Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-20-2019, 04:23 PM,
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
तीनो एक एक ड्रिंक लेते हैं….सोनल जाने क्या सोच रही थी ….

सोनल……अगर आप सवी को अपनी ज़िम्मेदारी समझते हैं तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी ले लीजिए …क्यूंकी वो आपको अपने मन से कभी नही निकल पाएगी …(उसकी आवाज़ में रोष था …..काँपने लगी थी वो ये कह कर …उसे अपना प्यार उस से बहुत दूर जाता हुआ दिख रहा था …..)

सुनील और सुमन दोनो भोचक्के रह गये और हैरानी से उसकी तरफ देखने लगे .....

सवी की ज़िम्मेदारी रमण की होनी चाहिए ना कि सुनील की…ये बात सोनल से बर्दाश्त नही हो रही थी कि सुनील सवी को अपनी ज़िम्मेदारी समझता है उसे बहुत गुस्सा चढ़ा हुआ था…कल उसे दिख रहा था…एक दिन…एक दिन अपने स्वाभाव से मजबूर हो कर सुनील फिर टूट जाएगा और सवी को अपना लेगा ….लेकिन वो दिन सोनल के लिए मोत से बत्तर था….

सोनल ने आगे बोलना शुरू किया ……मैं तो आपकी ज़िम्मेदारी नही थी …मजबूर हो कर आपने मुझे अपनाया था……मैं आपकी ज़िम्मेदारियों के बीच नही आना चाहती …..आप अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाईए पूरी शिद्दत के साथ ….दीदी को कोई दिक्कत नही होगी ...वो पहले भी इन हालत में रह चुकी हैं....पर मैं....यही ठीक रहेगा....मैं आपको सभी बंधनों से आज़ाद करती हूँ ...मैं नही देख सकती कि आप हर वक़्त खुद से लड़ते रहें ....नही देख सकती मैं......बहुत दर्द होता है मुझे ....इसलिए यही बेहतर रहेगा .....बहुत तकलीफ़ दी मैने आपको ...हो सके तो माफ़ कर देना ....इतना बोल सोनल कमरे से बाहर भाग गयी और अपने कमरे में घुस दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और बिस्तेर पे गिर रोती रही ...

सुनील तो उसकी बात सुन पत्थर बन गया और सुमन को अब भी यकीन नही हो रहा था कि सोनल क्या बोल गयी....

सोनल....सोनल....सोनल...सोनल ..........सुमन बड़े ज़ोर से सोनल को हिला रही थी ....अँ ...हाँ.....सोनल अजीब नज़रों से दोनो को देखने लगी .......और ज़ोर ज़ोर से रोती हुई सुनील से लिपट गयी ....मैं नही जाउन्गि कहीं छोड़ कर ....कभी नही जाउन्गि ....अब तक जो वो सोच रही थी....वो याद कर उसकी रूह तक हलक में आ गयी थी .......

सुनील ने उसे अपनी बाँहों में समेट लिया .....क्या हुआ...क्या सोचने लग गयी थी...कितनी देर से सुमन तुम्हें आवाज़ लगा रही थी और ये क्या छोड़ना वोड़ना लगा रखा है .

सोनल अपने उन ख़यालों से बहुत घबरा गयी थी...डर गयी थी वो बस रोती जा रही थी और जोंक की तरहा सुनील से चिपक गयी थी.

सुमन भी करीब आ गयी और प्यार से सोनल के सर पे हाथ फेरने लगी ' क्या हुआ गुड़िया ....किस लिए रो रही है ...बताना .....देख हम तुझे रोता हुआ नही देख सकते'

सोनल फिर भी चुप नही हुई ...सुनील ने उसे खुद से अलग करने की कोशिश करी पर वो अपनी पकड़ और भी मजबूत करती चली गयी .....

सुनील ...क्या बात है यार .....अब कुछ बताओगी भी .....ऐसे रोने से तो जिंदगी नही चलती

सोनल कुछ जवाब नही देती बस रोती जा रही थी हालत ये हो गयी की रोना हिचक़ियों में तब्दील हो गया.

सुनील ने उसे कस लिया अपनी बाँहों में .....तब कहीं जा कर सोनल को कुछ सकुन मिला ...उसका पूरा जिस्म पसीने से तरबतर था बिकुल ऐसे जैसे किसी डरावने सपने के बाद हो जाता है.

कुछ देर बाद जब ...सोनल की हिचकियाँ बंद हुई तो सुनील ने उसे अपने से अलग करने की फिर कोशिश करी लेकिन ...वो सुनील को छोड़ ही नही रही थी ...पहले सुनील उसकी ये हालत देख घबरा गया था...अब उसके चेहरे पे मुस्कान आ गयी .....उसे गोद में उठा बाथरूम में घुस गया और शवर के नीचे खड़ा हो गया.....ठंडा ठंडा पानी जब जिस्म पे पड़ा तब ....सोनल बिदकी ....उूउउइई माआआअ और सुनील से अलग होने की कोशिश करी....पर अब सुनील ने उसे नही छोड़ा जब तक दोनो के बदन पूरी तरहा नही भीग गये....

एक तरफ ठंडा पानी और दूसरी तरफ सुनील के बदन की गर्मी ....सोनल के अरमान मचलने लगे और वो अपने चेहरे को सुनील के चेहरे से रगड़ने लगी ....

सुनील....'अब बोलो...क्या बात थी ...'

सोनल ...कुछ नही डर गयी थी ...उल्टा सीधा सोचने लगी थी

सुनील ...क्या

सोनल...छोड़ो इन बेकार की बातों को ..

सुनील...जो बात दिमाग़ पे इतना असर डाल दे वो बेकार नही होती .....अब जल्दी बताओ क्या बात थी...क्या सोचने लगी थी ....

सोनल...फिर उसे बताती है वो क्या सोच रही थी और क्या उसने ख़यालों में किया .....

सुनील उसकी बात सुन परेशान हो गया

सुनील ...जानम प्यार का मतलब ये नही होता कि ख़ुदग़र्ज़ बन जाओ ...प्यार बाँटने से बढ़ता है ...और तुम ये बात क्यूँ नही समझती की मेरी जिंदगी में तुम दोनो के अलावा कोई और नही आ सकता.

सोनल...सब जानती हूँ...समझती हूँ...लेकिन आप बहुत अच्छे हो ...आपकी इस अच्छाई से डर लगता है कभी कभी ....बहुत भावुक हो आप...अपनो का दर्द नही देख सकते ....इसिसलिए ये लगने लगा था कि एक दिन आप सवी के लिए टूट जाओगे ...मैने उसकी आँखों में वो देखा है ...जो दीदी नही देख पाई ...वो बिल्कुल हमारी तरहा आपको प्यार करने लगी है ...वो नही बदलेगी ...तडपेगी पर नही बदलेगी ...जैसे कभी मैं तड़पति थी ...जब आपको उसकी तड़प का अहसास होगा ....आप फिर दर्द के सागर में डूब जाओगे...और ये मुझे बर्दाश्त नही और ना ही मैं आपको किसी और के साथ बाँट सकती हूँ...मैं मर जाउन्गि ...अगर ऐसा हुआ तो...

सुनील...पगली ...कुछ नही होगा ऐसा...

सोनल अब उसकी गोद से उतर चुकी थी और अपना सर सुनील के कंधे से सटा कर उससे चिपकी हुई थी ......सुनील उसके दिल में उठते हुए तुफ्फान को समझ गया था और बिना उसके कुछ बोले उसने सोनल के चेरे को अपने हाथों में लिया और उसके होंठों पे एक बोसा देते हुए बोला ....मैं वादा करता हूँ ....किसी भी औरत का मेरी जिंदगी में वो मुकाम नही होगा ...जो तुम दोनो का है .....

सोनल की रूह को सकुन मिल गया ...उसकी आँखें छलक पड़ी और वो अपने मोहसिन से चिपकती चली गयी .......कपड़े दोनो के पानी से तर बतर हो चुके थे.....और अब जिस्म पे खल रहे थे .....सुनील ने उसके कुर्ते को उतार दिया और ब्रा में क़ैद उसके उन्नत उरोज़ सुनील को अपनी तरफ खींचने लगे ...शवर यौं ही बदस्तूर चल रहा था और उसका ठंडा पानी भी दोनो के बदन को गरम होने से रोक नही पा रहा था.

सोनल ने सुनील की शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और उसे ऐसे खींचा सुनील के बदन से जैसे बहुत बड़ी दीवार अपने और उसके बीच से दूर कर रही हो ...पल भर में दोनो के कपड़े वहाँ बाथरूम के फर्श पे पड़े थे .....

सोनल सुनील से चिपक गयी और वो प्यार से उसके बालों को सहलाने लगा ....पर जिस्मो के तड़प बढ़ने लगी और....

एक दूसरे के होंठ चूसने लगे ...सोनल ने अपनी बाँहों का हार सुनील के गले में डाल दिया

सोनल अपनी सोच पे शर्मिंदा हो चुकी थी...अंदर ही अंदर उसे तकलीफ़ हो रही थी ...क्यूँ वो ऐसे ख़याल अपने दिल में लाई और सुनील को बहुत दुख दिया अब वो सुनील को उतना आनंद देना चाहती थी की वो दुख उसके दिल-ओ-दिमाग़ से हमेशा के लिए दूर हो जाए ....

काफ़ी देर तक वो सुनील को अपने होंठों के जाम पिलाती रही और फिर उसको दीवार की तरफ पलट दिया और उसकी पीठ से सट गयी अपने उरोज़ उसकी पीठ से रगड़ने लगी और उसके लंड को सहलाने लगी


सुनील के पीठ को चूमते हुए सोनल उसके लंड को सहला रही थी और दूसरे हाथ से उसके निपल को सहलाने लगी ..सुनील भी अपना हाथ पीछे ले गया और सोनल की चूत को रगड़ने लगा...

सुनील का लंड जब पूरे उफ्फान पे आ गया तो सोनल ज़मीन पे बैठ गयी सुर सुनील के लंड को चूसने लगी

सोनल इस तरहा सुनील के लंड को चूस रही थी जैसे उसे उसका मनपसंद लॉलीपोप बहुत दिनो बाद मिला हो.......और सुनील की सिसकियाँ फूटने लगी ...
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