Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-18-2019, 12:53 PM,
#79
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील धीरे धीरे झुकने लगा और अपना चेहरा सुमन की चूत से सटा दिया और उसके बदन की खुसबू का आनंद लेने लगा - मेहन्दी और सुमन की चूत से टपकते रस की खुश्बू का कॉकटेल उसे मदहोश करने लगा और उसकी ज़ुबान अपने आप बाहर निकल आई उसे चाटने के लिए..... जैसे ही उसकी ज़ुबान ने सुमन की चूत के लबों को छुआ

अहह आजा अब ...... नही रहा ... जाता..... और देर मत कर.....

सुमन सिसक सिसक के बोलने लगी.

सुनील को सुमन की चूत का रस इतना अच्छा लगा कि उसकी ज़ुबान तेज़ी से चलने लगी और सुमन अपनी टाँगे पटाकने लगी ...... बुरा हाल हो रहा था सुमन का.

प्यासे को जब प्यास लगती है कुआँ ढूँडने लगता है - यहाँ तो रस से भरा कुआँ सुनील की ज़ुबान के नीचे था ......जो सरसराती हुई चूत के अंदर घुस गयी.........ओमम्म्ममाआआअ सुमन चीखी और सुनील के सर को अपनी चूत पे दबा डाला...........उसका बस चलता तो सुनील का पूरा सर अपनी चूत में घुसा लेती इतनी ज़ोर से दबा रही थी. सुनील की ज़ुबान ने उसकी चूत में अपना नाटक शुरू कर दिया और सुमन तड़प के सुनील के बाल खींचने लगी.

अह्ह्ह्ह बासस्स्सस्स अहह ओउउउर्र्र्र्र्ररर न्न्न्ना हियीईईईईईई आआआआआआआआआआआ

उत्तेजना और कामुकता का बारोमीटर टूट गया और सुमन ने सुनील को अपने रस की बाढ़ से नहलाने की पूरी कोशिश करी. मचलती उछलती वो झड़ने लगी और सुनील लपलप उसके बहते रस को पीने लगा. इतना रस पीने के बाद भी उसकी प्यास नही भुजी थी उल्टा और भड़क गयी थी.

सुमन का मचलता बदन शांत हो गया थोड़ी देर में और वो तेज तेज साँसे लेने लगी.

सुनील की प्यास इतनी भड़क चुकी थी कि उसने सुमन की चूत को छोड़ा ही नही और उसकी चूत के एक एक लब को चूसने लगा -- कभी अपना दाँत गढ़ा देता तो सुमन चिल्ला पड़ती थोड़ी देर तो सुमन ने बर्दाश्त किया पर सुनील उसके जिस्म के तारों को फिर से बजाने लगा ....धीमा धीमा संगीत फिर शुरू हो गया सुमन के अंदर जिसके सुरों के साथ वो मचलने लगी.


सुमन की उत्तेजना बढ़ने लगी - बदन फिर से गरम होने लगा... अब तो हद हो गयी थी उसके सब्र की उसने सुनील को बालों से पकड़ खींचा और अपने उपर ले लिया .

उसके चेहरे पे फैले अपने रस को चाटने लगी - सुनीला का लंड सुमन की कट पे दस्तक दे रहा था. जैसे कह रहा बस थोड़ा इंतेज़ार और अभी समा जाउन्गा तुम्हारे अंदर.

सुनील उसके दोनो उरोज़ सहलाने और दबाने लगा ----- उफफफफफफ्फ़ और कितना सताओगे .......

मैं तो बस प्यार कर रहा हूँ मेरी जान --- मैं कहाँ तुम्हें सता रहा हूँ.....

इसे सताना नही तो और क्या कहते हैं..... आग भड़का दी है तुमने अब जल्दी भुजाओ नही तो जल के मर जाउन्गि.

सुमन ने सुनील के लंड को पकड़ अपनी चूत का रास्ता दिखा दिया.

कुदरत सब सीखा देती है ... सुनील ने एक झटका लगाया और मुश्किल से उसके लंड का सुपाडा सुमन की चूत में घुस्स पाया..... सुनील हैरान था कि ये कैसे हुआ..... सुमन तो कितनी बार........सुनील को ये नही मालूम था कि सुमन उसे सील तोड़ने का मज़ा चाहे ना दे सकती थी .... अपनी चूत को उसने ऐसा कर लिया था .... जैसे कुँवारी की चूत होती है.

सुनील का लंड जब थोड़ा अंदर घुसा तो सुमन की चीख निकल पड़ी........ आाआआईयईईईईई

सुनील थम गया और सुमन के होंठों पे अपनी ज़ुबान फेरने लगा.

'मेरे दर्द की परवाह मत करो - जो होना है होने दो - कम इनसाइड मे फुल्ली...' अटक अटक के सुमन बोली..... उसे यूँ लग रहा था जैसे कोई उसे चीर रहा हो और सुनील को यूँ लगा जैसे ग़लती से किसी छोटी गरम पाइप में अपना लंड घुसा बैठा हो. दर्द तो सुनील को भी हुआ था ..... फर्स्ट टाइम जो था उसका पर वो अपना दर्द दबा गया था.

सुमन ने अपनी चीख दबाने के लिए तकिये को अपने दाँतों से कस लिया ----- वरना पड़ोसियों को पता चल जाता.

सुमन की चूत बहुत गीली थी इसलिए ल्यूब्रिकेशन की ज़रूरत नही थी पर सांकरी इतनी थी कि ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने बाँस घुसा दिया हो उसकी चूत में.

सुनील ने दो तीन धक्के लगातार लगा दिए और अपना आधा लंड उसकी चूत में घुसा रुक गया.... सुनील को भी काफ़ी दर्द हुआ और सुमन ने तकिये को मजबूती से अपने दाँतों से काटा ताकि उसकी चीख ना निकल पाए पर दर्द की अधिकता से उसके आँसू बहने लगे थे.

सुमन के आँसू , उसका दर्द से विकृत होता हुआ चेहरा सुनील को सब बता रहे थे कि कितनी तकलीफ़ हो रही थी सुमन को. वो आगे बढ़ने से रुक गया और सुमन को आराम दिलाने के लिए उसके निपल को चूसने लग गया. थोड़ी देर बाद जब सुमन का दर्द कम हुआ तो तकिया उसके मुँह से निकल गया ....

अहह म्म्म्मदमममाआआआआअ सुमन दर्द से सिसकने लगी, पर उसकी आवाज़ अब कमरे से बाहर नही जा रही थी. सुनील ने उसके निपल को छोड़ उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. अभी सुमन को नही पता था कि सुनील अभी आधा बाहर ही है. जब सुमन मस्त होने लगी तो उसने अपनी कमर हिला के सुनील को इशारा किया शुरू करने के लिए.

सुनील आगे नही बढ़ा पर धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

उफफफ्फ़ उम्म्म्म ह

सुमन की मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गयी. उसकी चूत ने रस बहाना शुरू कर दिया और सुनील का लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा . सुमन उसकी पीठ सहलाने लगी .

सुनील आज पहली बार नारी को भोग रहा था - वो ज़यादा देर तक टिकने नही वाला था - ऐसा सब के साथ होता है पहली बार - उत्तेजना संभाली नही जाती है.

वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करने लगा कि पहले सुमन का ओर्गसम हो जाए . उसके धक्के तेज हो गये और सुमन भी सिसकती हुई उसका साथ दे रही थी अपनी गान्ड उछाल उछाल कर.

सुनील पूरा सुमन के अंदर समा जाना चाहता था - पर इतना वक़्त नही था उसके पास.

फ़चफच फॅक की आवज़ें कमरे में गूँज रही थी सुमन की चूत सुनील के लंड के हिसाब से फैल चुकी थी

सुमन जब अपने ऑर्गॅज़म के नज़दीक पहुँचने लगी तो उसने सुनील को उकसाना शुरू कर दिया

तेज और तेज हाँ हाँ और और यस यस डू इट

उफफफफफफफफफफ्फ़ अहह

सुनील पसीने से लथपथ हो चुका था, दोनो ही हाँफ रहे थे पर रुकने का नाम नही ले रहे थे.

ओमम्म्माआआआआ एक जबरदस्त चीख के साथ सुमन झड़ने लगी उसके नाख़ून सुनील की पीठ में घुस्स गये ....... अब सुनील भी नही रुक सकता था उसे एक तेज धक्का मारा पूरा लंड सुमन के अंदर घुस्सा दिया और अहह करता हुआ झड़ने लगा.

अपने ऑर्गॅज़म में डूबी सुमन चीख पड़ी ........... ये क्या हुआ..... क्या वो अभी तक पूरा अंदर नही गया था.

सुनील हांफता हुआ सुमन पे गिर पड़ा और सुमन उसे समझ ही ना आया ये इतने तेज ऑर्गॅज़म के बीच उसे भीषण दर्द क्यूँ हुआ.

दोनो हाँफ रहे थे.


जिंदगी अपना रास्ता बदल चुकी थी - रिश्ते बदल गये थे, पर इस बात का दोनो को कोई गम नही था .......प्यार...कहाँ से ...कहाँ ले जाता है.

सुनील की साँस जब संबली तो वो सुमन के उपर से हट उसकी बगल में लेट गया.....पक की आवाज़ हुई जैसे बॉटल का ढक्कन खोला गया हो जब उसका थोड़ा मुरझाया हुआ लंड सुमन की चूत से बाहर निकला.

सुमन की कमर में तेज दर्द उठ गया था सुनील के आखरी झटके की वजह से.

पर सुमन को इस बात की खुशी थी कि पहली बार सुनील कामयाब रहा.... वरना कयि तो पहली बार चूत में घुस्स ही नही पाता और उत्तेजना के कारण पहले ही झड जाते हैं.

सुमन की चूत बुरी तरहा सूज गयी थी और सुनील को मज़ा देने के कारण उसने अपनी चूत टाइट करने का जो कारनामा किया था एक आयंटमेंट लगा कर उसका ख़ामियाजा तो भुगतना ही था - दर्द तो दर्द ---- वो तो होना ही था---- उसकी चूत ने खून भी बहुत बहाया था.

सुनील बाथरूम जाने के लिए उठा तो उसकी नज़र सुमन पे पड़ी ---- उसकी टाँगों के बीच खून का सैलाब देख घबरा गया --- फटाफट बाथरूम में घुसा इन्स्टेंट गीज़र ऑन किया और तोलिया गरम पानी में भिगो के ले आया और आराम आराम से सुमन की चूत सॉफ करने लगा .

फिर फर्स्ट एड बॉक्स से पेन किल्लर निकाल कर सुमन को दिया - जो आँखें बंद कर अपने दर्द को सहने की कोशिश कर रही थी.
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