Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-20-2019, 09:26 PM,
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील तेज़ी से सोनल की चूत चूस रहा था .......कभी उसकी चूत एक लब को सख्ती से चूस्ता तो कभी दूसरे को और अपनी ज़ुबान से उसे चोदने में लगा हुआ था .....

अहह उफफफफफफफफफ्फ़ उूउउइईईईईईईईई

सोनल ज़ोर ज़ोर से सिसक रही थी.........

सूमी भी अपने चर्म की तरफ तेज़ी से बढ़ रही थी..... उसने सोनल के निपल को छोड़ दिया और तेज तेज सिसकियाँ भरने लगी ....

पूरे कमरे में सूमी और सोनल की सिसकियाँ गूँज रही थी ....सोनल से और ज़्यादा देर तक ...अपनी चूत में उफ्फनती हुई तरंगों को और बर्दाश्त ना कर पाई और अपनी चूत को सुनील के मुँह पे दबा झड़ने लगी............सुनील लपलप उसका रस पी गया और सोनल उसके उपर से हट के बिस्तर पे गिर पड़ी ......

सुनील भी हाँफने लगा उसके हटने के बाद क्यूंकी सोनल ने सख्ती से उसके सर को अपनी चूत पे दबा रखा था.....

सूमी भी ...सुनील के लंड पे उछलती उछलती थक गयी थी और सोनल के हटते ही वो सुनील पे गिर पड़ी........और हाँफने लगी...

कुछ देर बाद सुनील ने पलटी मारी और सूमी को अपने नीचे ले लिया ...उसका लंड अभी भी सूमी की चूत में घुसा हुआ था....

सूमी ने अपनी बाँहों का हार सुनील के गले में डाल दिया और उसके कान में फुसफुसाई.......'अब तो मुझे बेटा दे दो......अब किस बात का डर ...सारी दुनिया में तो एलान कर चुकी हूँ...अपनी शादी का ...'

सुनील....स्वीट हार्ट ...रूबी की शादी हो जाने दो ...फिर हम तीन और हमारे 4 ......

सूमी .....उसका मेरे बेटे से क्या मतलब...होती रहेगी उसकी उसकी शादी ...मुझे अब छोटा सुनील चाहिए जल्दी अपनी गोद में........प्लीज़ मान जाओ ना .....

सोनल जो सब सुन रही थी ......हम तीन और हमारे दो......एक एक ही ढंग से पाल लें तो गनीमत है ....

सुनील...अरे ये सब बाद की बातें हैं....इतनी जल्दी भी क्या है....

सूमी ...मुझे है ना ...समझा करो .....प्लीज़ प्लीज़ ...मेरा सोनू ...मेरी जान ..मान जाओ ना ....

सोनल...मान जाइए ना .....देखो दीदी के पास इतना वक़्त नही है और जब शादी डिक्लेर हो चुकी है तो जाहिर है माँ तो बनेगी ही ना.....फिर देरी कर के कॉंप्लिकेशन्स को मौका क्यूँ देना......

सुनील........इस टॉपिक पे कल बात करें.......

सोनल.....हज़ूर मौका भी है दस्तूर भी और दो दिन में दीदी का फर्टाइल पीरियड भी शुरू हो जाएगा ...........कितना अच्छा लगेगा जब प्यारा सा गोलू सा छोटा सुनील हमारी गोद में खेलेगा ...........प्लीज़ डार्लिंग मान जाओ ना .....जो मुश्किल थी वो सॉल्व हो चुकी है ....अब क्या डरना किसी से ...

सुनील ...गौर से सूमी को देखने लगा .....

सूमी की आँखें नम हो चुकी थी ...वो आस भरी नज़रों से सुनील को देख रही थी........

सुनील ने अपने होंठ सूमी के होंठों से सटा दिए और अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा .....



अहह सस्स्सुउुउउनन्निईल्ल्ल्ल हहाआंणन्न् कककाअरर द्दूव न्न्नाअ

'जैसी तुम्हारी मर्ज़ी ....खुश अब........'

'उम्म्म्मम लव यू...लव यू...लव यू....'

'एक बार सोच ज़रूर लेना अच्छी तरहा....'

'सब सोच लिया ...अब तो यहाँ से प्रेग्नेंट हो कर ही निकलूंगी......लव मी डार्लिंग...जस्ट लव मी...'

और सुनील ने तेज़ी से लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया ....

अहह ज़ोर से ....अपनी गान्ड उसी लय में उछालती हुई सूमी बोली......

सुनील के धक्के भी तेज होते चले गये और जितनी तेज से वो सूमी को चोदता ..उतनी ही तेज़ी से सूमी भी अपनी गान्ड उछाल उसका साथ देती ....

फॅक फॅक फॅक फॅक ...ठप ठप ठप का संगीत कमरे में गूंजने लगा ......


दोनो थक भी चुके थे और जिस्म पसीने से भर चुके थे .......दोनो की भयंकर चुदाई का पागलपन कुछ देर और चला और फिर दोनो एक दूसरे को कसते हुए चिपक गये और एक साथ झड़ने लगे.........

इसके बाद तीनो एक ही कमरे में सो गये ...नयी सुबह के इंतेज़ार में जो इनकी जिंदगी को नया रुख़ देने वाली थी.

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

राजेश....कवि अंदर चलो ...बहुत भीग ली हो...बीमार ना पड़ जाओ ....

कवि ....तुम हो ना साथ ...फिर किस बात की चिंता ...आइ लव रेन्स यू नो ...बारिश जब भी आती है दिल करता है मोर की तरहा मेरे पंख निकल जाएँ और मैं थिरकति रहूं....

राजेश कवि को गोद में उठा के अंदर ले गया .....दोनो के कपड़े बुरी तरहा भीग चुके थे ......राजेश तो था ही अंडरवेर में....उसने अपना गीला अंडरवेर उतार फेंका.....कवि ने शर्म के मारे नज़रें फेर ली .......

राजेश यूँ ही बाथरूम में घुस गया और जल्दी शवर ले कर बाथगाउन पहन के बाहर आ गया .....

उसके बाहर आने के बाद कवि बाथरूम में घुस्स गयी ...उसने भी शवर लिया और वो भी बाथगाउन पहन कर ही बाहर आई .......

कवि फिर खिड़की खोल बाहर अपने हाथ घुमाने लगी और बारिश का मज़ा लेने लगी .....राजेश यूँ ही उसे बिस्तर पे बैठे देखता रहा ...कवि के चेहरे पे छाई खुशी ही राजेश के लिए सब कुछ था .......अपने मन में उमड़ती जिस्मो के मिलन की भावना को उसने कुचल डाला क्यूंकी वो जल्दबाज़ी नही करना चाहता था.........

करीब दस मिनट कवि ऐसे ही बारिश से खेलती रही ...यहाँ तक की बाथगाउन जो पहना था वो भी भीग गया .....

राजेश बिस्तर से उठ कमरे में बने बार काउंटर पे गया और अपने लिए वाइन एक ग्लास में डाल कर हल्की हल्की चुस्कियाँ लेने लगा और बारिश की बूँदों को कवि के चेहरे पे नृत्य करते हुए देख उसकी मनमोहकता में खोते हुए धीरे धीरे वाइन पीता रहा.....

रात धीरे धीरे सरक्ति जा रही थी ...चाँद तो कब का घने बादलों की ओट में छुप गया था ...चारों तरफ घना अंधेरा था ...बस इनकी हट की लाइट्स जल रही थी....

कवि ने मचलते हुए कुछ लाइट्स ऑफ कर दी ...जिस से महॉल बहुत ही कामुक हो गया ......

राजेश खुद को और रोक ना सका और कवि के पीछे जा कर उसके साथ चिपक गया .......

राजेश अपनी नाक उसकी गर्दन पे धीरे धीरे रगड़ने लगा और दोनो हाथ आगे ले जा कर उसके गाउन की डोरी को खोल दिया .......

कवि पीछे होती चली गयी और अपना सर राजेश के कंधे पे टिका दिया ......

राजेश का सामीप्य ही उसके बदन में खलबली मचा बैठा ....आँखों में नशीलापन उतरने लगा ....साँसे तेज होने लगी .........

राजेश ने गाउन पे पट अलग किए और अपने हाथों से उसके पेट को सहलाने लगा .....

अहह .........कवि सिसकी और पलट के राजेश से चिपक गयी ......

राजेश ने उसके गाउन को जिस्म से अलग कर दिया और अपना भी उतार डाला .....दोनो के नंगे बदन एक दूसरे के तापमान को बढ़ाने लगे .....साँसों की गर्माहट बढ़ती चली गयी .....और राजेश ने उसके चेहरे को उठा उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया ....कवि भी उसका साथ देने लगी.....



चुंबन तोड़े बिना ....राजेश कवि को उठा के बिस्तर पे ले गया और दोनो का चुंबन ऐसे ही चालू रहा



रात सरक्ति हुई कब अलविदा कर गयी दोनो को पता ही ना चला ......बाहर टपकती हुई बारिश के बावजूद भी पो का उजाला फैल गया और दोनो जब साँस लेने अलग हुए तो करे में दिन का हल्का सा उजाला फैलने लगा ....

'मेम्साब .....रात सटक ली ...दिन हो गया .....थोड़ी देर अब सो ही लेते हैं'

कवि हंस पड़ी और दोनो बिस्तर पे पड़े कंबल में घुस्स गये.


राजेश और कवि नींद की आगोश में चले गये ...एक सकुन था दोनो के चेहरे पे जो बता रहा था ..कि जिंदगी के ये पल जो उन्होंने साथ गुज़ारे थे ...वो ये कभी नही भूलने वाले थे. रात भर के जागे हुए भावनाओं की उथल पुथल से गुज़रे ..नींद तो गहरी आनी ही थी ....करीब 12 बजे ही राजेश की नींद खुली ....साथ में सो रही कवि के चेहरे पे छाए नूर को देखने लगा .....बहुत प्यार आया उसे कवि पे ....दिल करा उसके होंठ चूम ले ...पर खुद को रोक लिया ताकि उसकी नींद में खलल ना हो ...

राजेश फ्रेश हुआ और एक टी-शर्ट और शॉर्ट पहन ली ...फिर उसने कवि का बेड खोल उसके लिए एक ड्रेस निकाल ली और कॉफी बना ने बाद वो कवि के पास आ कर बैठ गया ....उठ जाओ जाने मन ...कवि के होंठों को चूमते हुए उसे उठाया ....कुन्मूनाती हुई कवि उठी और अपनी हालत देख उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया...खुद को चद्दर से ढांप लिया और भाग के बाथरूम में घुस गयी ....राजेश ने बाथरूम का दरवाजा नॉक किया ..और उसे उसकी ड्रेस दी ...शरमाते हुए उसने ड्रेस ले ली .....जब बाहर निकली तो ...


तो उसे देख राजेश सिटी बजाने लग गया .........कविता ने शरमा के अपने चेहरे को ढांप लिया .....

राजेश...यार सुबह सुबह इतना बड़ा ज़ुल्म मत किया करो ......इस दिल की धड़कन ही तुम्हारे चेहरे के नूर की तपिश पा कर ही चलती है ...यूँ चेहरा छुपा लोगि तो हम तो .......

कविता दौड़ के राजेश के पास आई और उसके होंठों पे अपने हाथ रख दिए .......
राजेश ने उसके हाथ को चूम उसे बाँहों में भर लिया ....क्या हुकुम है मेम्साब का ......क्या किया जाए आज....

कवि ...जो आपका दिल करे ...

राजेश ...कम्बख़्त मेरे पास रहा ही कहाँ...उसे तो तुमने कब का अपने क़ब्ज़े में कर लिया है....

कवि ....भूख लगी है ..पहले कुछ खाने को तो मन्ग्वाओ ....

राजेश...ऑप्स ....मैं भी पागल हूँ....अच्छा बोलो क्या खओगि ..यहाँ के प्रॉन्स बहुत ही स्पेशल हैं.....

कवि ...सी फुड में कुछ भी मंगवा लो.....

राजेश .....अदब बजाते हुए ...जो हुकुम मालिका-ए-आलम और सी फुड ब्रेकफास्ट का ऑर्डर कर देता है ...जिसमे एक मिक्स रोस्टेड सिज़्लर भी होता है......

जब तक ब्रेकफास्ट आता दोनो हट के एक दम कोने में बैठ पैर लटका एक दूसरे से चिपक हँसीन फ़िज़ा का लुफ्त उठाने लगे


राजेश ...ब्रेकफास्ट के बाद का प्रोग्राम तो बताओ क्या करना चाहती हो....

कविता ...हम तो आपके हवाले हो चुके हज़ूर ...अब जो आपकी इच्छा

राजेश ....किसी आइलॅंड पे चलें......मोटर बोट की सैर भी हो जाएगी ....और नेचर के साथ मस्ती भी ....

कविता ...वाउ लव्ली .....कोई ऐसा आइलॅंड चुनना छोटा सा ...जहाँ सिर्फ़ हम दो हों और खुल के घूमे फिरे मस्ती करें ......

राजेश ....यार ऐसे आइसलॅंड पास नही होते ...काफ़ी दूर होते हैं और वहाँ पहुँचने में काफ़ी टाइम लगता है .......हमारा हफ़्ता तो फिर इसी में ख़तम हो जाएगा ....लेट'स डू आइलॅंड हॉपिंग टूर ....मालदीव के जो कुछ अच्छे आइलॅंड हैं उन्हें देखते हैं.......और जो तुम कह रही हो वो एक स्पेशल टूर बनाएँगे ...जब तुम डॉक्टर बन जाओगी ...
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RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 07-20-2019, 09:26 PM

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