Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:39 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम...प्यार में छलकता जाम हो तुम...
सीने में छुपाए फिरते हैं हम याद तुम्हारी..मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम.."



शीना ने यह दो पंक्तियों में अपने दिल की बात यूँ रखी कि रिकी चारो खाने चित हो गया.. खुशी से फूला नहीं समा रहा था वो, इस बार शीना ने अपना चेहरा उठाया और रिकी के हाथों को थाम के उसे चूम लिया



"अब चलें भी के यूही लाइन मारते रहोगे आप.." शीना ने शरमा के कहा



"तुम जो बोलो मैं वो करने के लिए रेडी हूँ.." रिकी ने आँख मार के कहा



"हिम्मत है इतनी.." शीना ने इठला के कहा



"हुहह.. यू टॉकिंग टू मी.. बेबी, मुझे चॅलेंज नहीं करो, हार जाओगी.." रिकी ने अपनी बाहें शीना के गले में डाल के कहा



"ओह हो.. तो चलो, यहाँ से लेके गाड़ी तक मुझे गोद में उठा के ले चलो, मान जाउन्गी आपकी हिम्मत को.."



"बस इतनी बात.. अभी लो..." रिकी ने कहके अपना एक हाथ शीना की कमर पे रखा और दूसरा टाँगों के निचले हिस्से में रखा और देखते ही देखते उसे अपनी मज़बूत बाहों से लगा लिया



"ओउक्च....." शीना ने हल्के कराह के चिल्लाया



"धीरे उठाओ ना, आइ एम स्टिल रिकवरिंग.." शीना ने अपनी आँखें बंद कर कह



"वैसे मसल्स तो अच्छे बनाए हैं आपने." इस बार शीना ने अपने हाथ रिकी के गले में डाल के कहा



"अब ऐसे चलोगि तो घर वाले कहीं मुझे.."



"यही तो चॅलेंज है, अब चलो भी" शीना ने रिकी की बात बीच में काट के कहा.. रिकी शीना को अपनी गोद में लेके बाहर निकला और धीरे धीरे यह देखता हुआ आगे बढ़ रहा था के कहीं कोई नीचे बैठा ना हो.. शीना अच्छे से समझ रही थी उसकी हालत को और अंदर ही अंदर उसे देख मुस्कुरा रही थी.. सीडीयों से होता नीचे रिकी पहुँचा ही था कि सामने उसे अमर और सुहसनी भी दिखे...



"अरे, शीना बेटी क्या हुआ.. और रिकी ऐसे क्यूँ उठा रखा है रिकी तुमने..." अमर ने थोड़ा कड़क आवाज़ में दोनो से कहा



"वो डॅड, थोड़ा पेर में मोच आ गयी, लड़खड़ा गयी तो दर्द बढ़ गया, इसलिए भाई को उठाने को कहा..आप उनपे गुस्सा ना हो प्लीज़..." शीना ने बात संभालते हुए कहा



"वो सब ठीक है, पर जाना कहाँ है, तुम उपर रेस्ट करो चलो.." अमर ने हिदायत देते हुए कहा



"क्या आप भी बच्चों के साथ गुस्सा होते हैं, कोई बात नहीं बेटा, जाओ थोड़ी फ्रेश एर ख़ाके आओ, अच्छा लगेगा.. कब तक अंदर बैठी रहोगी.. रिकी, ध्यान रखना ठीक है.." सुहसनी ने अमर को टोकते हुए कहा



"अरे पर ऐसी हालत में"



"कैसी हालत में, यह अभी ठीक हो रही है, अच्छा है जल्दी से रिकवर हो रही है.. और बाहर थोड़ा माहॉल बदलेगा, मन खुश होगा तो और भी जल्दी ठीक होगी.. आप नहीं समझोगे, चलो अब तुम दोनो जाओ नहीं तो यह फिर कुछ बोल पड़ेंगे.." सुहसनी ने हँसकर शीना और रिकी से कहा और वो दोनो भी फटाक से अपने माँ बाप की नज़रों से ओझल हो गये



"क्या आप भी इन्हे टोकते रहते हैं..चलिए, हम भी थोड़ा गार्डेन में हवा खाते हैं.." सुहसनी ने अमर से कहा और अमर कुछ ना कर सका सिवाय आगे बढ़ने के



"हाहहहा..आपकी हालत हिहिहिहहीी.." शीना ने रिकी के चेहरे को देख कहा, रिकी ने कुछ जवाब नही दिया और बस उसे ही देखता रहा



"मुझे मत देखो... यह तो डॅड मेरे स्वीटहार्ट हैं, नहीं तो आज आप इतनी डाँट खाते... और दूसरी बात, इस गाड़ी में क्यूँ चल रहे हैं, आपको जो गिफ्ट मिली उसमे चलो ना.." शीना ने सीट पे बैठ के कहा



"नहीं, तुम ठीक हो जाओ..सबसे पहले तुम चलाना वो कार... अब आपकी इजाज़त हो तो चलें.." रिकी ने मुस्कुरा के कहा



"हां जी चलो, पर कहाँ चलें वो तो नहीं बताया आपने.." शीना ने जवाब दिया जिसे सुन रिकी ने गाड़ी स्टार्ट की और वहाँ से निकल गये.. काफ़ी दीनो बाद घर से बाहर निकली शीना एसी की हवा के बदले बाहर की हवा को महसूस करना चाहती थी, बाहर आके उसने जैसे खुल के साँस ली, आती जाती ट्रॅफिक को देख , लोगों को देख वो मंन ही मन खुशनुमा महसूस कर रही थी



"यह लो आ गये..." रिकी ने गाड़ी रोक के कहा



"यह तो वही होटेल है..यहाँ क्यूँ आए हैं.." शीना ने अपनी नज़रें उठाई तो नज़र इरीटा मराठा के बोर्ड पे गयी



"चलो अंदर.. और कीप मम, आंड आक्ट आ बिट लो ओके.." रिकी ने गाड़ी वलेट को दी और शीना का हाथ पकड़ के धीरे धीरे अंदर चलने लगा और साथ ही शीना भी हल्के हल्के लिंप करके अंदर जाने लगी..



"इससे अच्छा तो आप की गोद लग रही थी.." शीना ने हल्के रिकी के कान में कहा जिसका जवाब रिकी ने कुछ नहीं दिया और उसे खामोश रहने का इशारा किया...



"यस सर.. वेलकम तो मराठा..हाउ मे आइ हेल्प यू.." रिसेप्षनिस्ट ने रिकी और शीना को देख मुस्कुरा के कहा.. जवाब में रिकी ने कुछ नहीं कहा और अपने जेब से एक कार्ड निकाल के उसे पकड़ाया.. रिसेप्षनिस्ट ने कार्ड देखा और चेक करके उसे वापस दे दिया..



"सर.. दिस वे प्लीज़..." रिसेप्षनिस्ट ने उन्हे एक ओर इशारा करके कहा



"यू वेट हियर...आइ विल बी बॅक, कॅन यू प्लीज़ गेट सम्वन टू हेल्प हर.." रिकी ने रिसेप्षनिस्ट से कहा, तुरंत एक दूसरी लड़की आई और शीना को कंधा देके पास बने सोफा पे बिठाया और रिकी रिसेप्षनिस्ट के साथ सामने मॅनेजर की कॅबिन में चला गया..



"यस सर.. बताइए, हम क्या मदद कर सकते हैं पोलीस की.." मॅनेजर ने सामने बैठे रिकी से कहा


"उः, कुछ दिन पहले..करीब एक हफ़्ता, एक यंग लेडी और एक तकरीबन 40-45 यियर्ज़ का मर्द.. आपके होटेल में आए थे.. हमे शक है दे आर लिंक्ड टू सम आंटी सोशियल ग्रूप

आंड दे र प्लॅनिंग बिग... क्यूँ कि हमारी इन्फर्मेशन अब तक फर्स्ट स्टेज पे है इसलिए इनफॉर्मल मदद चाहिए आपसे.." रिकी ने सीधे बैठते हुए कहा



"ओके, बट वी वुड नीड सम्तिंग इन रिटन फ्रॉम यू ऑर युवर डिपार्टमेंट.. आइ मीन, आइ कन्नोट शेयर एनिबडी'स इन्फो डाइरेक्ट्ली सर.." मॅनेजर ने जवाब दिया



"नो नो.. आइ डॉन'ट नीड एनितिंग डाइरेक्ट्ली, एक काम कीजिए, यू स्पीक टू कमिशनर सर..फिर तो आप देंगे.." कहके रिकी ने फोन लगाया और एक नंबर घुमाया...



"सर.. जस्ट आ सेकेंड.." रिकी ने फोन पे कहा और फोन मॅनेजर को पकड़ाया



"यस, हू ईज़ दिस.." मॅनेजर ने मज़ाक समझ के कहा



"पोलीस कमिशनर हियर, " सामने वाले ने सिर्फ़ इतना ही कहा कि मॅनेजर की हालत खराब हो गयी



"ओह सॉरी सॉरी सर...आइ विल गिव देम इन्फो राइट अवे.." कहके मॅनेजर ने फोन कट किया और रिकी को वापस दे दिया.. उधर सामने कमिशनर अब तक नही समझ पाया कि रिकी ने उसे कॉल क्यूँ किया..



"सर, टेल मी क्या चाहिए आपको.." मॅनेजर ने पानी का ग्लास पीते हुए कहा



"लास्ट नेम आइ डॉन'ट नो, बट फर्स्ट नेम स्नेहा आंड राजवीर.. इन नामो से पिछले 7 दिनो में कोई बुकिंग है, मुझे वो जानना है..कौन्से रूम में थे.." रिकी ने अकड़ के कहा



"आइ विल गेट इट डन सर.. गिव मे 10 मिनिट्स.." मॅनेजर ने रिकी से कहा और इंटरकम पे फोन करके डीटेल्स मँगवाई.. करीब 10 मिनिट में उसके पीसी में एक मैल आया जिसमे सब डीटेल्स थी पिछले 10 दिनो की.. मैल आते ही मॅनेजर ने जल्दी से बताए नामो पे सर्च किया...



"यस सर..देयर दे आर.. यह लोग प्रेसिडेन्षियल सूयीट में रुके थे.." मॅनेजर ने पीसी पे देख के कहा



"ठीक है.. अभी वो रूम ऑक्युपाइड है या वेकेंट है"



"अभी वेकेंट है सर, काफ़ी कम लोग प्रेसिडेन्षियल सूयीट में रुकते हैं.."



"ठीक है, मैं वो रूम देखना चाहूँगा" रिकी ने चेर से खड़े होके कहा और साथ ही मॅनेजर भी खड़ा होके उसके साथ बाहर आया.. बाहर आते ही रिकी ने एक नज़र शीना को देखा और आँखों से उसे खामोश रहने को कहा और मॅनेजर के पीछे चलता रहा.. 5 मिनट में रिकी प्रेसिडेन्षियल सूयीट में खड़ा था मॅनेजर के साथ..
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