Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-16-2019, 11:47 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
,,वैसे मुझे कुछ करने की ज़रूरत नही पड़ रही थी उसका चिकना खुशबूदार जिस्म खुद-ब-खुद मेरे से वो
सब करवा रहा था जो मैं करना चाहता था ,,,मेरे हाथ उसके पेट पर हल्के से सहलाते हुए उसके बूब्स की
तरफ बढ़ने लगे थे और इसी बात से उसका जिस्म रह रह कर झटके मारने लगा था और उन्ही झटको से मेरे हाथ
अपने आप आगे की तरफ बढ़ने लगे थे और जब तक उसका जिस्म झटके मारता रहा मेरा हाथ उसके बूब्स की तरफ
बढ़ते गये और कुछ ही देर मे मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे ,,उसको 2 छोटे छोटे बूब्स मेरे हाथों मे पूरे
के पूरे समा गये थे वो किसी छोटे सेब जितने बड़े थे और अपनी उमर के हिसाब से थोड़ा आकार भी ले चुके
थे ,,,मैने उसके बूब्स को बड़े प्यार से अपने हाथों मे पकड़ा और हल्के से दबा दिया और ऐसा करते ही उसने
अपने हाथों से मेरे सर को अपने करीब खींच कर मेरे लिप्स को थोड़ा तेज़ी से चूसना शुरू कर दिया और उसके
हाथ भी मेरे सर पर तेज़ी से सहलाने लगे थे,,,,उसके बूब्स की छोटी छोटी ब्राउन कलर की डुंड़िया जो किसी
काली मिर्च के दाने जितनी बड़ी थी वो हल्की हल्की हार्ड हो गई थी जिस पर मैने अपनी उंगलियों से हल्की हल्की
छेड़खानी शुरू करदी थी और वो डुंड़िया और ज़्यादा हार्ड होने लगी थी ,,,मैने उन घुंडीयों को उंगलियों मे
पकड़ कर हल्के से दबाना शुरू कर दिया था ,,


कुछ देर हम ऐसे ही किस करते रहे उसके हाथ मेरे सर पर सहलाते रहे जबकि मेरे हाथ उसके छोटे छोटे बूब्स
को सहलाने मे लगे हुए थे मैं उसके बूब्स की घुंडीयों को भी उंगलियों मे पकड़ कर दबा रहा था फिर
कुछ देर बाद उसने मेरे बालों को हल्के से खींचा और मेरे लिप्स को अपने लिप्स से दूर करके मेरे सर को
अपने जिस्म पर नीचे की तरफ लेके जाना शुरू कर दिया मैं उसकी बात समझ गया और खुद अपने जिस्म को नीचे'
की तरफ ले जाने लगा ,,मैने अपने लिप्स को उसके लिप्स से अलग करके उसकी चिन पर अपने लिप्स रखके और हल्की किस करते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगा ,,मस्ती मे उसकी गर्दन अकड़ कर उपर की तरफ हो गई और मैं उसकी गर्दन
से किस करता हुआ धीरे धीरे नीचे बढ़ता जा रहा था,,,मेरे हाथ अभी भी उसके बूब्स को सहला रहे थे और
उसके हाथ भी मेरे सर पर थे ,,वो मेरे सर पर ज़ोर डालके मुझे नीचे की और खिसका रही थी ,,,और मैं भी
उसके जिस्म को चूमता हुआ नीचे की तरफ आ रहा था और जल्दी ही मेरा सर उसके बूब्स के पास आ गया और मैं कुछ
पल के लिए उसके छोटे छोटे बूब्स को निहारता रहा और हल्के हल्के सहलाता रहा ,,,फिर मैने उसके फेस की तरफ
देखा और उसने शर्माके मुझे देखा और अपने हाथों से मेरे सर को अपने बूब्स की तरफ झुका दिया और कुछ
ही पल मे मेरे लिप्स उसके राइट बूब्स की डुँड़ी के उपर थे और मैने बूब्स पर लिप्स टच करने से पहले
अपनी ज़ुबान को बाहर निकाला और अपनी ज़ुबान से उसके बूब की डुँड़ी को हल्के से टच कर दिया और ऐसा होते ही
उसकी कमर ने एक झटका मारा और उसका जिस्म उपर की तरफ उछल गया और उसके बूब मेरे लिप्स से टकरा गया लेकिन जल्दी ही वो नीचे भी हो गया और मेरे लिप्स से उसके बूब्स फिर से दूर हो गया लेकिन उसने फिर से मेरे सर को
अपने बूब्स पर दबा दिया और मैने भी जल्दी से मुँह खोलकर उसके बूब को मुँह मे भर लिया और हल्के से
चुस्के मुँह से बाहर निकाल दिया,,,और फिर से अपने हाथ से उसके बूब्स को पकड़ा और हल्के से दबा कर फिर से
अपने मुँह मे भर लिया और चूसने लगा ,,मेरे मुँह मे बूब्स जाते ही उसके मुँह से हल्की हल्की आह अह्ह्ह्ह
की आवाज़ निकलने लगी जिस से पता चल गया कि वो मस्ती मे डूबने लगी थी और उसके डूबने से ही मेरी नोका
पार लगने वाली थी,,,,


मैने उसके बूब्स को हाथों मे पकड़ा हुआ था और हल्के हल्के चूस रहा था उसके छोटे छोटे बूब्स मेरे
हाथों मे भी और मेरे मुँह मे भी बड़े आराम से आ रहे थे और मैं बड़े प्यार से उनको चूस रहा था,
उसके मुँह से हल्की हल्की सिसकियाँ निकल रही थी और उसके हाथ मेरे सर को बड़े प्यार से सहला रहे थे,,,तभी
करीब मैं 4-6 मिनट तक ऐसे ही उसके बूब्स को चूस्ता रहा मेरा दिल करने लगा नीचे की तरफ बढ़ने के लिए
लेकिन मैं जल्दबाज़ी नही करने वाला था लेकिन आज शायद कविता को जल्दी थी उसने खुद ही मेरे सर को अपने बूब्स
से हटा दिया और मुझे नीचे की तरफ खिसकाने लगी,,,मैं उसकी तेज़ी से उसकी जल्दबाज़ी से थोड़ा हैरान था लेकिन
मैं बहुत मस्त भी हो गया था और उसके ऐसा करते ही मैने भी अपने सर को उसके बूब्स से उठा लिया और उसके
पेट पर किस करते हुए उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा,,,,,मैने खुद की टाँगों को घुटनो से मोड़ लिया था
और उसकी खुली टाँगों के बीच मे बैठ गया था,,मेरा खड़ा लंड उसकी चूत पर घिस रहा था लेकिन मैने
लंड को आगे नही किया ,,बल्कि मैने तो अपने लंड को कोई भी हरकत नही करने दी थी क्यूकी मैं पहले उसकी
तरफ से कदम आगे बढ़ाने के बारे मे सोच रहा था,,,,,

उसकी टाँगें खुली हुई थी और मैं अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर उसकी टाँगों के बीच मे बैठ गया
था मेरा सर अभी भी झुका हुआ था उसके पेट के उपर और मैं उसके पेट पर किस करता जा रहा था वो भी बड़े
प्यार से मेरे सर को सहला रही थी अपनी उंगलियों से,,,,,मुझे उसके बूब्स से लेके चूत के 3 इंच उपर तक
जाने मे कम से कम 3-4 मिनट का टाइम लग गया था ,,,मैं बहुत धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था,,,जब मैं उसकी
चूत के 3 इंच उपर था तो मुझे उसकी चूत की हल्की नमकीन खुश्बू आने लगी थी ,,उसकी चूत पर उगे
हुए हल्के हल्के भूरे रंग के सॉफ्ट बाल मेरी चिन पर लगने लगे थे और मुझे अपनी चिन पर हल्की गुदगुदी
महसूस होने लगी थी,,,,उसी गुदगुदी और नमकीन खुसबू से मेरे लिप्स किस करते हुए उसकी चूत पर और ज़्यादा
नीचे की तरफ बढ़ने लगे और कुछ पल बाद मैं उसकी चूत तक पहुँच गया था,,,जैसे ही मैं उसकी चूत पर
पहुँचा मुझे याद आया पिछली बार वो रोने लगी थी इसलिए मैने सर को उपर उठाकर उसकी तरफ देखा और
नज़रो ही नज़रो मे उस से आगे बढ़ने की इजाज़त माँगी उसने भी रज़ामंदी मे अपने सर को हाँ मे हिला दिया और
मुझे आगे बढ़ने का इशारा दे दिया,,,,मैने भी जल्दी से अपने लिप्स को उसकी चूत पर रख दिया ,,,उसकी चूत
के सॉफ्ट बाल मेरी नाक से टकराने लगे थे जो हल्के भूरे रंग के थे,,उसकी चूत के बालों से भी हल्की
नमकीन खुसबू आ रही थी लेकिन जैसे ही मेरी नाक उसकी चूत के उपर जाके टिक गयी तो मुझे इतनी तेज और
तीखी खुश्बू आने लगी थी उसकी चूत से कि मेरा पागलपन बढ़ने लगा था एक ही पल मे लेकिन फिर भी पता
नही मैं कैसे खुद पर क़ाबू कर रहा था,,,,

मैं उसकी चूत की खुश्बू को अपनी नाक के रास्ते से अपने पूरे जिस्म तक पहुचाने लगा था जिस से मेरे पूरे
जिस्म मे मस्ती की लहर दौड़ने लगी थी,,,मैं तेज़ी से साँसे लेता हुआ उसकी चूत को सूंघने लगा था और खुद के
जिस्म मे मस्ती की खुश्बू को भरने लगा था और उसी खुश्बू से मस्त होके पता नही कब मेरी ज़ुबान मेरे
मुँह से बाहर निकली और मैने अपनी ज़ुबान को उसकी चूत की लाइन पर टच कर दिया और उसकी चूत की लाइन पर
लगे हल्के नमकीन पानी को चाटने लगा,,,,मेरी ज़ुबान उसकी छूट की एक पतली सी लाइन पर उपर से नीचे तक
घूमने लगी थी,,,,उसकी चूत के नमकीन पानी का स्वाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ये एक नया स्वाद था
मेरे लिए,,,,हालाकी मैने बहुत चूत का पानी पिया था लेकिन इस चूत का पानी मुझे बाकी सब चूत से ज़्यादा
नमकीन लग रहा था क्यूकी ये मेरी लाइफ की पहली जवान चूत थी अब तक तो मुझे ढली उमर की चूत ही मिली
थी जो काफ़ी नमकीन थी लेकिन इस चूत का नमकीन स्वाद किसी नीब्बू के अचार की तरह था,,,,ये बात वही बता
सकता है जिसने चूत के पानी चखा हो कभी,,,,,


मैं हल्के हल्के उसकी चूत के पानी को चखने लगा था और हल्के हल्के उसकी चूत को चाट रहा था और वो
मस्ती मे बस सिसकियाँ लेती जा रही थी उसका सर बेड पर इधर से उधर हिलने लगा था,,,,वो किसी मछली की तरह
झटपटाने लगी थी करवटें ले रही थी बेड पर और मेरे सर को अपने हाथों से अपनी चूत पर दबा रही थी


उसका बस चलता तो मेरे सर को अपनी चूत मे घुसा लेती ,,वो कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गई थी और उसकी चूत को
चाट-ता हुआ मैं भी काफ़ी मस्त हो गया था,,,मेरे हाथ जो अब उसकी चूत के दाने तरफ पहुँच गये थे
मैने उन हाथों से उसकी चूत को हल्के से पकड़ा और खोल दिया,,,मैं एक दम से दंग रह गया ,,मैं ज़िंदगी
मे पहली बार जवान चूत देख रहा था उसका रंग एक दम गुलाबी था और अंदर से वो सिंधुरी रंग की थी
मैं इतना ज़्यादा खुश हो गया था कि मेरा दिल करने लगा अभी अपने लंड को घुसा दूं इसकी चूत मे लेकिन
तभी मुझे हल्की मायूसी हुई ,,क्यूकी इसकी चूत की सील खुली हुई थी,,,,मैने दोनो हाथों से उसकी चूत को
खोला और कुछ देर उसकी चूत को देखता रहा फिर मैने उसकी तरफ देखा तो वो मेरी घुरती हुई आँखों से
डर गई और उसकी आँखें नम होने लगी,,मुझे लगा शायद वो फिर से मुझे चूत तक नही जाने देना चाहती
इसलिए रोने लगी थी इसलिए मैं जल्दी से उसकी चूत से डोर हो गया और उसको ये बता दिया कि मैं कुछ नही
करने वाला जब तक उसकी मर्ज़ी नही होगी ,


मैं उस से दूर होके उठकर बैठ गया और उसकी तरफ देखने लगा,,,कविता रोते हुए जल्दी से बेड से उठी और
मेरे उपर झपट पड़ी उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे उपर चढ़ गई,,,मैं कुछ नही समझा लेकिन
तभी उसने कुछ ऐसा किया कि मैं दंग रह गया,,,उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जकड़ा और किस करते हुए मेरे
हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रखे और तभी उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत पर
रखते हुए अपनी चूत को मेरे लंड पर दबाने लगी,,,मेरा लंड बहुत मोटा था और उसकी चूत बहुत टाइट
थी इसलिए लंड को चूत मे जाने मे दिक्कत हो रही थी ,,,चूत तो पानी बहा चुकी थी लेकिन लंड अभी काफ़ी
खुश्क था जो चूत मे घुसने मे दिक्कत कर रहा था लेकिन वो नही मान रही थी वो लंड को हाथ मे
पकड़कर चूत के होल पर रखकर खुद के जिस्म को लंड पर नीचे दबा रही थी जिस से लंड चूत के अंदर
घुसने लगा था और उसके मुँह से हल्की चीख निकलने लगी थी,,,उसके लिप्स मेरे लिप्स मे क़ैद थे लेकिन फिर भी
उसकी चीख रूम मे गूँज रही थी,,,वो चीख को दबाने के लिए मुझे बहुत ज़ोर ज़ोर से किस करने लगी थी
ताकि उसकी आवाज़ नही निकल पाए लेकिन मेरा लंड बहुत मोटा था जो उसकी जवान और टाइट चूत मे मुश्किल से घुस
रहा था और उसको दर्द भी हो रहा था इसलिए उसकी आवाज़ निकलती जा रही थी जिस से सॉफ पता चल रहा था कि उसको
दर्द हो रहा है,,,,लेकिन वो फिर भी रुक नही रही थी बस अपनी चूत को मेरे लंड पर दबाती जा रही थी,,,


वो काफ़ी टाइम से कोशिश कर रही थी ,,मुझे किस करते हुए मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने के लिए लेकिन मेरा
लंड बहुत मोटा था जो उसकी टाइट चूत मे नही घुस रहा था ,,वो बार बार दर्द से बिलखती हुई मेरे लंड
पर अपनी चूत रखके अपनी चूत को नीचे दबा रही थी ताकि मेरा लंड उसकी चूत मे घुस जाए लेकिन उसकी
सारी कोशिश नाकाम जा रही थी,,,,इतने टाइम बाद भी मेरे लंड की हल्की सी टोपी ही घुसी उसकी चूत मे जिसको
वो हल्के हल्के अंदर बाहर करते हुए दर्द से तड़प रही थी,,,तभी एक दम से उसने अपने लिप्स को मेरे लिप्स से
दूर किया और अपने सर को मेरे सर से उपर उठा लिया तभी मैने उसकी आँखों मे देखा तो उसकी आँखों मे
आँसू आ गये थे और चेहरा पर एक डर नज़र आ रहा था,,सॉफ पता चल रहा था कि उसकी चूत मे मेरा लंड
नही घुस रहा था लेकिन टोपी की वजह से ही उसको दर्द होने लगा था,,,,वो रोते हुए एक दम से मेरे उपर से
उठी और बेड पर मेरे से दूर होके पीठ करके बैठ गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी,,,,

मुझे कुछ समझ नही आया कि अब इसको क्या हो गया,,,,अब तो मैने कुछ नही किया जो किया इसने किया फिर क्यूँ
रोने लगी ये,,,,क्या मेरे से कोई ग़लती हो गई,,,,क्या मैने कुछ ग़लत कर दिया,,,,,लेकिन मैने तो कुछ किया ही
नही था,,जो भी किया उसने किया,,,,,,,मुझे कुछ समझ नही आया लेकिन उसके रोने की आवाज़ से मुझे उसपे दया आ
गई और मैं उसके करीब चला गया,,,,,,,,,,,,,हालाकी मुझे उसपे गुस्सा भी आ रहा था क्यूकी उसकी टाइट चूत मे
मेरे लंड की टोपी घुस गई थी और हल्के हल्के अंदर बाहर भी होने लगी थी और मुझे हल्का हल्का मज़ा भी
आने लगा था लेकिन उसने सारा मज़ा खराब कर दिया था,,,लेकिन उसके रोने की आवाज़ से मेरा दिल पसीज गया था और
मैं हिम्मत करके उसके करीब हो गया,,,,और जैसे ही मैने पीछे से उसके शोल्डर पर हाथ रखा तो वो मेरी
तरफ पलट गई,,,,और आँखों मे आँसू लेके मुझे रोते हुए देखने लगी,,,,फिर एक दम से वो आगे बढ़ कर मेरे
से लिपट गई,,,,,
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RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही - by sexstories - 07-16-2019, 11:47 AM

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