Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:47 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"आअहमम्म्ममममम...जब जब अहहहः तेरा लंड अंदर लेती हूँ अहहहहाआ मेरे राजाहह.... उफफफफफफफ्फ़..... बड़ा ही सुकून अहहहहहा मिलता है अहहाहाहामम्म्मममम..." सुहसनी राजवीर के लड पे सेट हुई और आँखें बंद कर राजवीर के लंड को अपनी चूत के अंदर महसूस करके पिघलने लगी और धीरे धीरे नीच झुक के राजवीर के होंठों को अपने होंठों से मिला के उन्हे चूसने लगी...





"उम्म्म्ममम उम्म्म्ममममम अहहूंम्म्मममममममममम....." सुहसनी राजवीर के होंठ चूस्ते हुए हल्के हल्के अपनी चूत उसके लंड पे गोल गोल घुमाने लगी..




"अहहहा..यह ले ना मेरी रानी भाबभिईीई अहाहाआ...." राजवीर ने एक हल्का सा धक्का उसकी चूत में पेलते हुए कहा...





"हाहाआईए मेरे राजाआ जीए.ए.. धीरे कर ना भडवीई उफफफ्फ़.फ..... उम्म्म्ममममम" सुहसनी सीधी हुई और अपनी टाँगें चौड़ी कर राजवीर के लंड पे हल्के हल्के कूदने लगी जिससे उसके हवा में झूलते हुए चुचे भी एक अलग किस्म की आग पैदा कर रहे थे माहॉल में...




"आहहा भाभी... तेरे तो पहाड़ी चुचे अहहहहामम्म्ममम कितने मस्ती में उछल रहे हैं..... अहहहहाआ..." राजवीर ने यह कहके अपना एक हाथ आगे ले जाके उसके चुचे को जन्गलियो की तरह मसलना शुरू किया



"अहहहहा हाआनन्न मसल डाल इन्हे मेरे राज्ज्जज्ज अहहहह........ आज जाके शरीर कुछ अहहहहाअ हल्का हुआ...... हाऐईयईईईईईईई..." सुहसनी आँखें बंद कर अपनी चूत में जाते हुए राजवीर के साँप का मज़ा लेने लगी, और जो धक्के धीरे धीरे चल रहे थे, वो अब तेज़ी से लगने लगे....





"अहहहहा आहान्णन्न् चोद दे ना अपनी भाभी को मेरे देवर प्यारे एआःाहहा....." सुहसनी अब तेज़ी से राजवीर के लंड पे उछलने लगी और नीचे से राजवीर भी तेज़ी से धक्के मारने लगा..






"आहहहहहाअ आईस्स्स्सस्स हाआंन्णेणन् और तेज़ चोदो मेरे राज्ज्जज्ज जीई...... आहहहहहहह और तेज़ धक्के अहहहह हाआना आईससी हीईिइ आआहहाहा..." सुहसनी तेज़ी से धक्कों का मज़ा लेने लगी और आगे झुक के पलंग को पकड़ थोड़ी और खुल गयी जिससे लंड और अंदर जाके मज़ा देता..





"अहहाअ हाआँ मेरी रंडी भाभिईियाअहह.... उम्म्म्म और तेज़ कूद आहहहाहा तेरे चुचे अहहहौमम्म्मम ईआहहाा.." राजवीर कुछ बोलने के बदले सुहसनी के चुचे पकड़ उनको और तेज़ी से मसल्ने लगता....






"अहहहहहा.... हाआँ ऐसे ही कार्ररर अहहहहाअ मैं आ रहयीइ हुउऊन्न्ञन् हाआँ .." सुहसनी कूदते कूदते हाँफने लगी और झड़ने के करीब पहुँची... जैसे ही सुहसनी ने यह कहा, राजवीर ने उसे कंधे से पकड़ा और अपने लंड के उपर से हटा दिया....




"अब क्या हुआ मेरे राजाजज अहः......" सुहसनी उसके लंड से उठ के फिर उसके लंड को हाथ में थाम लिया और हिलाने लगी...




"अभी तो तेरी गान्ड मारूँगा मेरी कुतिया भाभी...." राजवीर ने सुहसनी को नीचे उतरने को कहा और नीचे उतर के सुहसनी कुतिया बनी, लेकिन अपनी गान्ड को हवा में टिका दिया जिसे देख राजवीर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा... सुहसनी की गान्ड का छेद काफ़ी सिकुड सा गया था, काफ़ी टाइम से गान्ड में लंड नहीं गया था तो.. राजवीर ने पहले उसकी गान्ड पे जम के थूका और उसकी गान्ड को गीला करने लगा.. जैसे जैसे वो थूकता वैसे वैसे उसकी गान्ड के छेद की लालिमा और बढ़ती.. काफ़ी देर तक थूकने के बाद, राजवीर ने अपनी एक उंगली को भी पूरा गीला किया खुद के मूह में डाल के और फिर उसी उंगली को सुहसनी की गान्ड के छेद पे घुमाने लगा...





"आआहहहहहा देवर जीए......उम्म्म्ममम" सुहसनी राजवीर की उंगली के स्पर्श से ही पागल हो रही थी





"हाआँ मेरी भाभिईीई.. बोल नाआ... आअहह" राजवीर उंगली को उपर से लेके नीचे तक घूमता और फिर बीच में आके छेद के अंदर डाल देता धीरे से..




"थोड़ा आहहा ज़्यादा गीला कारर्र नाअ आह... पास में कोई तेल आहाहाहा या वॅसलीन होग्गगीइ... उईईइ माअहह" सुहसनी छटपटाने लगी..





"आज तो तेरी चुदाई ऐसे ही करूँगा मेरी रनडीी अहहह... तब जाके लगेगा तुझे गान्ड में कुछ गया..." राजवीर ने फिर झुक के अपनी जीभ को बाहर निकाला और फिर से उसकी गान्ड के छेद पे घुमा घुमा के गीला करने में लग गया...





"आआओह.. चोदने से अच्छा अहहहाहा तो यह लग रहा हाइईईईई नाअ.... ऐसे ही चाट मेरे कुत्तीए उईईईई आहाहहाअ..." सुहसनी पागल होके अपना एक हाथ नीचे से अपनी चूत पे ले गयी और अपनी दो उंगली चूत के अंदर बाहर करने लगी..





"अरे रे मेरी रंडी... स्लूर्र्रप्प्प आहमम्म्मम... चुदाई में तो आआम्म्म्म म..... ससलुर्र्रप्प्प्प्प .... और भी मज़ा आएगा... देखती जाआ ससलुर्र्रप्प्प्प्प्प आहहाहह.." राजवीर ने काफ़ी देर तक सुहसनी की गान्ड के छेद पे जीभ घुमाई और गीली करके उंगली अंदर डालने लगा... एक के बाद एक दो उंगली अंदर डाल के हल्के से अंदर बाहर करने लगा..





"आहहहहा नाऐईयईईई.. निकालो बहार आहह नाइइ.." सुहसनी को दर्द काफ़ी हुआ, लेकिन राजवीर उंगलियाँ अंदर रख के ही उन्हे घुमाने लगा जैसे उंगली से कुछ घोल रहा हो.. धीरे धीरे जब सुहसनी की चीख कम हुई, तब राजवीर ने अपनी उंगली बाहर निकाली और लंड को गान्ड के छेद पे सेट करके हल्के हल्के से अंदर घुस्साने लगा...





"अहहहाा..... नूऊऊ फफफफफफफफुकककककककककक... नाऐईयईईई....... ओह अहहह... नाईयाीई निकाल्लूऊओ आहह" सुहसनी की जैसे जान ही निकल गयी थी, लेकिन राजवीर बिना कुछ सुने अपने साँप को सुहसनी के बिल में धीरे धीरे उतारने लगा.. जब पूरा लंड अंदर घुस गया, तब राजवीर शांत खड़ा रहा और अपनी जीभ से सुहसनी के चुतड़ों को चाटने लगा, उधर सुहसनी की आँखें बाहर निकल आई थी राजवीर के लंड को अपनी गान्ड में लेके... आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे, और गर्दन ज़मीन पे मूडी हुई उसके दर्द को और बढ़ा रही थी..




"आहाहाआ अब चोद भी दे भडवी आहह.... दर्द दे दे एक साथ पूरा मदर चूद्द्द कहीं कीए.... आहाहहा..." सुहसनी दर्द में तड़पने लगी थी... उसको ज़्यादा दर्द ना देते हुए राजवीर हल्के हल्के से अपने लंड को बाहर निकालने लगा.. जैसे ही लंड पूरा निकालने को आता, राजवीर उसे फिर से हल्के हल्के अंदर घुस्सा देता..





"आहाहहः धीरे धीरे कर भडवी अहहहा...हाां ऐसे ही उफफफ्फ़......." सुहसनी दर्द में अब भी थी, लेकिन अब मज़ा भी आने लगा था...





"आ हाँ यह ले ना भभाई अहाहाआ.... मस्त गान्ड है तेरी भाडवी साअलीी आहह....उम्म्म्मम ईससस्स अहहह" राजवीर अब अपने धक्के थोड़े से तेज़ करने लगा लेकिन इतने तेज़ नहीं, बस थोड़ा मोशन बढ़ा दिया जिससे सुहसनी को दर्द भी ना हो और उसका मज़ा भी बना रहे...




"ओह्ह्ह हाआंन्णरणन् मज़ा दे दिया तूने आअज रंडी की अऔलाद्दड़.... आअहहूंम्म्मम..." सुहसनी भी अब आँखें बंद किए हुए राजवीर के लंड पे बैठ हवा में सेर कर रही थी..





"अओर ले ले ना मेरी भाडवी भाभाइईइ आहह... तुम भी तो खानदानी रंडी हो बेन्चोद्द आहाहहा....उफफफफ्फ़ कितनी गरम आअहह " राजवीर की गति धीरे धीरे बढ़ती लेकिन वो फिर धीरे कर देता





"हां तो चोद ना आहहहा... तुम तो बहन भी नहीं छोड़ते अगर होती तो उफफफ्फ़ आहह....हां ऐसे ही पेल ना आहहह..."




"आहहाहा भाभिइ आहह और बोल ना कुतिया कहीं की अहहहा...उफ़फ्फ़..... बेटी भी चोदनी है , भतीजी भी चोदनी है आहह..."





"आहन तो चोद डाल ना मेरे राअज्जज आहह... शीना ज्योति सब अहाआह उदफफफफ्फ़ तेरे लोड्‍े के लिए तो मरी जाएगी एक बार आहहाआह चख लिया तो. आआहहह"





सुहसनी और ज्योति का नाम सुन राजवीर के लोड्‍े से रहा नहीं गया और झटके मारने को उतावला हो गया..




"यह क्या बोल दिया भाभिइिया अहहहहा.. मैं आ रहा हूँ यह लीई....." कहके राजवीर ने सुहसनी को सीधा किया और उसके चेहरे पे अपने लंड की मलाई निचोड़ने लगा




"आहहहहहाहा ओह श्सित्त्त्त........" राजवीर अपने लंड मलने लगा और सुहसनी भी उसकी मलाई को अपने मूह में लेके किसी रस की तरह पीने लगी...
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