ऐतराज तो नहीं है लेकिन मैं इस वक़्त आराम ही करना चाहती हूँ...”
मेरी ये बात सुनकर अंकल थोड़े शर्मिंदा से हुये और कहने लगे की- “मेरा मतलब वो नही था... खैर मैं दूसरे कमरे में लेट जाता हूँ...”
मैंने उनका हाथ पकड़के कहा की जैसे आपकी मर्जी। अंकल मुश्कुरा दिए और मेरे दोनों गालों पर किस करके चले गये। एक घंटे बाद अंकल ने मुझे जगाया और मैं फ्रेश होने चली गई और फिर मैंने अंकल से चाय (टी) की फरमाइश कर दी और अंकल दो कप्स में चाय लेकर आ गये। चाय हमने बेडरूम में ही पी। चाय से फ्री हुये तो आलमोस्ट 6:00 बज रहे थे।
अब अंकल की बेकारारी बढ़ती जा रही थी और सच तो ये है की बेचैन मैं खुद भी थी। अंकल बिल्कुल मुझसे । चिपक के बैठ गये थे। अंकल पहले ही मेरे कंधों पर हाथ रख चुके थे और उन्होंने अपनी ग्रिप टाइट कर ली थी और अब मेरा चेहरा उन्हीं की तरफ था। उनकी सांसें बहुत गरम थीं। वो मेरी आँखों में देखते हुये कहने लगे की मैं आज अपने आपको बहुत खुशनसीब महसूस कर रहा हूँ। तुम्हारा हुश्न नाकाबिले बर्दाश्त है। आज मैं तुमसे खेलना चाहता हूँ। क्या तुम मेरा साथ दोगी?
मैंने कहा- “हाँ अंकल, मैं आपके साथ हूँ। आप बहुत अच्छे हैं। मैं आपको पूरी तरह खुश कर देंगी...”
उन्होंने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे चेहरे को अपनी जबान से चाटने लगे। उनकी जबान गालों पर और माथे पर चल रही थी। फिर उन्होंने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया। मैंने भी पूरा जवाब दिया उनके फ्रेंच किस का, तीन मिनट के बाद हमारी जबाने एक दूसरे की जबानों को छू रही थी और एक दूसरे को खींच रही थीं। मैंने अंकल को बता दिया की मुझे पूरी तरह बहकने के बाद ही मजा आता है इसलिए उन्होंने मुझे बहकाने की पूरी प्लानिंग कर ली थी। मेरी जबान को छोड़कर अब वो मेरी गर्दन चाट रहे थे और और फिर वो धीरे से मेरी चूचियों पर आ गये और ऊपर से दबाने लगे।
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