RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी:अच्छा बाबा समझ गयी
मे:क्या समझ गयी
मम्मी:कुछ नही
मे:मम्मी बताओ ना
मम्मी:कहा ना कुछ नही
,थोड़ा गुस्सा होते हुए
((इसकी गान्ड को जोरूर जोरदार तरीके से चोदुन्गा,बड़ा नाटक कर रही है))
ऑर मम्मी जानबूझ कर गान्ड मटका मटका के बाथरूम की तरफ जाने लगती है
हालाँकि मम्मी की शर्म इतनी तो खुल चुकी थी कि उन्होने बाथरूम का दरवाजा बंद नही किया
मे तुरंत गान्ड मराई के काम मे आने वाली चीज़ो की सोचने लगा जैसे तेल,मे बिना देरी किए तेल ले आया,ऑर बैठ गया
मम्मी को आने मे देरी लग रही थी,पता नही मुझे क्यो 5 मिनट भी निकालना जैसे 5 घंटे लग रहा था,ऑर मम्मी बाथरूम से बाहर निकलने का नाम नही ले रही थी,इसी बीच मेने तेल की शीशी उठाई ऑर कुछ बूंदे अपने लंड पे डालकर मसल्ने लगा, ऑर कल्पना करने लगा कि आज तो मम्मी की गान्ड ऐसे मारूगा वैसे मारूगा
मे यही कल्पना कर रहा था कि मम्मी एक दम से नहाते नहाते बाहर आई ,हालाँकि उन्होने टॉवल लपेट रखा था ऑर उनके शरीर मे साबुन अभी भी लगा हुआ था,ऑर बोली
मम्मी:बेटा मोहित आज तो सलीम आने वाला था यहाँ पे
मे:भेन्चोद अब सलीम कहाँ से आ गया
मम्मी मेरे मुँह से गाली सुनकर कुछ देर के लिए मेरी तरफ देखने लगती है,लेकिन फिर आगे बोल पड़ती है
मम्मी:चाची ने ऑर मेने प्लान बनाया था आज मैं सलीम के साथ यहाँ पे आउन्गी ऑर तुझे चाची वहाँ घर पे संभाल लेगी
मे थोड़ा कॉन्फिडेन्स मे मे होते हुए
(क्योकि मे सब बाते सुन ली थी जो चाची ऑर मम्मी के बीच हुई ,मे पलंग के नीचे छुपा हुआ था)
मे:अरे मम्मी मे जानता हूँ प्लान ,सलीम ऑर तुम यहाँ फार्महाउस पे आने वाले थे ऑर चाची ऑर मैं वही घर पे रुकने वाले थे,लेकिन वो 12 तारीख की बात थी,आज तो 11 ही है ऑर कल तो हम ट्रेन से निकल जाएगे
मम्मी:अरे चाची ने बाद मे बताया था कि सलीम 11 की शाम को आ रहा था ऑर तरीबन 7 बजे पहुच जाएगा घर
मे:कब कहा
मम्मी:जब तू शाम को सो रहा था ,जब चाची आई थी घर पे ऑर बोला था कि सलीम 11 को ही आ रहा है ऑर मुझे 7 बजे तैयार रहने को कहा था
मे:मतलब चाची पलटी मार गयी ,लेकिन हमे क्या ख़तरा है,ऑर कॉन्सा सलीम 7 बजे आते ही फार्महाउस पे आ जाएगा
मम्मी:अरे नही चाची ने बताया था कि वो पागल है मेरी गान्ड के पीछे,ऑर मेने जब बात करी तो मुझसे बोला "मेरी जान अपनी कुवारि गान्ड के मज़े ले लो क्योकि मे बहुत जल्द इस कुवारि गान्ड को चोदने वाला हूँ ऑर उसके बाद तुम अपनी कुवारि गान्ड के मज़े नही ले पाओगि"""
उसकी बातो से लगा वो वाकई पागल है
मे:तो क्या लगता है वो यहाँ आ सकता है
मम्मी:आ तो सकता है लेकिन क्यो डरना,क्या करेगा वो,निकल तो सकते नही हमे ,इतनी तो जानकारी है अपनी आपस मे
मे:अरे मम्मी लेकिन सलीम जो आपकी गान्ड के पीछे पड़ा हुआ है वो
मम्मी:तो क्या हुआ,तू मार ले गान्ड बाद मे वो मार लेगा,उस बेचारे की मम्मी ने भी तो तुझे चोदने दिया ,ऑर वो उस उसकी मम्मी की देन है कि मे तेरे साथ यहाँ मज़े कर रही हूँ
मे:नही मम्मी ,मे नही चाहता कि मेरी मम्मी को कोई ऑर चोदे
((लग रहा था कि अब मम्मी एक पवित्र पत्नी से एक रंडी की तरफ जा रही थी
))
मम्मी:लेकिन बेटा जैसे तुम्हारी इच्छा होती है अलग अलग औरत या लड़की को चोदने की वैसे ही हमारी भी इच्छा होती है अलग अलग लंड से चुदने की
मे :उदास से होते हुए,लेकिन मम्मी मुझे अच्छा नही लगता कि मेरी मम्मी किसी ऑर लंड से चुदे
मम्मी:अरे बेटा निराश मत हो,चल मे जब तक किसी ऑर से नही चुदवाउगि तब तक तू मुझे हाँ नही कर देता ठीक है अब तो
मे खुश होते हुए ,तो ठीक है मम्मी ,अब नहा लो हम घर चलेगे,मे नही चाहता कि सलीम यहाँ आ जाए ऑर वो मेरी आँखो के सामने मेरी मम्मी की गान्ड मार दे
मम्मी:मम्मी की गान्ड से इतना प्यार,चल कोई नही मे नहा लेती हूँ
ऑर इतना कहकर मम्मी वापस बाथरूम मे घुस गयी
ऑर मे सामान पॅक करने लगा
समान पॅक हो जाने के बाद मे घर की चीज़ो को वापस अपनी जगह पे रखने लग गया ऑर देख रहा था कि कोई चीज़ छूट ना जाए
फिर मम्मी नहा कर बाहर आई ऑर अपने कपड़े पहनने लगी
मेने जब देखा कि मम्मी बाथरूम से केवल टवल मे बाहर आई है तो मे मम्मी को देखता रह गया,मम्मी इस समय स्वर्ग की अप्सरा जैसी लग रही थी,मे बस मम्मी को देखे जा रहा था
मम्मी:क्या हुआ ,देख तो ऐसे रहा है जैसे मम्मी को इस रूप मे पहली बार देखा हो,
मे:हाँ मम्मी ,आपको इस रूप मे पहली बार ही देख रहा हूँ
मम्मी:तो कल रात जो मुझे पूरी नंगी करके मेरी जो हालत खराब कर रहा था वो क्या था
मे:आप अभी जितनी खूबसूरत लग रही हो उसका कोई जवाब नही
ये कहते हुए मे मम्मी के पास गया
ऑर मेने एक हाथ मम्मी के पीछे ले जाकर मम्मी की कमर पे रखा ऑर मम्मी के बदन को मेरी तरह खिचा ,मम्मी की चुचि मेरी छाती से भिड़ गयी,ऑर मेने अपने होठ मम्मी के होंठो पे रख दिए
बहुत ही मादक दृश्य था,एक मस्त औरत अपने बेटे से बहुत ही आनंद से साथ एक दूसरे के होंठो का रस्पान कर रहे थे
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