RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
बड़ा अफ़सोस हुआ सन्नी भाई आपके घर की खबर सुनके,,,,सुना है चोर आ गये थे आपके
घर पे और पोलीस वालो को भी मार दिया,,,,वैसे कुछ ज़्यादा नुकसान तो नही हुआ ,,,इतना
बोलते टाइम अमित के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी,,,
नही अमित भाई कुछ ज़्यादा नुकसान नही हुआ,,,
वैसे पोलीस वाले क्या कर रहे थे आपके घर पे सन्नी भाई,,,,अमित ने कुछ शक़ करते हुए
पूछा,,,,
वो पोलीस वाले राउंड-अप थे तभी उन लोगो ने किसी को दीवार से कूद कर अंदर जाते हुए
देखा था,,,,उनको शक हुआ तो वो भी अंदर चले गये और चोरों ने उनको गोली मार दी,लेकिन
मुझे समझ नही आता कि गोली की आवाज़ किसी ने सुनी क्यूँ नही,,,,,लगता है पिस्टल के आगे
साइलेनसर लगा रखा होगा चोरों ने,,,,
तभी सुरेश बोल पड़ा,,,,अरे वाह भाई लगता है आज कल के चोर भी समझदार हो गये है
सुरेश ने इतना बोला और अमित के साथ मिलकर हँसने लगा,,,
फिर वो लोग भी मेरे साथ बैठ गये और कॉफी औरडर करके कॉफी पीने लगे,,, तभी सुरेश
बोला,,,,,,,,थन्क्ष्क्ष्क्ष सन्नी भाई उस दिन तूने मेरी हेल्प की जो मुझे उठाकर आंब्युलेन्स मे
डाला,,,,,साला कोई आगे नही आया कॉलेज से एक तू ही आगे बढ़ा ,,,
इसमे थॅंक्स्क्स्क्स की क्या बात है सुरेश,,,,और वैसे भी मेरी कॉन सी तेरे से कोई दुश्मनी थी जो
मैं तेरी हेल्प नही करता,,,,तेरी जगह कोई और भी होता तो मैं उसकी हेल्प करने के लिए
आगे ज़रूर आता,,,,
सही बोला सन्नी भाई ,,हम लोगो मे कोई दुश्मनी नही है और अब तो हम लोगो की रिश्तेदारी
शुरू हो गयी है,,,,आख़िरकार तू मेरे जीजा का बेस्ट फ्रेंड है,,,तभी इतना बोलते हुए सुरेश
ने अमित को कुछ एशारा किया,,,,,
सुरेश का इशारा मिलते ही अमित बोल पड़ा,,,,,सौरी सन्नी भाई जो हम लोगो मे उस दिन झगड़ा
हुआ था,,,मुझे नही पता था कि शिखा करण की बेहन है,,,,पता होता तो मैं ऐसी वैसी
हरकत नही करता,,,,
मैं समझ गया था ये लोग चापलूसी कर रहे है और करते भी क्यूँ नही पोलोटिक्स से जो
संबंध रखते है,,,,,
इट्स ओके अमित भाई,,,,,मैं तो कबका भूल चुका उस बात को,,,मैने हंसते हुए बोला,,,
फिर हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे,,,आज ये लोग मेरे साथ कुछ प्यार से पेश
आ रहे है,,,,लगता है इनको मुझ पर शक नही रहा अब क्यूकी मेरे घर से कुछ नही मिला
इन लोगो को,,,लेकिन फिर भी इन्पे यकीन करना सही नही था,,,क्यूकी ये बड़े कमिने थे
लेकिन एक बात ठीक हो गयी थी आज कि अगर इनको मेरे पर शक नही तो मेरी फॅमिली को भी
कोई ख़तरा नही इन लोगो से,,,
अच्छा अब हम लोग दोस्त है तो एक बात पूछ सकता हूँ क्या तेरे से मैं सन्नी,ये बात बोली
थी अमित ने
हां हां क्यूँ नही अमित भाई,,,एक क्या दो बातें पूछ सकते हो आप,,,,
तुझे पता है कि सुमित कहाँ छुपा हुआ है,,,या किसी को कोई बात करते सुना हो उसके
बारे मे,,,,
नही अमित भाई मुझे नही पता सुमित कहाँ है,,, पता होता तो मैं आपके पापा को बता
देता,,,,
अच्छा तो तुझे वो सीडीज़ कैसे मिली जो तूने मेरे बाप को दी,,,,
वो तो मुझे सुमित के घर से मिली थी,,,,
तो तुम जानते थे सुमित का घर कहाँ है,,,,,अमित ने शक करते हुए मेरी तरफ देखा और
ये सवाल किया,,,,
नही मुझे नही पता था,,,लेकिन जहाँ से सुमित अपने नशे का समान लेके आता था उसी एरिया
मे कुछ लोगो से पता चला था कि सुमित का घर कहाँ है,,,इसलिए मैं उसके घर की
तलाशी लेने चला गया था,,,,और वहाँ मुझे वो सीडीज़ मिल गयी थी,,,
वैसे अगर आप लोगो को सुमित की कोई खबर चाहिए तो आपको भी उसी जगह जाना चाहिए
जहाँ से वो नशे का समान लेके आता है,,,,शायद कोई दोस्त या जान पहचान वाला मिल जाए
सुमित का,,,,
मेरी बात सुनके अमित और सुरेश चुप हो गये और कॉफी पीने लगे,,
जब अमित और सुरेश की कॉफी ख़तम हुई वो लोग वहाँ से चले गये,,अमित गुस्से से कॅंटीन
वाले को बोलता गया,,,,,ओई छोटू सन्नी भाई का बिल भी मेरे अकाउंट मे डाल देना,
अमित की बात पर कॅंटीन वाला थोड़ा गुस्सा हो गया,,,,,,
मेरी कॉफी भी ख़तम हो गयी और मैं कॅंटीन वाले के पास चला गया,,,,,देखा भाई साले
भिखारी को,,,अपना पैसा दिया नही जाता और बोल रहा था आपका बिल भी उसके आकाउंट मे डालने
को,,,,,
तभी मैने पर्स मे से पैसे निकाले और उसको दे दिए,,,,,
चल ये पकड़ पैसे और गुस्सा थूक दे,,,सोच लेना किसी कुत्ते को महीना भर रोटी खिला
दी थी तूने,,,,,मेरी बात से कॅंटीन वाला खुश हो गया,,,,
लेकिन भाई मैं आपसे पैसे कैसे ले सकता हूँ मैं तो पहले से आपका क़र्ज़दार हूँ,,
वो क़र्ज़ा ऐसे ही खड़ा रहने दे वो अलग बात है और ये तेरी कॅंटीन के बिल का पैसा है
सो इसका हिसाब अलग है,,चल अब पैसे पकड़ वरना मैं तेरी कॅंटीन से कॉफी नही
पीऊँगा कभी,,,,,मेरी बात सुनके उसने चुप चाप पैसे पकड़ लिए
मैं वापिस आके उसी टेबल पर बैठ गया,,,क्यूकी ज़्यादा कुछ करने को था नही आज कॉलेज
मे ,,,,तभी सोनिया और कविता भी कॉलेज आ गयी,,,
कहाँ था तू 2 दिन से,,घर क्यूँ नही आया,,,पता है मैं कितनी परेशान हो गयी थी,,,ये
बात सोनिया ने गुस्से मे बोली और मेरे पास बैठ गयी,,,
वो मैं किसी दोस्त के घर पर था,,,
जूथ मत बोल,,,,करण के अलावा और कोई दोस्त नही तेरा और करण तो खुद घर पे नही है
कल उसके घर पर लॉक लगा देखा था हम लोगो ने,,,,और वैसे भी तू मेरे साथ तो झूठ
बिल्कुल भी मत बोला कर तुझे पता है मैं तेरा झूठ पल भर मे पकड़ लेती हूँ,,,
अरे बाबा ,,अच्छा,, अछा,,मैं दोस्त के घर पे नही था,,होटेल मे था,,,अब खुश
होटेल मे क्यूँ,,घर नही आ सकता था तू,,,,अब गुस्सा करने की बारी कविता की थी,,,क्या वो
तेरा घर नही जो तुझे होटेल मे रुकना पड़ा,,,,
अरे बाबा माफ़ करदो अब क्या बच्चे की जान लोगि तुम दोनो,,,मैं तो सूरज भाई और कामिनी
भाभी की बातों से बचने के लिए घर नही आया,,,,
ओह्ह सही कहा सन्नी,,,,मेरा भी दिमाग़ खा गये वो लोग सवाल पूछ पूछ कर,,,,अच्छा बता
नाश्ता किया या नही,,,,
हाँ अभी करके हटा हूँ,,,तुम लोग कुछ लोगि क्या चाइ या कॉफी
नो थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी,,,हम घर से नाश्ता करके आई है,,,,
वैसे ब्लॅकी अगर नाश्ता हो गया हो तो क्या क्लास मे चले,,या आज यहीं बैठकर टाइम पास
करना है,,,,,ये बात बोली सोनिया ने हंसते हुए तो कविता भी हँसने लगी
नही मुझे नही जाना क्लास मे तुम दोनो जाओ,,,,तभी सोनिया उठी और वहाँ से चली गयी जबकि
कविता बैठी रही मेरे पास,,,,,
तूने नही जाना क्या क्लास मे,,,,मैने कविता से पूछा,,,,
जाना तो है सन्नी लेकिन मुझे तेरे से कुछ बात करनी है,,,,वो मैं वो,,,
मैं जानता हूँ तूने क्या बात करनी है,,,तुझे लगता होगा कि सोनिया भी मेरे से प्यार करती
है तो शायद मैं तुमको भूल जाउन्गा या उतना प्यार नही करूँगा जितना पहले करता था तो
तुम मेरी एक बात कान खोल कर सुन लो,,,मैं तुमसे भी उतना ही प्यार करता हूँ जितना कि
सोनिया से करता हूँ,,ये बात मुझे भी थोड़ी परेशान ज़रूर करती है कि अब क्या होगा मेरा
लेकिन मैं दिमाग़ पर टेन्षन नही डालता,,,तुम भी टेन्षन को दिमाग़ से निकाल दो और सब कुछ
टाइम पर छोड़ दो,,और सबसे बड़ी बात मेरे पर यकीन करो,,,,
मुझे तेरे पर पूरा यकीन है सन्नी,,,और मैं ज़रा भी परेशान नही हूँ,,,मैं तो बस ये
चाहती हूँ कि जो भी हो अच्छा हो,,किसी को किसी की वजह से कोई दुख ना हो,,तुझे तो पता
है हम लोग बचपन के दोस्त है,,,,जो भी हो हम लोगो की दोस्ती ख़तम नही होनी चाहिए
कभी,,,,,
ओके अब मैं चलती हूँ वो देख सोनिया दूर से खड़ी होके मुझे घूर रही है,,कविता के
बोलने पर मैने पीछे मूड के देखा तो सोनिया दूर खड़ी हम लोगो को ही देख रही थी
कविता उठकर जाने लगी तभी ना जाने मुझे क्या हुआ मैं भी उठ कर खड़ा हो गया और कविता
का हाथ पकड़ लिया,,,,
कविता थोड़ा डर गयी,,,ये क्या कर रहे हो सन्नी,,,छोड़ो मेरा हाथ सब लोग देख रहे है
,,हम कॉलेज मे है भूलो मत तुम,,,,
कॉलेज मे हूँ तभी तो हाथ पकड़ा है ,,,,कहीं अकेले मे होता तो कुछ और ही पकड़ लेता
कविता शरमा गयी,,,,छोड़ो बाबा मुझे शरम आ रही है देखो सब लोग घूर रहे है
सन्नी,,,प्ल्ज़्ज़ छोड़ो मुझे,,,,
अपने बाय्फ्रेंड के साथ खड़ी होके तुझे लोगो के देखने पर शरम आ रही है या सोनिया के
देखने से,,,,,,,
वो मैं वो ,,,नही सन्नी,,,,
उस से कुछ बोला नही गया तभी मैने उसको अपने करीब खींच लिया और गले से लगा लिया
वो एक दम सकपका गयी थी मेरी इस हरकत से,,,,देख तू मेरी गर्लफ्रेंड है और इस बात का अगर
लोगो को पता चलता है तो अच्छी बात है ना,,अब भला कब तक हम लोग छुप छुप कर मिलते
रहेंगे,,,,एक ना एक दिन तो सबको पता चलना ही है,,तो आज क्यूँ नही,,,पता लगने दो सबको
कि हम दोनो का चक्कर है,,
अच्छा बाबा लेकिन छोड़ो अब मुझे क्लास मे जाने को देर हो रही है,,सोनिया मेरा खून पी
जाएगी अगर मेरी वजह से क्लास मे लेट हो गयी,,,देखो वो अभी भी हम लोगो को ही देख
रही है,,,,,
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