RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सन्नी भाई कुछ कर यार,,,,,करन मिन्नेत करते हुए बोल रहा था,,,,,,
अब क्या हुआ साले तेरे को,,,अब क्या मौत पड़ी है,,,,,
यार आज कल माँ सारा सारा दिन घर पे रहती है कहीं बाहर नही जाती,,,,शिखा दीदी की चुदाई करने का टाइम
ऑर मोका नही मिलता यार,,,किसी न्यी चूत का बंदोबस्त कर ना यार जिसे मे मेरे लंड की आग भुज जाया करे,,,,
मैने सोचा क्यू ना साले को बोल दूं कि अपनी माँ को पटा ले ऑर फिर आराम से तू तेरी बेहन ऑर माँ रोज मस्ती करना
अपने घर पे ,,,,,,,,,,ना कोई टेन्षन ना किसी का डर,,,सारा दिन मस्ती ही मस्ती,,,,,,,
अब मैं क्या करूँ यार ,,तेरी माँ घर पे रहती है तो इसमे मैं क्या कर सकता हूँ,,,,,मैने सीधी तरह से बोल
दिया कि मैं कुछ नही कर सकता,,,,,मैं उसकी माँ के बारे मे बात करना चाहता था लेकिन अभी नही,,,अभी मुझे
डर लग रहा था ,,,जब तक कि वो ऐसी वैसी कोई बात नही करता मेरी तरफ से कुछ भी कहना मुमकिन नही था,,,,,
तभी मैने देखा कि करण कॉर्नर वाली खिड़की से कॅंटीन के बाहर देख रहा था ,,,,मैने उसकी नज़रो का पीछा
करते हुए वहाँ देखने की कोशिश की तो देखा कि कॉलेज की पार्क मे एक पेड़ के नीचे शिखा दीदी खड़ी हुई थी ऑर
उनके साथ एक खूबसूरत लड़की ऑर खड़ी हुई थी,,,,वो लकड़ी जानी-पहचानी लग रही थी लेकिन ठीक से पता नही लग रहा
था वो कॉन है,,,तभी एक ऐसा शक्स शिखा के पास आया जो जाना पहचाना था,,,,,वो कोई ऑर नही अमित था,,,,
अमित को देख कर करण गुस्से मे पागल हो गया,,,,,,,,,,,,,,,,ये कमीना क्या कर रहा है दीदी के पास,,,करण जल्दी से
कॅंटीन से बाहर के रास्ते की तरफ चलने लगा ,,,,मैं भी उसके पीछे चलने लगा,,,
हम दोनो कॅंटीन से बाहर निकले तो देखा कि अमित ने शिखा दीदी का हाथ पकड़ा हुआ था ऑर उनको अपनी तरफ
खींच रहा था जबकि शिखा दीदी अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी ऑर साथ मे जो लड़की थी वो भी
शिखा के हाथ को अमित से अलग करने की कोशिश करने मे लगी हुई थी,,,,,
तभी अमित ने उस लड़की की धक्का दिया ऑर एक थप्पड़ मारा शिखा दीदी के फेस पर,,,,ये देख कर करण गुस्से मे
भागा उसकी तरफ ऑर पीछे से मैं भी ,,,,इस से पहले की अमित दूसरा थप्पड़ मारता दीदी के फेस पर करण ने उसका
हाथ पकड़ लिया ऑर जब अमित ने करण की तरफ देखा तो करण ने एक जोरदार मुक्का मारा उसके फेस पर,,,
अमित पीछे जाके गिर गया,,,,ऑर जल्दी ही उठ कर खड़ा हो गया,,,,
इतनी देर मे मैने अपनी पॉकेट से रुमाल निकाल कर शिखा दीदी को दिया ऑर दीदी ने अपने हाथ से रुमाल पकड़ कर
अपने लिप्स पर रखा जहाँ से अमित के थप्पड़ मारने की वजह से खून निकलने लगा था,,,,दीदी ने एक हाथ से रुमाल
को लिप्स पर रखा ऑर एक हाथ से अपनी फ्रेंड को सहारा देके ज़मीन से उठने लगी,,,,वो लड़की कॉन थी ये तो नही पता
लग रहा था लेकिन इतना तो पक्का था वो कोई जानी पहचानी थी,,,पहले भी कहीं देखा था उसको,,,,,
अमित खड़ा हो गया था ऑर कारण के पास आने लगा था इतनी देर मे मैने देखा कि अमित के कुछ दोस्त जो हर बुरे काममे उसके साथ होते है वो भी अमित के साथ आके खड़े हो गये थे इसलिए करण को पीछे करके मैं करण ऑर अमित केसाथ खड़े उसके दोस्तो के बीच खड़ा हो गया,,,,,,,,,,अमित ही नही उसके दोस्त भी जानते थे कि मैं लड़ने मे एक
नंबर का कमीना हूँ,,,,,,,,
सन्नी भाई तू पीछे होज़ा ये मेरी और करण की आपस की बात है,,,,,अमित ने मुझे हटने को बोला लेकिन मैं नही हटा
जो करण की बात है वही मेरी बात है अमित,,,,अगर तेरा लफडा करण के साथ है तो समझ ले मेरे साथ भी है,,,,
मैने इतना बोला ही था कि अमित आगे बढ़ा लेकिन इस से पहले ही सुमित हम दोनो एक बीच मे आ गया उसने मेरी तरफ 'पीठ करते हुए अमित की चेस्ट पर हाथ रखे ऑर उसको पीछे करने लगा,,,,
अमित प्लीज़ यार ये सन्नी अपना दोस्त है इस से पंगा मत करो ,,,,करण ऑर उसकी बेहन से माफी माँगो,,,,
अमित ने मेरा गुस्सा सुमित पे निकाला ऑर उसको एक थप्पड़ मारा जिस से सुमित चक्कर ख़ाके नीचे गिर गया,,,वैसे भी
साला नशा करके मरने वाला हो गया था जो अमित के एक थप्पड़ से नीचे गिर गया,,,,,
तू साला मेरे टुकड़ो पे पलने वाला मुझे बोल रहा है माफी माँगने को,,साले ओकात भूल गया अपनी,,,,अमित ने सुमित
को गाली देते हुए उसको ज़मीन पर गिरे हुए ही अपने पैरों से मारने लगा ,,,तो मैने भी आगे बढ़ कर अमित को धक्का
दिया ऑर अमित अपने दोस्तो के पास जाके गिरने लगा बट उसके दोस्तो ने उसको सहारा दिया जिस से वो गिरने से बच गया ऑरपलट कर मेरी तरफ आने लगा तो मैने अपने हाथ मे पहने हुए स्टील के कड़े को मुट्ठी मे पकड़ लिया ऑर फाइट के लिए तैयार हो गया ,,,
अमित ने जब मुझे ऐसा करते देखा तो थोड़ा डर गया लेकिन अपने दोस्तो का साथ होना उसके लिए हिम्मत की बात थी इसलिए वो आगे बढ़ने लगा लेकिन तभी हमारे कलाज के 2 टीचर वहाँ से गुज़रते हुए वहाँ आ गये,,,,,,,,
अमित के दोस्तो ने उसको हाथ से पकड़ा ऑर वहाँ से ले गये क्यूकी अमित के खिलाफ पहले से बहुत शिकायत थी कॉलेज मेइसलिए वो कोई पंगा नही कर सकते थे,,,,,लेकिन जाते टाइम अमित सुमित को माँ बेहन की 2-4 गालियाँ ज़रूर सुना गया,,
सुमित भी उठा ऑर अमित को बुरा भला बोलता हुआ कॉलेज के गेट की तरफ चला गया क्यूकी वो जनता था अगर वो यहाँ रहा तो अमित उसको दोस्तो के साथ मिलके बहुत मारेगा ऑर उस टाइम मैं ओर करण पता नही होंगे उसकी हेल्प करने केलिए या नही,,,,,लेकिन एक बात तो थी अगर अमित मेरे सामने सुमित से पंगा करता तो मैं सुमित की हेल्प ज़रूर करता क्यूकी आज उसने भी अमित के खिलाफ हमारा साथ दिया था,,,,
खैर अमित गया अपने रास्ते ऑर सुमित गया अपने रास्ते,,,,,,,,,,
तुम ठीक तो हो शिखा,,,,करण ने अपनी बेहन से पूछा ,,,
शिखा ने हाँ मे सर हिलाया ऑर मेरे को मेरा रुमाल वापिस देते हुए थॅंक्स बोलके वहाँ से जाने लगी तभी उसकी
दोस्त ने भी मुझे ऑर करण को थॅंक्स बोला ऑर वहाँ से चली गई,,,,
मैं ऑर करण वापिस कॅंटीन मे चले गये,,शिखा ऑर उसकी दोस्त वहाँ से चली गई,,,,,
ये साले अमित को मैं नही छोड़ने वाला अब ,टाँगें तोड़ दूँगा साले की,,,मेरी बेहन पे हाथ उठाया उसने,,,,,करण
पूरे गुस्से से बोल रहा था,,,,ऑर उसका गुस्सा जाएज भी था आख़िर कॉन भाई अपने सामने अपनी बेहन को थप्पड़ खाते
देख सकता था,,,,इसका कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा,,,,
चल छोड़ यार ये सब बातें ,भूल जा ,,,,,,बाद मे कभी मोक़ा मिलेगा तो देख लेंगे साले को ,,अब गुस्सा थूक दे
,,,,,,,,,इतना बोलकर मैने 2 कोल्ड कॉफी ऑर्डर की ऑर कॅंटीन वाला भी कॉफी लेके आ गया,,,,,,,,,,,
चल कोल्ड कॉफी पी ऑर गुस्सा भी ठंडा करले,,,,,,,मैने करण को कॉफी का ग्लास पकड़ाते हुए बोला,,,,,
क्या बता करता है सन्नी भाई उसने दीदी पर हाथ उठाया ऑर तुम कहते हो मैं गुस्सा थूक दूँ,,,,करण अभी
भी गुस्से मे था,,,,,,,,,
साले शिखा क्या सिर्फ़ तेरी बेहन है ,,,,,,मेरा कोई हक़ नही बनता क्या उसपे,,,,तू क्या समझता है मुझे गुस्सा नही
आ रहा अमित पर,,,,,,,,,मैं थोड़े गुस्से मे बोला तो करण का गुस्सा कुछ ठंडा हो गया,,,
ऐसी बात नही है सन्नी भाई ,लेकिन साले अमित का कुछ करना पड़ेगा ,,,,जब तक उसको मज़ा नही चखा देता मुझे
चैन नही मिलने वाला,,,ऐसा हाल करूँगा साले का याद रखेगा,,,,,,,,,
सही कहा करण लेकिन मांर पीट से इस बात का हल नही निकलने वाला हमे कुछ ऑर सोचना चाहिए,,,,,मैं अभी
बात कर ही रहा था कि करण ने मेरे हाथ से कॉफी का कप लिया ऑर एक ही बार मे सारा कप खाली करके वापिस टेबल
पर रखा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सही बोला सन्नी भाई मांर पीट करना सही नही है अब कोई ऑर रास्ता निकालना होगा ,,इतना बोलके
ऑर टेबल पर कॉफी का कप रखके करण जल्दी जल्दी से कॅंटीन मे से निकल कर चला गया,,,,
मैं पीछे से उसको आवाज़ भी देता रहा लेकिन उसने मेरी कोई बात नही सुनी,,,,,पता नही कहाँ गया साला ,कहीं अमित
से पंगा करने तो नही गया,,,,,,,,,इसलिए मैं भी कॅंटीन से बाहर निकला लेकिन देखा कि करण बाइक लेके कॉलेज से
बाहर की तरफ गया था ना कि अमित से पंगा करने,,,,,,,मुझे कुछ राहत महसूस हुई ,,मुझे लगा था शायद वो
अमित से पंगा करने के लिए निकला होगा कॅंटीन से,,,,,,,,,,,,
साला जल्दी जल्दी मे भाग गया ,,,,मैं तो साले से पूछने वाला था कि वो लड़की कॉन थी जो शिखा के साथ खड़ी हुई थी,,
कितनी खूबसूरत थी,,,,कितनी सेक्सी थी,,,,हल्के गुलाबी रंग का सूट,,,,,पतली ऑर लंबी ,,,एक दम गोरी चिटी,,,उमर मे
शिखा के बराबर की थी लेकिन हाइट मे शिखा से 2 इंच बड़ी लग रही थी,,,एक दम स्लिम थी जैसे कोई मॉडेल होती
है ,,,,क्यूट फेस ,,,हल्के ब्राउन कलर की आइज़,,,छोटे छोटे लिप्स,,,,,सच मे खूबसूरत बला थी,,,,एक बार देखा तो
नज़रे हटाने को दिल ही नही कर रहा था,,,अगर कोई पंगा नही हो रहा होता तो देखता ही रहता उसको नज़र भरके,,,,
कॉलेज से निकला ऑर घर आ गया ,,,,,,घर आके गेट खोला ऑर बाइक अंदर करके गेट वापिस बंद करने लगा तो बाहर से
हॉर्न सुनाई दिया ,,,मैने गेट खोला तो कविता थी अक्तिवा पर सोनिया को घर छोड़ने आई थी,,,,
हाई सन्नी,,,,,,,,,,
हेलो कविता,,,,,
आज वो उदास नही थी बल्कि खुश थी,,,,,
उसने थोड़ा हसके देखा तो मैने भी हसके उसको हेलो बोला,,,,,हम दोनो तो खुश थे लेकिन सोनिया तो वही हिट्लर
के रूप मे गुस्सा नाक पे लेके बैठी हुई थी,,,,,मेरी तरफ गुस्से से देखा ऑर फिर कविता को बाइ बोलके गेट से अंदर
आ गई,,,,,कविता समझ गई कि सोनिया गुस्से मे है इसीलिए उसने मुझे भी बाइ बोला ऑर अक्तिवा स्टार्ट करके वहाँ से चली
गई,,तब तक सोनिया बेल बजाने लगी थी ऑर 1 मिनट मे ही शोबा दीदी ने दरवाजा खोल दिया ऑर सोनिया अंदर चली गई ऑर उसके पीछे पीछे मैं भी अंदर चला गया,,,,
तुम दोनो फ्रेश हो जाओ मैं खाना लगा देती हूँ,,,,,,,,,,दीदी किचन मे चली गई जबकि मैं मामा के रूम मे
फ्रेश होने चला गया ऑर सोनिया उपर अपने कमरे मे,,,,,
शायद दीदी अकेली थी घर पे ,,,डॅड ऑर बुआ नही थे आज घर पे,,,,,,
मैं फ्रेश हुआ ऑर डाइनिंग टेबल पर आ गया मेरे से पहले सोनिया वहाँ आके बैठ गई थी,,,दीदी ने हमको खाना दिया
,,
तुम लोग खाना खा लो मैं बुआ के पास बुटीक जा रही हूँ शाम को वापिस आउन्गी ,,,दीदी वहाँ से चली गई ऑर
हम दोनो खाना खाने लगे ,,,,साला मेरा तो मन ही नही कर रहा था खाना खाने को साला सामने बैठी हिट्लर
मुझे गुस्से से घूर रही थी लेकिन जैसे तैसे मैं खाना ख़तम किया ऑर जल्दी से उठके वहाँ से सोफे पर जाके बैठ
गया ओर टीवी ऑन कर लिया,,,,सोनिया ने खाना ख़तम किया ऑर बरतन किचन मे रखकर अपने रूम मे उपर की तरफ चलीगई,,,
आज रात भी कुछ नही हुआ,,,,क्यूकी आज भी बुआ डॅड ऑर दीदी ने बुटीक मे चुदाई की थी सारा दिन इसलिए रात को
खाना ख़ाके सब अपने अपने रूम मे सो गये थे,,,,,
सुबह सनडे था हमे छुट्टी थी कॉलेज से इसलिए मैं थोड़ा लेट उठा था,,,,,जब मामा के रूम से बाहर निकला
तो देखा कि डॅड क्लब जा रहे थे ऑर बुआ शोबा के साथ कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रही थी,,,,,
उठ गया मेरा प्यारा बेटा,,,,आज तो काफ़ी टाइम लगा दिया उठने मे ,,,,बुआ ने मेसए पास आके प्यार से मेरे फॉरहेड
पे किस किया ,,,,,
चल जल्दी आजा बेटा मैं तेरे को नाश्ता लगा देती हूँ फिर मुझे ऑर शोबा को बाहर जाना है कहीं,,,,
कहाँ जाना है बुआ,,,,मैने बुआ से पूछा लेकिन बुआ तब तक किचन की तरफ बढ़ने लग गई थी ऑर शायद उन्होने
मेरी बात नही सुनी थी,,,,पर दीदी ने मेरी बात सुन ली थी,,,,,
बुआ को डॅड के साथ आज रात बाहर जाना है सन्नी उसी के लिए मुझे ऑर बुआ को थोड़ी शॉपिंग करने जाना है,,,दीदी
ने मेरे पास आके मेरी बात का जवाब दिया,,,,
कहाँ जाना है डॅड ऑर बुआ को दीदी,,,,,,,,,,
डॅड को थोड़ा काम है देल्ही मे ऑफीस का ऑर बुआ को भी वहाँ अपने बुटीक के काम से जाना है ,,,,इसलिए दोनो
साथ जा रहे है,,,,
लेकिन दीदी माँ भी घर मे नही है ,,,,,ये लोग 1-2 दिन रुक कर नही जा सकते क्या,,,,
माँ ऑर मामा जी आज रात को वापिस आने वाले है सन्नी ,,,,,ऑर वैसे भी डॅड के ऑफीस से प्रोग्राम बना है इसलिए उनको
जाना ही पड़ेगा ,,,,,
मैने फिर कोई बात नही की ऑर सोफे पर बैठ गया तब तक बुआ खाना लेके आ गई ऑर मुझे खाना देके वो दोनो
वहाँ से जाने लगी,,,,,,,,
सन्नी तुम कहीं बाहर नही जाना ऑर अगर जाना हुआ तो सोनिया को बता कर जाना,,,,,,,,हम लोग शाम 7 बजे से पहले
वापिस नही आने वाले,,,,ऑर तेरे डॅड भी क्लब गये है वो भी शाम को ही आने वाले है,,,,इतना बोलकर वो दोनो भी
वहाँ से चली गई,,,,
अभी मैं नाश्ता करने ही लगा था कि करण का फोन आ गया,,,,,
हेलो ,,,सन्नी भाई,,,
हेलो करण,,,,
सन्नी भाई एक काम था छोटा सा,,
,क्या काम था बोलो करण,,,,
वो कल वाली बात से दीदी थोड़ा टेन्षन मे है ऑर उदास भी है ,,,मुझे उनकी उदासी दूर करनी है,,,,,
तो इसमे मैं क्या कर सकता हूँ करण,,,,,
आप समझे नही भाई,,,उदासी दूर करने का एक ही तरीका है,,,
मैं समझ गया तू क्या बोल रहा है करण लेकिन इसमे मैं क्या कर सकता हूँ,,,,
सन्नी भाई माँ घर मे है ,,मुझे ऑर दीदी को आग लगी हुई है,,,तुम कुछ करो ना ,,,,कोई जगह का जुगाड़ लगा
दो तो मेहरबानी होगी,,,,,
सला दिन तो मेरा भी बहुत करता है,,,,फिर सोचा कि मैं भी तो घर पे अकेला हूँ डॅड बुआ ऑर शोबा तो अभी
गये है ऑर शाम से पहेल आने वाले नही है,,,लेकिन साली इस सोनिया का क्या करूँगा,,,तभी दिमाग़ मे एक आइडिया आया,,,
ठीक है करण तुम मेरे घर आ जाओ,,,
आपके घर भाई,,,,,,लेकिन सब लोग,,,,,,,
घर मे कोई नही है करण,,,,,बस मैं ऑर सोनिया है,,,,तुम आ जाओ,,,ऑर आते टाइम एक काम करना मेरा,,,,मैने
उसको काम बताया ऑर वो थोड़ी देर मे मेरा काम करके शिखा के साथ मेरे घर आ गया,,,
मैने दरवाजा खोला ऑर उन दोनो को मामा के रूम मे बिठा दिया ऑर पानी पिलाया,,,,,
क्या बात है आज बड़ी मस्ती मे हो दोनो भाई बेहन,,,,मैने हँसते हुए जानभूज कर करण को छेड़ते हुए बोला
मूड मे नही थे सन्नी भाई,,,,,वो तो कल वाली बात से दीदी का मूड ठीक नही था तो सोचा कि मूड ठीक कर्दू
दीदी का ,,ऑर दीदी का मूड ठीक करने का एक ही तरीका है,,,,जो कामयाब भी होता है,,,करण ने हँसते हुए दीदी
की तरफ देखा तो शिखा दीदी ने भी हसके उसकी तरफ देखा,,,,
मूड तो ठीक कर देना मेरा लेकिन सोनिया का क्या करना है,,,,दीदी ने थोड़ा उदासी से बोला,,,,
क्या करना है मतलब ,,,मैं समझा नही दीदी,,,,,,,,
अरे बुद्धू मेरा मतलब सोनिया के होते हम वो सब कैसे कर सकते है,,,कोई पंगा हो गया तो,,,
कोई पंगा नही होगा दीदी आप लोग टेन्षन फ्री हो जाओ,,,,मैं हूँ ना,,,,,,
एक बात बोलू सन्नी अगर तुम गुस्सा नही करो तो,,,,शिखा ने थोड़ी टेन्षन से बोला,,,,
बोलो दीदी जो बोलना है बोलो,,,,,,इसमे गुस्सा करने वाली क्या बात,,,,,
तुम सोनिया को भी इस खेल मे शामिल क्यूँ नही कर लेते,,,,फिर तो कोई डर नही होगा किसी बात का,,,,,
क्या बोल रही हो दीदी,,,,,,,,,प्लीज़ ऐसी बात मत करो,,,,वो जंगली बिल्ली है उसको अगर आप लोगो के बारे मे भी पता
लग गया तो पता नही क्या करेगी वो,,,,,
ये बात तो ठीक कही तूने सन्नी,,,,,शोबा ने मुझे उसके बारे मे सब बता दिया था,,,,ऑर मैं भी तो काफ़ी अच्छी
तरफ वाकिफ़ हूँ उसके गुस्से से,,,,आज से नही बचपन से ही गुस्से वाली है वो,,,,,
सही कहा दीदी,,,,,,,,,,लेकिन अगर वो भी खेल मे शामिल हो जाए तो क्या कहने,,,,,क्या आप उसको तैयार कर सकती हो शिखा दीदी,,,,,,,,,,,मैने शरारत भरे अंदाज़ से बोला,,,,
मुझे मरने का कोई शॉंक नही है,,,,जब तेरी शोबा दीदी उसको तेरे लिए तैयार नही कर सकती तो भला मेरी इतनी हिम्मत
कहाँ,,,,दीदी ने सॉफ सॉफ लफ़जो मे मना कर दिया,,,,,
चलो ठीक है दीदी ,,,,,,मत करो तैयार लेकिन डरो भी नही ,,,वो नीचे नही आने वाली,,ऑर वैसे भी मैने करण से कुछ
मँगवाया है उसके लिए,,,,,,,,,,,,,,
क्या मँगवाया है सन्नी,,,,,,,,,,,,,
तभी कारण ने अपनी पॉकेट से नींद की गोलियाँ निकाल कर दीदी को दिखाई ऑर हँसने लगा,,,,,,
ये क्या है ,,,,,,,,,,
नींद की गोलिया है दीदी,,,,,,,,अभी सोनिया को दे दूँगा कॉफी मे फिर आराम से सो जाएगी वो,,,,लेकिन कॉफी देने मैं
नही जाउन्गा आपको जाना होगा,,,,ऑर जब तक वो कॉफी नही पी ले उसके पास ही रहना,,,,दीदी मान गई ऑर मैं किचन
मे कॉफी बनाने चला गया ,,,,,,,,,,,,,मैं अभी रूम से बाहर निकला था ऑर मेरे साथ शिखा दीदी भी आ गई थी
कॉफी बनाने मे मेरी हेल्प करने तभी सोनिया भी सीडियों से उतर कर नीचे आ रही थी,,,,शायद उसको बेल की आवाज़
सुन गई होगी जब करण ऑर शिखा दीदी आए थे,,,,,
सोनिया ने दीदी को हाई बोला ऑर दीदी ने उसको,,,,,फिर दोनो गले लग्के मिली ऑर जाके सोफे पर बैठ गई ऑर बातें
करने लगी तब तक मैं किचन मे जाके कॉफी बनाने लगा,,,,,
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