RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"नहीं भैया , वो तो ठीक है बट देन सिलबस तो हमेशा रह ही जाता है.." ज्योति ने रिकी से कहा जब दोनो एग्ज़ॅम देके वापस घर आ रहे थे
"ठीक है यार, अब क्या करें, आज जो हम पढ़ रहे हैं उसमे सिलबस तो हार्ड्ली मॅटर्स ना, आइ मीन वी विल फेस मेनी प्रॉब्लम्स इन आक्चुयल लाइफ जो बुक्स में कवर नहीं हो सकती, सो सिलबस से कोई फरक नही पड़ेगा यार..." रिकी ने गाड़ी चलाते चलाते जवाब दिया
"यह लो, आ गये घर, " रिकी ने गेट पे हॉर्न मारते हुए कहा
"भैया..." ज्योति ने रिकी की आँखों में देखते हुए कहा, ज्योति की आँखें देख रिकी समझ गया वो कुछ कहना चाहती थी, इसलिए वो सिर्फ़ खामोश रहके उसे देखता रहा
"विश यू आ वेरी हॅपी बर्तडे भैया..." ज्योति ने हाथ मिलाते हुए कहा जिसे सुन रिकी भी थोड़ा सा सर्प्राइज़ हुआ
"ओह...यू रिमेंबर...थॅंक्स अ टोन स्वीटहार्ट.." रिकी ने हाथ छोड़ ज्योति को अपनी बाहों में आने का न्योता दिया और उसे गले लगा लिया
"थॅंक्स अगेन.." रिकी ने फिर कहा जिसके जवाब में ज्योति ने उसके गालों को चूम लिया
"मेरी पार्टी कहाँ है..."ज्योति ने अलग होके उससे पूछा
"मेरी गिफ्ट कहाँ है...हाहहा" रिकी ने मज़ाक में कहा
"मैने कुछ सोच रखा है, डॉन'ट वरी, आपको आपकी गिफ्ट पक्का मिलेगी.." ज्योति ने इठलाके कहा
"हाहाहा, किडिंग स्वीटी, चलो एक काम करते हैं, यहाँ से ड्राइवर को ले चलते हैं, स्टारबक्क्स में, फिर वहाँ से तुम निकल जाना फॉर महाबालेश्वर और मैं वॉक करते करते घर आ जाउन्गा.." रिकी ने ड्राइवर को इशारा करके गाड़ी के पास बुलाया
"वॉक क्यूँ भैया, गाड़ी में ही आना.." ज्योति ने ड्राइवर को आते देख अपना दरवाज़ा खोला और पीछे जाके बैठ गयी..
"स्टारबक्क्स ले लीजिय सर, अरे कोई नही, वेदर ईज़ गुड, थोड़ा एंजाय हो जाएगा वॉक करते करते, हार्ड्ली इट्स 2 क्म्स.." रिकी ने पहले ड्राइवर से कहा और फिर ज्योति के साथ पीछे जाके बैठ गया.. राइचंद'स के घर से काफ़ी नज़दीक ही था कोलाबा वाला स्टार बक्स, शायद एक या डेढ़ किमी.. बातें करते करते रिकी और ज्योति दोनो अंदर बैठे और एग्ज़ॅम्स के साथ साथ रिज़ॉर्ट की बातें भी करने लगे, जैसे जैसे रिकी ज्योति को इन्स्ट्रक्षन्स देता जाता, वैसे वैसे ज्योति भी उसी उत्साह से रेस्पॉंड करती या उसकी बातों को नोट करती..करीब एक घंटा निकल गया दोनो को बैठे हुए
"उम्म्म, आइ आम लेट, चलो चलो बाइ..आप बिल दे दो, मैं यहीं से जाती हूँ ओके.." ज्योति ने घड़ी देख के कहा जिसमे वक़्त दोपहर के 12.15 हो चुका था
"ओके स्वीटहार्ट, टेक केर आंड दो कॉल मे वन्स यू रीच देयर" रिकी ने जवाब दिया और ज्योति जल्दी से गाड़ी में बैठ के महाबालेश्वर के लिए निकल गयी
"एक्सक्यूस मी, बिल प्लीज़.." रिकी ने पास खड़े वेटर से कहा और बिल भरके अभी बाहर निकला ही था के शीना का कॉल आया उसे
"हेलो स्वीटहार्ट, हाउ आर यू.." रिकी ने फोन उठा के कहा
"भाई व्हेयर आर यू.." शीना ने कड़क आवाज़ में पूछा
"इधर ही, पास के स्टारबक्क्स में..क्यूँ" रिकी ने चलते चलते पूछा
"घर पे आए तो मुझसे मिले भी नहीं.." शीना ने फिर शिकायत की
"नतिंग लाइक दट बाबू, जस्ट तट.."रिकी ने अब कहा ही के शीना ने फिर टोक दिया
"मैं गुस्सा हूँ, अब जल्दी आओ घर, नहीं तो.." कहके शीना ने फोन कट कर दिया.. फोन कट होते ही रिकी ने जल्दी से टॅक्सी पकड़ी और घर पहुँचा...
"लॅमबर्गीनी अस्टेरीओं कॉन्सेप्ट .. वन ऑफ थे ओन्ली फ्यू पीसस अवेलबल इन इंडिया..0-100 इन 5 सेकेंड्स.. आंड दिस इस यपुर बर्तडे गिफ्ट भाई.." शीना ने रिकी से कहा जब सब घर वाले घर के पीछे खड़े थे और रिकी एक तक बस गाड़ी को ही देखे जा रहा था
"अब गाड़ी अच्छी नहीं लगी तो बता दो, मैं ले लूँगी.." शीना ने रिकी को यूँ खामोश देख के कहा.. शीना की यह बात सुन रिकी ने बस मुस्कुरा दिया और फिर उसके माथे को चूम दिया और साथ ही खड़ी सुहसनी और अमर के गले भी लगा
"थॅंक्स आ लॉट पापा.. दिस ईज़ प्राइसलेस.." रिकी ने अमर की आँखों में देख कहा
"सेज़ हू, यह प्राइसलेस नही है, 5.5 क्रॉरेस इन इंडिया.. कुछ भी बोल रहे हो भाई आप तो.." शीना ने रिकी को चिढ़ाने के लिए कहा और फिर अपनी मासूम हँसी हंस दी
"यह बर्तडे गिफ्ट नहीं भाई, यह रिकी की पहली कमाई का गिफ्ट है.." अमर ने वहाँ खड़े सब से कहा.. शीना को रिकी ने बताया था क्रिकेट बेट्टिंग के बारे में और सुहसनी भी अंजान नहीं थी इस बात से, इसलिए अमर की बात पे कोई शॉक नहीं हुआ
"कॉंग्रेचुलेशन भाई.. कॉंग्रेचुलेशन.. अब बताओ पार्टी कहाँ दोगे..." शीना वीलचेर के आगे बढ़ी और उमेर और रिकी के बीच आ गयी
"पार्टी यहीं घर पे, आज मैं मेरी स्वीटहार्ट बहेन के लिए खाना बनाउन्गा और उसे अपने हाथ से खिलाउन्गा.." रिकी ने शीना के चेहरे को अपने हाथों में लेके कहा
"अरे बेटे, यह ज्योति कहाँ है.."अमर को जैसे अचानक याद आया और रिकी से पूछा
"पापा, वो तो महाबालेश्वर के लिए निकल गयी, उसे तकरीबन आधा घंटा भी हो गया, हाइवे तक तो पहुँच गयी होगी.." रिकी ने फिर अपना ध्यान अमर की तरफ करके कहा
"अरे हां, अब यह काम भी देखना है उसको.. चलो कोई नही, मैं बात कर लेता हूँ उससे..अब चलो भाई अंदर, देखें आज हमारा बेटा हमें क्या खिलाएगा अपने हाथों से बना के.." अमर ने ठहाका लगा के कहा.. जब तक रिकी कुछ बनाता तब तक शीना भी अपने कमरे में ना जाके वीलचेइर ही बैठी रही सब के साथ
"चाचू, क्या हुआ उस बेट का... आइ मीन पापा ने कहा तो.." रिकी ने राजवीर को अपने पास बुला के कहा
"उसमे नुकसान हुआ, हमे कुछ नहीं मिला.."राजवीर ने गंभीर होके कहा
"पर पापा ने तो कुछ और ही कहा..आइ मीन ऐसे कैसे, मैने सब बात की थी, सब को अपना अपना कट भी मिला था फिर.." रिकी के चेहरे पे पसीना सा आने लगा और वो सोचने लगा कि ऐसे कैसे हो सकता है,
"हाहहहाआ... अरे यार, हाहहहा.. सॉरी सॉरी, मुझे नहीं पता था तुम इतना घबरा जाओगे..हाहहा.." राजवीर ने अपनी गंभीरता दूर करके कहा
"चाचू, आप ना..." रिकी ने लंबी साँस लेके कहा
"अरे भाई, 6 करोड़ के बदले, 5.6 करोड़ ही आए, " राजवीर ने फाइनली रिकी को बताते हुए कहा
"और हां, वो सेठ को बांग्लादेश वाली मॅच में जितवाया है, उसमे उसे कुछ 2 करोड़ जैसे मिले हैं.." राजवीर ने आगे बताते हुए कहा
"यह सही किया चाचू, अभी उसको फोन करते हैं.." रिकी ने राजवीर से उसका फोन लेते हुए कहा और राजवीर ने भी उसे नंबर डाइयल कर दिया
"राम राम राजवीर भाया.." सेठ ने सामने से फोन उठा के कहा
"राम राम सेठ जी, राजवीर नहीं, रिकी बोल रहा हूँ.." रिकी ने राजवीर को आँख मारते हुए कहा
"अरे रे, भाया, तूने तो नुकसान करा दिया मेरा, विक्रम के होते हुए नुकसान कभी नहीं होता था मेरा..." सेठ ने शिकायती अंदाज़ में कहा
"इसलिए तो फोन किया है सेठ जी.." रिकी ने जवाब दिया
"मतलब क्या है थारा.."
"अशेस इंग्लेंड ले जाएगी सेठ जी, इंग्लेंड का 3 के सामने ऑस्ट्रेलिया का 2 ही है.." रिकी ने सामने पड़े बर्तन को उठा के कहा और गॅस जला के कुछ ढूँढने लगा
"नहीं भाया, ऑस्ट्रेलिया मेरी फेव से, उसपे ना लगाऊ तो नींद ही नही आवेगी.."
"ठीक है, चलिए एक काम करते हैं, अगर इंग्लेंड हारती है तो मैं आपको आपके लगाए हुए अमाउंट पे 5 रुपया देता हूँ, जो मार्केट से 3 रुपया ज़्यादा है, और अगर इंग्लेंड जीतेगी तो आप मुझे वोही पैसा देना जो आप लगा रहे हैं.. मतलब 5 करोड़ लगाइए तो ऑस्ट्रेलिया की जीत पे 25 करोड़ मैं आपको देता हूँ, और ऑस्ट्रेलिया की हार पे सिर्फ़ 5 करोड़.. बाहर आपको 25 के बदले 15 मिलेंगे, यह 10 मेरी तरफ से क्यूँ कि आप हारे थे.." रिकी ने कुछ सब्जियाँ ली और उन्हे काटने लगा और साथ ही खड़े राजवीर को भी छुरी थमा दी
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