RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
लॅपटॉप लेके बाहर आके बैठ गया और लॅपटॉप ऑन कर लिया,,,जैसे ही लॅपटॉप ऑन हुआ उसपे
केवल की फॅमिली का पिक लगा हुआ था,,,जिसमे केवल सीमा और उनका एक बेटा था शायद यही
कुणाल होगा,,,,उमर करीब --- साल थी उसकी,,,,पहले तो मैं इधर उधर लॅपटॉप मे उसकी
फॅमिली पिक्स देखता रहा क्यूकी मेरा ख़ास ध्यान सीमा मामी पर था मैं उन्ही की पिक ज़्यादा
देख रहा था ,,ये बात नही कि मेरे मान मे कोई गंदा विचार था बस सीमा मामी हँसती
हुई बहुत अच्छी लगती थी मुझे,,उनकी मुस्कान पर मेरा ध्यान टिक जाता था,,,,और वैसे ही
उनकी पिक्स पर भी ध्यान टिक गया था मेरा,,,लेकिन आस पास बहुत लोग थे मुझे लगा कोई
कुछ ग़लत नही समझ ले मुझे सीमा मामी की पिक्स देखते हुए इसलिए मैने जल्दी से गेम
ऑन करली और टाइम पास करने लगा,,,गेम मे इतना मस्त हो गया कि दोपेहर खाना भी नही
खाया मैने ,,,,,
गेम खेलते हुए टाइम का पता ही नही चला कि रात हो गयी,,,गाँव की औरतें जा चुकी थी
उनके जाने का भी पता नही चला,,,तभी डॅड मेरे पास आ गये,,,,,अरे बेटा कितना बिज़ी हो
गया तू गेम मे,,चल उठ अब लॅपटॉप केवल को वापिस कर्दे और खाना खा ले ,,सुना है तूने
दोपेहर को भी खाना नही खाया ,,,,चल उठ जल्दी और खाना खा ले,,,,
मेरा दिल तो नही कर रहा था लेकिन मैं डॅड की बात को टाल नही सकता था इसलिए उठा और
लॅपटॉप लेके केवल के रूम मे चला गया,,,,,
केवल रूम मे नही था सीमा थी,,,मैने लॅपटॉप उसको दिया और बाहर जाने लगा तभी उसने
मुझे रोक लिया और हम लोगो की बातें शुरू हो गयी,,,हम लोग बातें कर रहे थे और खूब
हँसी मज़ाक कर रहे थे तभी कविता वहाँ आ गयी,,,
सन्नी सरिता आंटी बुला रही है चलके खाना खा लो,,उसने थोड़ा गुस्से मे बोला और मैं
चुप करके किचन मे चला गया और अपने खाने की प्लेट लेके अपने रूम मे,,,
मुझे साला समझ नही आ रहा था कि ये कविता मेरे से गुस्से मे बात क्यूँ कर रही है
कहीं सोनिया ने उसको कुछ बता तो नही दिया जो भी कल छत पर हुआ था,,,,,मुझे थोड़ी
टेन्षन होने लगी इस बात पर ,,,,खैर मैने खाना खाया और बरतें किचन मे रखने
चला गया
बर्तन रखकर वापिस अपने रूम मे जा रहा था तभी ध्यान गया सीमा की तरफ जो बाथरूम
की तरफ जा रही थी,,,मैं भी बाथरूम की तरफ चला गया,,सीमा ने मुझे देखा तो वहीं
रुक गयी ,,,हम लोग सीडियों के पास खड़े हुए थे और बातें कर रहे थे जबकि कविता
दूर खड़ी होके हमको देख रही थी,,,,,कुछ देर बातें करने के बाद सीमा मामी बाथरूम
की तरफ चली गयी जबकि मैं वहीं खड़ा उनका इंतजार करने लगा,,,,तभी मैने देखा कि
कविता और सोनिया दोनो चलके मेरे पास आ रही थी,,,,
सोनिया मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ लिया इस से पहले मैं कुछ बोलता वो मेरा हाथ पकड़
कर मुझे उपर छत की तरफ ले जाने लगी,,,मैं भी कुछ नही बोला और उसके साथ छत
की तरफ जाने लगा,,,,पीछे पीछे कविता भी आ रही थी,,,,मुझे कुछ डर लगने लगा
था कि दोनो मुझे कहाँ लेके जा रही है,,,
हम लोग छत पर पहुँच गये ,,,,
ये सब क्या कर रहा है तू सन्नी ,,,सोनिया ने हल्के गुस्से मे बोला,,,,
क्या कर रहा हूँ मतलब,,,,मैं कुछ समझा नही तुम क्या कह रही हो सोनिया,,,
मेरा मतलब तुम सीमा मामी के साथ इतना हंस हंस कर बातें क्यूँ कर रहे हो,,,,
अरे तो इसमे क्या बड़ी बात है,,अब क्या उनके साथ बात करने के लिए मुझे तेरी इजाज़त लेनी
होगी क्या,,,,और वैसे भी मैं हँसी मज़ाक कर रहा हूँ उनके साथ कुछ ग़लत तो नही कर
रहा ना,,,,,
जानती हूँ तेरा हँसी मज़ाक मैं सन्नी,,,अच्छी तरह से जानती हूँ,,,उसने फिर थोड़ा गुस्से
मे बोला,,,,
तू कहना क्या चाहती है सीधी तरह बोल सोनिया,,,,,मैं भी हल्के गुस्से मे बोला
मैं ये कह रही हूँ सन्नी कि तेरा हँसी मज़ाक कैसा होता है मैं अच्छी तरह जानती हूँ
तू मुँह से तो हँसी मज़ाक करता है लेकिन तेरी आँखें कुछ और ही बोलती है,,,सीमा के साथ
तू हँसके बात करता है और आँखों ही आँखों मे गंदी नज़र से देखता है उनको
मैं उसकी बात से थोड़ा परेशान हो गया,,,हालाकी सीमा अच्छी लगती थी मुझे लेकिन अभी
तक मैं उसको गंदी नज़र से नही देखा था,,हलकी वो बहुत खूबसूरत थी लेकिन अभी
तक मेरा कोई ग़लत इरादा नही बना था उसके बारे मे,,,हाँ ये बात और है कि उसके जिस्म को
मैं ज़रूर तकता रहता था,,,
तभी उसने कविता की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,,,,ये लड़की तेरे से बहुत प्यार करती
है सन्नी,,क्या तू अपनी गंदी हरकतों से इसकी चाहत की रुसवाई करना चाहता है,,,बोल सन्नी
क्या तुझे अच्छा लगता है कि तुझसे प्यार करने वाला इंसान तेरे से नाराज़ हो जाए क्यूकी तू
उसके सामने ऐसी गंदी हरकते करता फिरता है,,,,,
मैने कविता की तरफ देखा तो वो नम आँखों से मेरी तरफ देख रही थी,,,
मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया,,मेरी कोई ग़लती नही थी लेकिन ये सोनिया मुझे कविता के सामने
बदनाम किए जा रही थी,,,,,मैं थोड़ा गुस्से मे बोल पड़ा,,,,,तुझे क्या लेना देना ये मेरी
और कविता की आपस की बात है,,,मैं उसको रुसवा भी कर दूँ तो तुझे क्या टेन्षन है
मैं गुस्से मे पता नही क्या बोल गया कि कविता बड़ी हैरत से मुझे देखने लगी,,,,
क्या बोला तूने सन्नी,,,,फिर से बोल ज़रा,,,मुझे क्या लेना देना इस सब से,,,भूल मत वो
मेरी बेस्ट फ्रेंड है,,,मैं नही चाहती तू ऐसी हरकते करके उसको रुसवा करे क्यूकी
अगर वो रुसवा हो गयी तो मैं भी रुसवा हो जाउन्गी,,,,,
क्यूँ तुम क्यू रुसवा होने लगी,,,,मैं थोड़े गुस्से मे बोला फिर से,,,मेरी बात से सोनिया
थोड़ी चिड गयी सो हल्की नमी आ गयी उसकी आँखों मे,,,,
मैं फिर बोल पड़ा,,,,वो मुझसे रुसवा होगी तो मैं मना लूँगा उसको ,,मेरी और उसकी बात से
तुझे कोई लेना देना नही है,,,,वो तेरी फ्रेंड है तो मैं क्या कर सकता हूँ,,वो सिर्फ़
तेरी ही नही मेरी भी अच्छी दोस्त है,,,,और भला उसकी रुसवाई से तुझे क्यूँ रुसवा होगा मेरे
से,,,,,,,मैं थोड़ी गुस्से मे बोला फिर से,,,,
तभी सोनिया रोती हुई मेरे पास आ गयी,,,,,और रोती हुई बोली,,,,क्यूकी मैं भी तेरे से
प्यार करती हूँ पागल इंसान,,,तेरी गंदी हरकतों से सिर्फ़ कविता ही नही मुझे भी गुस्सा
आता है तेरे पर,,मैं तुझे किसी और की तरफ ऐसे देखते हुए नही सह सकती,,मुझे ये
अच्छा नही लगता,,,,,,मैं बहुत प्यार करती हूँ तेरे से सन्नी,,,,बहुत प्यार करती हूँ
उसने इतना बोला और फूट फूट कर रोने लगी,,,,तभी आगे बढ़ के कविता ने उसको अपनी बहहों
मे भर लिया और सोनिया कविता के गले लग्के रोने लगी,,,,कविता उसको चुप करवाने की बड़ी
कोशिश कर रही थी लेकिन सोनिया रोती जा रही थी,,,,
मैं थोड़ा परेशान हो गया था,,,हालाकी मैं भी सोनिया ने प्यार करता था लेकिन अभी जब
उसने मुझसे प्यार का इज़हार किया वो भी कविता के सामने तो मुझे कुछ समझ नही आ रहा
था कि मैं क्या करूँ,,,,
तभी मैने आगे बढ़ के सोनिया का हाथ पकड़ा और कविता से उसको दूर करके खुद के करीब
खींच लिया और अपने गले से लगा लिया,,,,मेरे ऐसा करने से कविता मेरे और सोनिया से दूर
हटके पीछे की तरफ जाने लगी तभी मैने कविता का हाथ पकड़ लिया और उसको खुद से
दूर नही जाने दिया,,,,,सोनिया मेरे गले से लग्के रो रही थी जबकि कविता को हाथ पकड़
कर खुद के करीब रोक कर रखा हुआ था मैने,,,,,
कुछ देर हम लोग ऐसे ही खड़े रहे ,,,,सोनिया रोती जा रही थी कविता की आँखें भी थोड़ी
नम हो गयी थी,,,,
तूने मुझे कभी बताया क्यूँ नही सोनिया,,,मैं भी जानता था कि तू मुझे प्यार करती है मैं
कयि बार तेरी आँखों मे खुद के लिए प्यार देख चुका हूँ फिर भी तेरी ज़ुबान से एक बार
बस एक बार ये सुन-ने के लिए मेरे कान तरस गये थे ,,,,बोल तूने कभी मुझे बताया क्यूँ
नही,,,,
तभी वो मेरे से थोड़ा पीछे हट गयी,,,,क्या बताती तुझे मैं सन्नी,,,तुझे खुद नही
पता चलता कि कोई लड़की जिसका बचपन से अब तक सिर्फ़ एक की दोस्त है ,जिसके साथ वो
रूम शेयर करती है,,,अपना दुख सुख शेयर करती है,,,हर बात शेयर करती है जो वो
अपने बाय्फ्रेंड से शेयर कर सकती है,,,,,,तेरी वजह से मैने कॉलेज मे कभी किसी लड़के को
अपने नोट्स भी नही दिए कॉपी करने को क्यूकी मैं जानती थी नोट्स के बहाने कोई ना कोई
लड़का हमेशा मेरे करीब आने की कोशिश करेगा और मैं तेरे सिव किसी और को खुद के
करीब नही आने देना चाहती थी,,,,सिर्फ़ मैं ही नही ये कविता भी,,,,हम दोनो का तेरे
सिवा कभी कोई दोस्त नही हुआ आज तक,,,,,मैं जानती हूँ तूने भी कभी किसी लड़की पर
नज़र नही डाली कॉलेज मे ,,,,ये भी जानती हूँ कि तू कविता से बहुत प्यार करता है
और आज से ही नही बचपन से,,,,,,याद है तूने जब पहली बार कविता को देखा था तो
क्या बोला था,,,,तूने बोला था कि सोनिया वो देखो उस लड़की को ऐसे लगता है जैसे आसमान
से कोई परी उतार कर ज़मीन पर आ गयी है,,,तू बचपन से ही लाइक करता रहा है कविता
को ,,,,और जानती हूँ तू मुझे भी बहुत प्यार करता है,,,,लेकिन तेरा मेरा रिश्ता कुछ
अजीब था सन्नी,,,,मैं चाह कर भी तेरे से प्यार का इज़हार नही कर सकती थी,,,
तो अब क्यूँ,,,अब जब मैं कविता से प्यार करने लगा तो अब तूने प्यार का इज़हार क्यूँ किया,
क्या तू चाहती है कि कविता मुझसे दूर चली जाए,,,,
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