RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
चाचा जी रुकने को तो रुक जाते हम लोग लेकिन रात को मेरी फ्रेंड कविता का फोन आया था कि कॉलेज से ऑर ज़्यादा
छुट्टियाँ नही मिल रही है इसलिए आज ही वापिस जाना होगा वर्ना मुश्किल हो जाएगी,,,,सोनिया ने मेरी तरफ गुस्से मे
देखते हुए चाचा जी की बात का जवाब दिया,,मैने झट से अपना चेहरा चाचा जी की तरफ कर लिया,,,,,
चाचा--ठीक है बेटा आज नही रोकता तुम लोगो को क्यूकी तुम लोगो की स्टडी ऑर कॉलेज का सवाल है अगर कोई ऑर बहाना करती तुम तो नही जाने देता मैं तुम लोगो को,,,तुम लोगो के आने की वजह से तो दिल बहला है मेरा एक नई उम्मीद जागी है दिल मे जीने की वर्ना मैं बूढ़ा बंदा जी के क्या करता,,,,अब तो चले जाओ लेकिन जल्दी ही तुम लोगो को फिर से वापिस आना होगा,,,,,,
सन्नी--फिर से क्यू चाचा जी,कोई ख़ास बात है क्या,,,,,,,,,,
हाँ बेटा कोई खास बात है लेकिन अगर खास बात नही होती फिर भी तुम लोगो को आना ही पड़ेगा अपने बूढ़े
चाचा से मिलने के लिए,,,,,चाचा ने हँसते हुए बोला,,,,,,,,,,
मैं तो जब आप बोलो तब आने को तैयार हूँ चाचा जी बस आप हुकम किया करो,,,,,,,,,,,,वैसे वो ख़ास बात क्या
है जिसकी वजह से हमे फिर से आना होगा चाचा जी,,,मैने चाचा जी से पूछा,,,,,,,,
चाचा--वो तो मैं तभी बताउन्गा जब तुम लोग आओगे,,,,,,,,
इतने मे माँ नाश्ता लेके आ गई ऑर मैं वहीं बैठ कर नाश्ता करने लगा ऑर साथ साथ हम लोग बातें करने
लगे,,,,,,,,हमारे जाने की वजह से चाचा जी बहुत उदास थे ऑर चाचा जी की हालत देख कर चाची भी बहुत
उदास थी,,,,,,,,,लेकिन अब मैं रुक भी नही सकता था क्यूकी सोनिया ने पहले से सबको बोल दिया था कि मैं भी
उसके साथ जाने वाला हूँ ऑर वैसे भी कार तो मुझे ही चलानी थी उसको घर से लेके भी तो मैं ही आया था,,,,
हम लोगो को तो आज ही जाना था लेकिन माँ ऑर मामा जी अभी ऑर 2-4 दिन यहीं रुकने वाले थे,,,,,,,,,,,
नाश्ता करके सब लोगो से मिलकर मैने कार को घर से बाहर निकाला तब तक सोनिया अपना ऑर मेरा बॅग पहले से ही
कार मे रख चुकी थी,,,,मैं सबसे मिला ऑर कार की ड्राइविंग सीट पर आके बैठ गया ऑर सोनिया सबसे मिलने के बाद
मेरी साथ वाली सीट पर बैठ गई ,,मैने कार स्टार्ट की ऑर हम लोग वहाँ से चल पड़े ना तो मैं सोनिया की तरफ
देख रहा था क्यूकी डर लगता था मुझे ऑर ना ही सोनिया मेरी तरफ देख रही थी उसका ध्यान तो खिड़की से बाहर
की तरफ़ था तभी हम लोग घर से करीब 2 किलोमेटेर आगे ही आए थे कि उसने मुझे कार रोकोने को बोला ,,,
मैने कार रोक दी ओर वो कार से उतर कर पीछे वाली सीट पर जाके बैठ गई,,,,मैं समझ गया कि वो मेरे से
गुस्सा है ओर मेरे साथ नही बैठना चाहती ,,घर वालो के सामने वो मेरे साथ बैठ गई थी ताकि कोई उस से कोई
सवाल ना करे लेकिन घर से थोड़ी दूर आते ही वो पीछे जाके बैठ गई,,,मुझे इस बात से कोई हैरत नही हुई
मुझे तो लगा था कि वो मेरे साथ नही जाएगी घर वापिस ऑर बस मे अकेली जाएगी लेकिन उसने ऐसा नही किया ऑर
मेरे साथ ही वापिस घर आने को तैयार थी लेकिन पीछे वाली सीट पर बैठ कर,,,,,,खैर मुझे क्या मैं तो पहले
से उदास था अब सोनिया की इस हरकत से थोड़ा ऑर उदास हो गया,,,,पहली वजह तो थी रेखा ,मैं उसकी मस्त गान्ड
का दीवाना हो गया था ऑर जी भरके उसकी गान्ड मारना चाहता था लेकिन इस सोनिया की वजह से मुझे उस मस्त ऑर
रसीली गान्ड से दूर जाना पड़ रहा था ऑर उपर से ये कामिनी खुद जाके पीछे वाली सीट पर बैठ गई ऑर मुझे
अपना ड्राइवर बना लिया मेरा मूड थोड़ा खराब हो गया इसीलिए मैने दिल बहलाने के लिए कुछ सॉंग प्ले
कर लिए ऑर अपनी ही मस्ती मे सॉंग सुनता हुआ ड्राइव करने लगा ड्राइव करते हुए मेरा ध्यान उपर वाले मिरूर पर
गया जिस से हम लोग पीछे से आने वाले ट्रेफ्फिक पर नज़र रखते है उस मिरूर पर नज़र पड़ते ही होश खो गये
मेरे एक ही पल मे मस्ती भरने लगी मेरे दिल मे एक तो कार मे रोमॅंटिक सॉंग प्ले था ऑर उपर से पीछे वाली
सीट पर बैठ कर सोनिया ने अपने बालों को खोल दिया था ऑर खिड़की से बाहर देख कर उस सॉंग के वर्ड्स मे
खो गई थी उसकी खुली जुल्फे हवा मे इधर उधर उड़ने लगी थी जिसको वो बार बार अपने माथे से हटा कर
कान की एक साइड पर अटका लेती थी लेकिन लेकिन वो बालों की एक लट उसको बार बार तंग कर रही थी विंडो का शीशा ओपन था ऑर वो गाओं की ठंडी हवा का लुफ्त उठा रही थी लेकिन वही ठंडी हवा उसको तंग कर रही थी उसकी
ज़ुल्फो की एक लट जो बार बार उसके कान की साइड से फिसल कर निकल जाती ऑर उसके माथे पर लहराने लगती जिसको वो बड़े प्यार से फिर से कान की साइड पर अटका लेती लेकिन वो लट भी उसकी तरह ज़िद्दी थी जो उसका कहना नही मान रही थी ऑर बार बार उसको तंग कर रही थी सोनिया भी तंग तो हो रही थी लेकिन रोमेंटिक सॉंग ऑर गाओं की ठंडी हवा ने उसके गुस्से को कंट्रोल मे किया हुआ था,,,लेकिन मुझे ये सब देख कर बहुत मज़ा आ रहा था मैं बार बार
मिरूर मे नज़रे बचा बचा कर उसे देख रहा था जब भी वो मेरी तरफ देखती तो मैं अपना ध्यान ड्राइविंग की
तरफ कर लेता जब वो फिर से बाहर गाओं की हवा का लुफ्त उठाने लगती तो मैं भी उसको देख देख कर उसकी
मासूमियत से भरे चहरे का दीदार करके लुफ्त उठाने लग जाता था,,,,उसकी भोली भाली शकल देख कर कोई
सोच नही सकता कि इस लड़की का गुस्सा हिट्लर से भी कहीं ज़्यादा हो सकता है लेकिन ये सच था उसके गुस्से से मैं
क्या मेरी पूरी फॅमिली डरती थी,,,,ऐसे ही उसका दीदाए करते करते हम लोग घर पहुँच गये हम लोग रास्ते मे
एक बार रुके थे कोल्ड्रींक्स लेने क लिए लेकिन तब भी सोनिया कार से नही उतरी थी मैं ही उतर कर कोल्ड्ड्रिंक्स लेने
गया था वो तो गुस्से से मुँह फूला कर आराम से पिछली सीट पर बैठी रही थी,,,,,,,,
घर पहुँचे तो 7 बज चुके थे ,,घर के गेट के पास मैने कार रोकी तो सोनिया ने उतर कर गेट खोला फिर मैं
डोर की बेल बजाने लगी तब तक मैं कार को घर के अंदर ले आया,,,शोबा दीदी ने दरवाजा खोला ऑर सोनिया जल्दी से
अंदर चली गई ऑर मैं अपना ऑर सोनिया का बॅग लेके घर के अंदर आ गया मेरे अंदर आते ही शोबा दीदी मुझे
गले लग्के मिली फिर चाचा जी का हाल चाल पूछते हुए मेरे से एक बॅग पकड़ लिया ऑर हम लोग बातें करते हुए
उपर वाले फ्लोर पर चले गये ,,,,,,,,उपर भुआ किचन मे काम कर रही थी जबकि डॅड सोफे पर बैठ कर टीवी देख
रहे थे ,,,,,,,,मैं ऑर दीदी मे रूम मे चले गये तब सोनिया वॉशरूम मे जा चुकी थी मैने ऑर दीदी ने बॅग को
रूम मे रखा ओर फिर मैं फ्रेश होने के लिए शोबा दीदी के रूम मे आ गया ऑर शोबा दीदी भी मेरे साथ वहाँ
आ गई,,,,,,मैं मुँह हाथ धोकर बाहर निकला तो देखा कि शोबा दीदी रूम का दरवाजा बंद कर चुकी थी मैं
समझ गया कि ये क्या चाहती है लेकिन मैं अभी मूड मे नही था क्यूकी काफ़ी लंबी ड्राइव करके मैं थक गया
था शोदा दीदी ने भी मेरे चहरे पर थकान के असर को देख लिया,,,,,
मैं जानती हूँ तू थक गया है लेकिन क्या करू मेरी चूत तेरे बिना बहुत तड़प रही है दीदी ने अपने पयज़ामे
को मेरे सामने ही नीचे किया ऑर नंगी चूत मेरे सामने करदी उन्होने पयज़ामे के नीचे पेंटी नही पहनी
हुई थी दीदी की चिकनी शेव की हुई चूत देख कर मैं मस्त होने लगा लगता था दीदी ने अभी अभी शेव किया
था चूत पर,,,,मुझे मस्ती तो चढ़ने लगी थी लेकिन मेरी थकान मेरी मस्ती पर भारी पड़ी ओर मैने दीदी
को साइड किया ऑर दरवाजा खोल कर रूम से बाहर चला गया,,,,,
मैं सीधा जाके सोफे पर डॅड के साथ टीवी देखने लगा,,,,,ये सोफा सेट ऑर टीवी नया लग रहा था मेरे को,,,,,,,,,क्यूकी
पहले यहाँ की सारी जगह खाली थी,,,बस किचन के बाहर डाइनिंग टेबल पड़ा हुआ था,,,,सोफे ऑर टीवी नही था ,,,ये सोफा
भुआ के ड्रॉयिंग रूम वाला सोफा भी नही था,,,,
सन्नी--अरे डॅड ये सोफा ऑर टीवी न्यू है क्या,,,,,,,,,,,,
तभी डॅड के बोलने से पहले भुआ बोल पड़ी,,,,,,,,,,हाँ सन्नी बेटा ये टीवी ऑर सोफा सेट बिल्कुल न्यू है ,कल ही लेके आए है हम लोग,,वो क्या है ना एक टीवी तो ड्रॉयिंग रूम मे पड़ा है लेकिन ये जगह खाली खाली थी तो सोचा क्यू ना यहाँ भी सोफा ऑर टीवी रख लिया जाए ,इतना बोलकर भुआ वापिस किचन मे चली गई ऑर खाना लगाने के लिए शोबा को भी आवाज़ लगा दी तभी शोबा अपने रूम से निकली ऑर मेरी तरफ थोड़ा गुस्से से देखती हुई किचन मे भुआ के पास चली गई,,,,,,,,
भुआ ऑर शोबा ने खाना लगा दिया ऑर इतने मे सोनिया भी नहा धो कर बाहर आ गई ,,,हम लोग बैठ कर खाना
खाने लगे ,,,,,,,,,,आज भुआ ने खाना कुछ जल्दी ही बना लिया था शायद खाना ख़ाके इन लोगो का मस्ती करने का
प्रोग्राम था इसलिए ,,,,,,,,
भुआ ने भी खाना खाते हुए चाचा जी के बारे मे पूछा लेकिन डॅड ने एक बार भी उनका जिकर नही किया ,,,,,
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