Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
06-14-2019, 01:20 PM,
#28
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
हवेली पहुचने पर प्रियंका मुझे सीधा रूम में लेकर घुस गई और अपनी चुत में लगी आग को मेरे लण्ड के पानी से बुझाया। जब मै प्रिंयका के कमरे से बाहर निकला तो सामने सीमा खड़ी थी। मैंने चुपचाप उसको अपने कमरे के अन्दर ले गया तो वो अन्दर आ कर सोफे पर बैठ गई, मैं भी वहीं नज़रें नीची करके बैठ गया।

वो बोली- संजय, यह सब क्या चल रहा है?

मैं कुछ नहीं बोला तो वो बोली- अब नज़रे नीचे करके क्या बैठा है, जवाब दे मुझको? मैंने सब देख लिया है मैं तो सोच भी नहीं सकती थी कि तू ऐसा है। उस दिन रीटा दीदी और आज प्रियंका दीदी के साथ।

मुझको लगने लगा था कि आज मेरी खैर नहीं पर अब क्या कर सकता हूँ।

उसने मुझको अपने पास बुलाया तो मैं चुपचाप उठ कर उसके पास गया। वो क्या बोल रही थी, डर के कारण मुझको कुछ समझ नहीं आ रहा था।

तभी उसने मेरा हाथ पकड़ कर कहा- अब बचना चाहते हो तो मेरा कहना मानना होगा !

मैंने कहा- सीमा, गलती हो गई ! माफ़ कर दो !

तो वो बोली- गलती तो तुमने की है पर अब बचने के लिए तुमको एक गलती और करनी पड़ेगी ! मेरी तरफ देखो ! तुमको मेरे साथ भी वही करना पड़ेगा जो तुमने मेरी बहन के साथ किया है !

यह सुन कर मैं एकदम सकते में आ गया, मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मेरी किस्मत इतनी अच्छी कैसे हो गई है ? अपनी बहन के साथ देख कर भी इसने अपना फैसला नही बदला।

मेरे सामने एक 18 साल की भरपूर जवान लड़की बैठी है और खुद मुझको चोदने को कह रही है।

मैंने जब पहली बार सीमा को देखा था तब से ही यह इच्छा मेरे मन में थी, पर वो उम्र में छोटी थी और गुस्से वाली भी थी। तो कहना तो दूर, उनको ठीक से देखने की भी हिम्मत नहीं हुई। पर आज वही लड़की मेरे पास बैठी थी। मैंने उनको सर से पाँव तक देखा। काला टॉप और सफ़ेद स्कर्ट में वो बहुत सुन्दर लग रही थी। रंग इतना साफ़ जैसे दूध हो !

मैं उनको देख ही रहा था कि वो बोली- क्या सोच रहा है ? क्या मैं प्रियंका जितनी सुन्दर नहीं हूँ?

मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है सीमा !

वो बोली- तो क्या सोच रहा है?

इतना कह कर उन्होंने मेरा हाथ अपनी टांगों पर रख दिया। कसम से जैसे ही उन्होंने यह किया, मुझको कर्रेंट सा लगा। कितनी चिकनी टांगें थी उनकी ! बिल्कुल मखमल की तरह ! प्रियंका और उसमें जमीन-आसमान का फर्क था। मैंने सोच रहा था कि कहाँ मैंने इतने दिन खराब कर दिए। उसी दिन चोद देना था इसको।

मैंने हिम्मत करके उनके पैरों पर हाथ फेरना शुरु कर दिया। वो सोफे पर थोड़ा लम्बा होकर लेट गई। अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और डर दूर हो गया था। मैंने उनकी टांगों पर हाथ फेरना शुरु कर दिया और धीरे धीरे उनकी स्कर्ट के अन्दर हाथ डालना शुरु कर दिया। क्या मज़ा था उसमें ! एकदम चिकनी और गोरी टाँगें थी उनकी ! मैंने उनकी स्कर्ट इतनी ऊपर कर दी कि मुझे उनकी पैंटी दिखने लगी। सफ़ेद रंग की पैंटी पहन रखी थी उन्होंने और उस पर गीला गीला धब्बा भी हो चुका था।

मैंने धीरे से उसकी दोनों टाँगें फ़ैलाई और उसकी तरफ देखा। वो मुस्कुराई और आँखें बंद करके बैठ गई। मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर पैंटी के ऊपर से ही लगा दिया और चूमने लगा। उनके अमृत का खट्टा सा स्वाद मेरी जीभ महसूस कर रही थी। उसके हाथ मेरे सर पर थे और वो मेरे सर को दबा कर मेरा मुँह अपनी चूत के और पास ले जाने की कोशिश कर रही थी। मैंने अपने हाथ ऊपर उठा कर उसके स्तनों पर रख दिए और उनको सहलाने लगा।

प्रिंयका से छोटे आकार के स्तन थे उसके ! वो मुँह से आहा आहा उऽऽहू की आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने उससे कहा- सीमा बिस्तर पर आ जाओ ! तुमको आराम मिलेगा।

वो उठी और मेरा हाथ पकड़े-पकड़े बिस्तर पर आकर लेट गई। उसने अपनी एक टांग सीधी और एक टांग घुटना मोड़ कर रख ली। मुझको वो लेटी हुई कयामत लग रही थी। मैंने फुर्ती से अपनी शर्ट उतारी और उनकी टांगों पर चूमने लगा। उसकी टांगों, फिर जांघों को चूमते-चूमते मैंने उनकी स्कर्ट पूरी ऊपर कर दी और अपनी उंगली उसकी पैंटी में डाल कर उसको एक तरफ़ करके पहली बार उनकी चूत के दर्शन किये। क्या मस्त माल थी ! वो गुलाबी सी बिना बालों की चूत मुझको मस्त कर रही थी।

मैंने तुरंत उनकी पैंटी उतार दी तो उसने अपनी टांगें पूरी चौड़ी कर दी। मैंने अपना मुँह उनकी गुलाबी चूत पर रख दिया और कभी उसको चाटता तो कभी अपनी जीभ उनकी चूत में डाल देता। मैं बार-बार उसके दाने को अपनी जीभ से सहला रहा था और हर बार वो मुँह से सेक्सी आवाज़ निकालती जो मुझको मस्त कर देती। थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मेरा लंड पूरा तन गया था। मैंने अपने रहे सहे कपड़े भी उतार दिए और पूरा नंगा होकर उसके सामने खड़ा हो गया और अपने हाथ उसके टॉप में डाल कर स्तनों पर रख दिए। अब मैं उसके मोटे मोटे चूचे दबा रहा था।

उसने प्यार से मुझको देखा और उसकी नज़र मेरे लंड पर आकर रुक गई। उसने अपने कोमल हाथों में मेरे लंड को पकड़ा और उसको सहलाने लगी। फिर धीरे से उसने अपने गुलाबी होंठ मेरे लंड पर रख कर उसको चूमना शुरु किया। फिर उसने अपने होंठ गोलाई में किये और मेरा टोपे पर रख दिए। मैंने उसके सर पर हाथ रख कर अपना लंड उसके मुँह में डालना शुरू
मैंने उसके सर पर हाथ रख कर अपना लंड उनके मुँह में डालना शुरू किया। मेरा लंड पूरा उसके मुँह में था और वो बड़े प्यार से उसको चूस रही थी। मुझको बड़ा मज़ा आ रहा था।

जल्दी ही मैंने उसका टॉप और स्कर्ट उतार दी, अब वो सिर्फ ब्रा में थी और उसके स्तन बाहर आने को बेताब थे। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उनको चूमना शुरू कर दिया और फिर उसके चुचूक को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। मेरी एक ऊँगली उनकी चूत में अंदर-बाहर हो रही थी और वो अपने हाथों से मेरे लंड से मुठ मार रही थी।

थोड़ी देर इसी अवस्था में रहने के बाद हम दोनों 69 की दशा में आ गए। अब मेरा मुँह और जीभ उनकी चूत चाट रही थी और वो मेरा लंड अपने मुँह में अन्दर-बाहर कर रही थी। थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए और वैसे ही लेट गए। उसकी चूत से गंगा-जमुना बह रही थी और क्या खुशबू आ रही थी।

थोड़ी देर में हम फिर तैयार थे।

सीमा ने कहा- अब देर मत कर और मेरी जवानी की प्यास बुझा दे !

तो मैंने अपने लंड का टोपा उनकी दोनों टांगो के बीच के गुलाबी छेद पर रख दिया। मैंने धीरे धीरे जोर लगाना शुरू किया। उसने बताया कि वो पहली बार चुद रही है, इससे पहले वो सिर्फ अपनी उंगली से ही मज़ा किया करती थी और उसने अपनी झिल्ली भी ऐसे ही तोड़ी ली थी।

मैंने कहा- सीमा , थोड़ा दर्द होगा पर फिर मज़ा भी बहुत आएगा !

तो वो बोली- इस मज़े के लिए मैं कुछ भी सहने को तैयार हूँ !

वैसे भी उनकी चूत का पानी अभी तक रुका नहीं था सो चूत बहुत चिकनी हो रही थी। मैंने धीरे धीरे जोर लगाना शुरू किया, उसको थोड़ा दर्द हुआ पर जल्द ही मेरा लौड़ा उनकी चूत में उतर गया। उसने मुझे कस कर पकड़ किया। अब मैं धक्के मार रहा था और वो चूतड़ उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी। बीच बीच में मैं उसके स्तन भी दबा रहा था। मुझको बिल्कुल जन्नत का सुख मिल रहा था। थोड़ी देर में उसका शरीर ऐंठने लगा और मुझको भी लगा कि मेरा माल निकलने वाला है, मैंने अपना लंड उनकी चूत से जैसे ही निकाला, उनकी पिचकारी छूट गई, वो झड़ चुकी थी, मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, फिर दो तीन झटकों के बाद मेरा सारा माल उनके मुँह में निकल गया। वो मेरा सारा पानी चाट गई और अपनी जीभ से मेरा लंड भी साफ़ कर दिया। अब मैं थोड़ा नीचे सरक कर उनके ऊपर लेट गया और उसके चुचूक मुँह में लेकर चूसने लगा।

थोड़ी देर बाद हमने एक बार और सेक्स का मज़ा किया और मैंने उसकी गांड भी मारी ज़िस कारण थोड़ी देर तक तो वो ठीक से चल भी नहीं पाई।

उस दिन हमने तीन घंटे सेक्स का बहुत मज़ा लिया। जब वो जाने लगी तो उसने मुझसे कहा- मुझको पता नहीं था कि तुम ऐसे मजा देते हो ! वरना प्रियंका दीदी से पहले तुम्हारे लंड का स्वाद मैं ही चखती ! और आज मैं सोच कर आई थी कि मैं आज तुम से अपनी प्यास बुझा ही लूंगी। अब जब भी मौका मिले, तुम मेरे शरीर से खेल सकते हो।
मैंने कहा- पर मामा के होते हम कैसे मिल सकते हैं?

तो वो मुस्कुराई और बोली-पापा की तुम चिंता मत करो ! जैसे वो दीदी और मम्मी को नही रोक सके मुझे भी नही रोक सकते।

यह कह कर वो मुझे चूम कर चली गई।

मैं बस उसको देखता रह गया और उसकी कही बात को सोचता रहा।
मैंने मामा को एक ओर झटका देने की सोची, सीमा उनकी छोटी लाडली बेटी है और अगर उनको उस्की चुदाई दिखाई जाए तो वो टूट जायेंगे।
शाम को मामा से आने से पहले ही मैने सब सोच लिया कि उनको क्या झटका देना है।
मामा शाम को खाने के वक़्त घर आये और डायरेक्ट डाइनिंग टेबल पर बैठ गए। मैंने प्रियंका और मामी को अपने साथ बिठा किया और उनको दिखाते हुए उनसे छेड़ छाड़ करने लगा। तभी मम्मी बिल्कुल बुरे हाल रसोई से खाना ले कर आई। उनको इस हालत में देखकर मामा की सिटी पीटी गुम हो गयी।
सीमा अभी तक दिन की चुदाई की वजह से कमरे से नही निकली थी और उसने खाना कमरे में ही मंगा लिया था।
डाइनिंग टेबल पर मामी और प्रियंका के साथ खाना खाते हुए मैने नँगा नाच किया।

जिसको मामा को देखाने के बाद मेरे मन में कसक उठने लगी थी,
इसलिए सीमा को ढूँढते हुए मैं उसके कमरे में गया परंतु मेरी चुदक्कड़ बहन वहां नहीं थी.

मेरा दिल उसको देखने के लिए बेचैन होने लगा.
तभी मैंने उसको वाशरूम से निकलते देखा तो डाइनिंग हाल में मैंने उसका रास्ता रोक लिया. वो मामा की मौजूदगी में मुझे देखते ही मुझसे लिपट कर मुझे चूमने लगी.
मैंने पूछा- अभी तक सोई नहीं?
सीमा ने कहा- नही अब चुदाये बिना नींद नही आती.
मैंने अनजान बनते हुए पूछा- और किस से चुदवाये बिना?
उसने कहा कि मेरे प्यारे भैया के लंड से जिसने मम्मी और दीदी की चूत का फालूदा निकाल दिया।और झेंपकर मेरे सीने में अपना सिर दबा दिया. मैंने उसके गोल चूतड़ों को कसकर भींच लिया तो वो मेरी बांहों में पूरी तरह झूल गई.

मैंने समय नहीं गंवाते हुए उसके रसीले होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूमने लगा. उसको वहीं सोफे पर लिटा कर नंगी कर दिया. मामा का अब अपनी छोटी बेटी की चुदाई देख कर खून सुक गया , उनकी आंखों से पानी निकल रहा था. मैं मामा को देखते हुए पूरा नंगा हो गया. मैंने 69 की पोजीशन ली और गहराई तक जीभ डालकर सीमा की चुत का पानी साफ करने लगा, लेकिन चुत का पानी रुकने का नाम नहीं ले रहा था.

अब मैंने सीमा को उल्टा करके उसकी गांड और चुत दोनों चाटने लगा. चाटते चाटते सीमा अपनी गांड मेरे मुँह पर मारने लगी और अकड़ कर झड़ गई. मैंने उसकी चुत से बहते रस को गांड में मल कर लंड का टोपा सैट किया तो बिलबिला उठी और कहने लगी- प्लीज़ गांड केवल चाट लो.. और लंड को मेरी चूत में डाल दो.

पर मैंने लंड को उसकी गांड पर सैट करके ज़ोर लगा कर धक्का दे दिया, जिससे लंड गांड के अन्दर दाखिल हो गया.
“अहह मैं मरीईई ईईई.. फट गई.. बहनचोद.. साले कुत्ते.. हरामी.. रुक ज़ाआअ.. भाई.. तुझे मेरी गांड से क्या दुश्मनी है.. तू मुझे जिंदा नहीं रहने देगा.. लंड निकाल लो उह्ह.. मेरी गांड फट गई होगी.. मुझे जाने दो प्लीज़.. छोड़ दो मुझे..”

तभी मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और आधा लंड उसकी गांड में चला गया. सीमा बिलबिलाकर रोने लगी.

“अहह मैं मरीईई ईईई.. फट गई.. बहनचोद.. साले कुत्ते..हरामी.. रुक ज़ाआाअ.. बाहर निकाल लो.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मम्मी.. बचाओ.. बहनचोद.. फाड़ दीईईईई.. मेरीईईई ईईई गांड.. बाहर निकाल इसेययई..”
सीमा फूट फूट कर रोने लगी.
मामा भी देख के फुट फुट कर रोने लगे।

मैंने कहा- चुप कर साली.. थोड़ी देर दर्द झेल ले.. अगली बार से कम दर्द होगा. उसके बाद तू खुद ही गांड मरवाएगी.. चुपचाप अपनी गांड मराने का मजा ले.
मैंने उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और मैंने मजा लेकर अपनी बहन की गांड मारनी शुरू कर दी. वो चीखती रही.. लेकिन मैं उसकी गांड मारता रहा. मैं एक मिनट के लिए भी नहीं रुका था.

अब सीमा को भी मजा आ रहा था, वो हर धक्के के साथ अपनी गांड पीछे धकेल कर पूरा लंड जड़ तक लेने की कोशिश कर रही थी. करीब बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं अपनी बहन की नरम गांड में झड़ गया.

इस बीच सीमा अपनी चूत में उंगली करने के कारण दो बार झड़ चुकी थी. लगातार तीन बार झड़ने के कारण बहन की हालत पस्त हो गई थी. उसको मैंने नंगी ही गोद में उठाया और मामा के पास से ही ले जाकर उसके कमरे में सुला दिया और मैं भी मामी कमरे का लॉक खोलकर उनके साथ सो गया.
मामा बेसुध पड़े हुई जैसे सोच रहे थे कि उनकी करनी का फल उनको मिल रहा है
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RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी - by sexstories - 06-14-2019, 01:20 PM

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