RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
नही हरगिज़ नाहि.......मुझे भी मज़ा करना है........तेरा नही चुसना है.........वैसे भी तूने मेरे पूरे बदन में आग लगा दी है. मेरी चूत जल्ल रही है और अब मेरा दिल चुदने के लिए तड़फ रहा है........बस एक बार मुझे अपना लंड थोड़ा सा चुस लेने दे.......उसके बाद तेरे लंड पर सवारी करनी है मुझे........"सलोनी बेटे के लंड को अपने हाथ में मसलती बड़े ही कामुक अंदाज़ में अपने होंठो पर जीभ फेरती उसे आँख मारती है. "तो अब में चुसू तेरा लंड"
"हुँह?........हाँ मम्मी तुम्हारा दिल कर रहा है तोह्......." राहुल यह सुनकर के उसकी मम्मी उसके लौडे पर सवारी करने के लिए बेताब है, उसकी चूत चुस्ने की जिद्द एक पल में छोड़ देता है.
ऊह्ह्ह्ह....मम्मी तुम्हारा दिल कर रहा है तोह .......... जैसे तुम्हारा दिल तोह कर ही नहीं रहा............."
"उऊंहहह मम्मी बातें न बनाये.......अब चुसो भी......." राहुल बेताबी से केहता है.
"चुस्त हुन ....... चुस्ती हुण........अब तोह तुझसे सबर नहीं होगा......मुझे मालूम है........"सलोनी राहुल को बेड की तरफ लेट जाने को कहती है. राहुल तकिये पर सर रखकर लेट जाता है और अपनी टांगे हलकी सी फैला देता है. सलोनी उसके घुटनो के बिच बैठ उसके लंड को पकड़ लेती है. वो अपना मुंह निचे लाती है. राहुल की तरफ देखते हुये सुर्ख लाल सुपाडे को बेहद कोमलता से चूमती है. राहुल को अपने सुपाडे पर मम्मी के होंठो का हल्का सा स्पर्श भी बर्दाशत नहीं होता और वो सिसक पढता है.
"एक बार बोल न........" सलोनी बेटे की आँखों में देखति अपने होंठ धीए धीर उसके सुपाडे पर रखती उसे अपने सूखे होंटो से सेहला रही ही.
"क्या मम्मी......"
"तु जानता है........" सलोनी लंड पर अपनी गरम साँसे फैंकते हुए उसके छेद को अपनी ऊँगली से सेहला रही थी जबकि उसकी नज़र अब भी बराबर अपने बेटे के चेहरे पर जमी हुयी थी.
"बोल न......बोल भी अब...........हाय क्यों इतना तरसाता है....." राहुल के न बोलने पर सलोनी उसे फिर से इल्तेजाः करती है.
"मम्मी.........मेरा लौडा चुसो न......."राहुल धीमे से बोल उठता है. उसकी नज़र झुकि हुयी थी.
"एक बार फिर से बोल......." सलोनी की ऑंखे बंद हो जाती है, वो उन लफ़्ज़ों को सुन एक तीखी और गहरी सांस लेती है.
"मम्मी मेरा लौडा चुसो न........" राहुल दोहराता है.
"एक बार और.......एक बार और........."सलोनी सिसकती अपने होंठ खोलते लंड के ऊपर अपने मुंह को झुकाती है.
"मम्मी मेरा लौडा चुसो न......." वासना में जलता राहुल इस बार खुद बा खुद तेज़ी से बोल उठता है. सलोनी का चेहरा निचे होता है और उसकी जीभा सांप की तराह फुंकरति हुए बाहर आती है. सलोनी गेन्द की तराह मोठे सुपाडे पर अपनी जीभा को रगड़ती उसे चाटती है.
"मम्मी मेरा लौडा चुसो न........." राहुल खुद बखुद बोल उठता है और अपनी मम्मी का सर अपने लौडे पर झुका देता है. सलोनी तरुंत सुपाडे को अपने होंठो में भर उसे अपनी जीभ से रगडना चालू कर देती है. सुपाडे की कोमल त्वचापर सलोनी की जीव्हा राहुल का उसी तरह बुरा हाल करने लग जाती है जैसे उसकी जीव्हा अपनी मम्मी की चूत में जाकर उसका कर रही थी.
सलोनी सुपाडे को जीव्हा से रगड़ती अपने होंठ धीरे धीरे लंड के ऊपर निचे करने लग जाती है. वो मूत्र के छेद को अपनी जीभ की नोंक से कुरेदती लंड को चुस रही थी. कुछ ही पलों बाद राहुल अपनी कमर हलकी हलकी उछलने लगता है. सलोनी का एक हाथ बेटे के अंड कोशों से खेलता उन्हें सेहलता है दुलारता है जबके उसके होंठ लंड की लम्बाई पर कैसे हुए उसे रगढ रहे थे सलोनी अपना मुंह कुछ तेज़ी से ऊपर निचे चलाती बेटे का लंड जोर से चुस्ती है और उधर राहुल भी मज़े और उत्तेजना के मद्द में निचे से ज़ोर ज़ोरे अपनी कमर उचलता अपन मम्मी के मुंह को चोदने लगता है.
अचानक सलोनी झटके से राहुल का लंड मुंह से निकल देती है.
"क्या हुआ मम्मी? निकल क्यों दिया? चुसो न प्लीज......." राहुल उस समय उत्तेजना के सिखर पर था और उससे बिलकुल बर्दाशत नहीं हुआ जब सलोनी ने लंड को मुंह से निकल उसे मिल रहे जबरदस्त आनंद को रोक दिया. उसका लंड जो उसकी मम्मी के मुखरस से भीगा हुआ था और बड़े ही भयानक तरीके से झटके मार रहा था जैसे वो भी सलोनी के इस तरह अचानक से चुसाई रोक देणे से नाख़ुश था.
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