RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मैं अपने आप को संभालते हुए, बाहर गयी और गेट खोला……सामने अमित खड़ा था….वो बिना कुछ बोले अंदर आ गया…..में उसके इरादों को अच्छे से जानती थी…..अब मुझे ही कुछ करना था….में सोच रही थी कि में उसे बातों से मना लूँगी…..मेने गेट बंद किया और, उसके पीछे अपने रूम में आ गयी. वो बिफिकर होकर मेरे बेड पर बैठ गया…..
अमित: तो बता कैसा लगा मेरा लौडा अपनी चूत में लेकर ?
में: मुझे तुम्हारी ये फालतू बकवास नही सुननी……
अमित: ठीक है में भी ज़्यादा बोलने के मूड में नही हूँ…..
ये कहते हुए उसने अपनी पेंट खोल कर नीचे सरका दी, उसका लंड एक दम तना हुआ था, और झटके खा रहा था…उसने मुझे इशारे से पास आने को कहा.जैसे ही में उसके पास गयी, उसने मेरे हाथ पकड़ कर अपने सामने नीचे ज़मीन पर बैठा दिया, और फिर मेरे खुले हुए बालों को पकड़ कर बोला….”ले चूस इसे”
मेने इससे पहले कभी लंड को मूह में नही लिया था.इसके बारे में सिर्फ़ सुना था..और मुझे ये सब करना अच्छा भी नही लगता था…”नही अमित में नही ले सकती” अमित ने मुझे गुस्से से देखा और घुरते हुए बोला….”साली जब अपनी चूत चुस्वा सकती है, तो मेरा लंड नही चूस सकती चल चूस इसे” ये कहते हुए उसने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा , और दूसरे हाथ से मेरे बालों को खेंचते हुए, अपने लंड के सुपाडे को मेरे होंटो पर रगड़ने लगा…..
में उसके सामने दर्द से छटपटा रही थी…पर उसके ऊपेर तो जैसे कोई असर नही हो रहा था…..आख़िर कार मुझे अपना मूह खोल कर उसके लंड के सुपाडे को मूह में लेना पड़ा….”अह्ह्ह्ह हां चूस इसे आह” अमित ने अपनी आँखें बंद करते हुए कहा…..मुझे जितना आता था में उसी तरहा से उसके लंड को चूसने लगी….वो पैर नीचे लटका कर बैठा हुआ था…और फिर वो पीठ के बल बेड पर लेट गया…..
फिर उसने मेरे बालों को पकड़ कर खेंचा, तो उसका लंड मेरे मूह से बाहर आ गया….दूसरे हाथ से उसने अपने बॉल्स को पकड़ कर बोला” चल इसे भी चाट” में किसी रंडी के तरह उसकी हर बात मानने को मजबूर थी….मेने अपनी जीभ निकाल कर उसके टट्टो को चाटना शुरू कर दिया…..मुझे ये सब करने में बहुत घिन आ रही थी…..पर मजबूरी ही ऐसी थी….फिर उसने मुझे और ऊपेर उठा कर अपने ऊपेर चढ़ा लिया….में उसकी कमर के दोनो तरफ घुटनो के बल बैठ गयी…..मुझे समझ में नही आ रहा था कि, अब वो क्या करने वाला है….उसने मेरी नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर मेरी कमर तक ऊपेर उठा दिया. मेने नाइटी के नीचे कुछ नही पहना हुआ था
उसने मेरी चूत की क्लिट को अपनी उंगलियों में लेकर मसलते हुए कहा…..”वाह तेरी चूत तो अभी तक पनियाई हुई है” फिर उसने मेरी गान्ड को दोनो तरफ से पकड़ कर मुझे थोड़ा ऊपेर उठाया, और अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर टिकाते हुए, मुझे नीचे की और दबाने लगा…..
उसका लंड मेरी चूत के छेद को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा…..जैसे ही उसके लंड का गरम सुपाडा मेरी चूत के अंदर घुसा मेरे मूह से मस्ती भरी आह निकल गयी….और में अपने आप ही उसके ऊपेर झुकती चली गयी….भले ही में सब मजबूरी में कर रही थी….पर सच बताऊ तो कई सालो के बाद चुदने से मेरे अंदर की आग और भड़क चुकी थी…..
उसने मेरे गले के पीछे हाथ डाल कर अपने ऊपेर झुकाते हुए मेरे होंटो को अपने होंटो में भर लिया…..और नीचे से अपनी कमर को पूरी ताक़त के साथ ऊपेर की तरफ उछाला…..जिसके कारण अमित के लंड का सुपाडा मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुस गया……मेरे बदन में करेंट सा दौड़ गया…..और मेने उसके बाजुओं को कस के पकड़ लिया….
उसका पूरा लंड मेरी चूत में समाया हुआ था……और वो बेदर्दी से मेरे होंटो को चूस रहा था….उसका एक हाथ मेरे चुतड़ों पर था, और दूसरे हाथ से मेरे मम्मो को दबा दबा कर खेंच रहा था….वो मेरे चुतड़ों को मसलते हुए कभी, अपनी एक उंगली गान्ड की दरार में फेर देता, तो मेरा पूरा बदन मस्ती में काँप जाता….और मेरी कमर झटके खाने लगती……जिससे लगता कि, में खुद ही उसके लंड पर बैठी हुई अपनी गान्ड आगे पीछे कर रही हूँ. वो बार -2 मेरी गान्ड की दरार में उंगली फेर देता….और मेरे कमर आगे की तरफ झटका खाती, और उसके लंड का सुपाडा मेरी बच्चेदानी से रगड़ खा जाता…
वो करीब 5 मिनिट से मेरे होंटो को चूस रहा था…..और मेरी चूत उसके लंड को कभी अपने अंदर कस्ति और कभी ढीला छोड़ देती…..अमित को भी इस बात का अंदाज़ा हो गया था कि, जब वो मेरी गान्ड की दरार में उंगली फेरता है, तो में आगे की तरफ अपनी कमर को धक्का देती हूँ….मेरी इस बात का उसने फ़ायदा उठाते हुए मेरी गान्ड के छेद पर अपनी उंगली लगा कर दबाने लगा…..मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में बयान नही कर सकती…..कहाँ तो कुछ देर पहले में अपनी मजबूरी पर रो रही थी…..और कहाँ अब चूत की आग के कारण में मदहोश हो गयी थी….
मेरी कमर अपने आप ही आगे की तरफ झटके खाने लगी…..जिससे मेरी चूत के अंदर अमित का लंड अंदर बाहर होकर रगड़ खाने लगा…..वो अभी भी मेरे होंटो को बुरी तरहा से चूस रहा था…बीच-2 में वो मेरे होंटो पर अपने दाँत भी गढ़ा देता….मुझे पता नही कब मेरे हाथ उसकी बाजुओं से हट कर उसके सर पर चले गये….और में भी उसके सर को पकड़ कर अपने होंटो को चुसवाने लगी….अमित भी धीरे-2 अपनी कमर को हिला रहा था…..
थोड़ी देर बाद उसने मेरे होंटो को छोड़ा, और मुझे अपने ऊपेर सीधा बैठा दिया……मुझे उसका लंड अपनी नाभि तक अंदर घुसा हुआ महसूस हो रहा था…. उसने मुस्कुराते हुए कहा……..”देख तेरी फुद्दि कैसे पानी की नदी बहा रही है… साली मेरे टटटे भी गीले कर दिए…..” मेने अपना फेस घुमा कर पीछे की ओर देखा, पर में ठीक से नही देख पे…..फिर अमित ने मेरा एक हाथ पकड़ कर कमर के पीछे लेजाते हुए अपने टट्टो पर लगा दिया……
जैसे ही मेने उसके बॉल्स को छुआ में एक दम हैरान रह गयी…..उसके बॉल्स एक दम गीले हो चुके थे….जैसे किसी ने मूत दिया हो…..मेने अपना हाथ आगे करके अपने सर को झुका लिया…..अमित थोड़ा एडजेस्ट होते हुए बैठ गया…..हम दोनो बेड के बिल्कुल किनारे पर थे….उसके पैर बेड के नीचे लटक रहे थे, और में उसके लंड को अपनी चूत में लिए हुए उसकी गोद में बैठी थी….
अमित: क्यों सही कह रहा हूँ ना…
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