Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-20-2019, 09:31 PM,
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सवी उठ के चली गयी...वो जानती थी...ना सुनेल सोया होगा और ना ही मिनी.....

उसके जाने के बाद...

विजय रूबी से.....पगली बड़ों के बारे में इतनी जल्दी धारणाएँ नही बनाते......तेरी माँ तो वो हीरा है जो जिंदगी की तपिश में पक कर और भी चमकने लगी है....

वहाँ आरती सोच रही थी...उसकी वजह से सवी को क्या क्या नही भुगतना पड़ा.

कुछ पल शांति रही....

विजय....बेटी अब तो तुझे शादी से कोई इतराज नही ना...तेरी माँ की कोई ग़लती नही...और हां अभी सुनेल के बारे में किसी को कुछ मत बोलना...उसे ठीक हो जाने दो...फिर ये खुशख़बरी मैं खुद सुनील और सुमन को दूँगा....बहुत कुछ बदल चुका है...सुनेल जब ठीक होगा तो उसे बहुत कुछ समझाना पड़ेगा....

रूबी...जी अंकल....

विजय...अब भी अंकल...अब तो पापा बोल दे...

रूबी ...पापा ...और विजय के सीने से लग रोने लगी...

विजय...बस बेटी ..तेरा ये पापा है ना...और फिर तेरे पास तो सुनील है...तू क्यूँ रोती है...

आरती.....बेटी अब कुछ देर सो जाओ.....दिन हो ही चुका है...और आज का दिन बहुत बिज़ी रहेगा.....अपने पापा की बात याद रखना....सुनील और अपनी दोनो भाभियों से अभी सुनेल के बारे में कुछ मत बोलना...

रूबी ...जी मोम...

आरती ...उसके माथे को चूमते हुए...अच्छा हम चलते हैं ...3-4 घंटे आराम से सो जाओ...फिर आएँगे...

इतना कह दोनो चले जाते हैं...दिल और दिमाग़ में तुफ्फान लिए हुए.....

रूबी बिस्तर पे लेट गयी और सोचने लगी ...कितना अपमान किया उसने अपनी माँ का....आँखों से आँसू टपकने लगे ...इस वक़्त वो बड़ी शिद्दत से सवी को याद कर रही थी..ताकि उसके पैर छू उससे माफी माँग सके...और ये भी अच्छी तरहा जानती थी....कुछ घाव बच्चे ऐसे दे देते हैं..कि माँ बाप माफ़ तो कर देते हैं पर उनका दर्द सारी उम्र वो सहते रहते हैं...ऐसा ही तो घाव उसने सवी को दे दिया था....

कमरे से निकल जब सवी सुनेल ( अब यही नाम इस्तेमाल होगा) के कमरे तक पहुँची ....तो दरवाजा खुला था...दोनो एक एक कुर्सी पे बैठे हुए थे...सुनेल ड्रिंक्स ले रहा था और मिनी....रोते हुए उसे हर बात याद दिलाने की कोशिश कर रही थी.....

सवी...मिनी.....

मिनी ने तड़प के सवी की तरफ देखा.....माँ इन्हें कुछ याद क्यूँ नही आ रहा...

सुनेल....प्लीज़ मुझे अकेला छोड़ दो ...मेरा दिमाग़ फट जाएगा...

सवी...कुछ नही होगा बेटा...अब ये तुम्हें तंग नही करेगी...बस तुम्हारी मदद ही करेगी...बहुत हो गया...ये ड्रिंक छोड़ो...कुछ देर सो जाओ...आज तुम दोनो को मुंबई जाना है...

मिनी...यूँ यकायक अगर यहाँ से गायब हुई तो सुनील....वो तो पागलों की तरहा ढूँडने लग जाएगा....ये सोचते हुए...पर माँ...

सवी वो सब मैं देख लूँगी...ये पकड़ ...चाबियाँ घर की...ये अड्रेस है.....तेरा समान मैं यहाँ भिजवा दूँगी.......साथ में तुम लोगो की टिकेट्स भी...

जब मुंबई पहुँच जाना तो मुझे फोन करना...अब दोनो चुप चाप थोड़ी देर के लिए सो जाओ.....

सवी के जाने के बाद...

मिनी..सुनेल...सॉरी...बहुत तंग किया तुम्हें...अब कुछ देर सो जाओ...चलो मैं तुम्हारा सर दबा देती हूँ..नींद आ जाएगी...

सुनेल कुछ पल उसे देखता रहा और फिर बिस्तर पे लेट गया...मिनी उसके पास बैठ उसका सर दबाने लगी....और सुनेल को ज़्यादा देर ना लगी सोने में....उसके सोने के बाद ...मिनी भी उसी बिस्तर पे उसके पास लेट गयी.....उसके चेहरे को देखते हुए ..उस उपरवाले से दुआ करने लगी...की सुनेल को सब याद आ जाए...

आरती और विजय जब अपने कमरे में पहुँचे …पो फट चुकी थी…जो कुछ सवी से सुन के आए थे उसके बाद नींद किसे आनी थी..फिर भी दोनो कुछ देर आराम करने बिस्तर पे लेट गये…

विजय जहाँ सुमन के दर्द के बारे में सोच रहा था…वहीं आरती सविता के दर्द के बारे में सोच रही थी….अगर विजय उसे नही अपनाता तो आज सविता कितनी खुश होती…ये दुख भरे दिन..ये जलालत जो उसने तमाम उम्र भोगी….ऐसा नही होता…..आज वो कितनी खुश होती…..आरती को खुद पे ग्लानि हो रही थी….

आरती …विजय आज कुछ मांगू तो दोगे…..

विजय….कुछ ऐसा मत माँग लेना …जो मैं ना दे सकूँ…वो समझ गया था आरती क्या माँगनेवाली है…

आरती…..भाभी ने बहुत दुख झेले हैं..उन्हें उनकी खुशियाँ लोटा दो……

विजय….किस तरहा…हम सब कुछ करेंगे..ताकि सवी की जिंदगी में फिर से बाहर आ जाए…एक माँ के लिए उसकी बेटी का हँसी खुशी सेट्ल होना सब से बड़ी बात होती है…मैं रूबी को कभी कोई दुख नही पहुँचने दूँगा….

आरती ..वो तो मैं जानती हूँ..मैं सवी के बारे में…

विजय…आरती (* कुछ ज़ोर से) …कभी भूल के भी ऐसी वाहियात बात मत सोचना….

आरती…मैं ये नही कह रही कि जाओ और आज ही उसे अपनी बाँहों में समेट लो…..लेकिन मेरी बात पे सोचना ज़रूर…..मुझे खुद के वजूद से ग्लानि होती है…जब भी उसकी दुखी जिंदगी के बारे में सोचती हूँ…
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 07-20-2019, 09:31 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,467,510 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,654 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,218,561 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 921,384 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,634,014 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,938 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,924,105 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,968,142 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,997,460 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,690 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 13 Guest(s)