RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी:तो मतलब तू मेरे साथ ज़बरदस्ती करने वालो को मार डालेगा
मे:हाँ मम्मी,जो भी आपके साथ ज़बरदस्ती करेगा उसको मे मार डालुगा,मे आपसे इतना प्यार करता हूँ कि मे आपको किसी ऑर के साथ नही देख सकता
मम्मी:चल सो जा,बहुत लंबा सफ़र तय करना है
मे:मम्मी एक किस दो ना
मम्मी: (शरारती हसी के साथ) नही दूँगी
मे:मम्मी प्लीज़
मम्मी :केवल एक बार
मे तुरंत उठा ऑर मेने अपने होठ मम्मी के होंठो पे रख दिए
चलती ट्रेन मे ,मैं एक मस्त औरत के होंठो का रस पी रहा था ,ऑर वो औरत ऑर कोई नही मेरी माँ थी,जिससे मे इस दुनिया मे सबसे ज़्यादा प्यार करता था
मे बस मम्मी के होंठो को चूसे जा रहा था,मुझे बहुत मज़ा आ रहा था,ऑर साथ मे ही मे अपने हाथ मम्मी की कमर से चला रहा था
मे अपनी जीभ मम्मी के मुँह मे डालकर मम्मी के मुँह रस का स्वाद ले रहा था
ऑर मम्मी भी पीछे नही थी मम्मी मेरी मुँह अपनी जीब डालकर मेरे मुँह का स्वाद ले रही थी
हमारी आपस मे जीब एक दूसरे से भिड़ा रहे थे
तभी किसी के आने की आवाज़ आई ऑर हम दोनो ने किस तोड़ा ऑर वापस मे अपनी जगह बैठ गया
मम्मी की सास तेज हो चुकी थी ऑर मेरा लंड खड़ा हो गया था
मम्मी मेरे लंड की ओर देखकर हँसते हुए,तेरा ये हमेशा की खड़ा रहता है क्या
मे:मम्मी आपके देखते ही ये खड़ा हो जाता है मन करता है बस आपको चोदता रहूं
मम्मी:देख हम गाव अपने घर जा रहे है वहाँ ऐसा कुछ मत करना ,नही तो गाव मे हमारी इज़्ज़त ख़तम हो जाएगी
मे:तो फिर मे क्या करूगा इतने दिन
मम्मी:मज़े करना ,खेतो ऑर पहाड़ियो मे घूमना
मे:मम्मी फिर तो ये दिन बहुत बुरे निकलने वाले है
मम्मी:ज़्यादा नही बस 10 दिन रुकेगे फिर वापस आ जाएगे ,फिर हम मज़े करेंगे ,तुझे जो करना है वो करना
मे: (मन मे)) मुझे बहुत कुछ करना है
मम्मी:हाँ तुझे जो करना है वो करना ,मे नही रोकूगी तुझे
फिर हम इधर उधर की बाते करने लगे ऑर हमारा सफ़र कटता चला गया,हम सोए भी नही क्योकि हमे बहुत मज़ा आ रहा था एक दूसरे से बाते करने मे,क्योकि हम खुल के बात कर पा रहे थे
कुछ घंटो बाद हम अपने गाव के पास वाले स्टेशन पे उतर गये
वहाँ से गाड़ी की ऑर गाव पहुच गये
जैसे ही हम घर पहुचे वहाँ मामी ने हमारा स्वागत किया
मेरी मामी का नाम गीता है,उनके दो बेटे है (मे नाम बाद मे बता दूँगा अगर मेरी इच्छा हुई स्टोरी को लंबा करने की) दोनो की शादी हो चुकी है ऑर दोनो बाहर ही काम काज़ करते है
घर मे मामा मामी ही रहते है,मामा का नाम केसरी लाल है ऑर सब उन्हे केसरी कहते है
उस समाय घर मे केवल मामी थी,मेने मामी के पाव छुए उन्होने मुझे आशीर्वाद दिया
मे अब बदल चुका था खास कर अपनी मम्मी को चोदने के बाद
मेने देखा कि मामी भी कुछ कम नही ,मस्त बदन ,फूली हुई गान्ड ,बड़ी बड़ी चुचिया
कुलमिलाकर मेरे लिए एक मस्त माल जिसे मे चोदना चाहूगा
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