Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
06-14-2019, 01:19 PM,
#25
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
मैने जैसे ही मम्मी और दीदी को देखा तो उन्होंने अपनी नजर नीची कर ली। मैं समझ गया कि वो क्या करके आ रही है। यहा मैं उनके लिए मामा के परिवार से खेल रहा था वहा वो लोग खुद मामा के हाथों का खिलोना बने हुए थे। मैं खुद पर काबू नही कर पा रहा था लेकिन जहर का घुट पी लिया। और कमरे में चला गया।
कुछ देर में मम्मी और दिदी भी कमरे में आ गयी
और बिस्तर पर लेट गयी।
मैं---क्यो मम्मी कर आई रण्डी पना?
मम्मी मुझे खा जाने वाली नजरो से देख रही थी।
दीदी---भैया क्या बोल रहे हो?
मैं---चुप कर तू कौन सा कम है? यहा मैं तुम लोगो के लिए लड़ रहा हु और तुम उस जानवर के पास चुदने जा रही हो। अब लग रहा है कि सब तुमारी मर्जी से हो रहा है और तुम लोग मुझे ललु बना रही हो। जैसे मम्मी ने सदा पापा को बनाया।
मम्मी----हां हु रण्डी तुझे मना किया था यहा मत ला फिर तू लेकर आया। अब देख नही सकता तो हमे गालिया दे रहा है। देख जब तक तू मामा को रोक नही लेता वो ऐसे ही हमे बुलाता रहेगा और हमे जाना पड़ेगा। अगर हमने मना किया तो वो तेरे साथ कुछ भी कर सकता है,यहा राज चलता है उसका।
अब मेरे पास कहने को कुछ नही था मुझे जल्द से जल्द मामा का तोड़ निकालना था। और वो था उसकी फैमिली को उसके खिलाफ करना।
रात डिनर लेने के बाद मामा मामी अपने कमरे में और मैं दीदी और मम्मी कमरे में सोने आ गये.

सारा दिन चुदाई के चलते हम तीनो की नींद कब लगी, नहीं मालूम. गहरी रात में मेरी नींद खुली तो मैं रीटा दीदी के कसे हुए मम्मों को निहारने लगा और अगले ही अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया. आअह्ह्ह.... एकदम मखमल की तरह लग रहा था. थोड़ी देर तक ऐसे ही हाथ रखे रहा और कुछ देर बाद जब बहन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.. तो मेरा मन अब कुछ और करने का होने लगा.

मैं धीरे से उसकी एक चूची को दबाने लगा. कुछ देर बाद मैं चूचियों को कपड़े के अन्दर से महसूस करना चाह रहा था तो मैंने उसके कुरते के गले में धीरे से हाथ डाला ही था कि बहन ने करवट बदल ली.

लगभग 5 मिनट के बाद मैंने देखा कि बहन की गांड और मेरा लंड.. दोनों आमने सामने हैं. तभी मैंने सोचा कि चलो गांड को भी स्पर्श कर लिया जाए. तो मैं धीरे से अपना सिर उसके पैरों की तरफ करके लेट गया और उसकी गांड पर हाथ रख कर धीरे से सहलाने लगा, मेरा लंड फिर अपना आकार लेने लगा.

अब मन नहीं मान रहा था.. एक हाथ मैंने पैन्ट के अन्दर ही धीरे धीरे लौड़ा सहला रहा था और दूसरे हाथ को दीदी की लोअर के अन्दर फेरता रहा. उसकी चुत से पानी निकलने लगा.

अब मैंने देर करना उचित नहीं समझा इसलिए अपने और बहन के सारे कपड़े उतार दिए. धीरे धीरे सिर से लेकर पैर तक उलट पुलट कर चूमने लगा. बहन की नींद जाती रही. हम लोग 69 की मशहूर पोजीशन में एक दूसरे को चाट कर समाप्त करने की नाकाम कोशिश करते करते दोनों चरम सुख को प्राप्त हो गए.

अब रीटा की बारी थी उसने मुझे सर से पैर तक चाट कर उत्तेजित किया और मेरे लंड पर बजाज आलमंड आयल से मालिश की. मुझे बहन की चुत के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रही थी इसलिए चुत के मुँह को चौड़ा कर, लंड के टोपे को टिकाकर दबाव बनाया ही था कि बहन ने मुँह से लम्बी सांस लेते हुए गांड उछाल दी और अपनी चुत में मेरा पूरा लंड गटक लिया.

फिर सूरज उगने तक चुदाई का मैराथन दौर चलता रहा.
सुबह उठ कर मैं बाहर आ गया और हाल में बैठकर चाय पीने लगा। मामी भी पास बैठ कर चाय पीने लगी।
मैं--- मामी जी क्या आपको नही लगता मामा शायद बाहर ज्यादा रहते है और आप पर ध्यान नही देते।
मामी---हां संजू जानती हूं तुम कहना क्या चाह रहे हो पर क्या कर सकती हूं मैं?
मैं---मामी अगर ऐसा हो जाये कि मामा को भी अहसास कराया जाए कि वो गलत कर रहे है।
मामी--कैसे संजू?
मैं---- गर उनको मालूम चल जाये कि वो बाहर रह सकते है तो आप भी घर मे रहकर उनकी गैर हाजिरी में गलत काम कर सकती है।
मामी--- तुम पागल हो क्या संजू, अगर उन्हें भनक भी लग गयी तो वो काट के फैंक देंगे मुझे।
मैं---कुछ नही कर सकेंगे वो आप साथ दे तो जो इंसान खुद गलत हो तो वो दुसरो का क्या करेगा। और आप चिंता न करे मैं सब सम्भाल लूंगा।पर---
मामी--पर क्या संजू
मैं--- इस खेल में सीमा को भी शामिल करना होगा ताकि मामा देखते ही टूट जाये।
मामी--देख संजू प्रियंका तो जवान हो गयी है हमे देख कर बहक गयी लेकिन सीमा अभी बच्ची है।
मैं---- आप चिंता न करे उसकी जिम्मेवारी मेरी है अपने साथ मिलाने की ।
मामी--- क्या तुम उसके साथ भी सेक्स करोगे?
मैं--- वो समय के अनुसार देखेंगे। वैसे भी अगर उसने सेक्स करवा लिया तो पूरी हवेली में आपको रोकने वाला कौन होगा। राज करोगी मामी जान तुम। आज तक जो अरमान आपके पूरे नही हुए वो पूरे कर सकते हो।
मामी--- मुझे कुछ नही चाहिए संजू बस जो सुख तुमने मुझे दिया है। एक औरत का अहसास जो तुमने मुझमे जगाया है बस हमेशा मुझे वो चाहिए । अब मैं तुमारे बिना नही रह सकती। अगर कहोगे तो तुमारे मामा को छोड़कर तुमारे साथ शहर चलने को तैयार हूं। अब मुझे रोज तुमसे चुदाई का स्वर्गिक आनंद चाहिए । बोलो दोगे।
मैं ---हां मामी तुम्हे रोज चोदुगा, तुमारी फुद्दी में हररोज मेरा लौडा गुसेगा। बस एक बार मामा का हिसाब कर लूं बस।
मामी--- हां जानती हूं जो तुमारे मामा कर रहे है और उसका जवाब देना भी चाहिए तुम्हे।
मानती हूं भाई और बहन में सम्बन्ध बन जाते है लकीन तुमारे मामा ने अति की है अपनी बहन को रण्डी बनाया है और उसकी बेटी को भी। तुम क्या सोचते हो सिर्फ तुमारे मामा भोगते है तुमारी मम्मी और दीदी को, नही वो उनको अपने दोस्तों के नीचे भी सुलाते है। एक रण्डी से भी भत्तर जिंगदी दी है उन्हें इसने। और इसको सबक सिखाने के लिए तुम मुझसे जो भी करने को कहोगे में करुँगी।
मैं--- ठीक है मामी अब मामा को भी हम दिखाएंगे कि वो ही नही किसी को रण्डी बना सकता दूसरे भी जब अपने पे आये तो रंदीपना कर सकते है। मामी क्या तुम एक साथ दो या तीन लोगों से सेक्स कर सकोगी।
मामी--- तुम्हारे लिए कुछ भी करुँगी लकीन एक बार फिर इस शरीर पर सिर्फ तुम्हारा हक़ होगा। और तुम्हे वादा करना होगा कि ये काम करने के बाद मुझे अपनी नजरो से नही गिराओगे।
मैं--- तुम मेरे लिए सब करोगी। जब मैंने अपनी मम्मी और दीदी को नही छोड़ा तो आपको कैसे छोड़ सकता हु। आप किसी भी प्रकार का भय न रखे अपने मन मे।
और मामी को अपनी बाहों में ले लेता हूं और होंठो पर एक डीप किस करता हु।
और अगले प्लान बनाने लगता हु।
अगले दिन सुबह मैं जब बरामदे से होते हुए दूसरे कमरे में जा रहा था कि अचानक तभी सीमा ने मुझे पीछे से पकड़ लिया, अपने सीने से चिपका कर मुझे खींचते हुए चूमा और जल्दी से दूसरे कमरे में चली गईं. उस वक़्त सब कोई डाइनिंग हॉल में बैठे हुए थे.
पहले तो मैं डर गया कि कहीं सीमा मुझे पकड़ कर सबके सामने ले जाकर रात वाली बात न बता दे. क्योकि रात में उसने मुझे रीटा दीदी की चुदाई करते देख लिया था, लेकिन जब सीमा दूसरे कमरे में जाते हुए पीछे मुझे देखते हुए हंस रही थी.. तो मेरी जान में जान आयी और अब मुझे तो मानो हरी झंडी मिल गई थी.

उसके पीछे से मैं भी उस कमरे में चला गया और तभी सीमा ने मुझे कस कर जकड़ लिया और चूमते हुए धीरे से बोली- रात को काफी मज़े किये; अब मुझे कब चोदोगे?
मैं उसे मौका मिलते ही चोदने की कहते हुए एक लम्बी लिप किस कर कमरे से बाहर निकल गया.

मुझे मामी और अर्चना के साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता था. मामा को भी सबक सिखाना था इसलिए मैंने एक प्लान बनाया। मैंने फ़ोन करके मनोज और जय माथुर को गांव बुला लिया
तीसरे दिन आने वाले थे। मैं गांव में खेतों की तरफ घूम रहा था तो मामी ने फोन कर के मुझे आने को कहा। मैने मामी से कुछ देर तक आने का कहा।

शाम को मैं मामी के घर पहुंच गया. तो वहा मनोज और जय दोनो पहुच गए थे। दोनो से मिल कर मन बहुत प्रसन्न हुआ लेकिन मामी कहि नजर नहीं आई. तब मैं दोनो से पूछा--- सफर में कोई परेशानी तो नही हुई।
नही भाई आराम से पहुच गए, दोनो ने जवाब दिया।
मम्मी और दीदी दोनो को वहा देख कर हैरान थी।

मैं अपने दोनों दोस्तो के साथ कुछ प्लानिंग में व्यस्त हो गया और मैंने मनोज , जय को राजी कर मामी के साथ फुल नाइट मस्ती का पूरा प्लान तैयार किया।

यही कोई 9 बजे प्रियंका ने आकर हम तीनों को डिनर के लिए बुलाया.
रुक रुक कर बारिश शुरू हो गयी थी. तेज हवा के थपेड़ों से ठंडक की अनुभूति हो रही थी. दोनों मेरी बहन रीटा और सीमा अपने कमरे में दुबके कुछ पढ़ रहे थे.
मामा मामी पर चिल्ला रहे थे क्योंकी शायद उनका भी कोई प्रोग्राम था मम्मी और दीदी को लेकर और जो मेरे दोस्तों के आने से कैंसल हो गया
वे मेरे दोस्तों को देख कर कुछ सामान्य हुए और मेरे दोस्तों का हालचाल पूछने लगे. कुछ इधर उधर की बातें होती रहीं,
फिर सबने एक साथ खाना खाया और मामा बारिश कम होने के कारण पहले ही निकल लिए खेत के लिए. प्रियंका मम्मी सीमा और रीटा को लेकर उनके कमरे में चली गई.
बीच में रोक कर मैंने प्रियंका को आज का प्लान समझा कर वहीं सोने की सख्त हिदायत दे डाली.

वो मुझे सवालिया निगाह से घूरते हुए चली गई. अब मैंने मनोज को लाइन क्लीयर का मैसेज कर दिया.

मैंने उन्हें कमरे के अन्दर किया और उनके लिए बीयर की बोतलें पेश की.

कुछ ही देर में उधर मामी ने अपने हुस्न का जलवा पेश किया. आज मामी झीनी नाईटी में गजब बिजलियां गिरा रही थीं. खुले बिखरे लट जो 36-32-36 चूतड़ों तक लहराते हुए और उन्नत पर्वत की चोटी की तरह दोनों चुचे मूक आमंत्रित करते हुए उस पर गहरी नाभि और मोटी मोटी रानें झीनी नाईटी में कुछ अलग समां बांध रही थीं.

मामी को देखकर हम तीनों की वासना हिलोरें मारनें लगी. अपनी अपनी बीयर की बोतलें गटक कर तीनों यार देश दुनिया से बेखबर एक साथ मामी पर टूट पड़े. देखते ही देखते सभी के कपड़े तन से अलग होकर जमीन पर बिखरने लगे. मनोज घुटनों पर बैठ मामी की चुत चपड़ चपड़ चाट रहा था और जय उनके चूचों पर जीभ फेर रहा था.

इस कामुक नजारे को देख कर मेरी वासना और भड़कने लगी. तभी मामी लड़खड़ाने लगीं. उन्होंने एक साथ दोहरे हमले से एवं बेड पर झुक कर हाथों का सहारा ले लिया.

मनोज सामने से निकल कर उनके पीछे से चुत चाटने लगा. मुझे मौका मिला और मैंने अपना लंड मामी के मुँह में पकड़ा दिया. नीचे बैठा जय किसी पिल्ले की तरह मामी के दोनों चुचों को चूसकर लाल किए जा रहा था.
मामी को असीम आनन्द की अनुभूति हो रही थी जिससे उनकी आँखें बंद होने लगीं.

तभी एकदम से जय ने खड़े होकर अपना काला लंड हिलाया और मामी के मुँह की तरफ लपका. तो मैंने पोजीशन चेंज करके पीछे मामी की चुत में लंड सैट करके दबाव दे दिया. मेरा लंड मामी की चूत में सरक कर अपनी जगह बनाने लगा. मामी के मुँह से ‘गुं गों..’ की आवाज आ रही थी और पीछे से मेरी हर चोट पर थप थप का मधुर संगीत कमरे में गूँजने लगा.

ओह माई गॉड.. जय का लंड फूलकर किसी नाग की तरह चमक रहा था, जिसकी साईज कोई 10 इंच लम्बी और 3 इंच मोटी लग रही थी. मैंने आज तक ऐसा लंड सिवाए ब्लू-फिल्म के कहीं नहीं देखा था, पर मन ही मन मामी की होने वाली दुर्दशा से विचलित भी था.

मैं मामी को लगातार पीछे से चोदता रहा जिससे मामी एक बार छूट चुकी थीं. इसलिए संगीत की धुन अब बदल गई थी और अब ‘फच फच..’ की तान सुनाई आ रही थी. मैं चरम आनन्द पर पहुंच मामी की चुत में ही झड़ गया. तभी जय अपना खिताबधारी लंड लेकर मामी को पीठ के बल बेड पर लेटा कर मामी पर सवार हो गया. मामी ने अपनी चुत की फांकों को चौड़ा किया और जय का लंड चुत की दीवारों को रगड़ता हुआ अन्दर समाने लगा.
मामी के मुँह से चीख निकली- आईई मैं मर गईईई…

मैं बैठ कर उनकी मनोदशा को महसूस कर रहा था. अभी जय का आधा लंड बाहर था, जिसे बार बार मामी उठकर देख रही थीं. जय ने एक जोरदार ठाप लगाई और पूरा लंड जड़ तक मामी की चुत में समां गया.

मामी दर्द के मारे बिलबिला उठीं. थोड़ी देर तक मनोज और जय मामी की चूचियां बारी बारी से चूसते रहे.

कब तक खैर मनाती मामी.. जय धीरे धीरे उनकी चूत को चोदने लगा. उसका मोटा हलब्बी लंड जकड़ कर मामी की चुत में आ जा रहा था. कुछ देर बाद दर्द मजे में बदलने लगा. अब मामी चूतड़ नचा नचा कर जय के हर ठाप का जबाब दे रही थीं.
उधर मनोज मामी के मुँह को चोद रहा था. मामी एक साथ दो लंड से मजे से चुद रही थीं. वे दोनों पूरी रफ्तार में चोद रहे थे. अब मामी तेज रफ्तार के कारण उन दोनों की पकड़ से छूटने के लिए छटपटा रही थीं, पर दोनों किसी मंजे हुए खिलाड़ी की तरह हर बार पहले से ज्यादा मजबूत वार कर रहे थे.

इधर मेरा लंड भयंकर चुदाई देखकर फिर लड़ने को तैयार था और मैंने उनको रोक कर मामी को राहत देते हुए पोजीशन चेंज कर दी.

जय को बेड पर लेटाकर मामी उसके लंड पर सवार हो गईं और मनोज ने अपना 6 इंच लम्बा और खूब मोटा लंड उनकी गुदाज गोरी गांड में पेल दिया, जिससे मामी की एक जोरदार चीख निकल आई. मामी के मुँह से चीख न निकले इसलिए मैंने अपना लंड उनके मुँह में ठेल दिया. फिर भी तेज आवाज गूँज गई.
आवाज सुनकर मैंने प्रियंका को दरवाजे की झिरी से झांकते हुए पाया, जिसकी नजरें मुझसे मिलीं, तो वो वापस चली गई.

जय और मनोज पूरे मस्त होकर मामी की सैंडविच चुदाई कर रहे थे और मामी भी उनका भरपूर मजा ले रही थीं. मैंने उनको एक दूसरे से गुंथते छोड़ कर कमरे से बाहर निकल कर बाहर से दरवाजा लॉक कर दिया.
और बाहर आकर मनोज के नंबर से मामा को काल किया और काफी बेल जाने पर मामा ने फ़ोन उठाया।
तब मैंने मामा को आवाज चेंज करके घर आकर एक बार उनकी पत्नी को देखने को कहा।
मुझे ये मालूम नही था कि मामा खेत मे न जाकर हवेली में ही पीछे के कमरे में मम्मी के साथ चुदाई कर रहा है , फ़ोन कटने के बाद ही 10 मिनेट में मामा वहा आ पहुचा।

जब मामा मामी के कमरे में गया तो देखा मामी जय के लंड पर सवार अपनी गांड फड़वा रही हैं और जय मामी से बार बार छोड़ देने की गुहार कर रहा था, पर मामी अपना पानी निकलने के बाद ही रुकी.
मामी के चेहरे से आत्म तृप्ति के भाव छलक रहे थे, भले ही उनकी गांड और चुत दोनों लहूलुहान हो चुकी थीं. जय के लंड के भी पपड़ियां छिल गई थीं. कुल मिलाकर तीनों जंग जीत चुके थे पर बुरी तरह घायल थे.
मामा ये देखकर कि उनकी पत्नी खुद जवान लड़को से चुदवा रही है तो बहुत हैरान रह गए। अपनी पत्नी का ये हवसी पन उन्होंने पहली बार देखा था जिसमे उसने जवान लौंडों को भी हाथ जुड़वा दिए थे।
मामा मामी और मेरे दोस्तों के साथ कुछ करते उससे पहले ही मैं वहा आ गया और मुस्करा कर मामा से बोला--- अरे मामा आप , खेत से कब आये।
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RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी - by sexstories - 06-14-2019, 01:19 PM

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