RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
रेशमा के साथ किस और फिर बूब्स चूसना जिस से रेशमा ने इतना पानी छोड़ा था कि पैंटी और
पेटिकोट दोनो गीले हो गये थे.
मैं रेशमा की परी को देखने के लिए मरा जा रहा था.
जितना देर मुझे रेशमा की परी देखने मे लग रहा था उतनी तेज़ मेरी धड़कने चल रही थी.
मैं ने पेटिकोट के नाडे को मुँह मे पकड़ लिया और खिच कर खोल दिया.
चुदाई का खेल शुरू हो जाने के बाद मैं ने रेशमा से बात की नही
पर रेशमा मे अपनी आँखे खोल कर मेरी तरफ देखा
मेरे मुँह मे उसके पेटिकोट का नाडा देख कर रेशमा ने फिर से अपनी आँखे बंद कर ली.
वो रुकने के लिए आँख खोलती
पर मेरा प्यार सेक कर वापस डूब जाती प्यार के समंदर मे
फिर मैं ने पेटिकोट को पकड़ कर नीचे करने लगा.
रेशमा ने अपनी गंद को उपर किया जिस से पेटिकोट निकल गया.
मैं जैसा कर रहा था उसमे रेशमा मेरा पूरा साथ दे रही थी.
रेशमा अब मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी मे थी. रेशमा की पिंक पैंटी पूरी गीली हो गयी थी.
मैं रेशमा की पैंटी की महक को सूंघने लगा. मदहोश कर देने वाली महक थी .
रेशमा तो आँखे बंद करके मैं क्या क्या करने वाला हूँ उसका इंतज़ार कर रही थी.
मैं ने रेशमा की पैंटी जो गीली हो गयी थी उसको जीभ से चाट लिया.
मेरी जीभ पैंटी के उपर से चूत को छूने से रेशमा के मुँह से शीष्कारी निकल गयी.
ये वो प्यार हो रहा था जो रेशमा को उसके हज़्बेंड से नही मिला
फिर मैं ने पैंटी के अंदर अपना हाथ डाल दिया. अंदर पूरा चिपचिपा था.
मैं ने हाथ बाहर निकाल लिया और चूत के दर्शन करने के लिए तैयार हो गया.
मैं ने रेशमा की गीली पैंटी को पकड़ कर रेशमा के बदन से अलग करने लगा तो रेशमा ने
पैंटी पकड़ ली.
इस बार रेशमा ने मुझे पहली बार कुछ करने से रोका था.
मैं ने एक बार रेशमा की तरफ देखा वो ना मे गर्दन हिला रही थी.
मैं ने उसके हाथ के उपर किस किया जिस से रेशमा ने अपनी पैंटी पकड़ी थी. मेरे उसके हाथ पर
किस करते ही रेशमा ने पैंटी छोड़ दी.
और फिर पैंटी चूत के उपर से अलग हो गयी .
रेशमा का बदन अब खुल कर अपनी आज़ादी का मज़ा ले रहा था.
मुझे बस कुछ पल के लिए रेशमा की चूत दिखी.
क्यूँ की रेशमा ने अपने पैरो को मोड़ लिया जिस से रेशमा की चूत दिखना बंद हो गयी थी.
मैं ने रेशमा के पैरो पे किस करना शुरू किया.किस करते हुए धीरे धीरे उपर जाने लगा .
जब मैं ने रेशमा की जाँघो पर किस करना शुरू किया तब धीरे धीरे रेशमा अपने पैर को अलग कर
रही थी.
जैसे मैं उपर जाता वैसे उसके पैर एक दूसरे से अलग हो रहे थे.
अब रेशमा की चूत मेरे सामने थी. चाँद की रोशनी सीधे रेशमा की चूत पर गिर रही थी.
रेशमा की चूत पूरी गीली हो चुकी थी.और चाँद की रोशनी जब रेशमा की गीली चूत पर गिर रही थी तो
रेशमा की चूत चमक रही थी.
वो चमक मेरी आँखो को अपनी तरफ अट्रॅक्ट कर रही थी.
भगवान भी मुझे चाँद की रोशनी से रास्ता दिखा रहे थे.
चाँद की चमक मे वो भी रेशमा की चूत देखना बस क्या कहूँ ....मैं तो आँखो से रेशमा की
चुदाई करने लगा.
रेशमा की चूत गीली थी जिस से मुझे पहले रेशमा की चूत को प्यार करना था .
मैं ने अपनी जीभ से रेशमा की चूत को साफ करना शुरू किया.
जब भी मैं रेशमा के किसी पार्ट को अपने जीभ से टच करता तब मुझे क्या हो जाता ,मैं अपने
होश खो बैठता.
मुझे ऐसा लगता कि इस दुनिया मे रेशमा और मैं,सिर्फ़ हम दोनो ही हो ,जो सिर्फ़ प्यार करना जानते है.
मैं अपनी जीभ से रेशमा की चूत चाटने लगा. रेशमा बस एक काम कर रही थी वो था शीष्कारिया
लेना .
एक पत्नी कैसे सुहागरात के दिन अपने पति के साथ चुदाई करते हुए शरमा कर खुल कर
शीष्कारिया नही लेती उसी तरह रेशमा भी मुझसे शरमा कर शीष्कारियो पर कंट्रोल रख रही थी.
पर जो भी था उसमे मुझे एक अलग ही आनंद मिल रहा था.
रेशमा की बिना बालो वाली गुलाबी चूत अब मैं ने चाट कर साफ कर दी थी.
अब तो चाँद की रोशनी रेशमा की चूत मे जाना चाह रही थी जो मुझे पसंद नही आ रहा था.
मैं ने चाँद को कहा कि तुम्हारे पास चाँदनी है रेशमा सिर्फ़ मेरी है
फिर मैं ने अपनी जीभ को रेशमा की चूत मे डाल कर रेशमा को भी आनंद देने लगा.
रेशमा भी अपना पानी छोड़ कर मेरी प्यास भूज़ा रही थी.
मैं ने हाथो से रेशमा की चूत के होंठ खोल दिए. फिर मैं आराम से अपनी जीभ रेशमा की चूत
मे डाल कर चाटने लगा .खेलने लगा .
रेशमा की चूत मे मैं जितनी ज़ोर से अपनी जीभ अंदर डालता उतनी ज़ोर से रेशमा की चूत जीभ को बाहर
फेक देती .
जैसे कह रही थी कि मुझे जीभ नही तुम्हारा लंड चाहिए.
देना है तो लंड दो जीभ से मेरा क्या होगा. जीभ से तो मेरी आग भड़क जाएगी.
पर मैं भी कहाँ हार मानने वाला था ,मैं ने भी उसकी चूत मे जीभ डालना जारी रखा. उसकी टाइट
चूत मेरी जीभ को बाहर धकेल देती
इस खेल मे मुझे अपना ही आनंद मिल आ रहा था. साथ मे रेशमा को भी.
रेशमा तो अपनी शीष्कारियाँ और अपनी भूक पर कंट्रोल रखे हुए थी.
रेशमा की चूत के साथ अपनी जीभ से खेलने से रेशमा की चूत ने पानी छोड़ दिया .मैं ने वो
सारा अमृत पी लिया. और जीभ से चूत को साफ कर दिया.
रेशमा इतनी गरम हो चुकी थी कि उसको कुछ भी करना बर्दास्त नही हो रहा था .और वो अपना पानी
छोड़ देती
उसकी अमृत को पीने के बाद मैं ने उसकी चूत को एक बार चाट कर साफ किया.
मतलब मुझे रेशमा के साथ प्यार करते हुए समय का भी ध्यान नही रहा.
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