RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी कुछ शांत होके डॅड उठे ओर मेरे पास आ गये,,,,अच्छा बता तुझे कोई काम तो नही आज,,,
जी नही डॅड लेकिन क्यू,,आपको कोई काम था क्या मेरे से,,,,
हाँ बेटा,,,,विशाल भाई भी गाओं चला गया है उसको कुछ नये कपड़े लेने थे,,लेकिन टाइम नही था
जाते जाते तेरी कुछ न्यू पॅंट्स ले गया है ,,सही फिट आई थी उसको,,,,,,ऑर जाते जाते मुझे कुछ पैसे
दे गया है,,जाके उसके लिए भी शॉपिंग कर्लो ओर अपने लिए भी कुछ शॉपिंग कर लेना,,,
इतना बोलकर डॅड अंदर गये ओर कुछ पैसे लाके मुझे दे दिए,,,,
मेरा भी दिल कर रहा था कहीं बाहर घूमने को,,,,इसलिए डॅड से पैसे लिए ऑर तैयार होके घर से
चला गया,,,,माँ का दिल तो कर रहा था मैं उनके साथ चुदाई करूँ लेकिन मैं बहुत ज्याद थक
गया था ,,अब मूठ मारना या चुदाई करना तो दूर पैशब करने के लिए लंड को हाथ लगाने को
दिल नही कर रहा था,,,,,पैसे पॉकेट मे डालके मैं करण के घर की तरफ चल पड़ा ताकि उसको
भी साथ लेता चलूं क्यूकी अकेले जाने मे मुझे अजीब सा लग रहा था ऑर अकेला वही तो दोस्त
था मेरा,,,
बाइक लेके करण के घर की तरफ चल पड़ा,,जब करण के घर पहुँचा तो शिखा ने गेट खोला
हाई दीदी,,,,,
हेलो सन्नी,,,,
शिखा ने एक हल्के पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी,,,मैने सोचा कि साला दिन मे भी नाइटी
कुछ ऑर नही पहन सकती थी क्या,,,,नाइटी मे से सारा जिस्म नज़र आ रहा था,,,,बड़े बड़े बूब्स
जो अब पहले से भी ज़्यादा बड़े हो गये थे वो सर उठा उठा कर नीचे से उपर निकल रहे थे,,
दीदी ने मुझे उनके बूब्स की तरफ घूरते देखा ऑर शरमाने लगी,,,,
अंदर आओ ना सन्नी,,दीदी ने अपने बूब्स पर हाथ मलते हुए बोला,,,,,
दिल तो किया अंदर चला जाउ लेकिन इतना थक गया था रेखा की वजह से की लंड मे भी कोई हलचल
नही हो रही थी शिखा को देख कर,,,,,
नही दीदी अभी नही,,,डॅड ने कुछ काम बोला है वहीं करने जा रहा हूँ,,,,सोचा करण को भी
साथ ले जाउ,,,आप करण को बुला दो,,,,
करण तो घर पे नही है,,,,सुबह से कहीं बाहर गया हुआ है,,,,
कहाँ गया है दीदी,,,
तभी दीदी गेट से थोड़ा अंदर हो गई ओर अपने हाथों से अपने बूब्स मसल्ते हुए बोली,,,मुझे
नही पता ,,अंदर आके माँ से पूछ लो वो भी बड़ा याद कर रही है तुमको,,,,
तभी अंदर से आवाज़ आई,,कॉन आया है बेटी,,,,
मुझे पता था शिखा को देख कर तो नही लेकिन अलका को देख कर मेरा मूड खराब हो जाना है
ऑर लंड का बुरा हाल हो जाना है इसलिए मैने जल्दी से बाइक स्टार्ट किया ऑर वहाँ से भाग गया,,,,
साला पहली बार हुआ था की मैं चूत से दूर भाग रहा था,,,,लेकिन क्या करता अगर रुक जाता वहाँ
तो दोनो ने मिलकर मुझे पूरा का पूरा निचोड़ लेना था,,,जो थोड़ा बहुत रस रेखा ने मेरे अंदर
छोड़ दिया था वो भी शिखा ऑर अलका आंटी ने ख़तम कर देना था,,एक एक बूँद निचोड़ लेनी
थी,,,,,
करण के घर से थोड़ा आगे आके मैने करण को फोन किया तो पता चला कि वो माल मे ही है
पिज़्ज़ा शॉप मे ,इसलिए मैं भी माल की तरफ ही चल पड़ा,,,,
माल की पिज़्ज़ा शॉप मे पहुँचा तो सामने के एक टेबल पर करण बैठा नज़र आ गया ऑर उसके साथ
2 लोग ऑर थे,,,,एक तो थी रितिका लेकिन साथ मे कोई ऑर भी था जो बहुत खूबसूरत था,,
मैं टेबल के पास गया तो करण उठकर खड़ा हो गया उसने मेरे से हाथ मिलाया ऑर मुझे गले
लगा कर मिला,,,,,,
ऑर क्या हाल है सन्नी भाई ,,,,,करण ने मेरे गले लगते हुए पूछा,,,,
मैं भी उसको हग किया ,,,,मैं ठीक हूँ भाई तू बता,,,,,
तभी करण मेरे से दूर हुआ ओर मुझे चेर पर बैठने को बोला,,,,
रितिका को तो तुम जानते ही हो सन्नी भाई,,,,अब इनसे मिलो ये है पायल,,,रितिका के साथ आई है,,
मैं उसकी तरफ देखा तो वो जल्दी से अपनी चेर से उठ गई,,,ऑर मेरी तरफ अपना हाथ बड़ा दिया,
मैं भी चेर से उठा ऑर अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए उसके कोमल ऑर सॉफ्ट हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर शाकहन्ड किया तभी हाथ मिलते ही वो टेबल से आगे की तरफ झुक कर मुझे गले लगाने
लगी,,,ये मेरा पहला मोका था किसी लड़की के गले लग्के मिलने का,,,वो भी पहली बार जिस से मिला
था,,,,
उसने आगे बढ़ कर पहले तो मुझे गले से लगा लिया फिर मेरे एक गाल पर अपना गाल टच किया ऑर
हवा मे किस करते हुए दूसरी तरफ के गाल पर अपना गाल टच कर दिया ,,इस बार भी उसने किस
की लेकिन मेरे गालों को अपने लिप्स से टच नही किया,,,,ये कैसा तरीका था मिलने का मुझे समझ
ही नही आया,,,,भाई किस ही करनी थी तो सीधी तरह करती क्यूकी सीधी किस मे मैं बहुत ज़्यादा
एक्सपर्ट हूँ,,,,
उसने एक छोटा सा टॉप ऑर उसके साथ एक शॉर्ट-स्कर्ट पहनी हुई थी ,,उसकी पीठ भी पूरी नंगी थी ओर
शॉर्ट-स्कर्ट की वहज से उसकी टाँगे भी पूरी नंगी थी,,,,उसके बाल एक दम ठीक तरह से बँधे
हुए थे,,,उसने जुड़ा किया हुआ था ऑर एक भी बाल जुड्डे मे से बाहर नही था,,हल्के पिंक कलर
के लिप्स पर हल्की पिंक कलर की ही लिपस्टिक लगी हुई थी,,,जिस्म एक दम तना हुआ था,,ना तो मोटी थी
ज़्यादा ऑर ना ही पतली,,एक दम सही फिगर थे उसका,,,पेट अंदर की तरफ ऑर बूब्स बाहर की तरफ,,
कोई 20-25 साल की लग रही थी,,,बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत थी,,,,लगता था ब्यूटी प्रॉडक्ट्स पर बहुत
ज़्यादा खर्चा करती थी क्यूकी फेस पर बहुत ग्लो थी ऑर एक भी पिंपल नही था फेस पर,,,
उसकी नंगी पीठ पर मेरा हाथ फिसलता जा रहा था ऑर खुद पर क़ाबू पाना मुश्किल हो रहा था
वो कुछ पल ही मेरे से हग करके खड़ी हुई थी लेकिन इतने मे ही दीन द्या ल सर उठाने लगा था,,,
वो मेरे से दूर हुई ओर अपनी चेर पर बैठ गई ,,फिर मैं रितिका को हेलो बोला ओर चेर पर बैठ
गया,,,लेकिन मेरा ध्यान पायल की तरफ था,,,
इनसे मिला तो दिया मुझे करण लेकिन ये तो बताया नही ये है कॉन,,,,
तभी रितिका बोल पड़ी,,सन्नी ये मेरे मामा जी के बेटे की वाइफ है,,,,उसने इतना बोला तो सब लोग उसकी
तरफ देखने लगे,,,,
उसके जवाब मे मासूमियत सॉफ झलक रही थी,,,,
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