RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
ऐसे कैसे रहने दूं मम्मी ,आज तो आपकी गान्ड मार कर ही रहूँगा ,इस गान्ड के पीछे मे कब से पड़ा हूँ ,तुम नही जानती कि कैसे मेने ये गान्ड सलीम से चुदने से बचाई है वहाँ तुम उससे गान्ड मरवाने को तैयार हो गयी थी ऑर यहाँ अपने सगे बेटे को मना कर रही हो,,
मम्मी थोड़ा चिंता मे शायद उन्हे लगा मुझे बुरा लग गया है
"अरे नही बेटा वो तो मे बहक गयी थी ,चाची ने गान्ड के बारे मे इतना बताया ऑर मज़ा दिया कि मुझ मे गान्ड मरवाने की इच्छा इतनी तीव्र हो गयी थी कि मुझसे रुका नही जा रहा था ऑर तब मे तुमसे चुदि भी नही थी इसलिए मुझे सलीम से गान्ड मरवाने को राज़ी होना पड़ा, नही तो मे क्यो अपने बेटे को मना करूगी""मम्मी ने जवाब दिया
मैं बस मुस्कुराया मैं जानता था कि अब मेरा रास्ता सॉफ हो चुका है अब चाहे मम्मी को कितना भी दर्द क्यो ना हो जाए मुझे रोकेगी नही ,ऑर मेने अपनी इस होशियारी के लिए अपने आप को धन्यवाद दिया,ऑर मेने अपना ध्यान वापस गान्ड के छेद पे लगाया,,मेने एक बार फिर उंगली मुँह मे ली ऑर वापस गान्ड के छेद पे ले गया,ऑर इस बार थोड़ा ज़्यादा दबाव बनाया,ऑर मम्मी की हल्की सी "आअहह" के साथ मेरी उंगली थोड़ी सी अंदर सरक गयी थी ,गान्ड का छल्ला इतना चौड़ा तो हो चुका था कि उसने एक उंगली को अंदर जाने की अनुमति दे दी थी,उसके बाद मेने थोड़ा सा थूक छेद पे थुका ऑर दूसरे हाथ की मदद से उस छेद के आस पास चिकना कर दिया जिससे मेरी उंगली अंदर जाते समय थूक को भी अंदर ले जा सके ,ऑर फिर मे धीरे धीरे उंगली को अंदर धकेल्ता गया ऑर आधी अंदर ले गया,ऑर उसे बिना बाहर निकाले अंदर ही घुमाने लगा,ऐसा करने से मम्मी मे एक बार फिर सेक्स की भावना जाग गयी क्यो मेरा ऐसा करना उन्हे बहुत अच्छा रहा था ,ऑर सबूत था चूत का पानी छोड़ना,
मेने अबकी बार उंगली पूरी बाहर निकाली ऑर एक बार फिर जीब से गान्ड के छेद को चाटने लगा ,अबकी बार थोड़ी सी जीब अंदर जा रही थी ,मेने अब सरसो का तेल लिया ऑर कुछ बूंदे गान्ड के छेद पे डाल दी ,ऑर फिर से उंगली रखी ,मुझे विस्वास नही हुआ कि मेरी उंगली बिना किसी दिक्कत के गप्प के अंदर घुस गयी,ऑर कुछ ही देर मे पूरी अंदर घुस गयी
,अब मेने उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया,ऐसा करने से मम्मी को भी मज़े आ रहे थे,मेने अगला कदम उठाने की सोची ,मेने अब दो उंगली एक साथ छेद पे रखकर दबाब बनाया,सरसो के तेल की वजह से बिना ज़्यादा दिक्कत के दोनों उंगली अंदर जाने लगीं ,मम्मी को इतना दर्द नही हो रहा था जिसे वो सहन नही कर सके,शायद अगर सरसो का तेल नही होता तो मम्मी मुझे गान्ड मे उंगली नही घुसाने देती,बहुत जल्द मेरी दोनो उंगलियो बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी ,
मेने पूछा "मम्मी कैसा लग रहा है"",
अच्छा लग रहा है बेटे,मम्मी ने जवाब दिया
कुछ देर यौही चलता रहा जब मुझे लगा गान्ड का छल्ला इतना तो खुल गया है कि थोड़ी बहुत मेहनत मे वो लंड को घुसने दे
मे खड़ा हुआ ,अपने लंड पे तेल की बूंदे डालकर मसल्ने लगा,हालाँकि मेरे लंड पे पहले ही तेल लगा हुआ था,ऑर तेल डालने से बिल्कुल चिकना हो गया कि तेल मेरे लंड से टपकने लगा,मेरे लंड की नसें फूलकर फटने जैसी हालत मे हो गयी थी ,शायद मेरी उत्सुकता थी जिसकी वजह से लंड इतने झटके खा रहा था,इस वक्त लंड लोहे जैसा सख़्त हो गया था,
मे बोला ""मेरी रानी आज अपनी पहली बार गान्ड मरवाने को तैयार हो""
मम्मी ने जवाब दिया "हाँ मेरे स्वामी,इस शरीर पे आपका हक है ,मे बिल्कुल तैयार हूँ""
मम्मी नीचे लेटी हुई अपने सिर को घुमा के मेरे लंड को देख कर "आज तो तुम्हारा लंड बहुत बड़ा लग रहा है,कहीं मेरी गान्ड फाड़ ना दे",
मेने जवाब दिया "मम्मी आपकी ये मस्त गान्ड देखकर ही मेरा लंड उतावला हो रहा है ,देखो फूलकर कितना बड़ा हो गया है कि इसकी नसें तक दिखने लगी है
मम्मी मेरे लंड को देखकर थोड़ा घबरा भी जाती है ,
मैं बोला"मम्मी मेरे लंड को अपनी गान्ड मे लेने के लिया तैयार हो जाओ"
मैं तो तैयार हूँ पर थोड़ी सी घबराहट हो रही है" मम्मी ने जवाब दिया
मे मम्मी से बोला"बस मम्मी आप पीछे मत देखो,ऑर भूल जाओ कि आप गान्ड मरवाने वाली हो देखना लंड कब पूरा अंदर घुस जाएगा पता भी नही चलेगा"
जब ये मोटा लंड अंदर घुसेगा तो कहाँ से भूल जाउ कि मैं गान्ड नही मरवा रही हूँ,जो होगा देख जाएगा
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