RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
कौन है? मनोज ने पूछा।
मेरे पड़ोस की लड़की है और दीदी मानता हूं इसे, मैंने बताया ।
चल बे झंडू तू कब से नाम के रिश्ते निभाने लगा। छोड़ इन बातो को चल अभी मिलकर चोदते है, बहुत गर्म माल है
मैं उससे कुछ कहता तभी अंदर से दीदी की आवाज आई------ मनोज कौन है अब क्या करना है रुकू या जाऊ?
मनोज--/ अरे रुको जान अभी आया समझा कर दोस्त है अपना।
दीदी--// जल्दी करो मुझे जाना भी है।
मैं ने एक दम से मनोज को साइड किया और दीदी वाले रूम में गुस कर लॉक कर लिया ।
जैसे ही मैं लॉक करके पलटा तो दीदी मुझे देखते ही बेहोश होते बची और अपने को बेड के एक कोने में समेट लिया।
मैं बस एकटक दीदी को देख रहा था और बाहर से मनोज की आवाज आ रही थी।
मैं सिर्फ इतना बोला कि मैंने इसको अभी नही बताया है कि तू मेरी बहन है। इतना बोल कर में पलट कर दरवाजे की तरफ मुड़ा।
मैं जैसे ही पीछे जाने को हुआ तो किरण दीदी ने मुझे पकड़ लिया और फिर मैं पलटा और देखा कि दीदी बिलकुल नंगी मेरे सामने खड़ी है | मैंने जैसे तैसे खुद को रोका और कहा कि ये सब क्या है दीदी ?
तो दीदी बोली-- संजू गलती हो गयी मुझसे माफ कर दे
मैं और मनोज एक दुसरे को बहुत पसंद करते हैं और शादी करना चाहते है | फिर दीदी मुड़ी और कपडे उठाकर पहनने लगी |
तो मुझे बहुत गुस्सा आया कि साली ये यहा चुदने ही आयी थी कबसे हंगामा हो रहा है और ये न्नगी बैठी है।
मैंने दीदी को जोर से चाटा लगाया और बोला--- साली रंडी यहा नंगी बैठी है और ऐसा कितने दिन से जानती है तू मनोज को की शादी करने वाली है और तुझे ये भी नही मालूम कि वो मेरा दोस्त है।
दीदी बोली तू कितना कमीना है रे संजू, सब जानती हूं। तूने अपनी नॉकरानी को भी नहीं छोड़ा ओर मुझे उपदेश दे रहा है। मेरी भी लाइफ है। दीदी की बात करने की टोन चेंज हो गयी।
तो मैंने साफ बोल दिया कि छोडूंगा तुम्हे भी नही दीदी अगर इतनी तलब लगी है तो तुम्हें मुझ से चुदवाना होगा |
तो दीदी ने मुझे चांटा मार दिया और मुझे गुस्सा आ गया | मैंने कहा कि ठीक है अब मम्मी से बात करना तुम और घर से बाहर निकल कर दिखाना अब से तुम। मेरे घर मे रहकर मुझसे बैर।
और बाहर वाले कमरे में चला गया |
वहां मनोज को देखते ही मेरा पारा सातवे आसमान पर पहुच गया।
और मनोज से बोला--- बहनचोद यहा से निकल ले नही तो गांड पे ऐसे मारूंगा की समझ नही पायेगा।
मनोज--- गांडू हुआ क्या है बताएगा कुछ जो ऐसे बात कर रहा है। साले पड़ोस की होगी वो तेरी कोनसी सगी बहन है। मैंने कहा देख मनोज यहा से निकल ले नही तो ठीक नही है।
वो बिना कुछ बोले दीदी वाले रूम में जाने लगा। तभी दीदी बाहर आ गयी और मुझे घूरने लगी।
उसने मनोज को कुछ कहा और वो वहा से निकल गया।
थोड़ी देर बाद दीदी मेरे पास आई और कहा कि तुम मम्मी को कुछ नहीं कहोगे | फिर दीदी ने कपडे उतारे और कहा कि बदले में तुम मेरे साथ जो करना चाहते हो कर लो | दीदी का नंगा बदन देख कर मुझ से कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उनको एक थप्पड़ जड़ दिया। दीदी के मुंह एक आवाज़ नहीं निकली | फिर दीदी ने मुझे देखा तो उनकी आँखें भरी हुई थी लेकिन फिर----
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