Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-18-2019, 12:54 PM,
#89
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
जिस तरहा सुनील - सूमी को प्यार कर रहा था --- वो प्यार हर औरत के नसीब में नही होता --- और सवी इस प्यार को पाने के लिए तड़पने लगी.

सूमी को तेज प्रेशर लगता है पिशाब का - वो सुनील को बोली

'जान थोड़ी देर मुझे बाथरूम जाना है'

सुनील उसके उपर से हट गया और पेट के बल ही लेट गया.

सूमी बिस्तर से उठने लगी तो उसकी सांस उपर की उपर नीचे की नीचे हो गयी - उसे सवी नज़र आ गयी एक दम नग्न अपनी चूत में उंगलियाँ करती हुई ---- वो घबरा गयी और पलट के सुनील को देखा - वो उल्टा लेटा हुआ था - उसकी जान में जान आई और लपकी खिड़की पर - ये सब इतनी तेज़ी से हुआ कि सवी को छुपने का मोका ना मिला और दोनो बहनो की आँखें चार हो गयी .

सवी ने हाथ जोड़ इशारा किया कि उसे देखने दे. पर सूमी तो आग बाबूला हो गयी - उसकी आँखें बरसने लगी - उसने फट से परदा कर दिया --- और बाथरूम में घुस्स गयी.

बाथरूम की दीवार के साथ लग खुद को संभालने लगी.

उसे सवी से उम्मीद बिल्कुल ना थी कि वो तान्क झाँक करेगी. कितना सही था सुनील --- आगे की सोच के बात करता है ..... वाह रे सागर क्या शिक्षा दी तुमने मेरे पति को . धन्य हो गयी में आज मेरे दोनो पति अव्वल दर्ज़े के इंसान हैं - बस सागर काश तुममे वो कमज़ोरी ना होती ...... आज दिल से तुम्हें माफ़ किया क्यूंकी तुमने मुझे सुनील दे दिया.

अपने आँसू संभाल वो खुद को रिलीव करती है - चेहरा धो के आँसू के निशान मिटाती है और बाहर निकल पहले खिड़की जाँचती है - सवी जा चुकी थी.

एक ठंडी साँस भर अपने प्रेमी के पास जा उससे लिपट जाती है.

'ओह सुनील - मैं बहुत खुश हूँ - बहुत खुश हूँ तुम मेरी जिंदगी में आ गये - अब और कुछ भी नही चाहिए'

'क्या बात है -- आज ....'

सूमी ने उसे बोलने ही नही दिया और अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए ....... सूमी की आँखों से आँसू बहने लगे - जिन्हें देख सुनील फट से अलग हो गया.

'क्या बात है .... क्या छुपा रही हो मुझ से .... ये आँसू .....'

'खुशी के आँसू हैं .... जान ... आज बहुत खुश हूँ '

सुनील कुछ नही बोला पर इतना उसे लग गया था कि सूमी कुछ छुपा रही है ..... पर ये रात को बंद कमरे में उसके साथ होते हुए भी ऐसा क्या हो गया --- जो उसकी आँखों में आँसू आ गये.

'तुम झूठ नही बोल सकती .... खास कर मुझ से... जब दिल करे तब बता देना .... फिलहाल सोते हैं' सुनील का मूड ऑफ हो चुका था.

और सूमी पेशोपश में पड़ गयी कि क्या करे ..... सवी को सुनील की नज़रों के सामने गिराना भी नही चाहती थी और सुनील को दुखी भी नही करना चाहती थी.

सुनील उठ के खड़ा हो गया सूमी की लाइनाये उसके पास फेंक दी और अपने कपड़े पहनने लगा.

जैसे सुनील ने अपने कपड़े पहनने शुरू किए वो तड़प उठी - पति पहले - बाकी रिश्ते बाद में .

वो लपक के सुनील से चिपक गयी और उसके हाथ से कपड़े खींच फेंक दिए ' सॉरी जान .... सॉरी ... प्लीज़ माफ़ कर दो'


'डॉन'ट टॉर्चर युवरसेल्फ स्वीट हार्ट .... कूल डाउन .... कहा था ना . नो थॅंक्स ...नो सॉरी ... भूल गयी .... आज सवी की वजह से बहुत मानसिक थकान हो चुकी है - तुम्हें भी और मुझे भी - और देखो मेरे ये ज़ख्मी हाथ .... वाना रिलॅक्स फॉर सम टाइम नाउ ... लेट'स स्लीप ...... हां यार ये कपड़े पहन के तो सो नही पाउन्गा.... मेरा नाइट सूट मेरे कमरे में ही है... चेंज कर के आता हूँ......'

सूमी को यूँ लगा जैसे किसी ने उसे पहाड़ से नीचे धक्का दे दिया हो. वो पत्थर बन गयी ... मुँह खुला रह गया. सुनील अपने कपड़े पहन अपने रूम की तरफ चला गया. सूमी वैसे के वैसी नग्न खड़ी रही.

अपने कमरे की तरफ जाता हुआ सुनील बस यही सोच रहा था कि क्या वजह है जो सूमी की आँखों में आँसू भर आए - ऐसा क्या हो गया -- जो वो बताना भी नही चाहती --- वो भी रात के इस वक़्त ---- सोच सोच के उसका दिमाग़ फटने लगा .

(अब यहाँ एक बात क्लियर कर देता हूँ - सुनील के कमरे के साथ वाला कमरा सोनल का था और उसके साथ वाला गेस्ट रूम जो इस वक़्त सवी और रूबी को दिया गया था.

जैसे ही वो अपने कमरे में घुसने को हुआ गलियारे में आती लाइट ने बता दिया कि सवी जाग रही है .

सुनील के कदम उस कमरे की तरफ बढ़ गये ..... कमरे के पास पहुँच वो नॉक करने वाला था कि अंदर से उसे आवाज़ें सुनाई देने लगी

'ओह सुनील ...... फक मी..... अहह ' वो अंदर फिंगरिंग कर रही थी ..... सुनील का नाम ले ले कर.

सुनील को बहुत ज़ोर का झटका लगा .... उसका हाथ वहीं रुक गया चेहरे पे गुस्सा के भाव आने लगे .... दिल कर रहा था के अभी दरवाजा तोड़ अंदर घुस उसे 3-4 लगा दे .... पर उसे सूमी के आँसू पोंछने थे ..... खुद को रोक कर अपने कमरे की तरफ चला गया - फटाफट नाइट सूट पहना और एक नज़र गुस्से से गलियारे की तरफ डालता हुआ सूमी के कमरे की तरफ बढ़ गया.

कमरे में दाखिल हुआ तो सूमी उसी तरहा पत्थर बनी आँसू बहा रही थी.

सुनील की नज़र खिड़की पे गयी - उसे अच्छी तरहा याद था कि जब वो पहले कमरे में आया था - परदा पूरा नही था. ..... एक और एक जोड़ने में उसे वक़्त नही लगा... सूमी के आँसुओं का राज उसके सामने सॉफ हो गया --- सम वन वाज़ एंजायिंग बिकमिंग पीपिंग टॉम...... हँसी आ गयी उसे इतना गुस्सा चढ़ने के बावजूद भी.

दिन में सवी ने किस्सिंग करते देखा था और अब......सवी की हालत वो समझ सकता था --- इसीलिए तो शादी की बात छेड़ी थी.

सूमी की हालत उस से बर्दाश्त नही हुई और खुद को भी कोसने लगा .... सीधा सूमी के पास गया और उसके चेहरे को हाथों में ले ... उसकी आँखों में झाँकने लगा --- आँखों ने आँखों से बात कर ली और सूमी बिलख के उससे चिपट गयी.

'बस जो तुम छुपाना चाहती थी वो मैं जान गया हूँ'

सूमी की हिचक़ियों को ब्रेक लग गया .... और वो आँखें फाडे सुनील को देखने लगी --- आदमी है ---या अजूबा .

जहाँ लोग सोचना बंद कर देते हैं वहाँ से वो सोचना शुरू करता था --- और इसका सारा क्रेडिट कुछ सागर को जाता था और कुछ सुनील के अपने दिमाग़ को.

' सुनील ' बहुत दर्द था सूमी की आवाज़ में .

'जान सब कुछ से सकता हूँ -- पर इन आँखों में आँसू नही ..... सवी बाहर खड़ी देख रही थी ना... तभी तुमने परदा पूरा किया.'

सूमी ये सोचने लगी - ये लड़का अपने पालनेवाले बाप से भी आगे निकल गया ..... अब तो उसे डर लगने लगा --- कभी किसी हालत के तहत झूठ बोलना पड़ा - तो वहीं पकड़ लेगा ---- उसने दिल ही दिल में कसम खा ली कभी भी झूठ नही बोलेगी ---- ना इसने आज तक बोला - और अब मैं भी नही बोलूँगी -------- ये थी प्यार की माँग और सूमी तो बस प्यार ही करती थी - ये हादसा - जो वो छुपाना चाहती थी - वो भी तो प्यार की वजह से था - जो उसे अपनी बहन से था --- जो गुस्सा चढ़ा हुआ था - उसके उपर - वो अलग बात थी.


'सुनील'

'बस हो गया जो होना था ..... अब और तकलीफ़ मत दो खुद को ... मैं हूँ ना'


'ओह सुनील - मैं क्या करूँ गी तुम्हारे बिना'

'मुझे क्या होगा और जब तक उसका बुलावा नही....'


सूमी ने उसके मुँह पे हाथ रख दिया .

बस इतना काफ़ी था दोनो के लिए और उनके कदम बिस्तर की ओर बढ़ने लगे.... एक दूसरे की आँखों में देखते हुए

करीब आधे घंटे बाद दोनो की जान में जान आई.

सूमी के चेहरे पे जो रोनक आ चुकी थी वो देखने वाली थी. अंगड़ाई लेते हुए वो उठी - आह पूरा जिस्म तोड़ डाला - बड़े शैतान हो गये हो - चेहरे पे कामुक मुस्कान थी - जैसे दूसरे राउंड की तैयारी करना चाहती हो.

तभी सुनील को याद आता है - आज तो हनिमूनर'स नाइट है होटेल में. उसे सूमी के लिए कुछ खास लेना था वो फटाफट बाथरूम में भागता है और फ्रेश हो कर रेडी हो जाता है.

'जान मैं थोड़ी देर में आया --- कुछ देर बाद दो ब्युटीसियन आएँगे तुम्हें तयार करने और हां जो ड्रेस पहन्नी होगी वो मैं उनके हाथ भेज दूँगा. तुम बाथरोब पहन लेना और उनका वेट करना.'

'अरे ऐसा क्या हो गया -- ये सब'

'बस आ के बताता हूँ - टाइम कम है'

शाम के 6 बज चुके थे और पार्टी का टाइम 9 बजे का था.
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 07-18-2019, 12:54 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,466,426 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,552 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,218,200 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 921,112 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,633,408 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,516 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,923,257 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,965,135 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,996,441 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,594 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 9 Guest(s)