RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
माँ को करण के घर ड्रॉप किया तो देखा कि करण की बाइक नही थी इसका मतलब है वो कॉलेज जा चुका था ,,,मैने माँ
को ड्रॉप किया ऑर कामिनी भाभी के घर की तरफ चल पड़ा,,,,,
कामिनी भाभी के घर के बाहर आके मैने बाइक को साइड पर पार्क किया ऑर बेल बजा दी ,,,मैं बहुत खुश था भाभी की
वजह से क्यूकी उस दिन तो सूरज था घर मे इसलिए भाभी की गान्ड नही मार सका था ,,हालाकी सूरज की गान्ड मार कर भी
मुझे बहुत मज़ा आया था लेकिन आज दिल मे तमन्ना थी भाभी की गान्ड मारने की ,,क्यूकी उनकी गान्ड एक दम सील पॅक जो थी,
शोबा ने उनकी गान्ड मे नकली लंड पेल कर उसको थोड़ा खोल ज़रूर दिया था ऑर शोबा ने ऐसा इसलिए किया था ताकि भाभी की
गान्ड मेरे मूसल के लिए तैयार ही जाए क्यूकी शोबा उनकी गान्ड नही खोलती और मैं ही अपने मूसल ने उनकी गान्ड की शुरुआत
करता तो पक्का था उनकी जान ही निकल जानी थी,,,,आज भाभी ने मुझे यहाँ बुलाया था मेरे तो मन मे लड्डू फूट रहे
थे यही सोच सोच कर कि आज तो मस्त कुवारि गान्ड मिलने वाली है ,,,आज तो जी भरके मज़ा करूँगा क्यूकी आज घर मे
कोई नही होगा,, कविता तो सुबह ही सोनिया को लेके मूवीस देखने चली गई है वो शाम से पहले नही आने वाली,,,मैं तो
मन ही मन खुश होने लगा,,ऑर भाभी के बाहर आने की वेट करने लगा,,,
तभी सारी खुशी ऑर ख्वाहिशो को किसी की नज़र लग गई ऑर मेरा हँसता हुआ चेहरा एक दम उदास हो गया,,क्यूकी सामने से
सूरज चला आ रहा था ,,,,मैं गेट के उपर से उसको देख रहा था ,,क्यूकी मेरी हाइट लंबी थी ,मेरा चेहरा तो उतर गया
था ऑर मैं उदास हो गया था लेकिन वो मुझे देख कर बहुत खुश था,,,,
उसने आके गेट खोला,,,,,,ऑर मुझे हाई बोला,,,,,मैने भी उसको हाई बोला ऑर घर के अंदर चला गया ,,,,उसने जल्दी से गेट बंद
किया ऑर आगे बढ़ कर घर के मेन डोर खोला ऑर मुझे अंदर आने को बोलने लगा,,,, वो बड़ा खुश लग रहा था उसके हँसते
हुए चेहरे को देख कर मुझे भी कुछ कुछ होने लगा,,,,जब उसने हँसने के लिए मूह खोला तो मुझे लगने लगा कि मेरा
लंड उसके मूह मे है ओर वो बड़े प्यार से उसको चूस रहा है,,,,कसम से बड़ा मज़ा आया था उस दिन जब सूरज ने मेरे
लड को चूसा था,,,,हालाकी मुझे ये सब अच्छा नही लगता था फिर भी सूरज ने जिस अंदाज़ से मेरे लंड को चूसा था उस
अंदाज़ से आज तक किसी औरत ने मेरे लंड को नही चूसा था,,,,,मैं भाभी की गान्ड के बारे मे सोच सोच कर
खुश हो रहा था ऑर मुझे मस्ती भी चढ़ रही थी लेकिन सूरज को हस्ता देख मुझे ज़्यादा ही मस्ती चढ़ने लगी ऑर मेरा
लंड भी ज़्यादा रफ़्तार से ओकात मे आने लगा,,,,मेरा दिल किया कि अभी साले को पकड़ कर लंड मूह मे डाल दूं इसके,,,,
मैं दरवाजे पर खड़ा हुआ उसको देख रहा था ,,मैं उसके हँसते चेहरे को देख इतना गुम हो गया कि अंदर जाना ही
भूल गया ऑर ये भी भूल गया कि वो दरवाजा खोल कर खड़ा हुआ है ऑर मुझे अंदर जाने को बोल रहा है,,,
क्या हुआ सन्नी कहाँ खो गया,,,,,अंदर नही चलना क्या,,,,,
मैं उसकी आवाज़ से नींद से जागा ऑर अंदर की तरफ चलने लगा,,,ऑर वो मुझे देख कर हँसने लगा,,,,
मैं अंदर जाके सोफे पर बैठ गया ऑर वो भी मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ गया,,,,,
हाउ आर यू सन्नी,,,,
आइम फाइन सूरज भाई,,,,हाउ आर यू,,,
मैं भी ठीक हूँ,,,,,
वो मेरे से बात करता हुआ खुश हो रहा था लेकिन मैं भाभी को तलाश कर रहा था ऑर घर मे इधर उधर देख
रहा था,,,
किसको तलाश कर रहे हो सन्नी,,,,
सूरज की बात सुनके मैं उसकी तरफ देखने लगा,,,किसी को भी नही सूरज भाई मैं तो घर को देख रहा हूँ,,,,
घर मे तुम पहली बार आए हो जो घर को देख रहे हो,,,,,वैसे तुम जिसको तलाश कर रहे हो वो अंदर है अभी आ जाएगी
थोड़ी देर मे,,,, तब तक बोलो चाइ लोगे या कॉफी
थॅंक्स्क्स्क्स सूरज भाई मैं अभी घर से नाश्ता करके ही आया हूँ,,,,,
लो आ गई जिसको तलाश कर रही थी तुम्हारी नज़रे सन्नी,,,,,सूरज ने मुझे अपने रूम की तरफ इशारा करते हुए बोला मैने
भी उसकी उंगली का पीछा किया ऑर उस तरफ देखने लगा,,,,,
साला क्या मस्त माल थी कामिनी भाभी ,,जब भी देखो जितनी बार भी देखो दिल ही नही भरता था,,,अभी उसको देख रहा
था तो दिल कर रहा था वो ऐसे ही खड़ी रहे ऑर मैं उसको देखता ही रहूं,,,,अभी भाभी ने एक सॉफ्ट से कपड़े का झीना सा
कुर्ता पहना हुआ था जो उसके घुटनो से काफ़ी उपर था ऑर चूत से बस 3 इंच ही नीचे था ,वो कुर्ता काफ़ी पतले कपड़े का
था ऑर उपर से भाभी अभी अभी शवर लेके बाहर आई थी उसके बलों से पानी की ड्रॉप्स टपक रही थी जो कुर्ते को गीला
कर रही थी ऑर कुर्ता उसने बदन से चिपक रहा था ,,,कुर्ता इतना ज़्यादा गीला हो गया था की देखने से लग रहा था कि भाभी
ने भीगे बदन ही कुर्ता पहन लिया था टवल से खुद के जिस्म को पोच्छा भी नही था जिस वजह से कुर्ता पूरी तरह भीग
कर भाभी के जिस्म से लग गया था ऑर भाभी के पूरा बदन कुर्ते मे होने के बावजूद भी नंगा लग रहा था क्यूकी
कुर्ते के नीचे भाभी ने ना तो ब्रा पहनी हुई थी ऑर ना ही पेंटी ,,,मैं भाभी को देखता ही रह गया ,आज वो कुछ ज़्यादा ही
सेक्सी लग रही थी वैसे जितनी बार भी देखता था भाभी को हर बार वो कुछ ज़्यादा ही सेक्सी लगती थी ,,पहली बार से भी
ज़्यादा,,,,,,मैं तो खो ही गया था भाभी के खूबसूरत जिस्म मे,,,,
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