RE: Chudai Story बाबुल प्यारे
मैं : बापू, आप तेल बहुत अच्छा लगाते हो.कुच्छ कुच्छ आराम मिल रहा है
बापू : तेरी मम्मी को भी दर्द होता है तो मैं ही लगाता हूँ.इसलिए मुझे तजुर्बा हो गया है.
मैं : अच्छा.बापू अब मैं पेट के बल (विथ स्टमक टुवर्ड्स फ्लोर) लेट जाती हूँ और आप टाँगों के पिच्छले भाग पर भी अच्छी तरह तेल लगा दो मैं पेट के बल लेट गयी.मैने मॅक्सी थोड़ा और उपर कर लिया.अब मॅक्सी मेरी हिप्स तक आ गयी थी.मेरा मकसद अपने बाप को अपनी फ्लेशी हिप्स दिखाने का था.मेरी टाँगें तो एक तरह से पूरी एक्सपोज़्ड थी. मैने थोड़ा सा मूड कर देखा तो बापू मेरी हिप्स को देख रहे थे.हलकी मेरी हिप्स अभी एक्सपोज़्ड नहीं थी.
मैं : एक बात बोलू.इस वक़्त आप मेरी मम्मी हो ना
बापू : हां
मैं : पहले मम्मी मेरी सरसों के तेल से मालिश किया करती थी, इसलिए मेरी हड़ियाँ मज़बूत थी, अब नहीं करती तो हड़ियाँ नाज़ुक हो गयी हैं
बापू : हो सकता है..मालिश तो करनी ही चाहिए
मैं : तो अगर आपको कोई दिक्कत नहीं है तो आप मेरी मालिश ही करदो. आप मेरी मम्मी तो बन ही चुके हो. पर हां बापू मम्मी की तरह खूब मसल मसल के कर'ना.
बापू : ठीक है बेटी. पर यह बात तुम किसी को बताना नहीं. अपनी मम्मी को भी नहीं.
मैं : कभी नहीं बताऊंगी.
बापू : फिर मैं तेल और ले आता हूँ अब बात बन रही थी.गर्मी सही नहीं जा रही थी.लेकिन मुझे अब भी लग रहा था कि बापू की नियत अब भी साफ है.मुझे लग रहा था कि उनके लिए मालिश का मतलब सिर्फ़ मालिश ही है और कुच्छ नहीं. खेर अब मैं फिरसे सीधी लेट गयी (पीठ के बल).मैने मॅक्सी और ऊपर करली.कछि तक. बापू तेल लेकर आ गये.
बापू : चल बेटी.लगता है आज सारा तेल मालिश में लग जाएगा मैं सीधे लेती हुई थी.मॅक्सी कछि तक चढ़ि हुई.
मैं : बापू , मालिश थोड़ा कस के करना.जैसे मम्मी करती हैं बापू मेरी टाँगों की मालिश कर रहे थे
मैं : बापू मैने शहर में टीवी और कंप्यूटर देखा
बापू : अच्छा.कौनसी फ़िल्मे देखी
मैं : उसमें क्या क्या दिखाते हैं मैं बता नहीं सकती
बापू : ऐसा क्या दिखाते हैं
मैं : टाँगें बाद में कर लेना.पहले ऊपर का भाग कर लो
बापू : ठीक है
मैं : मैं कपड़े ऊपर करूँ तो आपको कोई दिक्कत तो नहीं है. आप एक काम करो. आप आँखें बंद कर लो मैं अपने कपड़े ऊपर चढ़ाती हूँ.
बापू : हां, यह ठीक है.इस तरह बाप बेटी में परदा भी रहेगा माइ फुट ! मैने अपनी मॅक्सी अपने गले (नेक) तक चढ़ा ली .अब मैं अपने बापू के सामने एक तरह से सिर्फ़ ब्रा और कछि मैं थी
मैं : अब आप तेल की कटोरी को मेरे साइड मे रख दो और ऊपर आके मेरे पेट पर मालिश करो.जैसे मम्मी करती हैं बापू ने तेल की कटोरी एक साइड में रखी.और डॉगी स्टाइल में मेरे ऊपर आ गये.एक हाथ ज़मीन पर रखा सपोर्ट के लिए और दूसरे हाथ से मेरे पेट पर तेल लगाने लगे.अब वो मेरे सामने नहीं बल्कि ऊपर थे इसलिए हम ऑलमोस्ट फेस टू फेस थे.
मैं : हां बापू.तो मैं कह रही थी कि जो चीज़ें टीवी पर दिखातें हैं वो आपने पहले कभी नहीं देखी होंगी
बापू : ऐसा क्या है ?
मैं : लेकिन मैं नहीं मानती कि वो सचाई है
बापू : क्या नहीं मानती ?
मैं : वो दिखातें हैं कि..नहीं मैं वो बोल नहीं सकती
बापू : बता ना.ऐसा क्या है ?
मैं : नहीं.कैसे बोलू.नहीं बोल सकती.
बापू : ऐसा क्या है जो तू बोल नहीं सकती ?
मैं : मैं तो कभी सोच भी नहीं सकती कि ऐसा भी होता होगा ?
बापू : क्या होता होगा ?
क्रमशः........................ .........
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