RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
अब मे अपने हाथ को मम्मी की गान्ड के उपर ले जाने लगा,मेने मम्मी की गान्ड को तेल से चिकना कर दिया था,मे भर भर के तेल मम्मी की गान्ड पे डाल कर मालिश कर रहा था,इस तरह मे मम्मी की जाँघो तक मालिश करने लगा,मुझसे अब रहा नही जा रहा था मम्मी की गान्ड को थिरकता देख,मैं मम्मी की गान्ड नीचे से उपर धकेल कर चोद देता कभी उपर से नीचे,इससे गान्ड मे एक थिरकन पैदा हो रही थी,जिसे देखकर मेरा दिल धक धक हो रहा था,मे अब ऑर ज़्यादा देर नही रुक सकता था ,इसलिए मेने मम्मी की गान्ड के दोनो हिस्सो को विपरीत दिशा मे खोला,जैसे ही मम्मी की बड़ी सी गान्ड की दरार चौड़ी हुई,मुझे वो छेद दिखाई दिया जिसने मुझे पागल बना रखा था,जिसके कारण मेने चाची से धोका किया जिन्होने मुझे चोदना सिखाया था,छेद इतना प्यारा था कि किसी को भी एक ही नज़र मे अपना दीवाना बना दे
छेद इतना छोटा था कि उसमे एक उंगली घुसाने मे भी बहुत ताक़त लगानी पड़े,सुखी गान्ड मे तो किसी भी हालत मे ही नही घुसा सकता चाहे गान्ड लहू लुहान हो जाए,ऑर थूक से ज़्यादा फ़र्क नही पढ़ने वाला था ,थूक से केवल ज़्यादा से 2 उंगलिया घुसाइ जा सकती है जिसमे एक छोटी उंगली भी शामिल थी,3 इंच मोटा लंड तो थूक के साथ नही घुसाया जा सकता,अगर घुसाया तो इसके बहुत घातक परिणाम हो सकते थे
मेने मन ही मन सोचा कि मामी को कैसे पता चला कि मम्मी की गान्ड अभी खुली नही है ,कुवारि है,तभी तो उन्होने ने मुझे सरसो का तेल दिया है ,जिससे मे बहुत मज़े से मम्मी की गान्ड मार सकूँ,मुझे मामी से ये पूछना पड़ेगा ऑर मेने मन ही मन मामी को धन्यवाद दिया
गान्ड का छेद इतना प्यारा था कि उसको चाटने के बारे मे मुझे सोचना ही नही पड़ा जैसे मुझे चूत चाटने मे सोचना पड़ गया था ऑर मेने अपना मुँह गान्ड के छेद पे रख दिया,मेरा मुँह गान्ड के छेद पे रखने पर मम्मी उस हालत मे पहुच गयी जहाँ मज़े की कोई सीमा नही थी,मम्मी के मुँह से बस यही बात निकल रही थी कि मे छेद को चाटना रोकू नही,
""हाँ बेटा ऐसे ही चाटे जा गान्ड को ,रुकना मत , बस चाटे जा,""
ऑर मैं अपनी जीब निकाल कर छेद को चाटने लगा पता नही क्या बात थी उस छेद मे,पर उसे चाटने मे मज़ा बहुत आ रहा था,मेरे लगातार चाटने की वजह से मेरा बहुत सारा थूक मम्मी की गान्ड पे आ गया था ,ऑर गान्ड के छेद से होते हुए चूत के उपर से ज़मीन पे टपक रहा था,ऑर साथ मे चूत का पानी भी टपक रहा था,मम्मी की ऐसी हालत शायद कभी नही हुई थी ,उनकी चूत ने कई बार पानी छोड़ दिया था,इधर मे बस गान्ड के छेद को चाटे जा रहा था,काफ़ी देर चाटने के बाद के गान्ड का छेद थोड़ा सा खुला,हालाँकि वो इतना नही खुला था कि उसमे एक उंगली घुसाइ जा सके,पर इतना खुल गया था कि एक उंगली डालकर उसको थोड़ा चौड़ा कर सके
मे छेद चाटे जाने वाला खेल ख़तम करना चाहता था जिससे मैं गान्ड मे लंड डालने वाला गेम शुरू कर सकूँ,पर ना तो मम्मी का अपने शरीर पे बस था ना ही मेरा,मे बस छेद को चाटे जा रहा था अब तो मेने अपना हाथ लेजा कर एक उंगली चूत मे डालकर उसको आगे पीछे करना शुरू कर दिया था,एक तरफ चूत मे उंगली अंदर बाहर हो रही थी ऑर एक तरफ गान्ड के छेद पर मेरी जीभ लगातार चल रही थी ,मम्मी की चूत एक बार फिर पानी छोड़ने वाली थी ,मुझे पता नही कैसे पता चल गया,इसलिए मैं एक उंगली से चूत को चोदने लगा ,मेरी उंगली इतनी तेज अंदर बाहर हो रही थी कि उसमे से "फॅक फेच फॅक"की आवाज़े आने लग गयी थी ऑर कुछ ही देर मे मम्मी एक चीख के साथ झड गयी,आज चूत ने इतना पानी छोड़ा था कि नीचे की ज़मीन बहुत गीली हो गयी थी
अब मैं रुका ,अपनी उंगली चूत से निकाली ऑर अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा ऑर चूत के पानी का स्वाद लेने लगा,मे बोला मम्मी आपकी चूत के पानी का स्वाद तो बहुत अच्छा है,
मम्मी ने जवाब दिया हर औरत की चूत का पानी अच्छा होता है,अब मेने अपनी उंगली मुँह से निकाली जिस पर थूक लगा हुआ था ऑर रख दी मम्मी की गान्ड के छेद पे ऑर वही घूमने लगा,पहले ही थूक था छेद पे ऑर उंगली पे थूक लगा होने के कारण छेद कोई विरोध नही कर रहा था,जैसे ही मेरी उंगली छेद के ठीक उपर हो जाती छेद खुलने लगता
अब मुझसे रहा नही गया मेने अपनी उंगली छेद के उपर रोकी ऑर अपना दबाव बढ़ाने लगा,शुरू शुरू मे छेद ने साथ दिया लेकिन एक लिमिट आने के बाद उसने भी विरोध करना शुरू कर दिया,मम्मी को अनुभव नही था कि गान्ड मरवाना क्या चीज़ होती है इसलिए अक्सर बचने की कॉसिश करती रहती थीं,यहाँ भी एक बार फिर कॉसिश की ,
"बेटा रहने दे ना गान्ड को ,चूत चोद ले"मम्मी बोली ,,,
ऐसे कैसे रहने दूं मम्मी ,आज तो आपकी गान्ड मार कर ही रहूँगा ,इस गान्ड के पीछे मे कब से पड़ा हूँ ,तुम नही जानती कि कैसे मेने ये गान्ड सलीम से चुदने से बचाई है वहाँ तुम उससे गान्ड मरवाने को तैयार हो गयी थी ऑर यहाँ अपने सगे बेटे को मना कर रही हो,,
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