RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
अब रेशमा से नज़र मिलती तो उसके आँख मे गुस्सा नही दिखाई देता
मैं मिस्टर मिसेज़ गुप्ता के घर भी आने जाने लगा था
मिस्टर गुप्ता के साथ ड्रिंक भी कर लेता और दो चार बाते हो जाती
कभी कभी जब मैं मिस्टर गुप्ता के घर मे होता तो रेशमा भी आ जाती तो हाई हेलो हो जाती
हाई हेलो से धीरे धीरे बातों की शुरुआत ही हो जाएगी
मिस्टर मिसेज़ गुप्ता को भी अब अच्छा लगने लगा कि उनसे मिलने कोई आता है
एक बार तो चेस का गेम बहुत लंबा चला गुप्ता और मेरे बीच मे
ऐसी छोटी मोटी बातों से रेशमा और मेरे बीच मे थोड़ी बहुत बाते हो जाती
मैं कोई चान्स नही छोड़ता रेशमा से मिलने का
रेशमा भी मिसेज़ गुप्ता के घर अब ज़्यादा ही आने लगी थी
मिस्टर गुप्ता तो मुझे बेटे जैसा मानने लगी
पर अब तक ठीक से बात नही हुई थी रेशमा से
ऐसे मे एक दिन सेक्रेटरी हमारे फ्लोर पर आया
और कहने लगा कि बाल्कनी पर लगी हुई ग्रिल निकालनी है
हम तो उस बात को समझ ही नही पाए
तब सेक्रेटरी ने बताया कि पास के बिल्डिंग मे बाल्कनी की ग्रिल एक लड़के के उपर गिरने से मौत हुई
है तो हम ने डिसाइड किया है कि 4 5 6 7 फ्लोर की ग्रिल निकाल देंगे
इतने उपर बाल्कनी से चोर थोड़ी आएगा
इस लिए ग्रिल निकाल ने को हम ने इजाज़त दे दी
बाल्कनी की ग्रिल निकल जाएगी तो मैं रेशमा के अपार्टमेंट मे आराम से जा पाउन्गा
अब तो मेरे और रेशमा के मिलन के रास्ते क्लियर हो रहे थे
ये तो मेरे लिए अच्छा ही था
जब से रेशमा का गुस्सा कम हुआ तब से मैं ने रेशमा और उसकी सहेली की चुदाई कम कर दी थी
कम क्या बंद ही कर दी थी
अब मेरा फोकस वापस मेरी पड़ोसन रेशमा थी
ऐसा लग रहा था कि जैसे अब हमारा मिलन जल्दी हो जाएगा
सारे रास्ते अपने आप खुल रहे थे
ऐसे मे मैं पिछली बार की तरह मिस्टेक नही कर रहा था
हर कदम आराम से रख रहा था
अब तक रेशमा के घर मे कोई एंट्री नही मिली थी
एक बार उसके घर मे एंट्री मिली तो रेशमा के दिल मे एंट्री कर लूँगा
एक बार रेशमा से बात हुई तो शीष्कारियाँ भी निकालना सिखा दूँगा उसको
बस कोई अच्छा मोका मिल जाए
या फिर कोई प्लान बन जाए तो अच्छा होगा
और एक दिन मैं लोकल से ऑफीस जा रहा था तो मेरे पास दो औरते खड़ी हो गयी
औरते कहीं पर भी बातें शुरू कर देती है
लोकल मे हो तो ऐसी बाते सुनने को मिलती है कि पूछो मत
औरत1- तुम्हें पता है कल क्या हुआ मेरे साथ
औरत2- क्या हुआ
अओरत1- कल ना मैं ने कपड़े सुखाने को छत पर रखे थे
अओरत2 - हर कोई कपड़े छत पर सुखाते है इसमे नया क्या है
अओरत1- मेरी बात तो सुनो
अओरत2-कहो
अओरत1-तो कल हवा ज़्यादा चल रही थी तो मेरा एक ड्रेस उड़ कर बाजू वाले घर के कॉंपाउंड मे
चला गया
अओरत2- तो ले आना था
अओरत1- ड्रेस लेने ही गयी थी तो मैं ने पड़ोसी की खिड़की से अंदर ज़ा कर भी देखा तो पता है
मैं ने क्या देखा
अओरत2- क्या देखा
अओरत1- मेरा पड़ोसी अपने नौकरानी के साथ था ,
अओरे2-क्या बात करती है
अओरत1- हाँ , मैं तो ये देख कर शॉक्ड हुई , पर
अओरत2- पर क्या
अओरत1- पड़ोसी की उसकी नौकरानी के साथ चुदाई देख कर मैं भी गीली हो गयी थी , बहुत बड़ा था
उसका और बहुत देर तक करता है , मेरा दिल कर रहा था कि काश उस नौकरानी की जगह मैं होती
अओरत2- तो ब्लॅकमेल कर देती
अओरत1- सोच तो यही रही हूँ ,
अओरत2 - चल अपना स्टेशन आ गया
मैं ने उन दोनो औरतों की बात सुन ली
ऐसे बहुत सी बाते पता चल जाती है लोकल मे
किसी किसी की शादी की बात भी लोकल ट्रेन मे हो जाती है
बड़ी काम आती लोकल ट्रेन
मुझे एक आइडिया मिल गया रेशमा को पाने का
प्लान अच्छा था उस से रेशमा जो पता चलेगा कि मैं ने लिफ्ट मे जो कहा था वो कोई दूसरी रेशमा
थी
और ये बात भी पता चलेगा कि रेशमा कितनी प्यासी है बस एक डर है कि कही वो मुझे गंदा
लड़का ना समझ ले
और मैं अपने दमदार लंड के दर्शन भी करवा सकता हूँ रेशमा को
प्लान अच्छा था पर थोड़ा मुश्किल भी था
लेकिन इस के सिवा अच्छा रास्ता दिख नही रहा था
मैं प्लान के मुताबिक सारी बातें सेट करने लगा
रेशमा कब घर आती है
किस तरह रहती है
रेशमा घर के कामो को हर दिन के हिसाब से कैसे मेनेज करती है
रेशमा ने नौकरानी नही रखी थी
घर की सॉफ सफाई एक दिन , बर्तन हर दिन धोती है , और कपड़े हमेशा सनडे को धोने को
निकालती है
किस टाइम क्या करती है इसका पता बड़ी चालाकी से मिसेज़ गुप्ता से लगा लिया , तो कभी कभी वॉचमन को
रेशमा के घर भेजता तो पता चल जाता कि कब क्या कर रही है रेशमा
अगर मैं उसके घर चला जाता तो अच्छा होता
अब जा सकता हूँ रेशमा के घर पर मैं पहले अपना प्लान कामयाब करना चाहता था
अपनी पड़ोसन को पाना चाहता हूँ
सब कुछ मैं ने नोट कर लिया
अब बस ऑफीस वाली रेशमा को पटाना था
उसकी बहुत दिन से चुदाई नही की थी तो उसके चुदाई करने का समय आ गया था
मैं ने प्लान का दिन सनडे सेलेक्ट किया
उस से पहले मैं ने रेशमा से बात की
रेशमा को अपने कॅबिन मे बुलाया तो वो खुश हो गयी
अवी-रेशमा
रेशमा-सर आप तो मुझे भूल ही गये
अवी-तुम्हें कैसे भूल सकता हूँ
रेशमा-फिर आज कल आप ओवरटाइम नही करते हो
अवी-ओवरटाइम से थक जाता हूँ ,
रेशमा-थकना तो मुझे पड़ता है , आप कैसे थक जाते हो
अवी-वो शिकायत छोड़ो , मैं ने तुम्हें किस लिए बुलाया है पता है
रेशमा-ओवरटाइम करना हो तो मैं तैयार हूँ
अवी-तभी तो सोच रहा हूँ कि इस साल की एंप्लायी की सॅलरी के इनक्रिमेंट की लिस्ट मे तुम्हारा नाम दूं
रेशमा-सच
अवी-बॉस ने मुझे कुछ नाम देने को कहा है तो तुम्हारा नाम सबसे उपर रखा है
रेशमा-लेकिन अभी तो मेरा प्रमोशन हुआ है
अवी-वो मेरा पवर था , अब सॅलरी का इनक्रिमेंट तो हर साल होता हैना कुछ एंप्लाइयी का
रेशमा-सर मेरा सबसे पहले देना
अवी-दे भी दिया है , अब तो पार्टी चाहिए मुझे
रेशमा-कब चाहिए सर
अवी-इस सनडे को
रेशमा-सनडे को ऑफीस बंद रहता है
अवी-पार्टी मेरे घर पे होगी , पूरा दिन और रात भर
रेशमा-पार्टी मे कौन कौन होगा
अवी-तुम और मैं , 24 घंटे मस्ती करेंगे ,ऑफीस मे जल्दी जल्दी मे करना पड़ता है
रेशमा-आपको तो पार्टी देनी ही होगी , क्या मैं अपनी सहेली को बता दूं
अवी-उसका नाम भी दिया है लेकिन उसको अगले हफ्ते बताएँगे
रेशमा-ठीक है , मैं पूरी तैयारी से आउन्गि
अवी-तुम्हें अड्रेस मेसेज कर दूँगा ,
रेशमा-थॅंक यू सर, 3 महीने मे दो बार सॅलरी इनक्रिमेंट हो रही है ,
और रेशमा खुश हो गयी
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