Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:55 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"मैं कहा ना सन्नी, मैं 25 साल तक अकेला था, तेरे जैसे ही गुम्सुम रहता था, कोई दोस्त नहीं, माँ बाप नहीं, और जिसने मेरा हाथ थामा वो भी मुझे दरगाह के पास ही मिले थे.. तेरा केस सेम ही है, दोस्त नहीं, माँ बाप हैं लेकिन ना जैसे ही.. तू भी मुझे दरगाह के बाहर मिला.. और अगर इससे ज़्यादा जानना है तो कल तक मेरे साथ रहना पड़ेगा, बोल रहेगा इधर मेरे साथ.." बाबा ने हँस के कहा




"जी नहीं, कल मेरी मॅच है.. मेरे कॉलेज के बाद मिलूँगा आपसे, रह नहीं सकता.. झूठ नहीं कहूँगा, बट आपने इतने अच्छे से मेरी बातें सुनी, मुझे बहुत अच्छा लगा.. थॅंक यू वेरी मच.." मैं मुस्कुरा उठा




"अरे बस कर रे, ले खाना खा और फिर मैं समझाता हूँ तुझे.." बाबा ने कहा और हम दोनो खाना खाने लगे




"जानता है सन्नी, ज़िंदगी में जितना किसी एक के पीछे भागेगा, वो तुझसे उतना ही दूर जाएगा.. यार दोस्त गर्ल फ्रेंड, यह सब कोई मायने नहीं रखते, मायने ज़िंदगी में सिर्फ़ एक चीज़ रखती है.. वो है पैसा.. लेकिन हां, इसका मतलब यह नहीं के तू ज़िंदगी भर तन्हा रहे, एक साथी की तलाश कर, जो तुझे समझ सके, जो तुझसे प्यार करे तेरे पैसों को नहीं, जो तेरे मन की बात सुने तेरे पैसों की खनक नहीं.. और दूसरी बात, अपनी ज़िंदगी का दुख तू जीतने लोगों का सुनाएगा, लोग तेरा उतना ही फ़ायदा उठाएँगे, यहाँ कम सिर्फ़ एक चीज़ होती है, खुशियाँ.. आज आदमी अपने दुख से ज़्यादा दूसरे की खुशियों से दुखी है.. इसलिए हमेशा याद रख, चाहे कितनी बड़ी ठोकर क्यूँ ना लगे तुझे, तू ही उसको ठीक कर सकता है, और कोई नहीं.. बहुत सहमा हुआ है, अकेले जी के देख क्या है ज़िंदगी, तब तू जान पाएगा तू क्या कर सकता है... सब के पीछे भागेगा तो सब दूर जाएँगे, सब से दूर भागेगा तो सब तेरे पास आएँगे समझा.." बाबा ने रूम के चक्कर लगाते हुए कहा




"हे मीन्स, लर्न टू वॅल्यू युवरसेल्फ, देन ओन्ली पीपल विल नो युवर वॅल्यू.." बाबा की कड़क आवाज़ को काट के पीछे से एक काफ़ी खूबसूरत मीठी सी आवाज़ आई जिसे सुन मेरा ध्यान तो उधर गया ही, लेकिन बाबा के चेहरे पे भी मुस्कान आ गयी




"आइए आइए..." बाबा ने मूड के कहा




"हमारी दुआ है कि आप हमेशा खुश और आबाद रहें.."वो औरत बाबा से गले लगते हुई बोली




"शुक्रिया मेरी जान... " बाबा ने हँस के कहा और मेरी तरफ मूड गया




"सन्नी.. यह है मेरी बेगम साहिबा, मेरी जाने जिगर, मेरी सब कुछ.. ऋतु.."




"ऋतु, यह सन्नी है.." बाबा ने अपनी बीवी से इंट्रो करवाया





"इन लोगों में भी ऋतु नाम होता है.. नहीं, शायद नहीं, पर यह कैसे.." मैं उसका नाम सुन के सोचने लगा




"लगता है आप भी इनके जैसे हैं, काफ़ी सोचते हैं हाँ.. वैसे हमारी रिलिजन अलग है, लव मॅरेज है, यहाँ आके मैने इनके लिए इस्लाम को अडॉप्ट किया और मेरी पहचान ना खोए इस वजह से आज तक यह मुझे ऋतु ही बुलाते हैं.." ऋतु ने फिर अपनी मीठी आवाज़ में कहा




"ओह.. जी नहीं, मैं वो नहीं सोच रहा.. ग्लॅड टू मीट यू.." मैने हाथ आगे बढ़ा के कहा और ग़लती का एहसास होते ही फिर पीछे खींच लिया




"हाहहहहा... " बाबा और ऋतु दोनो मुस्कुराने लगे और ऋतु हमे अकेला छोड़ फिर बाहर चली गयी




"समझा, जो तुझसे प्यार करेगी, वो सब कुछ सोचे बिना तेरे साथ रहेगी, बस उसे ढूँढ, तेरी तकलीफ़ दूर हो जाएगी.." बाबा ने मेरे कंधे पे हाथ रख कहा




"वैसे, सर, मैं ढूंढूं कहाँ उसको, और हर कोई आप जैसा लकी नहीं होता.. बट हां मैं कोशिश पूरी करूँगा, लेकिन जब तक वो नहीं मिलती, तब तक क्या करूँगा.. और एक दूसरी बात पूछूँ, प्लीज़ बुरा नही लगाना, लेकिन आप क्या काम करते हो.." मैने उत्सुकता से काफ़ी सवाल एक साथ पूछ लिए जिसे सुन बाबा भी मुस्कुरा उठा




"मैं कुछ नहीं करता, मेरे लिए लोग करते हैं.." बाबा ने एक बड़ी सी फाइल निकाली और मेरे हाथ में पकड़ा दी




मैने बिना कुछ सोचे वो फाइल उठा ली और उसे ध्यान से देखने लगा.. जैसे जैसे पन्ने पलटने लगता, वैसे वैसे समझ आता कि क्या है वो सब.. लेकिन काग़ज़ों पे लिखे नंबर्स, मेरा दिमाग़ घुमाने लगे..




"ओके.. सॉरी, शायद मैं ग़लत होऊ तो माफ़ कर दें, आप बेट्टिंग करते हो.." मैने आँखें बड़ी करके पूछा




"जो मुझे विरासत में मिला वो करता हूँ.. आगे की बात समझने के लिए कल मिलना पड़ेगा.." बाबा ने सोफे पे बैठ कहा




"मैं श्योर नहीं हूँ, लेकिन पूरी कोशिश करूँगा के आपसे मिलूं, मुझे भी आपसे मिलके अच्छा लगा"




"अच्छा नहीं लगा, मुझसे मिलके तू हल्का महसूस कर रहा है.. चल अब घर जा, मॅच है तेरी कल.. और हां मेरी गाड़ी तेरे पीछे रहेगी जब तक तू घर नहीं पहुँचता समझा.." बाबा ने फिर फोन निकाला और उस्मान को निर्देश दे दिए




"गुड नाइट ख़ान साब.." मैने बस इतना ही कहा और मूड कर जाने लगा तब फिर पीछे से उसने बुलाया




"अच्छा, जब तक कोई तेरी बातें सुनने वाली तुझे नहीं मिलती, तब तक तू क्या करेगा.." बाबा ने सवाल पूछा जिसे सुन मुझे कुछ जवाब नहीं सूझ रहा था
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RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा - by sexstories - 07-03-2019, 04:55 PM

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