RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
सुबह उठ कर मैं फ्रेश हो गया
मुझे पता था कि पड़ोसन सुबह जॉगिंग को जाती है
पर उसके जॉगिंग के ड्रेस तो मेरे पास थे मतलब वो घर पर ही होगी
वैसे भी आज ऑफीस जाएगी कि नही ये भी फिक्स नही होगा
मैं सुबह जल्दी पड़ोसन के कपड़े लेकर उसके घर जाने वाला था
सोचा कि सारे कपड़े दे दूं पर बाद मे आइडिया रिजेक्ट किया
कुछ कपड़े अपने पास रखे ताकि फिर से मुलाकात हो जाए
मैं फ्रेश होकर रेशमा के अपार्टमेंट के सामने खड़ा हो गया
थोड़ी हिम्मत जुटा कर मैं मे बेल बजाई
रेशमा से ज़्यादा मुझे अनकंफर्टबल महसूस हो रहा था
रेशमा क्या कर रही होगी
मुझे देखते ही क्या सोचेगी
उसके दिमाग़ मे क्या चल रहा होगा
कहीं मेरी ग़लत इमेज ना बन जाए , क्यूँ कि मैं ने रेशमा की चुदाई की है
बेल बजाने के बाद बहुत से सवाल मेरे दिमाग़ मे चल रहे थे
बेल बजाने के बाद भी डोर ना खुलने से लग रहा था कही रेशमा गुस्सा तो नही है
पर अगली बार बेल बजते ही रेशमा ने डोर खोला
रेशमा के डोर खोलते ही हमारी नज़र मिली
नज़रें ऐसे मिली कि रेशमा के सामने सनडे का सीन आने लगा
और रेशमा ने अपनी आँख नीचे कर ली
जैसे रेशमा शरमा रही थी
मुझे इसी की उम्मीद थी
रेशमा का शरमाना , मुझसे आँख ना मिलना रेशमा को कमज़ोर बना रहा था
और मैं तो यही चाहता था
रेशमा को तो उम्मीद नही थी कि मैं उसके यहाँ आउन्गा
इस से पहले तो कभी उसके घर नही आया था
और सनडे को जो रेशमा ने देखा उसके बाद मेरे आने से शायद वो घबरा रही थी कही मुझे
पता तो नही चला कि मैने सब कुछ देख लिया है
उसको डर था कही मैं ने उसको देख तो नही लिया था
रेशमा इसी डर की वजह से अपने पैरो के साथ खेल रही थी
रेशमा इतना शरमा रही थी कि उस से कुछ बोला भी नही जा रहा था
मुझे ये देख कर अच्छा लग रहा था कि अब प्लान कामयाब हुआ है
मैं रेशमा को होश मे लाया
अवी- गुड मॉर्निंग
रेशमा-हाँ
अवी- मैं ने कहा गुड मॉर्निंग
रेशमा-गुड मॉर्निंग
अवी- सॉरी सुबह सुबह आपको डिस्ट्रब किया
रेशमा-कोई बात नही
अवी- कल शायद आपके कपड़े मेरी बाल्कनी मे उड़ कर आ गये थे , वही देने आया था
मेरी बातों से समझ गयी कि उसको.मैं ने सनडे को देखा नही
रेशमा-मुझे कल याद ही नही रहा
अवी- कोई बात नही ये लीजिए आपके कपड़े ,
रेशमा-थॅंक यू , सॉरी मेरे वजह से आपको तकलीफ़ हुई
अवी- हम पड़ोसी है इसमे तकलीफ़ की क्या बात है , मेरी जगा आप होती तो आप भी मदद करती
रेशमा ने इस पे कुछ नही कहा
अवी- अच्छा मैं चलता हूँ , मुझे होटेल मे ये नाश्ता करके ऑफीस भी जाना है
और मैं ने जानबूझ कर कहा कि होटेल मे टी पीने जा रहा हूँ
रेशमा ऐसे मे मुझे ज़रूर रोकेगी
रेशमा-सुनो
अवी- आपने कुछ कहा
रेशमा-मैं भी नाश्ता बना रही थी , आप को ऑफीस जाने की जल्दी ना हो तो मेरे यहाँ नाश्ता कर
सकते है
अवी- मेरी वजह से आपको तकलीफ़ क्यूँ
रेशमा-इसमे तकलीफ़ की क्या बात है ,, हम पड़ोसी है ,, आपने ही तो कहा
अवी- आपने तो मुझे अपनी ही बात मे फँसा दिया
और मैं रेशमा के घर मे गया
रेशमा का घर मेरे जैसा ही था पर सजाके अच्छा रखा था
रेशमा के फ्लॅट मे उसके हज़्बेंड के साथ उसकी बड़ी फोटो थी
रेशमा को देख कर लग रहा था कि कोई हॅंडसम होगा उसका हज़्बेंड
पर रेशमा का हज़्बेंड तो थोड़ा मोटा था सावला था पेट बाहर निकला था
दोनो की जोड़ी कोई ख़ास नही थी
तभी रेशमा अकेली रहती थी
रेशमा की शादी शुदा लाइफ इतनी भी खास नही है
तभी रेशमा किसी से ज़्यादा घुलती मिलती नही है वरना सब यही बाते करेंगे कि शादी शुदा लाइफ कैसी
चल रही है
मैं तो रेशमा के घर को देखने लगा
रेशमा ने जिस तरह घर को सज़ा के रखा है उस से रेशमा के अंदर की खूबसूरती का पता लग रहा
था
रेशमा मुझे अपने घर को ऐसा घूरता हुआ देख कर सोच रही थी कि मैं क्या देख रहा हूँ
अवी- आपने घर को अच्छे से सजाया है
रेशमा-ये तो बस ऐसे ही , आप बैठिए मैं नाश्ता लेकर आती हूँ
और रेशमा किचन मे चली गयी
और अपने हाथो से बना हुआ नाश्ता मेरे लिए लेकर आई
रेशमा के हाथो का नाश्ता उसकी तरह ही टेस्टी था
अगर नाश्ता इतना अच्छा है तो रेशमा का टेस्ट भी बढ़िया होगा
मैं रेशमा के साथ नाश्ता करने लगा
रेशमा नाइटी ड्रेस मे थी
उसके पास ड्रेस नही होगा
जो साड़ी होगी किसी फंक्शन मे जाने लायक ही होगी
और कल चूत के पानी से जो ड्रेस पहनी थी वो भी खराब हो गयी होगी तभी तो नाइटी मे थी
नाइटी के अंदर सब खुला खुला ही होगा
रेशमा को ये बात याद ही नही होगी
और वैसे भी उसके घर मे कोई आता ही नही है
अवी- आपके हाथो मे जादू है बहुत टेस्टी नाश्ता बनाती है आप
मेरी तरफ़ करने से रेशमा शरमा गयी
रेशमा-इतना भी कोई खास नही बनाती
अवी- सच , मेरी माँ की याद आ गयी वो भी ऐसे ही टेस्टी खाना बनाती हैं
रेशमा-आपको नाश्ता पसंद आया ये मेरे लिए खुशदीली की बात है
अवी- आज कहीं जाके मुझे घर का खाना मिला है वरना रोज रोज होटेल का खाना खा कर पेट खाली ही
रहता था , होटेल के खाने मे प्यार नही मिलता जो आपके नाश्ते मे मिला है आपका प्यार
मेरी बात से रेशमा शरमा गयी
अवी- आप को पहली बार शरमाते हुए देखा है , क्या बात है , मैं ने कुछ ग़लत कहा
रेशमा-नही नही , वो तो बस बहुत दिनो बाद किसी ने तारीफ की है जिस से
अवी- आप की हर अदा की तारीफ करने का दिल करता है पर
रेशमा-पर क्या
अवी- डर भी लगता है
रेशमा-मुझसे डर , मैं ने क्या किया
अवी- फिर किसी दिन बात करेंगे अब तो मुझे ऑफीस भी जाना है , और स्वीट नाश्ते के लिए शुक्रिया , आज तो
लंच और डिन्नर करने का दिल नही करेगा
रेशमा-क्यूँ ?
अवी- आपके नाश्ते का टेस्ट को खराब नही करना चाहूँगा
और मैं रेशमा के घर से बाहर आ गया
रेशमा की जितनी हो सके उतनी तारीफ की
ज़्यादा फ्री नही हुआ
फॉर्मल बाते हुई थोड़ा बहुत आगे बढ़कर अनडाइरेक्ट्ली बताया कि मेरा इरादा क्या है
आप आप करते करते बात की ताकि अचानक ऐसा ना लगे कि दोस्त कैसे बन गये
रेशमा को अच्छा लगा होगा कि नही मुझे कुछ पता नही है
पर रेशमा मुझसे बात करते हुए शरमा रही थी
और नाइटी मे होने से थोड़ी अनकॉनफर्टब्ल महसूस कर रही थी
फिर भी पहली.मुलाकात ठीक ठाक रही
घर मे एंट्री मिलना , तारीफ करना ,
1स्टेप मे इतना ही काफ़ी होता है
अब बस धीरे धीरे नज़दीकियाँ बढ़ानी होंगी
धीरे धीरे फ्री होना होगा
धीरे धीरे रेशमा को अपना बनाना होगा
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