RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
हम उनके घर पहुँचे, उनकी फैमिली ने हमारा स्वागत किया।
इंट्रोडक्शन---
मामा---राघवेंद्र सिंह
मामी---प्रोमिला देवी
बड़ी बेटी प्रियंका
छोटी बेटी सीमा
मामीजी और प्रिंयका और सीमा(मामा की बेटियां)हमसे मिलकर बहुत खुश हुई।
रात का भोजन हमने कर लिया था अब सोने की तैयारी होने लगी।
रात को हम सब 12 बजे तक जाग कर बातें करते रहे। उनकी दोनों बेटी तो दस बजे ही सो गई थीं। अपने सोने का बंदोबस्त मामा-मामी ने अपने बेडरूम के साथ वाले रूम में किया था। किरण ,मै और मम्मी कब सोये.. वो मुझे पता नहीं चला।
मम्मी और मामाजी तो शायद सबके सोने का इंतजार कर रहे होंगे।
रात में अचानक किसी ने मेरा मुँह कम्बल से ढक दिया, मुझे मुँह ढक कर सोने की आदत नहीं है इसलिए मेरी आँख खुल गई। तब मैंने देखा कि मामाजी मेरा मुँह ढक रहे थे। मैंने मुँह ढक कर सोने का नाटक किया।
थोड़ी देर में मामाजी मम्मी के पास गए और मम्मी को हिलाते हुए जगाया।
मम्मी उठ गईं तो वे मम्मी के होंठों को चूमने लगे। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि ये तो भाई-बहन हैं और ऐसा कर रहे थे।
काफी देर तक मामाजी ने मम्मी के होंठों को चूमा.. मम्मी भी मामाजी का साथ दे रही थीं।
बाद में मामाजी मम्मी को घर के छत पर ले गए, साथ में चादर भी ले गए। तब मैं उन लोगों का इरादा समझ गयी। मैंने भी उन लोगों का छुप कर पीछा किया। मैंने देखा कि मम्मी और मामाजी एक-दूजे को चूम रहे थे। मामाजी मम्मी के शरीर पर हाथ घुमा रहे थे। मम्मी ने नाईट ड्रेस पहनी थी। कुछ ही पलों बाद मामाजी ने मम्मी की नाईट ड्रेस निकाल दी। अब मम्मी सिर्फ ब्रा पेंटी में थीं। तभी मामा जी ने मम्मी को एक गिलाश में पानी और कुछ दिया। मम्मी ने मामा जी की तरफ देखा और वो चीज अपने मुह में रख कर उप्पेर पानी पी लिया।
मामाजी ने मम्मी की ब्रा निकाली और मम्मी के बड़े-बड़े मम्मों को मसलने लगे.. और चूम भी रहे थे। मम्मी के चूचे तो एकदम ताजा आम की तरह थे.. और मामाजी उन दोनों आमों को निचोड़-निचोड़ कर रस पी रहे थे।
मम्मी के मुँह से निकलती कामुक सिसकारियां मुझे सुनाई दे रही थीं। मम्मी को भी बड़ा मज़ा आ रहा था, मम्मी अपना हाथ मामाजी के चड्डी में डाले हुए थीं। कुछ देर बाद शायद मम्मी से रहा नहीं गया तो मम्मी ने खुद मामाजी जी की चड्डी निकाल दी और मामाजी का लंड को हिलाकर मुँह में घुसेड़ लिया।
मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि ये हकीकत है।
अब मेरी मम्मी मामा जी का लंड जोर-जोर से चूसने लगीं.. जैसे प्यासे को पानी मिल गया हो।
मम्मी और मामाजी बेकाबू हो रहे थे। मामाजी भी जोर-जोर से अपना लंड मम्मी के मुँह में धकेल रहे थे। मम्मी तो जैसे लॉलीपॉप चूस रही थीं। उनको लंड चूसने में इतना मजा आ रहा था कि वे तो मामाजी के लंड को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थीं।
फिर मामाजी ने चादर बिछाई और मम्मी को उस पर लेटा दिया। बाद में मामाजी ने मम्मी की की पेंटी निकाली। मम्मी मेरे सामने मामाजी के साथ पूरी नंगी पड़ी थीं। मम्मी को नंगी देख कर मैं भी दंग रह गयी ।
मामाजी बेकाबू हो कर मम्मी की टांगों के बीच में घुस कर मम्मी की चूत को चाटने लगे।
मम्मी जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगीं- उउस्स.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्स्स्स आआअह्ह..
मामाजी कभी मम्मी की चूत में उंगली डालते और कभी चूमते। मामाजी ने ऐसे करके मम्मी के पूरे शरीर को अपनी जीभ से चाट लिया।
मामाजी ने चूत में घुसेड़ने के लिए लंड को हिलाया और मम्मी ने भी अपनी टाँगे फैला दीं और मामाजी को लंड घुसेड़ने का सिग्नल दिया।
इस वक्त मम्मी की चूत मुझे साफ़ दिख रही थी.. मम्मी की चूत एकदम चिकनी थी। उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.. शायद वे पहले से ही चुत की शेविंग करके आई थीं। मामाजी ने चूत को चाट-चाट कर गीली कर दी थी। मामाजी मम्मी के चूत पर जितना अपना लंड रगड़ रहे थे, उतनी ही मम्मी बेकाबू होती जा रही थीं। फिर मामाजी ने अपना लंड मम्मी के चूत में घुसेड़ दिया। मम्मी के मुँह से जोर से आवाज निकल गई- आआह्ह्ह्ह..
तभी मम्मी ने अपने हाथों से मुँह को बंद कर दिया। मामाजी ने अपना पूरा लंड धीरे से मम्मी के चूत में पेल दिया और मम्मी के मुँह को दबा लिया ताकि चीख न निकले। अब मामाजी लंड को अन्दर-बाहर करने लगे। पहले तो धीमे से ही कर रहे थे, बाद में तो जैसे घोड़ा सरपट दौड़ा दिया।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं अपनी मम्मी की चूत चुदाई होते हुए देख रही हूँ।
अचानक दोनों बेकाबू हो गए। मामाजी ने मम्मी की दोनों टाँगे कंधे पर रख लीं और जोर-जोर से चोदने लगे। मम्मी भी बहुत मज़ा ले रही थीं.... मामाजी जितने जोर से अन्दर डालते उतनी ही जोर से मम्मी की मुँह से सिसकारियां निकाल रही थीं ‘आह अहह आह.. आआह्ह उह्ह्ह स्स्स्स..’
मामाजी के लंड और चूत के बीच में से ‘फचक.. फचक..’ की आवाज आ रही थी। ऐसा लगता था जैसे कई दिनों से दोनों एक-दूजे के लिए प्यासे हों। काफी देर तक मामाजी मम्मी को चोदते रहे और मम्मी चुदवाती रहीं।
तभी मामाजी अचानक जोर-जोर से मम्मी को झटका देने लगे और मम्मी की चूत में लंड का सारा रस डाल दिया। मम्मी भी शांत हो गई थीं।
कुछ पल बाद वे दोनों अपने कपड़े पहने बिना ही कमरे की तरफ आ रहे थे, मैं जल्दी से दौड़ कर बेड पर आयी और सोने की एक्टिंग करने लगी। मैं सोच रही थी कि इन दोनों ने अभी भी कपड़े क्यों नहीं पहने हुए हैं.. चुदाई तो ख़त्म हो गई।
चुदाई का घंटा बीत गया.. रात के 3 बज गए.. मामाजी और मम्मी सोए नहीं थे.. मेरी तो आँख लग गई। अचानक सिसकारियों की आवाज सुनाई दी, मैंने आँखे खोली तो देखा कि मामाजी मेरे बाजू में थे और मम्मी को चूम रहे थे। तब पता चला कि दोनों ने कपड़े क्यों नहीं पहने थे। पहली चुदाई के बाद भी की दोनों को एक बार सेक्स करके प्यास नहीं बुझी थी.. वे दोनों फिर से वही कर रहे थे जो छत पर किया था। पर इस बार मम्मी और मामाजी कमरे में ही थे। मैं मम्मी के बाजू में ही थीं।
फिर भी बिना डरे ये दोनों चुदाई कर रहे थे। मामाजी मम्मी के ऊपर आ गए और मम्मी की चुदाई करने लगे और कमरा फच फच, फच, फच, आवाज से गूंज उठा। हमारा बेड भी हिल रहा था। पता नहीं मामी जी को साथ वाले रूम में क्यों कुछ नहीं सुनाई दे रहा था, थोड़ी देर बाद फिर से मामाजी ने अपने लंड का पानी चूत में डाल दिया और दोनों ठंडे हो गए। बाद में मामाजी बाजू वाले कमरे में जाकर सो गए और मम्मी बाथरूम में अपनी चूत साफ करने के लिए चली गईं।
मैं बस सोचते सोचते सो गई।
इस तरह मम्मी और मामाजी ने भाई-बहन के रिश्ते को तोड़ा और नाजायज़ रिश्ता जोड़ते हुये मैने देखा। मामाजी अक्सर मम्मी को चोदने के लिए घर आया करते हैं या मम्मी उनके घर जाती हैं।
जब भी मामा घर आते थे तो मम्मी की चूत जरुर मारते थे। धीरे धीरे मैं बड़ी हो गयी और 17 साल की जवान लड़की हो चुकी थी। वक्त के साथ मेरे जिस्म में अब बहुत बदलाव आ गया था। मेरा कद भी अब काफी लम्बा हो गया था। मैं अब 5 फुट 4 इंच लम्बी हो गयी थी। इसके अलावा मेरे बदन में अब काफी बदलाव हो चुका था। मेरी छाती अब काफी चौड़ी हो चुकी थी और मम्मे फूलकर बड़े बड़े गुब्बारे जैसे दिखने लगे थे। मेरे बूब्स का साइज अब 32” का हो गया था। मेरी कमर 28 और चुतड 32इंच के हो गये थे। मेरे स्कूल के लड़के अब मुझे घूर घूर दे देखने लगे थे। मैं जींस टॉप और टी शर्ट पहनती थी। टी शर्ट में मेरे बड़े बड़े बूब्स बहुत रसीले लगते थे जिसे देखकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाते थे।
वो सब मुझे कसके चोदना चाहते थे। क्यूंकि मैं उन लकड़ों से काफी डरती थी। मुझे डर था की कहीं वो मुझे पकड़ कर चोद ना ले। एक दिन मामा घर पर आये थे। काफी देर तक उन्होंने मम्मी को कमरे में चोदा फिर बाहर निकल आये। मैं कुछ देर बाद मामा के लिए खाना ले गयी और जैसे ही मैंने खाने की थाली रखी मेरे टॉप से मेरे बड़े बड़े 32” के शानदार दूध दिखने लगे। मामा की नियत मुझ पर खराब हो गयी थी। वो अब मुझे कसके चोदना चाहते थे। उसकी आँखें सब कह रही थी।
“आओ रीटा बेटी, मैंने तुम्हारा हाल चाल तो पूछा ही नहीं!!” मामा बोले और मेरा हाथ पकड़कर उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया। मुझे ये सब कुछ ठीक नही लग रहा था। अब मैं कोई छोटी बच्ची नही थी। अब मैं 18 साल की जवान लड़की हो गयी थी। फिर मामा तरह तरह की उलटी सीधी बाते करने लगे और मुझे गोद में बिठाकर मेरी कमर में हाथ डाल दिया। फिर उन्होंने मुझे मेरे गाल पर चुम्मा ले लिया। मुझे ये सब बहुत अजीब लग रहा था। धीरे धीरे उनके हाथ मेरे बूब्स पर चले गये और मेरे सगे मामा तेज तेज मेरे मम्मे दबाने लगा। फिर बहाने से मैं वहां से भाग आई।
“यार बबली!! कल मेरे मामा मुझे हर जगह हाथ लगा रहे थे। वो बार बार मेरे गाल पर चुम्मा ले रहे थे!!” मैंने अपनी ख़ास सहेलियों बबली और रीना से कहा
“रीटा!! फिर तो इसका मतलब है की तेरे मामा का दिल तुझ पर आ गया है। वो तुझे कसके चोदना चाहते है!!” बबली और रीना एक साथ बोली।
उसी शाम को मैंने एक बंद कमरे में अपनी माँ और मामा की आवाज सुनी।
“बहन! मुझे रीटा की चूत मारनी है!!” मामा बोल रहे थे
“नही भाई !! ये गलत है। ऐसा तो बिलकुल पाप और अधर्म होगा। नही नही तुम ऐसा कोई काम नही करोगे। जब मैं तुम्हारे पास हूँ तो तुम मुझे कसके चोद लो, पर प्लीस मेरी जवान और कुवारी लड़की को बक्श दो। उससे कुछ मत करना!!!” मेरी माँ मामा ने दबी हुई आवाज में बात कर रही थी जैसे विनती कर रही थी।
“बहन!! मत भूलो की तुमारा राज मैंने ही छुपा कर रखा है अभी तक, तुमारी शादी भी मैंने भी बचा कर रखी है।अगर मैं तुम्हारी मदद नही करता तो तुम इस घर में नही आ पाती!!इसलिए मेरा रीटा पर हक बनता है। मैं उसकी चूत कसके के मारूंगा और फाड़ के रख दूंगा!! जैसे तुमारी फाड़ता हु!!!!हा हां हा” मामा ने कर्कश हंसी के साथ तानाशाही आवाज में अपना फैसला सुनाया।
रात में मेरी माँ ने मुझसे मेरी सहेली बबली के घर कुछ दिन रहने को बोल दिया। किसी तरह मैंने डर में रात गुजारी।
सुबह के 4 बजे मेरी आँख खुली। मैंने देखा की मामा अभी सो रहे थे। मैं दबे पाँव बाथरूम में नहाने चली गयी। कुछ ही देर में मैं बबली के घर जाने वाली थी।
ये सब काम मुझे अपने कंश मामा से छुपकर करना था। मैंने बाथरूम में कुण्डी नही मारी थी। मैंने नहा रही थी। तभी अचानक से मेरे कपटी मामा पेशाब करने उठे और शोवर की आवाज सुनकर वो मेरे बाथरूम में घुस आये। मैं नहाने में मस्त थी और बालों को शम्पू कर रही थी। मैं पूरी तरह से नंगी थी और मेरे जिस्म पर एक कपड़ा भी नहीं था। मैंने अपनी पेंटी उतार दी थी। क्यूंकि चूत में भी मैं शैम्पू लगा रही थी जिससे चूत के सारे बैकटीरिया मर जाएं और मेरी चूत अच्छे से साफ़ हो जाए।
“भई वाह!! मेरी बहन ने जीजा से चुदवा चुदवाकर क्या मस्त माल भांजी पैदा की है!! मेरा तो मूड ही बन गया!!” पीछे से आवाज आई।
मैंने पलटी तो देखा की मामा मेरे बाथरूम में घुस जाए थे। ट्यूबलाईट की तेज रौशनी में मैं पूरी तरह से नंगी थी। मेरा खूबसूरत जिस्म चांदी की तरह चमक रहा था, मामा बाथरूम में अंदर घुस आये और हँसने लगे। फिर उन्होंने कुण्डी अंदर से बंद कर दी और अपने सारे कपड़े निकाल दिए।
“नही मामा नही!!” मैं चिल्लाई
पर मामा ने मुझे गोद में उठा लिया। अब वो भी नंगे थे और मैं भी नंगी थी। शावर का पानी हम दोनों पर भिगाने लगा। मामा ने मुझे गोद में उठा लिया और मेरे गाल पर चुम्मा लेने लगे। अब तक शोवर का पानी हम दोनों को भीगा चुका था। आज सुबह के 4 बजे ही मैं चुदने वाली थी। मामा फिर मेरे भीगे और पानी में नहाए मम्मो को मुंह में लगाकर पीने लगे। मेरे मामा 6 फिट के गबरू जवान आदमी थे। इसलिए उन्होंने एक मिनट में मुझे अपनी गोद में उठा लिया था। हम दोनों शोवर के नीचे खड़े थे और भीग रहे थे। “नही मामा!! प्लीस!! मुझे छोड़ दो!!” मैंने बार बार कह रही थी। तभी मामा ने नीचे पड़ी अपनी पेंट की जेब से एक पुड़िया से दो काली गोली निकली और जबरदस्ती मेरे मुह में ठूस दी और मेरी नाक बीच ली जिससे मुझसे उन्हें गटकना पड़ा। फिर पकड़ ढीली पड़ते ही मैने टूंटी से पानी पिया और जोर जोर से हाँफने लगी। उनके बाद जब मामा बड़ी देर तक मेरे दोनों बूब्स को पीते ही रहे तो मैं चुप हो गयी थी। क्यूंकि मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मामा ने मेरी 32” के बड़े बड़े मम्मो को जी भरकर चूसा। मेरे मम्मो के निपल्स के चारो ओर बड़े बड़े काले काले घेरे थे जो बहुत सेक्सी लग रहे थे।
मामा तो बस उन काले काले घेरे को चूसे जा रहे थे। उनकी हालत बता रही थी की उसको बेहद मजा मिल रहा है। फिर मेरे मामा ने मुझे हवा में कलाबाजियां खिला दी और बिलकुल उल्टा कर दिया। मेरा सिर नीचे था और दोनों पैर उपर। अब मेरी चुद्दी [चूत] ठीक उनके सामने थी। मेरे मुंह के सामने अब मामा का बड़ा सा 8” का लौड़ा था। मामा ने जल्दी से मेरे मुंह में लौड़ा घुसेड़ दिया और मुझसे चुसाने लगे। खुद मेरी चूत चाटने लगे। मैंने तो बिलकुल पागल हुई जा रही थी। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकाल रही थी। फिर मैंने भी जल्दी जल्दी मामा का लंड चूसना शुरू कर दिया था। मैंने हवा में मामा के हाथो में जकड़ी हुई थी। उलटा हवा में लटकी हुई थी। मेरी मस्त जवान चुत को वो जल्दी जल्दी चाटे जा रहे थे। शावर का पानी सीधा मेरी चूत पर गिर रहा था। मुझे बहुत सेक्सी महसूस हो रहा था। लग रहा था की पानी ही मेरी चूत मार रहा है।
फिर मेरे ठरकी मामा ने और तेज शावर खोल दिया और जल्दी जल्दी मेरी चूत को चाटने लगे और पीने लगे। उधर मैं हवा में उलटी लटकी हुई थी। मामा के लौड़े को मैं मुंह में लेकर जल्दी जल्दी चूस रही थी। ओह्ह गॉड!! कितना मोटा और लम्बा लंड था मामा का। काफी देर हम दोनों की रासलीला चलती रही। मम्मी और तुम लोग अपने कमरे में सो रहै थे। तूम लोगो को हमारी रासलीला के बारे में कुछ नही मालुम था। 15 मिनट तक मामा मुझे उलटा लटकाए रहे। फिर उन्होंने सीधा किया और मुझे बाथरूम के फर्श पर लिटा दिया। मामा भी मेरे उपर लेट गये और मेरे मम्मे मुंह में लेकर चूसने लगे। मैं बार बार “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” की आवाज निकाल रही थी। क्यूंकि मुझे बहुत जादा सेक्स उत्तेजना हो रही थी।
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