Kamukta Kahani अहसान
07-30-2019, 01:23 PM,
#43
RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-41

उसके बाद ख़ान ने फोन बंद कर दिया ऑर मैने उस फोन को वही तोड़कर फैंक दिया फिर मैं वापिस होटेल मे आ गया. अब मुझे अगले दिन तक सिर्फ़ इंतज़ार करना था क्योंकि ऑर कोई कम मेरे पास करने को नही था. मैं बाहर भी नही जा सकता था क्योंकि ख़ान ने मुझे बाहर जाने से मना किया था. ऐसे ही मैने अगला सारा दिन सिर्फ़ टीवी देख कर ऑर सो कर ही गुज़ारा. अगली शाम को किसी ने मेरे रूम का दरवाज़ा खट-खाटाया तो मैने जल्दी से पहले अपनी पिस्टल निकाली ऑर उसको अपनी कमर के पिछे टाँग लिया ऑर आहिस्ता से दरवाज़ा खोल दिया सामने राणा खड़ा था जिसके साथ 2 ऑर आदमी थे.

मैं : तुम हो... यार कल कहाँ चले गये थे कुछ बताया भी नही.

राणा : भाई ख़ान साहब का ऑर्डर था कि अगर वो लोग कुछ नाटक करे तो पैसे वही छोड़कर चले जाना.

मैं : ठीक है

राणा : भाई वो दोनो बॅग कहाँ है.

मैं : (उंगली से इशारा करते हुए) बेड के नीचे पड़े है निकाल लो.

राणा : (झुक कर बेड के नीचे देखते हुए) ठीक है.... भाई आप जल्दी से तेयार हो जाओ अभी निकलना है.

मैं : अब कहाँ जाना है.

राणा : (दोनो बॅग बाहर निकलते हुए)भाई वो लोग जिनका ये माल है वो उस आदमी का चेहरा देखना चाहते हैं जिसने उनका माल लूटा था ऑर उनके लोग मारे थे.

मैं : मतलब मुझे... कुछ गड़-बॅड तो नही होगी.

राणा : भाई फिकर मत करो आपके ही पुराने साथी हैं आपको क्या होना है. वैसे भी शीक साहब का माल हर कोई नही लूट सकता.

मैं : तो क्या मैं अब शीक साहब से मिलने वाला हूँ.

राणा : नही भाई अभी तो आपको बस लाला भाई ऑर गानी भाई ही मिलेंगे.

मैं : ठीक है... जाना कहाँ है

राणा : आपके पुराने क्लब मे जाना है भाई

मैं : ठीक है

उसके बाद मैं जल्दी से बाथरूम मे गया ऑर तेयार हो के बाहर आ गया. फिर मैं राणा ऑर बाकी वो 2 लोग कार मे बैठ कर निकल पड़े. कुछ देर बाद कार पार्किंग वाली जगह पर रोक दी गई ऑर हम सब बाहर निकल आए. राणा मुझे एक अजीब सी जगह लेके गया जहाँ बहुत तेज़ म्यूज़िक बज रहा था. हमे वहाँ खड़े 2 लोगो ने दूसरे गेट से अंदर जाने का इशारा किया तो हम लोग दूसरी तरफ से अंदर चले गये. वहाँ गेट पर हम सबकी अच्छे से तलाशी ली गई ऑर मेरी पिस्टल वही बाहर ही निकाल ली गई. अब मुझे सच मे डर लग रहा था क्योंकि अब हम मे से किसी के पास भी हथियार नही थे. बढ़ते हुए हर कदम के साथ मेरे दिल की धड़कन भी बढ़ रही थी. लेकिन राणा एक दम खुश ऑर बहुत सुकून से मुस्कुराता हुआ चल रहा था जैसे कुछ हुआ ही ना हो. हम लोगो के पिछे 4 लोग गन्स लिए चल रहे थे उन्होने हमे एक कॅबिन मे बिठा दिया जिसके सामने वाली कुर्सी खाली पड़ी थी. हम चारो अपने सामने पड़ी कुर्सियो पर बैठ गये. मैं कमरे को देखने लगा जो काफ़ी शानदार तरीके से सजाया गया था उसकी हर चीज़ काफ़ी कीमती लग रही थी. तभी राणा की आवाज़ आई...

राणा : भाई अब सब आपके उपर ही है संभाल लेना.

मैं : भेन्चोद वो जो बाहर तेरा बाप खड़ा था उसने मेरी पिस्टल ले ली हैं अब इनको क्या मैं टेबल कुर्सी से संभालूँगा चूतिए....

राणा : भाई आपके हाथ जोड़ता हूँ यहाँ हाथ मत उठाना नही तो बहुत समस्या हो जाएगा हम मे से कोई भी ज़िंदा बाहर नही जाएगा.

मैं : तो साले यहाँ मेरी क्या क़ुर्बानी देने के लिए लाया है मुझे.

तभी पिछे से कॅबिन का गेट खुला ऑर 5-6 लोग अंदर आए जिन्होने हम सबके सिर पर बंदूक तान दी इसलिए हम सब लोग हाथ उपर करके अपनी-अपनी जगह से खड़े हो गये. मैं अभी सोच ही रहा था कि इनको कैसे संभालू कि तभी दुबारा कॅबिन का दरवाज़ा खुला ऑर 2 ऑर लोग अंदर आ गये इनको मैं पहले देख चुका था ये लाला ऑर गानी थे जो शीक के होटेल्स ऑर क्लब्स संभालते थे. वो दोनो शायद भाग कर आए थे इसलिए उनकी साँस फूली हुई थी. आते ही वो दोनो मुझे बड़े गौर से देखने लगे ऑर मेरे पास आके मेरे सिर पर लगी बंदूक को झटके से उधर कर दिया ऑर जिसने मेरे सिर पर बंदूक तान रखी थी उसको थप्पड़ मार कर गालियाँ देने लगे....

गानी : भेन्चोद इतना भी नही पता अपने लोगो पर बंदूक नही तानते ये तो अपना भाई है शेरा (मुझे गले लगाते हुए)
लाला : (मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए) ओये तू कहाँ था यारा इतने वक़्त से हम सब ने तुझे कितना ढूँढा. जापानी तो तेरे पिछे पागल सा हुआ पड़ा था शीक साहब भी परेशान हो गये थे हमने तो सोचा तू मर मूक गया होगा.

गानी : क्या हुआ यार तू हम को ऐसे क्यो देख रहा है.

राणा : मैने अपना वादा पूरा किया अब माल मैं रख सकता हूँ.

लाला : ओये तू नही जानता तूने हम को हमारी ताक़त दे दी है जा रख ले शीक साहब का इनाम समझ कर.

गानी : राणा रुक ओये... तूने बताया नही हमारा माल लूटने की हिम्मत किसने की थी.

मैं : मैने....
लाला : ओये तूने.... वही मैं सोच रहा था ये शेर का शिकार कौन खा गया.

मैं : शेर का शिकार सिर्फ़ शेरा ही खा सकता है.

गानी : सच कहा यार तूने....लेकिन यार तू इतने वक़्त तक था कहाँ पर.

राणा : भाई जान इनको पिच्छला कुछ भी याद नही है याददाश्त एक दम सॉफ हो चुकी है.

लाला : तुझे ये मिला कहाँ पर ये बता.

मैं : कुछ महीने पहले मैं एक ग़रीब किसान को मिला था अधमरी ऑर ज़ख्मी हालत मे जिन्होने ना सिर्फ़ मुझे बचाया बल्कि मेरी मरहम पट्टी भी की मगर जब तक मुझे होश आया तो मुझे कुछ भी याद नही था. (मैने उनको वही बताया जो ख़ान ने मुझे कहने को बोला था)

गानी : यार कहाँ रहता है वो ग़रीब किसान हम को बता उसका घर भर देंगे नोटो से जिसने हमारे यार हम को लौटा दिया उसकी 7 पुश्तो को काम नही करना पड़ेगा.

राणा : वो अब इस दुनिया मे नही रहे भाई जान. इसलिए ये शहर आए थे काम की तलाश मे मेरे एक आदमी ने इनको पहचान लिया तो हमने इनको अपने साथ काम पर लगा लिया.

लाला : (राणा को धक्का देते हुए) ओये भेन्चोद तुउउउ काम देगा शेरा को... साले औकात क्या है तेरी... 2 टके का डीलर है. गानी ठोक दे इस मदर्चोद को.

राणा : (लाला के पैर पकड़ते हुए) माफी भाई जान मैं तो बस इनको आप तक ही पहुँचाना चाहता था ऑर कुछ नही.

गानी : तेरा मकसद नेक़ था लेकिन तूने हमारा माल लूटने की ऑर हमारे आदमी मरवाने की ग़लती कैसे की इसको तो कुछ याद नही है लेकिन तू तो सब जानता था ना.

लाला : (मुझे कॅबिन से बाहर लेके जाते हुए) चल आ भाई तुझे तेरी असल जगह दिखाऊ इसको गानी संभाल लेगा.

मैं : पहले इसको जाने दो इसने कुछ नही किया उन लोगो को मैने मारा था.

गानी : ठीक है भाई तू कहता है तो माफ़ किया (राणा को लात मारते हुए) चल भाग जा भोसड़ी के ऑर दुबारा नज़र मत आना मुझे... इस बार तू शेरा की वजह से बच गया अगली बार हमारे माल पर हाथ डालने के बारे मे सोचा भी याद रखना जो बक्ष्णा जानते हैं वो जान लेना भी जानते हैं.

राणा : (मेरे पैर पकड़ते हुए) आपका बहुत-बहुत शुक्रिया शेरा भाई.

मैं : चल जा यहाँ से.

लाला : यार गानी तू शेरा को लेके चल मैं ये खुश खबरी अभी सबको देके आता हूँ.

उसके बाद मैं ओर गानी कॅबिन के बाहर क्लब मे उपर आ गये. जहाँ एक काँच के ग्लास से नीचे का तमाम नज़ारा दिखाई दे रहा था. मैं उस काँच के पास खड़ा होके नीचे नाचते लड़के-लड़कियो को देखने लगा जो म्यूज़िक की रिदम पर थिरक रहे थे.

गानी : (शराब का ग्लास मेरी तरफ करते हुए) ये ले भाई तेरे मिलने की खुशी मे

मैं : नही शुक्रिया मैं पीता नही हूँ.

गानी : (हैरान होते हुए) ओये मेरे दारू के टॅंकर तेरी तबीयत तो ठीक है तू तो कूरली भी दारू से करता था तुझे क्या हो गया यार.

मैं : मुझे कुछ याद नही है ऑर मैं जब से ठीक हुआ हूँ तब से मैने दारू को हाथ तक नही लगाया इसको पीना तो दूर की बात है.

गानी : ठीक है भाई तेरी मर्ज़ी.... वैसे क्या देख रहा है नीचे.... कोई पाटोला (सुंदर लड़की) पसंद आया है तो बता उठा लेते हैं साली को.... (मेरे कंधे पर हाथ मारकर हँसते हुए)

मैं : नही यार मैं तो ऐसे ही देख रहा था (मुस्कुराते हुए)

तभी लाला भी वहाँ आ गया.

लाला : बता मेरे यार क्या सेवा करे तेरी... ओये तेरा हाथ अभी तक खाली है यार गानी दारू दे भाई को.... इतनी मुद्दत बाद अपने ग़रीब खाने मे आया है शेरा.

गानी : (ना मे सिर हिलाते हुए) साहब ने छोड़ दी है यार

लाला : हैंन्न्न्..... ओये साची... ज़रा मुँह इधर करना शेरा...हाहहहहाहा

मैं : हाँ मैं दारू नही पीता

लाला : भाई शेर खून ना पीए तो हम मान सकते हैं लेकिन शेरा दारू ना पिए ये बात तो हमारी भी समझ से बाहर है... क्या यार उस बूढ़े ने हमारे यार का बेड़ा-गर्क कर दिया है.

मैं : दुबारा उस बुजुर्ग के लिए कभी ग़लत लफ्ज़ मत निकालना.... उस इंसान ने मुझे नयी जिंदगी दी है समझे...

गानी : अर्रे यार गुस्सा क्यो होता है भाई लाला तो मज़ाक कर रहा था चल अब नही बोलेगा जाने दे... माफ़ कर दे यार.

लाला : (कान पकड़ कर उठक-बैठक निकालते हुए ) लेह भाई बसस्सस्स

तभी एक आदमी वहाँ आया ऑर उसने गानी के कान मे कुछ कहा ओर चला गया.

गानी : यार शेरा तुझे जापानी ऑर सूमा बुला रहे हैं.

मैं : कहाँ पर...

गानी : वही.... यार तेरी पुरानी मान-पसंद जगह पर ऑर कहाँ....

लाला : तू भी ना गानी यार उसको कुछ याद नही है ऑर तू लगा है अपनी चावल मारने. (मेरी बाजू पकड़ते हुए) चल भाई मैं तुझे लेके चलता हूँ.

मैं : ठीक है चलो लेकिन यार मेरी गन तो वापिस कर दो तुम्हारे आदमियो ने तलाशी लेते हुए निकाल ली थी. (हँसते हुए)

गानी : अर्रे यार इतनी सी बात ये ले तू मेरा घोड़ा (गन) रख ले मैने कल ही नया खरीदा है अगर पता होता तू आ रहा है तो तेरे लिए भी एक ऐसी मंगवा लेता.

मैं : नही यार तूने अपने लिए मँगवाई है तो मैं ये नही ले सकता इसको तू ही रख.

गानी : अर्रे यार क्या लड़की जैसे नाटक कर रहा है ये ले रख चला के देखना एक दम माखन है माखन रेपिड फाइयर है
जर्मन ऑटोमॅटिक 12 राउंड है जब तक सामने वाले की एक गोली निकलेगी तेरी 6 गोलियाँ निकल चुकी होंगी.... ये ले रख (ज़बरदस्ती मेरी बेल्ट मे फसाते हुए)

मैं : शुक्रिया गानी भाई....

गानी : ओये ये शरीफो के चोंचले कहाँ से सीख कर आया है यार चल इधर आ यारो को शुकरिया ऐसे बोलते हैं... (मुझे गले लगाते हुए)

लाला : अगर तुम्हारा लैला मजनू का रोमॅन्स ख़तम हो गया हो तो हम लोग चलें.

मैं : हाँ...हाँ...चलो....
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Kamukta Kahani अहसान - by sexstories - 07-30-2019, 12:53 PM
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