RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उसकी बात से मैं थोड़ा डर गया,,,अब इसको क्या बोलू,,ये पता नही मेरे बारे मे क्या सोच रही होगी,,
क्या हुआ भाई ,,कहाँ खो गये,,,भाई,,,,भाई,,,,
तभी मे ख्यालों से बाहर निकला,,,,,,कुछ नही मैं तो बस कुछ पूछने आया था तेरे से,,,
क्या पूछना है भाई,,,,उसने उठते हुए बोला,,,और उठकर बैठ गई,,,
पता नही,,,,मैं भूल गया,,,तभी मैं उठा और वहाँ से जाने लगा,,,तू सोजा आराम से मैं चलता हूँ
तभी उसने रूम से बाहर जाते हुए मुझे आवाज़ लगाई,,,भाई ये कंबल तूने दिया मुझपर,,,
मैं वहीं खड़ा हो गया और कुछ नही बोला बस ऐसे ही खड़ा रहा उसकी तरफ पीठ करके,,
वो फिर से बोली ,,,भाई बोलो ना,,ये कंबल तुमने दिया मुझपे,,क्यूकी मैं तो स्टडी कर रही थी तो ये कंबल
कैसे आया मुझपे और मैं बेड पर कब लेटी भाई,,
तभी मैं वापिस पलटा और बोला,,,,मैं तेरे से कुछ पूछने आया था ,,यहाँ आके देखा तो तुम बेड पर बैठी
हुई ही सो रही थी,,,शायद स्टडी करते हुए तुम्हारी आँख लग गई थी,,,,सो मैने तुमको लेटा दिया और्र्र्र्ररर
इतना बोलते बोलते मैं चुप हो गया,,और सर को नीचे झुका लिया,,,और वापिस पलट कर जाने लगा,,,,
तभी सुने पीछे से बोला,,,,,,शुक्रिया भाई,,,,,
मैं रुका नही और वहाँ से चलके शोभा के रूम मे आ गया और आके अंदर से कुण्डी लगा ली और बेड पर लेट
गया,,,मैने लाइट भी ऑफ नही की थी,,,,तभी मैं लाइट ऑफ करने क लिए उठा तो देखा कि 4 बज रहे थे,,,ओह्ह
मययी गॉड ,,मैं जब सोनिया के रूम मे गया था तो 2 बजे थे और अब 4 भी बज गये ,,क्या मैं इतना खो गया
था उसके मासूम और क्यूट फेस मे की मुझे टाइम का पता ही नही चला ,,,सच मे उसकी खूबसूरती ने तो मेरी
ज़िंदगी मे टाइम को भी रोक सा दिया था,,,,2 अवर्स कैसे बीत गये उसको देखते हुए मुझे पता ही नही चला ,मुझे
तो ऐसे लगा जैसे अभी वो सोई थी और मैं उसको देख रहा था और तभी पलक झपकाने जितने टाइम मे वो उठ गई
थी,,,,,मेरे 2 अवर्स पलक झपकाने जितने टाइम मे बीत गये थे,,,
मैं फिर से उसके मासूस फेस के बारे मे सोचने लगा हालाकी मुझे वो पल भी याद आ रहे थे जब मैने उसको
गोद मे उठा लिया था कुछ पल के लिए और मदहोश भी होने लगा था उसके जिस्म की खुश्बू से ,,लेकिन उसके क्यूट
फेस ने उसके जिस्म को नज़रअंदाज़ करने पर मजबूर कर दिया था मुझे,,,
हयी अल्लाह ,,,,,,,,,क्या कोई इतना भी खूबसूरत हो सकता है कि कोई उसके संगमरमर जैसे तराशे हुए जिस्म को
भूलकर बस उसके मासूम और भोले भले चेहरे मे ही खो जाए,,,
हां हो सकता है कोई इतना खूबसूरत,,,और मेरी सोनिया ऐसी ही थी,, इतनी खूबसूरत थी कि उसको देखकर जन्नत की
हूर भी जलने लगे उसकी खूबसूरती से,,,अगर कामदेव भी उसको देखे तो अपनी मेनिका को भूल जाए और खो
जाए उसके चेहरे मे,,,,इतनी ज़्यादा खूबसूरत थी मेरी सोनिया,,,मैं भी खो गया था उसके ख़यालो मे और कब
उसके बारे मे सोचता हुआ नींद के आगोश मे चला गया पता ही नही चला ,,,,
पता चला सुबह जब सोनिया बाहर खड़ी होके रूम के दरवाजे पर नॉक करने लगी थी,,,,भाई उठ जल्दी कॉलेज
नही जाना क्या,,,भाई जल्दी उठ बहुत टाइम हो गया है,,,,
वो नॉक करती जा रही थी और बोलती जा रही थी,,,,
मैं उठा और दरवाजा खोल दिया,,,,,
क्या भाई कब्से नॉक कर रही हूँ ,,,कितनी गहरी नींद सोते हो तुम,,,,अब जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ मैने
नाश्ता बना दिया था,,,,इतना बोलकर वो नीचे चली गई,,,,और जाते जाते फिर से मुझे जल्दी नीचे आने को बोल गई
मैं भी फ्रेश होके तैयार होके नीचे चला गया,,,उसने नाश्ता लगा दिया था ,फिर हम दोनो ने नाश्ता किया और
फिर घर से बाहर चले गये,,,,मैने बाइक स्टार्ट की और तभी वो मेरी बाइक पर बैठने लगी,,,
तू यहाँ क्यूँ बैठ रही है,,,,कविता नही आ रही क्या तुझे लेने के लिए,,,,,,,
नही भाई उसकी तबीयत थी नही वो बोल रही थी वो ऑटो मे चली जाएगी,,,,
तभी मैने बाइक बंद किया और बोला,,,,कैसी दोस्त है तू,,,,वो तुझे घर से लेने आती थी और आज उसकी तबीयत खराब
है तो तुम उसको लेके नही जा सकती अपने साथ,,,,चलो शोभा दीदी की अक्तिवा ले जाओ और कविता को भी अपने साथ ले
जाना,,,,,
मैं उसको अपने साथ नही लेके जाना चाहता था,,,,
वो मेरी बात सुनके थोड़ा उदास हो गई फिर उदास चेहरा से शोभा दीदी की अक्तिवा लेके वहाँ से चली गई और जाते
हुए मुझे गुस्से से देखकर गई,,,,
उसके जाते ही मैने घर लॉक किया और बाइक लेके कॉलेज की तरफ चल पड़ा,,,,
एग्ज़ॅम के बाद मैं कॅंटीन मे बैठ गया कुछ देर क लिए,,,कॅंटीन वाला बहुत इज़्ज़त करता था मेरी इसलिए मेरे
कहने पर उसने कुछ टेबल बाहर खुले मे लगवा दिए ,,,वैसे भी सर्दी हो गई थी और धूप मैं बैठने का
मज़ा ही कुछ और था,,,लेकिन धूप ज़्यादा गर्म लगती थी अभी इसलिए मैने एक टेबल को एक छोटे ट्री के पास लगवा
लिया था जहाँ ज़्यादा धूप नही थी,,,,मैं वहाँ बैठकर कॉफी लेने लगा था ,,वैसे तो करण को भी आना था
लेकिन वो सला अपनी नयी नवेली दुल्हन की वजह से घर भाग गया था,,उसके साथ चिपक कर जो बैठना था उसको,,,
करण तो नही था मेरे साथ देने के लिए लेकिन कोई और आ गया था मेरे साथ देने,,,,सोनिया और कविता दोनो मेरे
पास आ गई थी,,,,
मेरे पास आके कविता शरमा कर मुझसे मिली और मैं भी बड़े प्यार से उसको मिला,,,,वैसे तो मैं अक्सर उसके साथ
हाथ मिलता था लेकिन आज पता नही क्यू मैं उसके गले लग गया,,,,
मैने उसको बाहों मे भरा और बड़े प्यार से बोला,,,मैं उसको मिला तो प्यार से था लेकिन मुझे याद आया कि
सोनिया भी वहीं थी इसलिए मैने थोड़ा मज़ाक मे बात टाल दी,,,,क्या हाल है आपका कविता जी ,,मैने मज़ाक मे
इतना बोला तो कविता हँसने लगी और मेरी इस हरकत पर सोनिया भी खुश हो गई,,,
मुझे लगा था वो शायद गुस्सा करेगी लेकिन वो तो हँसने लगी थी,,शायद उसको पता चल गया था मैं मज़ाक कर
रहा हूँ,,,
कविता मेरे से अलग हुई और शरमा कर पीछे हट गई,,,,,
ओके कविता तू कुछ देर बैठ सन्नी के पास और मैं तब तक लाइब्ररी होके आती हूँ कुछ काम है,,,,,और तू इसको
ज़्यादा तंग नही करना सन्नी,,,उसने उंगली से इशारा करके ऐसा बोला जैसे मुझे धमकी दे रही हो,,,
नही नही सोनिया जी मैं इसको तंग नही करता कभी,,आप खुद ही पूछ लो,,मैं तो बहुत ज़्यादा केर करता हूँ
कविता जी की,,,मैने मज़ाक मे बोला तो कविता फिर से शरमा गई ,,,,
जानती हूँ सन्नी वो तो अभी देख ही लिया है मैने कि तू कितनी केर करता है कविता की,,,,सोनिया ने इतनी बात मज़ाक
मे बोली तो कविता फिर से शरमा गई,,,,
सोनिया वहाँ से चली गई और कविता मेरे पास बैठ गई ,,,,,,सोनिया के जाते ही कविता ने ज़ोर से मेरी कमर पर एक
चिमती काट दी ,,मेरे मुँह से आहह निकल गई,,,
ये क्या कर रही हो,,दुख़्ता है ,,मैने दर्द के मारे कविता से बोला,,,
अच्छा है दुखने दे,,,,तू भी तो हर्ट करता है ना सबको तुझे भी हर्ट होना सीखना होगा,,,
अब मैने क्या कर दिया,,,,जो इतना हर्ट करने लगी हो,,,,
अभी क्या हरकत की थी सोनिया के सामने,,,,उसको शक हो जाता तो,,,,ये तो अच्छा हुआ उसने सब मज़ाक समझ लिया
वर्ना पंगा हो जाता,,,,
मैने उसकी बात सुनी और सर को झुका लिया,,,,सौरी तुझे देखकर मैं इतना खो गया कि भूल गया था सोनिया भी
है साथ मे,,,अब गुस्सा मत कर ना प्ल्ज़्ज़
ओके नही करती,,,बट अगली बार ऐसी ग़लती नही करना ,,,अगर सोनिया को ज़रा भी शक हो गया तो वो जान ले लेगी मेरी,,
कविता ने ये बात डरते हुए बोली थी,,,उसके फेस से सॉफ पता चल रहा था वो कितना डरती है सोनिया से,,,,
तेरी क्या कविता वो मेरी भी जान ले लेगी अगर उसको ज़रा सा भी शक हो गया तो,,,,तुझे तो शायद माफ़ भी कर्दे वो
और आसान मौत देदे लेकिन मुझे तो तडपा तडपा कर मारेगी वो हिट्लर,,,,,मेरी बात से कविता हँसने लगी,,,
अच्छा अगर इतना डरता है तो ऐसे हरकते क्यूँ करता है फिर,,,आगे से ख्याल रखना इस बात का,,
ओक कविता मेडम जी,,,मैं ख्याल रखूँगा इस बात का,,,और आपका भी ,,,,मैने थोड़ा फ्लर्ट किया तो वो फिर से
शरमा गई,,,,,
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