RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"पता नहीं, " मैने कंधे उचका के कहा
"यह ले.. यह तेरी सखी.. इंग्लीश में बोलूं तो, बेस्ट फ्रेंड बनके रहेगी.." बाबा ने मेरी तरफ डाइयरी फेंकते हुए कहा
"जब तक कोई ना मिले, तब तक इसके साथ बातें कर, जैसे ही कोई मिले, इसे छोड़ देना.. समझा, " बाबा ने फिर कड़क आवाज़ में कहा और मैं वहाँ से डाइयरी लेके निकल पड़ा घर की तरफ
बाबा ने जो डाइयरी दी उसमे मैने मेरे बर्तडे के दिन से लेके लिखना शुरू किया, वैसे तो डाइयरी की पहली लाइन यह होनी चाहिए थी, लेकिन मैं कोई प्रोफेशनल राइटर नहीं हूँ, इसलिए जब मुझे एहसास हुआ कि वाकई में मेरी ज़िंदगी में कोई है नहीं, नाम के लिए तो कई मेरे अपने हैं, लेकिन ख़ालीपन दूर करने के लिए कोई भी नहीं.. उस वक़्त मैने यह लाइन लिखी.. खैर, बाबा से मिलके काफ़ी अच्छा लगा, कौन यकीन करेगा कि मैने जिसकी इतनी महनगी गाड़ी का आक्सिडेंट किया, उस बंदे ने मुझे ज़िंदगी की असली मायने सिखाने का बेड़ा उठा लिया है.. पर बार बार बाबा की एक लाइन मेरे कान में गूँजती
"बहुत सहमा हुआ है, अकेले जी के देख क्या है ज़िंदगी, तब तू जान पाएगा तू क्या कर सकता है"
चीज़ो को ख़ामाखा खींचना मेरा काम नहीं है, मुझे जो चीज़ पसंद नहीं है वो पसंद नहीं है, सिंपल है, लेकिन मैं सहमा हुआ तो नहीं हूँ.. हां यह ज़रूर सही है कि फिलहाल मुझे जीने के लिए कोई मोटिवेशन चाहिए, कोई मकसद चाहिए.. जीने की कोई वजह तो होनी चाहिए, पर क्या है वो, क्या वो मुझे खुद ढूँढनी पड़ेगी या खुद ब खुद मुझे पता चलेगा कि मेरे जीने की वजह क्या है.. सोचते सोचते रात को नींद आ ही रही थी लेकिन कॉफी पे कॉफी पीक खुद को जगाए रख रहा था, बाबा के घर से आके सबसे पहला काम मैने डाइयरी लिखना शुरू किया, सुबह के 5 बजे तक तो डाइयरी लिखी, फिर अगर नींद आती तो सुबह का गेम मिस होता और फिर रॉनी का वही चिल्लाना मुझसे देखा नहीं जाता.. इसलिए एक घंटा और जाग जाग के इधर से उधर घूमता, कभी बाल्कनी में तो कभी लिविंग रूम में.. देखते देखते वक़्त बीत गया और मैं फ्रेश होके रॉनी के साथ ग्राउंड की तरफ निकल गया..
"तुम लोगों को बेन्चोद नींद नहीं आती क्या, 9 बजे की गेम रखते हो साले.." मैने रॉनी से जूस छीनते हुए कहा और वो बिना किसी जवाब के गाड़ी ग्राउंड की तरफ बढ़ता चला गया..
"भाई, देख आज जीतनी ही है समझा.. सिर्फ़ तुझे बता रहा हूँ , ग्राउंड पे स्वीटी भी आ रही है तो प्लीज़ देख लेना यार.." रॉनी गाड़ी रोक के बोला
"अबे हां.. और यह स्वीटी की कोई फरन्ड नहीं है क्या यार, थोड़ा अपनी भी सेट्टिंग करवा.." मैने फाइनली अपनी डेस्पेटनेस दिखा के कहा
"हां है ना, शायद उसके साथ आएगी भी आज.. देख लेना, वैसे भी स्वीटी तो तुझसे बात करती है, हो जाए तो जमा लेना कुछ" रॉनी ने फिर गाड़ी स्टार्ट की और इस बार सीधा जाके ग्राउंड पे रोकी जहाँ काफ़ी मेंबर्ज़ आ चुके थे हमारी टीम के.. रॉनी और मैं तैयार तो थे, इसलिए फटाफट जैसे ही बाकी के सब लोग आए हम ने गेम स्टार्ट किया.. रॉनी की स्वीटी भी आई थी देखने गेम इसलिए हमारे कप्तान आज कुछ ज़्यादा ही चिल्ला रहे थे, लेकिन उसके साथ की लड़की को मैं ठीक से देख नहीं पाया, दूरी इतनी थी, लेकिन सोचा चलो कोई ना, एंड में मिल ही लेंगे.. इसलिए अपना सारा ध्यान गेम पे लगाया.. फर्स्ट हाफ में तो 0-1 से ट्रेल कर रहे थे, इसलिए हाफ टाइम के बाद रॉनी कुछ ज़्यादा ही हाथ पैर हिला रहा था..
"पास करो, यह करो, खाली जगह पे मारो," रॉनी इतना चिल्ला रहा था कि समझ ही नहीं आ रहा था कि गेम खेलें या इसकी चीखें सुने, मेरे साथ बाकी सब का भी यह हाल था
"कॅप्टन एक और चीज़ है..." हमारी टीम के एक दूसरे प्लेयर ने रॉनी से कहा
"व्हाट ईज़ इट.. टेल मी नाउ, गेम में 20 सेकेंड्स हैं बाकी.." रॉनी चूतियों की तरह चिल्लाने लगा
"तू तोड़ा धीरे चिल्ला, तेरी छमिया सुन नहीं पा रही तुझे गान्डू..." उस बंदे ने कहा और उसकी बात सुन सब हँस के अपनी अपनी पोज़िशन्स लेने लगे..
सेकेंड हाफ के पहले 5 मिनिट में ही हमारी टीम ने एक गोल स्कोर करके स्कोर लेवेल कर दिया, लेकिन अगले 20 मिनट तक जब कुछ नहीं हो रहा था, तो हम सब से ज़्यादा रॉनी का ब्लड प्रेशर हाइ हो रहा था.. भगवान ने उसकी तब सुनी जब 75थ मिनिट में हमे एक कॉर्नर मिला.. वैसे तो कॉर्नर रॉनी खुद लेता है लेकिन इस बार अपनी स्वीटी रानी को इंप्रेस करने साहब खुद आगे खड़े रहे और कॉर्नर के लिए मुझे भेज दिया ताकि खुद हेड गोल का मौका ना छोड़े, उससे स्वीटी डबल इंप्रेस होनी थी.. खैर जो भी था, मैने वोही किया जैसे कहा गया, आख़िर कप्तान जो था, और काफ़ी मिनटों के बाद रॉनी का हेड इस बार ठीक निशाने पे लगा और उसने हमे लीड दिला दी.. टाइम वेस्ट करके अगले 15 मिनिट्स हमने निकाले और हम गेम जीत गये.. मेरा स्कोर था 0....
"ओह्ह्ह ववूऊ बाबययी... दट वाज़ सो कूल..." स्वीटी ने रॉनी के गले लगते हुए कहा और रॉनी और चौड़ा होता गया
"वेल प्लेड सन्नी, बट इस बार रॉनी वाज़ बेटर दॅन यू.." स्वीटी ने इतरा के कहा और रॉनी के कंधों पे अपना हाथ रखा
"ऑफ कोर्स, दट ईज़ व्हाई ही ईज़ दा कॅप्टन.." मैने हँस के कहा और स्वीटी के पास खड़ी लड़की को स्माइल दे दी
"ओह.. बाइ दा वे, शी ईज़ राशि.. कॉलेज फ्रेंड.. राशि, ही ईज़ सन्नी.." स्वीटी ने इंट्रो करवाया और मैने भी राशि से हाथ मिलाया
"वेल प्लेड सन्नी.." राशि ने सिर्फ़ इतना ही कहा और अपने ग्लासस उतार दिए
"ओह, राशि, मैं बताना भूल गया यहाँ से स्वीटी और मैं बाहर जा रहे हैं, तो आइ होप यू डॉन'ट माइंड अगर सन्नी तुझे ड्रॉप करे तो..ओके, बाइ .." रॉनी ने हम से कहा और स्वीटी को कुछ कहते कहते वहाँ से चलने लगा
"भाई.. गोल देने को थॅंक्स, स्वीटी आज खुशी से दे देगी इस वजह से, और उसी वजह से तेरे को अकेला छोड़ा राशि के साथ, इससे ज़्यादा मैं कुछ नहीं कर सकता..बाइ" रॉनी का यह एसएमएस आया तब समझ आया स्वीटी का सेट्टिंग
"तो सन्नी, व्हाट डू यू डू बिसाइड स्टडीयिंग.." राशि ने बातें स्टार्ट की और हम चलते चलते बातें करने लगे..
"वैसे स्वीटी बता रही थी कि युवर डॅड ईज़ इन स्टॉक आंड ईज़ आ बिग शॉट.. सो, यू मस्ट बी वेरी बिज़ी हाँ वित हिम" राशि ने फिर वोही बात की जिससे मुझे नफ़रत थी, लेकिन फिर भी मैने उसे इग्नोर करना ठीक समझा
"यू नो राशि, लेट'स नोट डिसकस माइ डॅड.. आइएम मोर इंट्रेस्टिंग दॅन हिम." मैने उसे आँख मार के कहा
"उः हुह.. लेट सी, शाम को मिलते हैं, जुहू बोरा बोरा, देख लूँगी कितनी इंट्रेस्टिंग हो.." राशि ने भी सेम टोन में जवाब दिया और हम टॅक्सी पकड़ के घर की तरफ आने लगे..
"वैसे राशि, सॉरी बट तुम्हारा नंबर तो दो, बोरा बोरा आके वेट कर्वाओगी तुम तो कॉल कहाँ करूँगा.." मैने टॅक्सी वाले को पैसे देके जैसे ही राशि से कहा तो उसकी आँखें कहीं और ही थी..
"राशि..." मैने उसकी आँखों का पीछा किया तो आसमान में देख रही थी
"नाइस ब्लू क्लियर स्काइस ना.." मैने उपर देख के कहा
"ड्यूड, यू स्टे हियर.." रश्मि ने आँखें नीची कर कहा
"उः.. नो , इधर मेरे अंकल रहते हैं.. आज उनसे कुछ काम है, इसलिए" मैने जवाब दिया
"ओह, नाइस बिल्डिंग, एनीवेस, व्हेयर डू यू स्टे.." राशि ने फिर अपने ग्लासस पहेन कहा
"मैं बोरीवली ईस्ट, वो स्टेशन के पास वाला मार्केट है ना, उससे थोड़ा वॉक करके आगे जाएँगे तो मंगलमूर्ति हॉस्पिटल है, बस ठीक उसके पास वाला मकान हमारा है.."
"उ स्टे इन बोरीवली.. ओह, नाइस... " राशि ने अपनी आँखें फेर के कहा
"ओके.. आइ विल कॉल यू शाम को, स्वीटी से नंबर ले लूँगा ओके.."
"हां हां, भैया, वेरसोवा ले लो जल्दी.." राशि आगे बिना कुछ सुने चली गयी
"डॅड से दूर जाना ही पड़ेगा अब साला.." मैने फिर खुद से कहा और घर पे चला गया..
आज कॉलेज जाने का मूड बिल्कुल नहीं था, वो तो वैसे भी कभी नहीं होता, लेकिन आज बस गेम खेलनी थी घर बैठ के, इसलिए मॅच से आके डाइरेक्ट अपने रूम को लॉक किया और गेम खेलने लगा.. सुबह के 11 से शाम के 4 तक लगातार गेम खेल के जब बोर फील हुआ तब जाके कहीं याद आया कि आज बाबा से भी मिलना था.. जैसे ही तैयार होके गाड़ी में आया, उसी वक़्त अननोन नंबर से फोन आया
"हेलो..." मैं थोड़ी जल्दी में कहा
"अभी तक तू आया नहीं सन्नी, अभी तक डरा हुआ है क्या.." सामने बाबा की आवाज़ थी
"आपको मेरा नंबर कैसे..." उसे बोलते बोलते मैं सोच में पड़ गया
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