RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
सुबह उठ कर मैं फ्रेश होकर जब नीचे आया तो सभी नास्ते के लिए बैठे थे। मम्मी ने मुझे भी नास्ता करने को कहा, मैं भी नास्ता करने के लिए बैठ गया।
किरण दीदी मुझे अजीब की नजरों से देख रही थी। मैं खुद को असहज महसूस कर रहा था। रीटॉ दी भी हमारी तरफ ही देख रही थी।
तभी मम्मी ने पूछा कि रानी कब वापिश आ रही है टूर से।
सायद आज मम्मी, अभी पूछता हूं उनके सर् से फ़ोन पर । मैंने कहा।
और उठ कर अपना फ़ोन लिया और रानी के सर् की फ़ोन किया।
कुछ रिंग जाने पर उन्होंने फ़ोन उठाया, मैने उनको गुड़ मॉर्निंग विश किया, उन्होंने कुछ देर रुक कर जवाब दिया जैसे अपनी सांसे समभाल रहे हो। और तेज़ सासों के साथ जवाब दिया।
मैंने वापिश आने का पूछा तो बताया काल सुबह 10 बजे तक पहुच जाएंगे। अभी रास्ते मे रुके है और नास्ता कर रहे है सभी। मैंने रानी से बात के लिए बोला तो उन्होंने कहा कि वो थोड़ा दूर है ।
चहु तो 5 मिनेट बाद बात करा देता हूं,
मैंने कोई बात नही कह के फोन काट दिया।
और सोचने लगा कि ये सर् इतनी तेज सांसो में क्यो बात कर रहै थे जैसे कि दौड़ लगा कर आये हो।
मैंने मम्मी को बोल दिया कि रानी काल सुबह आ जायेगी।
और दुकान पर जाने के लिए निकलने लगा तो रीटा दीदी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया। मैं ऊपर चला गया।
कमरे में पहुचने पर दिदी ने मुझे बैठने को कहा। मैं बेड पर बैठ गया। दीदी मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरे हाथ को पकड़ते हुए बोली.......संजू, क्या हुआ है तीन चार दिन से तुम बहुत परेशान हो।
कुछ नही दीदी ऐसी कोई बात नही है , मैं बोला
देखो संजू तुमारी बड़ी बहन हु मुझसे नही छुपा सकते और अब तो हम ओर भी करिब आ गए है इसलिए मुझसे कुछ नही छिप सकता, बता अब क्या बात है। दीदी फिर से पूछने लगी।
मैं कुछ देर ख़ामोश रहा । दीदी मेरे चहेरे को पढ़ने की कोशिश करती रही।
फिर मैंने दीदी को सब बात बताने का फैशला कर लिया। आखिर मुझसे बड़ी थी और समझदार भी वो ही सही राह दिखा सकती थी।
मैंने दीदी को किरण दीदी के बारे में बता दिया कि कैसे वो मेरे दोस्त के साथ सेक्स करना चाहती है। और खुद को मज्ज्बुर बता रही ही कि सेक्स उनकी जरूरत है।
इससे आगे की मैं दीदी को मामा के बारे में बताता दीदी खुद ही बोल पड़ी------ संजू ये सब मम्मी और मामा का किया धरा है।
मेरी तो जैसे बोलती बंद हो गयी।
हां संजू मामा और मम्मी के नाजायज संबंध है। और मामा ने मम्मी की रजामंदी से मुझे और फिर किरण दीदी को खराब किया। लेकिन बाद में पापा को मालूम चल गया। उन्होंने मामा से खूब झगड़ा किया और तब से मामा का हमारे घर आना बंध है, लेकिन अभी फिर से मम्मी ने मामा के घर जाना शुरू कर दिया है। और मुझे लगता है कि कहि अब मामा फिर घर ना आने लगे। वो अपने पास किसी साधु की कोई दवा या जड़ी बूटी रखते है जिसको खिलाने से कोई भी लडंकी खुद उनसे चुदवाने लगे।
अब हम मामा के घर गए थे तो शायद उन्होंने हमें फिर वो दवा दी है। जिससे ये सब हो रहा है। मैं तो पहले अपनी शादी और अब तुमारे कारण सही रह पाती हूँ, लेकिन किरण का क्या?
और अगर मामा की नजर अब रानी पर पड़ गयी तो उसको भी खराब करने की सोचेंगे।
मैंने दीदी से खुल कर पूरी बात बताने को कहा हालांकि मैं अभी खुद सदमे में था कि मेरे करिब इतना सब हो गया लेकिन मुझे कुछ भी मालूम नही चला।
तब दीदी ने पूरी बात बतानी शुरू की-------- जब उन्होंने पहली बार मामा और मम्मी को चुदाई करते हुए देखा।
उस वक्त मैं स्कूल में पढ़ती थी, और तुम और रानी का जन्म नही हुआ था ये तब की बात है।
मेरी छुटियाँ चल रही थीं.. तब मामा ने हम सभी को दो दिन के लिए उनके घर बुलाया। पापा को उनके घर जाना पसंद नहीं था, इसलिए हम सब ही उनके घर चले गए थे। मामा खुद कार में हमें लेने घर आए।
मामा कार ड्राइव कर रहे थे और मम्मी उनके साथ वाली सीट पर बैठी थी। तब मैंने देखा कि मामाजी मम्मी के एक हाथ को पकड़ कर हाथ मसल रहे थे.. पर मैं तब अनजान थी। मुझे कुछ पता नहीं चला कि मम्मी और मामाजी के इरादे क्या थे।
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