Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:14 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
ज्योति का यूँ अचानक सा रिकी के होंठों पे टूट पड़ना, रिकी को कुछ समझ नहीं आया, उसका दिमाग़ काम करना बंद ही कर गया था..तब तक जब तक वो होश में नहीं आया और धक्का देके ज्योति को पीछे धकेल दिया..



"व्हॅट दा ........ आरएरीई....." रिकी अपनी साँसों को इकट्ठा करते हुए बस इतना ही कह पाया



"व्हातटत्त.... व्हाट ईज़.... आहह.... व्हाट'स रॉंग हाँ...." ज्योति भी अपनी टूटती हुई साँसों को समेट के बोलने की कोशिश कर रही थी लेकिन कुछ कह नहीं पा रही थी.. कमरे में कुछ आवाज़ थी तो वो बस दोनो की चलती लंबी लंबी साँसें, यूँ लग रहा था मानो दोनो काफ़ी मेहनत करके तक के आयें हो..



"ज्योति, व्हाट'स रॉंग..सडन्ली, डू यू ईवन रीयलाइज़ के हम कौन हैं.." रिकी ने आख़िर कर कुछ शब्द जुटाए और बोलने की हिम्मत हुई



"कौन हैं हम..भाई बहेन हैं.. तो शीना कौन है आपकी, वो तो सग़ी बहेन है ना आपकी, फिर उसके साथ तो आपको कोई परहेज़ नहीं है और जब मुझे यहाँ कोई इनकार नहीं है तो फिर आप यह रिश्तों का हवाला क्यूँ दे रहे हैं



ज्योति की बात सुन रिकी खामोश हो गया, उसके पास इस बात का कोई जवाब नहीं था, शीना ने उसे बताया था कि उसने ज्योति को उनके रिश्ते के बारे में बता दिया है.. रिकी को उस वक़्त डर था कि कहीं ज्योति सब को खबर ना कर दे इस रिश्ते की, लेकिन वो यह नहीं जानता था कि ज्योति भी ऐसा ही कदम उठाना चाहेगी..



"बोलिए ना, अब क्यूँ चुप हैं.." ज्योति ने रिकी को खामोश देख के कहा



"ज्योति, टू रॉंग डजन'ट मेक वन राइट ओके... अगर शीना के साथ मैं ऐसे रिश्ते में हूँ तो इसका यह मतलब नहीं के वो ग़लत नहीं है या वो ग़लती बार बार दोहराता रहूं.. शीना के साथ उस वक़्त पे हमारा काबू नहीं था, हम बह गये थे उस वक़्त के साथ..लेकिन उसका यह मतलब नहीं कि मैं हर बार वो ग़लती जान बुझ के करूँ , यू अंडरस्टॅंड.." रिकी ने अपनी आवाज़ को थोड़ा उँचा कर के कहा



"भैया...लुक अट मी, मैं आपको किसी रिश्ते में बाँधने के लिए नहीं कह रही, इट'स जस्ट दट.. मैं किसी के प्यार के लिए तड़प रही हूँ, अगर मेरा दिल कहता है के मैं वो प्यार आपसे लूँ तो इसमे आपको कोई हर्ज़ क्यूँ है..क्या आप मुझे प्यार नहीं करते..क्या मैं आपकी कोई नहीं लगती.." ज्योति यह कहने के साथ ही दो कदम आगे बढ़ गयी. रिकी ने ज्योति की इस बात को कोई जवाब नहीं दिया.. ज्योति ने यह देखा रिकी के एक हाथ को अपने हाथ में लिया और उन्हे धीरे धीरे मसल्ने लगी...



"भैया, प्लीज़ लुक अट मी वन्स..." ज्योति ने फिर रिकी के हाथ को दबाते हुए कहा, इस बार ज्योति के कहने पे रिकी ने उसके चेहरे को देखा



"आप देखिए मेरी आँखों में..क्या दिख रहा है..क्या इसमे आपके लिए प्यार नहीं है... आज तक आपने शीना और मुझ में कोई फरक नहीं समझा, तो फिर इस बात में क्यूँ है यह फरक.. और मैं तो किसी रिश्ते के लिए भी नहीं बोल रही आपको, आइ जस्ट वॉंट यू टू प्लीज़ मी ... फिज़िकली..." ज्योति ने आज सब भुला के रिकी के सामने अपने मन की बात रखी थी.. ज्योति की यह बात सुन रिकी को यकीन नहीं हो रहा था कि वो क्या कह रही है इसलिए उसकी यह बात सुन रिकी की आँखों में वो एक हल्का सा झटका सॉफ देखा जा सकता था..






"देयर ईज़ नतिंग टू बी शॉक्ड ऑफ... क्या मैं आपसे खुल के भी बात नहीं कर सकती अब, क्या मैं अपने मन की नहीं कह सकती.. आप ही कहते हैं ना भाई बहेन से पहले वी आर फ्रेंड्स... तो क्या दोस्त बातें शेयर नहीं कर सकते.." ज्योति ने फिर रिकी को अपनी बातों से घेरना चालू कर दिया



"सिंपल वर्ड्स में कहूँ भैया, आइ जस्ट वॉंट सम्वन टू बी माइ फक बडी..लाइक फ्रेंड्स वित बेनिफिट्स..कुछ ज़्यादा तो नहीं माँग रही आपसे..." ज्योति को आज खुद यकीन नहीं हो रहा था कि वो यह सब बोले जा रही है वो भी रिकी से जो रिश्ते में उसका भाई है... कितने दिनो तक एक कन्फ्यूषन में रह के, ज्योति को आज क्लियर हुआ कि वो किस चीज़ की तलाश में थी, इतने दिनो तक वो जिस चीज़ को प्यार समझती थी वो प्यार नहीं बस एक जलन थी... जलन अपने तन की, अपने मन की, और उस जलन को मिटाने के लिए ज्योति ने अपने भाई और बाप से रिश्ता बनाना चाहा लेकिन दोनो में ना कामयाबी.. आज , इस पल रिकी के साथ ये बात कहके वो अंदर ही अंदर काफ़ी हल्का महसूस कर रही थी.. आज भले वो सामने रिकी हो, लेकिन किसी को उसने अपने दिल की बात बता दी कि वो क्या चाहती है, और वो कहके उसे शरम के बदले काफ़ी खुशी हो रही थी.. यह बात अब तक किसी से ना कहके वो जितनी बेचैनी महसूस करती थी, अब वो उतना ही हल्का महसूस कर रही थी, जैसे दिल से एक बोझ उतर गया हो..



"ज्योति.. यूआर नोट कॉन्षियस.. तुम पागल हो गयी हो...." रिकी ने फिर इतना ही जवाब दिया और वहाँ से जाने की कोशिश की, लेकिन उसको जाते देख ज्योति ने तुरंत उसके हाथ पकड़े और फिर उसके चेहरे की तरफ देखने लगी



"आइ नो भैया.. जो आप सोच रहे हैं, बट ट्रस्ट मी दिस ईज़ नोट चीटिंग..आंड शीना विल नेवेर गेट टू नो अबाउट दिस..."ज्योति ने रिकी के हाथों को मज़बूती से पकड़ा और उसके सीने से चिपकने लगी.. रिकी अभी भी सोच रहा था कि वो ज्योति को रोके तो कैसे क्यूँ कि अब तक का उसका हर प्रयास नाकाम ही रहा था, और ज्योति की बातें भी ऐसी थी जिन्हे रिकी सही या ग़लत नहीं कह सकता था, ज्योति की कही हुई बातें रिकी के कानो में अब तक गूँज रही थी..



"भैया... प्लीज़ लव मी फिज़िकली.." ज्योति ने काँपते होंठों से रिकी को देख के कहा और धीरे धीरे अपने होंठ रिकी के होंठों से मिलाने की कोशिश करने लगी.. रिकी ना तो खुद को समझा सकता था, ना ही ज्योति को..ऐसे हालत में रिकी को जब तक कुछ समझ आता, तब तक ज्योति के नरम और तपते होंठ रिकी के लबों से मिल चुके थे.. ज्योति के तपते होंठों को महसूस करके जैसे रिकी अंदर तक पिघल गया, उसके चेहरे से टपकता पसीना धीरे धीरे गिर उसके होंठों पे आ रहा था जिन्हे ज्योति बड़े चाव से चूसे जा रही थी... रिकी अब तक ना तो ज्योति का साथ दे रहा था, और ना ही उसे रोक रहा था... ज्योति को यह समझते देर ना लगी के रिकी अब उसे मना नहीं करेगा, इसलिए हिम्मत करके उसने अपने दोनो हाथ रिकी की कमर के पीछे ले जाके उसे अपने पास खींचा.. ज्योति और रिकी के बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे, रिकी बड़े ही आराम से ज्योति के शरीर की गर्मी को महसूस कर सकता था, ऐसी गर्मी में रिकी से रहा नहीं गया और धीरे धीरे उसकी आँखें भी बंद होने लगी.... जैसे जैसे रिकी की पलकें ज्योति के नशे में भारी होती गयी, वैसे वैसे रिकी अपने होंठों को हल्के हल्के खोल देता और ज्योति के होंठों को महसूस करने लगता...




"उम्म्म......आअहह यस भाई.......उम्म्म्मम..प्लीज़ लव मी....अहहहह.." ज्योति रिकी का साथ पाकर बहकने लगी थी.... ज्योति के यह शब्द जैसे रिकी को मन्त्र मुग्ध कर गये, रिकी भी बड़े प्यार से अभी ज्योति के होंठों को चूसने में लग गया था.. रिकी और ज्योति के हाथ, एक दूसरे की कमर के पीछे चले गये थे और दोनो एक दूसरे की गर्मी को महसूस करते हुए, अपनी गरम साँसें एक दूसरे के मूह में छोड़ते चले गये और लबों से लबों को मिलते रहे












"आअहह य्स्स्स भाई........ सक देम हर्दड़ अहहाहा उफफफफ्फ़.......उम्म्म्ममम लव मी ना भाई आहहह...." ज्योति सिसकते सिसकते बोलने लगी और होंठों को जन्गलियो की तरह चूसने लगती




"अहहहहा ओह्ह्ह्ह भैईई अहहा.... एसस्स... शो मी युवर बॉडी ना अहहहाहा.....आइ आम ओमम्म्मम अहहहह वेटिंग..... अहहहहहा उम्म्म्मममम फॉर यू अहहहहहहाहा भाईयैई आहह..." ज्योति अपने हाथों को आगे ले आई और रिकी की शर्ट के बटन खोलने लगी.... एक एक कर जैसे ही रिकी की शर्ट उसके बदन से उतरी, ज्योति ने अपने चेहरे को उसके सीने में धंसा दिया और अपनी जीभ से उसकी छाति को चूसने लगी...



"अहहौमम्म्मम.... आहहः भाई....... ईएसस्साहहह....स्लूर्रप्प्प्प्पाहह....."ज्योति अपनी जीभ से रिकी के सीने को गीला करने में लगी हुई थी, यह नज़ारा देख कोई भी समझ सकता था कि ज्योति की बात बिल्कुल सही है, वो फिज़िकल होने के लिए कितने वक़्त से तड़प रही थी, और आज उसे वो मिला जो वो चाहती थी.. ज्योति की जीभ को अपने सीने पे महसूस कर रिकी की आँखें मस्ती में बंद होने लगी थी और वो हल्के हल्के से सिसक रहा था..



"लेट मी सी आहाहहा..... भाई के नीचे अहहाहा...उम्म्म्मम...."ज्योति रिकी के सीने से जीभ घूमती घूमती नीचे उसकी नाभि के पास पहुँची जहाँ उसने अपनी जीभ को गोल गोल घुमाना जारी रखा और अपने हाथ नीचे ले आई...



"उम्म्म्म....युवर लविंग दिस, डॉन'ट यू..हेहहेः.." ज्योति ने मस्ती में कहा और अपने दाँत से रिकी की जीन्स के बटन को खोने की कोशिश की और बटन खुलते ही एक झटके में उसकी जीन्स को नीचे खिसकाया.. जीन्स नीचे उतरते ही ज्योति की नज़र रिकी के उभार पे पड़ी जो उसके बॉक्सर से देख के ज्योति मदहोश होने लगी.... बिना ज़्यादा कुछ कहे ज्योति ने अपने हाथों से धीरे धीरे रिकी के बॉक्सर को उतारा और अपनी लाल सुर्ख आँखों से रिकी के सलामी देते हुए लंड को देखने लगी... रिकी के लंड को देख ज्योति की आँखों में एक हवस दौड़ गयी, लाल लाल आँखों में बहता हुआ नशा ज्योति की हालत बयान कर रहा था... ज्योति से रहा नहीं गया और अपनी जीभ हल्के से रिकी के टट्टों पे घुमा के उसे चूस दिया




"ससलुर्र्रप्प्प्प्प्प्प अहहह....." ज्योति ने चूस के उपर देखा तो रिकी की आँखें अभी भी मस्ती में बंद ही थी..



"उम्म्म..मज़ा आ रहा है ना भैया, हाउ'स युवर फक बडी पर्फॉर्मिंग हाँ...हिहीही.." ज्योति मुस्काते हुए उपर उठी और फिर रिकी के होंठों को चूसने लगी



"उम्म्म्म अहहह....लेम्मे अहहाहा उम्म्म्म..शो यू.." ज्योति ने होंठों को चूस्ते हुए कहा और रिकी को पास पड़े बेड पे धक्का देके सुला दिया... बेड पे गिरते ही रिकी ने आँखें खोली तो सामने देख के हैरान रह गया.. सामने ज्योति सिर्फ़ ब्रा पैंटी में खड़ी थी...



"यू लव व्हाट यू सी...हाँ भैया.." ज्योति ने मादक अंदाज़ में कहा और रिकी की आँखों में देखने लगी... रिकी की आँखों में भी उसे वोही नशा, वोही भूख, वोही प्यार और वोही गर्मी दिखी जो वो खुद महसूस कर रही थी...



"हाउ डू आइ लुक नाउ भैया....." ज्योति ने रिकी से कहा और एक ही झटके में अपनी ब्रा खोल के उसे साइड में फेंक दिया









ब्रा खुलते ही ज्योति के दूध से भी सफेद चुचे रिकी की आँखों के सामने झूलने लगे.. रिकी चाहकर भी अपनी नज़रें उनसे दूर नहीं कर पा रहा था...



"टेल मी ना भाई, हाउ डू आइ लुक नाउ.." ज्योति ने अपने एक निपल को चुटकी में दबाते हुए कहा जिससे उसकी एक हल्की सी सिसक निकल गयी...



"यू वॉंट मोर....भैय्ाआ हह..." ज्योति ने फिर एक नशीली आवाज़ में रिकी से कहा और धीरे धीरे अपनी गान्ड मटकाते मटकाते अपनी पैंटी को भी नीचे सरका दिया... ज्योति की पैंटी नीचे सरकते ही उसकी गीली हो चुकी चिकनी चूत भी रिकी के सामने आ गयी.. दोनो भाई बहेन एक दूसरे के सामने पूरे नंगे थे, बहें खड़ी थी और भाई लेटा हुआ था..



"भाइईईई....हाउ ईज़ माइ बोड्ड़य्यययी..." ज्योति ने अपनी एक उंगली अपनी मूह में डाल के उसे चूसा और फिर उसे अपनी चूत के अंदर घुसा के रिकी के सामने मस्ताने लगी....



"अहहाहा भाइईइ.......टेल्ल मी नाआहह.." ज्योति ने ऐसे अंदाज़ में यह कहा के रिकी से अब कंट्रोल नहीं हुआ और एक झटके में खड़ा होके ज्योति के पास गया और उसके चुचे को मूह में लेके चूसने लगा




"आहहहाँ,म्‍म्म य्स भाई... सक कीजिए ना आहहहा... हाआँ भाइी उफफफ्फ़....... और ज़ोर से चुसिये ना अहहहहा..." ज्योति रिकी के चेहरे को अपने चुचों पे दबाने लगी और मस्ती में सिसकने लगी



"आहहाहा उम्म्म्म....उम्म्म्मम अहहाहा....ससलुर्र्रप......" रिकी ज्योति के चुचों को चूस चूस के लाल करने लगा था..




"आआहहः यस भाई... आम कमिंग अहाहाहा... हार्डर अहहहा... फास्टर ईसस्स अहहह......" ज्योति ने जैसे ही यह कहा रिकी ने तेज़ी से उसको पलंग पे धक्का दे दिया और उसकी टाँगें हवा में उठा के अपने कंधे पे रख दी, और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा




"अहाहाहा भाइईइ फास्टर्ररर ईससस्स अहहह... ओह्ह्ह्ह नूऊओ अहहहहहा...." ज्योति चिल्ला चिल्ला के मस्ती में डूबने लगी और रिकी के बालों को कस के पकड़ के अपनी चूत में दबाने लगी...




"अहहहहा स्लूर्रप्र्प आहहाहहहा... उम्म्म उम्म्म स्ाआहह स्कलूररप्प्प आहह.. यस बेबी कम फॉर मी आहहहहा कम फॉर युवर ब्रदर अहहहहा......" रिकी भी ज्योति का साथ देने लगा....










"अहहाहा हाआँ भाऐईइ अपनी बहेन की अहाआहः चूत चातऊूओ नीई अहहहहहाआ मैं गाइिईईईईई.." ज्योति एक ज़ोर की चीख से अपना पानी छोड़ने लगी जिसे रिकी किसी प्यासे की तरह अपने अंदर गटकने लगा




"आआहहा उफफफ्फ़....... हाा फुक्कककक..... दिस वाज़ दा बेस्ट ऑर्गॅज़म ऑफ माइ लाइफ....." ज्योति ने लंबी साँसें छोड़ते हुए रिकी से कहा और अगले ही पल फिर दोनो एक दूसरे के होंठों को चूसने में लग गये.....




"उम्म्म अहहह...ईससस्स अहहहा... सक मी फास्टर बहेन आअहह..." रिकी की गर्मी लफ़्ज़ों में काफ़ी वक़्त बाद निकली थी




"आहहः यस भाई आहहह स्लूर्रप्रप्प आहहः उम्म्म्म..." ज्योति रिकी के होंठों को और तेज़ी से चूसने लगी.. दोनो एक दूसरे के होंठों के साथ साथ एक दूसरे के बदन के पसीने को भी चूसने और चाटने में लगे हुए थे... खड़े खड़े जब दोनो थक गये तो पास में पड़े सोफे पे लेट गये और 69 पोज़िशन में आ गये
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RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा - by sexstories - 07-03-2019, 04:14 PM

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