Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-15-2019, 02:08 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अच्छा भाई गोली मार पार्टी को,,,चल मूवी देखने चलते है,,,,तेरे फ़ेवरेट हीरो की मूवी लगी है,,ये
सुनकर मैं खुश हो गया क्यूकी मुझे वो हीरो बहुत अच्छा लगता था,,,,मेरा गुस्सा भी कम हो गया
था ,,,ये बात करण भी जानता था इसलिए उसने टॉपिक चेंज करके मूवी की बात की थी,,,फिर मैं
ऑर करण मूवी देखने चले गये ,,जब मूवी ख़तम हुई तो हम दोनो अपने अपने घर की तरफ
चले गये,,,,करंण चाहता तो मुझे अपने घर लेके चला जाता लेकिन उसको पता था गुस्से मे मेरा दिल
चूत मारने को भी नही करता इसलिए वो मूवी के लिए ले गया था मुझे,,

वापिस घर जाते टाइम करण ने मेरे से पार्टी की कोई बात नही की थी ऑर ना ही मैने उस से पूछा पार्टी
के बारे मे,,,,मैं सीधा अपने घर चला गया,,,,

घर पहुँचा तो देखा कि डॅड की कार घर पर थी,,,,डॅड आज जल्दी आ गये थे शायद ऑफीस से फिर
मेरी नज़र पड़ी अक्तिवा पर ये आक्टिव कविता की थी,,,,,,ये यहाँ क्या कर रही है,,,,शायद स्टडी करने
आई होगी,,,,मैं सोच ही रहा था तभी दरवाजा खुला ऑर सामने माँ थी,,माँ ने दरवाजा खोला
ऑर मैं अंदर चला गया,,,

बहुत ठीक टाइम पर आए हो बेटा,,,,मैने देखा कि सोफे पर डॅड बैठे हुए थे वो मेरे को बोल
रहे थे,,,,

क्या मतलब मैं सही टाइम पर आया,,,,ऑर आप आज ऑफीस से जल्दी कैसे आ गये डॅड,,,,

अरे बेटा वो सोनिया ऑर कविता की किसी फ्रेंड का बर्तडे है उनको लेके जाना है पार्टी मे,,,मैं तो
मना कर रहा था कि मैं पार्टी मे क्या करूँगा लेकिन वो नही मानी बोलने लगी कि हमे वहाँ
छोड़कर वापिस आ जाना,,,,

कविता अपने भाई सूरज को बोल देती वो ले जाता इन लोगो को वहाँ,,

डॅड कुछ बोलते इस से पहले ही कविता नीचे आ गई ऑर बोल पड़ी,,,,,सूरज भाई को ज़रूरी काम था वर्ना
मैं भाई को ही बोलती,,,,,ऑर वैसे भी अंकल आप सोनिया के डॅड हो तो क्या मेरा इतना भी हक़ नही बनता
आपको कुछ कहने का,,,,

मेरा ध्यान कविता पर गया ऑर मैं उसको देखता ही रह गया,,,,उसने आज स्काइब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई
थी जो उसमे बहुत जच रही थी,,,बाल खुले हुए ,,,शायद स्टेट किए थे,,,आँखों पर हल्का आइलाइनर ऑर हल्का
,,लिप्स पर हल्के पिंक कलर की लिपस्टिक ,,,पलटा सा फिगर ,,,ब्लाउस मे से झाँकते 2 छोटे छोटे बूब्स एक
दम कमाल लग रहे थे,,,,,मैं तो बस खो हो गया था कविता मे,,,,


तभी एक आवाज़ ऑर हुई,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यू नही बोल सकते ,,,मेरे डॅड है तो क्या हुआ तेरे भी तो कुछ लगते है
तेरा पूरा हक़ है इनको कुछ भी काम बोलने का,,,,ऑर वैसे आज तूने नही मैने इनको बोला है हमे पार्टी
मे लेके जाने के लिए,,,,हम खुद भी चले जाते अक्तिवा पर लेकिन कपड़े खराब हो जाते ऑर बाल भी आंड
वैसे भी पार्टी बहुत दूर है ऑर रात को अकेले आने से हमे डर लगता है वहाँ से,,,

ये आवाज़ थी सोनिया की,,,,ऑर जैसे ही मेरी नज़र पड़ी सोनिया पर तो मैं कविता को जैसे भूल ही गया,,,सोनिया
ने लाइट पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी,,उसका फिगर भी कविता जैसा ही था लेकिन वो बहुत ज़्यादा सेक्सी
लग रही थी,,,उसने कोई मेक-अप नही किया था,,ना फालतू का आइलाइनर ना कोई लिपस्टिक ,,उसके लिप्स वैसे ही
पिंक थे,,बाल खुले हुए जो बार बार फॅन की हवा से उड़ रहे थे ओर उसको तंग करते हुए उसके चेहरे
पर आ रहे थे,,,वो बार बरा अपने हाथ से अपने बालों को अपने कान के पीछे से अटका रही थी लेकिन
उसके रेशमी बाल कान से फिसल कर बाहर निकल रहे थे,,जितनी ज़िद्दी वो थी उस से कहीं ज़्यादा ज़िद्दी थे
उसके बाल जो उसको तंग कर रहे थे,,,,

2-2 जवान हुस्न देख कर दिल बावला होने लगा था लेकिन पता नही कैसे मैने खुद को क़ाबू मे किया
हुआ था,,,

अच्छा बाबा रहम करो मुझपर ,,,मैं तो सिर्फ़ इतना बोल रहा था कि मैं तुम लोगो के साथ जाके क्या करूँगा
तुम इस सन्नी को ले जाओ,,,,,ये तुम लोगो को वहाँ पार्टी मे छोड़ कर आएगा,,,,

नही ये हमे छोड़ कर नही आएगा,,,,ये बात सोनिया ने बोली थी,,,,ऑर तभी डॅड बोल पड़े,,,,लगता है
सोनिया बेटी तुम्हारा अक्तिवा ऑर बाकी सब समान कॅन्सल करना पड़ेगा क्यूकी तुमने अभी तक फाइट ख़तम नही
की,,,

नही नही डॅड मेरे कहने का मतलब था कि ये हमे छोड़ कर वापिस क्यूँ आएगा ये तो हम लोगो के साथ
वहीं रहेगा,,,क्यू सन्नी भाई हमारे साथ चलोगे ना,,,,सोनिया ने नकली प्यार से मेरे से पूछा था ऑर
ये बात सबको पता थी इसलिए सब लोग हँसने लगे,,,,

ठीक मैं चला जाउन्गा लेकिन मैं पार्टी मे नही जाने वाला ऑर मैं इन्ही कपड़ो मे जाउन्गा,,वैसे
जाना कहाँ है,,,,



इतना बोलते ही कविता ऑर सोनिया दरवाजे की तरफ चली गई ऑर डॅड ने पीछे से मुझे भी इशारा कर दिया उनके
साथ जाने का क्यूकी मैं उनको लेके जाता ऑर डॅड घर पर माँ के साथ पार्टी करते,,,,

मैं भी घर से बाहर आ गया ऑर आके कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया ,,सोनिया ऑर कविता दोनो पीछे की
सीट पर बैठ गई,,,,

हेलो लिशिन,,,,मैं तुम्हारा ड्राइवर नही हूँ जो ऐसे बैठ कर जा रही हो,,,एक मेरे साथ आगे बैठो
वर्ना मैने नही जाना तुम लोगो के साथ,,,

तभी सोनिया बोली,,,,ड्राइवर ही लगता है और कपड़े भी ड्राइवर जैसे है ,,,ऑर नखरा देखो,,,उसने इतना बोला ऑर
दोनो हँसने लगी,,,,

कोई आएगा आगे या मैं उतर जाउ कार से,,,,

तभी कविता मेरी सीट के पीछे से मेरे करीब आई ऑर मुझे गले लगा लिया,,,,,चल ना सन्नी प्ल्ज़्ज़ ऐसे ही
चल हम दोनो को एक साथ बैठना है,,,,क्या तू एक दिन के लिए ड्राइवर नही बन सकता उसने इतना बोला ऑर मेरे
लिप्स पर हल्की सी ज़ुबान फिरा दी सोनिया से छुपकर,,,,,मेरे लिए इतना ही काफ़ी था,,,,तू तो कितना हॅंडसम है
सन्नी ऑर आज के बाद मैं तुझे ब्लॅकी भी नही बोलूँगी,,,,

ठीक है ठीक है ,,इतना मस्का भी मत लगा अब,,,बैठ जा आराम से ,,मैं ड्राइवर बन जाता हूँ आज के
लिए,,,

मैने कार स्टार्ट की ऑर वहाँ से चल पड़ा,,,,कविता ने कान पर ज़ुबान फिरा कर मुझे मना लिया था ऑर
सोनिया एक सामने झूठी तारीफ करके सोनिया को ये जता दिया था कि मैं झूठी तारीफ सुनके जाने को रेडी
हुआ हूँ,,,,,काफ़ी तेज थी कविता ,,मेरी सोच से भी ज़्यादा तेज,,,,अभी मैं सोच ही रहा था कविता के बारे
मे तभी मेरा ध्यान उपर वाले मिरर पर गया जिसमे मुझे कविता ऑर सोनिया दोनो नज़र आ रही थी दोनो
'हंस हंस कर बाते कर रही थी,,बात तो कोई नही सुन रही थी मुझे लेकिन हँसी बहुत तेज थी दोनो की,,शायद
दोनो मेरा मज़ाक बना रही थी,,,,

मालकिन जी अब ये तो बता दो कि जाना कहाँ है,,,मैने मिरर मे से देख कर कविता से पूछा,,,,

ओह्ह सॉरी ड्राइवर जी मैं तो भूल ही गई,,,,ओर वैसे जाना कहाँ है ये तो मुझे भी नही पता,,,तुझे पता
है क्या सोनिया,,,,तभी सोनिया ने भी ना मे गर्दन हिला दी ऑर मैने मिरर मे देख लिया था,,,

जाना कहाँ है पता नही ऑर पार्टी खाने चलो हो,,कैसी अजीब लड़कियाँ हो तुम,,,,

तभी सोनिया ने अपने फोन से किसी को फोन किया,,,,,हां हां बाबा आ रही हूँ बस मुझे अड्रेस्स नही
पता पार्टी का ,,,,,,


हां अभी घर से निकली हूँ,,तुम अड्रेस्स बताओ ज़रा,,,,,तभी दूसरी तरफ वाला अड्रेस्स बताने लगा ऑर सोनिया
को कुछ समझ नही आया,,,,वैसे भी वो घूमती फिरती कहाँ थी,,घर से कॉलेज ऑर कॉलेज से घर,,


मुझे समझ न्ही आ रहा तुम मेरे ड्राइवर को बता दो,,,,सोनिया ने इतना बोला ऑर फोन मेरी तरफ बढ़ा दिया

इस से पहले मैं कुछ बोलता सोनिया ऑर कविता दोनो हँसने लगी,,,,,फिर मैने फोन पर बात की ऑर अड्रेस्स
समझने लगा,,,,ये अड्रेस्स शहर से बाहर था कम से कम 90 मिनट लगने थे वहाँ जाने मे,,,पूरे
रास्ते कविता ऑर सोनिया अपना मज़ाक करती रही ऑर मैं दोनो के हँसते चेहरे देखता रहा मिरर मे,,,,


पार्टी वाली जगह पर पहुँचे तो दूर से ही पार्टी नज़र आ रही थी,,,,खूब लाइट्स लगी हुई थी,,,कार की
पार्किंग तो दूर दूर तक थी,,ये कोई घर ये रिज़ॉर्ट नही लग रहा था मुझे,,,ये तो कोई फार्म लग रहा
था,,,,क्यूकी बहुत बड़े बड़े फार्म थे यहाँ ,,,लगता था पार्टी किसी बड़े पैसे वाले के घर मे थी,,,

मैने कार साइड पार्क की तो इतने मे सोनिया ऑर कविता उतर कर आगे चली गई,,,उनको कॉलेज की कुछ दोस्त मिल
गई थी,,,,मैने भी कार से उतरा ऑर आगे की तरफ चल पड़ा,,,जैसे ही मैं गेट से अंदर गया देख कर दंग
रह गया ,,क्या पार्टी थी,,,,क्या घर था,,,घर नही था ये तो फार्महाउस था,,,घर मे एक बड़ा स्वीमिंग
पूल था ,,,बड़ा सा खुला गार्डन था,,ऑर सबसे हैरत वाली बात थी कि मेरे कॉलेज के बहुत सारे दोस्त थे
यहाँ पर,,,मैं हैरान था कि ये पार्टी किसकी है जिसने सब को बुला लिया ऑर मुझे नही बुलाया,,अभी मैं
सोच ही रहा था कि तभी मेरे शोल्डर पर किसी ने हाथ रखा ऑर मैं पीछे पलट गया,,,,


वाह जी वाह,,हमने कहा तो पार्टी का नाम तक नही सुन रहे थे ऑर यहाँ पार्टी मे पहुँच भी गये
ऑर वही पुराने कपड़ो मे,,,मैने पीछे मूड के देखा तो ये करण था,,,

साले तू यहाँ क्या कर रहा है,,,,,

अबे मुझे तो इन्वाइट किया गया है,,,ऑर ये सवाल तो मुझे करना चाहिए तेरे से कि तू यहाँ क्या कर रहा है

मैं तो सोनिया ऑर कविता का ड्राइवर बनके आया हूँ यार,,,ऑर वैसे पार्टी किसकी है ऑर तुझे किसने इन्वाइट किया
जिसने मुझे इन्वाइट नही किया,,,,

अबे मुझे भी इन्वाइट नही किया सन्नी भाई मैं तो उसके साथ आया हूँ,,तभी करण ने एक तरफ इशारा
किया ऑर मैने देखा कि सामने से रितिका ऑर पायल भाभी चलके हम लोगो की तरफ आ रही थी,,,,

करण को रितिका लेके आई है सन्नी,,पायल; भाभी ने पास आके बोला,,,,इसी ने इन्वाइट किया था करण को ,,,ये
तुझे भी इन्वाइट करने वाली थी लेकिन इसने बोला कि तुम तो खुद चले आओगे क्यूकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड जो यहाँ
आने वाली है,,,,ऑर अब तुम लोगो की बातों से पता चल गया कि तुम अपनी गर्लफ्रेंड के ड्राइवर बनके आए हो ,,पायल
भाभी ने इतना बोला ऑर मेरे कपड़ो की तरफ इशारा करके हँसने लगी,,साथ मे करण ऑर रितिका भी,,,

मैं एक बात तो समझ गया था कि रितिका ने मुझे इन्वाइट क्यूँ नही किया था क्यूकी वो मेरे से गुस्सा थी ऑर
अब ये मेरी गर्लफ्रेंड कविता को बोल रहे थे,,लेकिन मुझे ये पता नही चल रहा था कि पार्टी किसकी है ऑर बर्थडे
किसका है,,,,,

कविता मेरी गर्लफ्रेंड नही है पायल भाभी ये तो आपको करण ने भी बता दिया होगा,,,आंड रितिका ने मुझे इन्वाइट
क्यू नही किया ऑर आपको भी इन्वाइट नही करने दिए इसके पीछे तो एक ही वजह थी,,,रितिका डर गई होगी कि
अगर सन्नी भी पार्टी मे आ गया तो उसके बाय्फ्रेंड की तरफ कोई ध्यान नही देगा ,,सब लड़कियाँ सन्नी को ही देखती
रहेंगी,,,,,,,मैने इतना बोला तो करण ऑर पायल भाभी हँसने लगे लेकिन रितिका मेरे से गुस्सा ही रही,,,,

अच्छा अब ये तो बता दो की पार्टी किसकी है,,,,,क्या ये पार्टी रितिका की है,,,,बट ये मेरी बेहन ऑर कविता को
कैसे जानती है,,,,
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RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही - by sexstories - 07-15-2019, 02:08 PM

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