RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
लड़का:शाबाश मेरी जानेमन,आज तूने बहुत अच्छा काम किया है
मे नीचे गिरा हुआ था,मेरी आँखे बंद सी होने लगी लेकिन मेरे कान चालू थे मुझे सब कुछ सुनाई दे रहा था
लड़का:तू नही जानती मुझे भारी शरीर की औरते कितनी पसंद है ,ऑर ये औरत तो कमाल की है,आज तक जितनी भी औरते देखी कुछ ना कुछ तो कमी रहती ही थी,लेकिन इस साली मे कोई कमी नही है,इसका चेहरा ,नाक ,होठ,चुचिया ,पेट ,गान्ड सब कुछ मस्त है
लड़की:जानू तेरे लिए तो मे सब कुछ करने को तैयार हूँ
आज तो मज़ा आ गया ,क्या माल हाथ लगा है,ऑर ये कहा कर वो मम्मी की तरफ जाने लगा
मम्मी डर के कारण धीरे धीरे पीछे खिसक रही थी ऑर वो लड़का धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था
मम्मी के पीछे पेड़ आ गया ,ऑर मम्मी पेड़ आने की वजह से ऑर पीछे नही खिसक पाई
लड़का मम्मी के बहुत नज़दीक आ गया
लड़का:देख तेरे पास दो ही रास्ते है ,पहला प्यार से चुदवायेगि तो प्यार से चोदुगा ,ऑर दूसरा अगर नखरे किए तो ऐसा चोदुगा कि जिंदगी भर याद रखेगी
मम्मी ने मेरी तरफ देखा मदद के लिए आश् लगाई,लेकिन उनकी उम्मीद टूट गयी जब देखा मे बेहोश पड़ा हूँ
वो लड़का मम्मी से बिल्कुल चिपक गया था,मम्मी पेड़ ऑर इस लड़के बीच फसि हुई थी
उस लड़के ने मम्मी के होंठो पे अपने होठ रख दिए
मम्मी ने तुरंत सिर घुमा कर उसका किस तोड़ते हुए एक ज़ोर दार आवाज़ लगाई """"""मोह्हीत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त"""""""
जैसे ही मम्मी की आवाज़ मेरे कानो तक पहुचि मेरी शरीर मे चेतना दौड़ गयी लेकिन मेरी हिम्मत नही हो पा रही थी उठने की
लड़का हँसते हुए:जान अब तुम्हे बचाने कोई नही आएगा,आज तो तुझे रगड़ के चोदुन्गा
लड़की:हाँ चोद डाल इसे,इस जंगल ऐसी माल किस्मत वालो को ही मिलती है
वो लड़का वापस मम्मी के चेहरे को पकड़ कर मम्मी के होंठो अपने होठ रखते हुए किस करने लगा
मम्मी ने इस बार भी ज़ोर लगाकर चेहरा हटाते हुए मुझे आवाज़ लगाई
मम्मी: म्म्मूओह्ह्ह्हीइत्त्त्त्त्त्त
लड़का:ज़रा पकड़ना तो इसको बहुत हिल डुल रही है
लड़की ने मम्मी को पेड़ के पीछे से पकड़ लिया
लड़का:अब कैसे बचेगी मेरी जान
अब तक मेरी हिम्मत हो चुकी थी उठने की
मे उठा ऑर सीधा लड़के के पीछे गया
लड़की:रणजीतत्त्तत्त..... पीछे देख
वो लड़का जैसे ही पीछे देखा एक दमदार मुक्का हवा मे लहराता हुआ उस के मुँह पे लगा
लड़का इस मुक्के की दमदार चोट झेल नही पाया ऑर कुछ कदम पीछे की ओर चला गया
उसके होंठो से खून की धारा बह निकली
उसने हाथ लगाया अपने मुँह पे ,ऑर देखने लगा कि खून बह रहा है या नही ,वो अपना खून देखकर गुस्से से पागल हो गया
लड़का:साले तू तो गया ऑर वो एक बार फिर भागता हुआ मेरे पास आया ,मेने थोड़ा सा हट कर एक ऑर करारा मुक्का जमा दिया जो कि इस बार उसके जबड़े पे ना लग कर उसके कान मे लगा
(कान की चोट मे बहुत दर्द होता है,वो वही बैठ गया ऑर दर्द से कराहने लगा)
तभी मुझे पीछे से किसी के चलने की आवाज़ आई
जैसे ही मे पीछे मुड़ा तो उसने हमला कर दिया एक मोटी लकड़ी से ,मे इस बार चोन्कन्ना था,मेने हाथ से उस लकड़ी को रोक दिया ऑर बोला
मे:इस बार नही,हर बार मे वही ग़लती नही करूगा
ऑर मेने ज़ोर लगाकर वो लकड़ी छीन ली
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