RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मेने खुद से बोला बहुत जल्द ठीक ऐसे ही तू मम्मी की गान्ड मे फिसलेगा
मे वापस आया ऑर सोने की कॉसिश की
मुझे नींद नही आ रही थी लेकिन कुछ देर बाद कैसे भी करके मुझे नींद आ ही गयी
मे शाम को उठा ,मेने उठते ही घड़ी की ओर देखा ,मुझे खुद पता नही था कि मे घड़ी देखने की इतनी जल्दी क्यो कर रहा हूँ,लेकिन शायद मेरे माइंड को पता था कि मुझे मम्मी की गान्ड मारनी है
मेने घड़ी की ओर देखा तो शाम के 4 बज रहे थे
मेने देखा कल रात हम 4 बजे सोए सुबह 8 बजे उठ गये ,मेने नाश्ता बनाया ऑर साथ मे खाया ऑर फिर तकरीबन 9 बजे सो गये मतलब मे ऑर मम्मी 11 घंटे सो गये
,वाकई चुदाई करना बहुत मेहनत का काम है
मे उठा तो देखा मम्मी अभी तक सो रही है,ऑर इस बार भी मम्मी एक तरफ सिरहाना लगाकर सो रही थी ,मुझे मम्मी की गान्ड का उभार नज़र आ रहा था,मेरा लंड अभी तक खड़ा था ,शायद मेरी पूरी नींद मे मेरा लंड मुरझाया नही ,मुरझाए भी क्यो ,उसे आज इतनी मस्त गान्ड की ओपनिंग जो करनी थी
मे मम्मी के पास गया ,उपर से चद्दर हटाया ,अब मम्मी की नंगी गान्ड मेरे सामने थी ,क्या मुलायम सी मखमली गान्ड ,मन तो कर रहा था कि अभी गान्ड मार दूं लेकिन मेने खुद पे काबू रखा
ओर सोचा क्यो ना मम्मी के लिए चाइ बनाई जाए
मे तुरंत किचन मे गया ऑर जितना हो सकता था उतनी कॉसिश की अच्छी चाइ बनाने की,मे मम्मी को जितना हो सके खुश करना चाहता था क्योकि वो अपने बेटे को दुनिया का सबसे बड़ा गिफ्ट देने वाली थी,वो थी मस्त गान्ड की ओपनिंग,जो की किस्मत वालो को ही मिलती है
मे चाइ बनाके लाया ,मेने चाइ टॅबेल पे रखी ऑर मेने देखा मम्मी के चेहरे पे एक अलग तरह की चमक थी,मज़ा आ गया था मम्मी के सुंदर चेहरे को देखके
मैं अपना मुँह मम्मी के मुँह के पास लाया ऑर इस बार मम्मी के गाल पर पप्पी देने की बजाए मेने होंठो पे पप्पी दी,मम्मी थोड़ी कसमसाई लेकिन उठी नही फिर मेने ऐसे ही 2-3 पप्पिया मम्मी के होंठो ओर दे दी,तब जाकर मम्मी की नींद खुली
मम्मी मुझे देखते ही मुस्कुराइ बोली क्या कर रहा था शैतान
मे:कुछ नही बस अपनी रानी से प्यार जता रहा था
मम्मी:ओह तो ऐसे जताते है प्यार,किसी को सोते हुए होंठो पे पप्पिया देकर उठाना
मे:नही मम्मी ,प्यार तो दोनो शरीर को एक करके किया जाता है
मम्मी:शरीर को एक करके
मे:मतलब मिलन करके
मम्मी:मतलब तू उसकी बात कर रहा है जो हमने कल रात को किया था
मे:हाँ मम्मी,चुदाई की ही बात कर रहा हुँ
मम्मी मुस्कुराइ ,मेने एक कॅप चाइ का मम्मी की ओर बढ़ाई
मम्मी चाइ का कॅप लेते हुए,आजकल बड़ी सेवा कर रहा है मम्मी की,जब भी मे उठ ती हूँ तू चाइ लेकर खड़ा रहता है
मे:अपने प्यार के लिए मे सब कुछ करने को तैयार हूँ,अगर आप कहे तो मे हमेशा आपके चर्नो मे पड़ा रहूं
मम्मी मेरी इन बातो से पिघल जाती है ऑर मम्मी की ममता जाग उठती है
ऑर मम्मी मेरे सिर पे हाथ हाथ फेरते हुए
मम्मी:बहुत अच्छा बेटा है मेरे ,पिछले जन्म मे कुछ अच्छे काम किए होगे तभी तुझ जैसा बेटा पैदा हुआ है
मे:पता नही मम्मी मे बस आपसे बहुत प्यार करता हूँ
अब मम्मी ने भी अपनी चाइ ख़तम कर ली थी
मे:मम्मी तो आगे क्या प्रोग्राम है
मम्मी:क्या प्रोग्राम है ,तू जानता है,तुझे जो करना है वो करेगे
मे मुस्कुराया,ऑर बहुत धीरे से बोला ,"मम्मी बस आपके पिछवाड़े का उद्घाटन करना है""
मम्मी:क्या बोला
मे:कुछ नही मम्मी बस आपकी सेवा करनी है
मम्मी :आजा मम्मी के सेवा कर,पाँव दबा मेरे
मे उठकर मम्मी के पैरो के तरफ जाने वाला ही था
मम्मी:रहने दे,पहले मे नहा लेती हूँ,मेरा शरीर टूट सा रहा है
मम्मी जैसी ही उठी चद्दर गिर गयी ऑर मम्मी की चूत मेरे सामने आ गयी
मम्मी:मुझे कुछ पहना तो देता(मम्मी को चुदाई का नशा उतर चुका था ,इस वजह से शायद मम्मी को शर्म आ रही थी)
मे:मम्मी ,दो प्रेमी आपस मे नही शरमाते
मम्मी ने चद्दर को फेक्ते हुए
मम्मी:तुझ से तो बात करना ही बेकार है पता नही कॉन से प्रेम मिलन की बाते करता रहता है
मे:अभी प्रेम मिलन पूरा कहाँ हुआ
मम्मी रुककर पूछते हुए "जो रात को किया तब पूरा नही हुआ था तेरा मिलन"
मे:मम्मी हमारा मिलन ,ना कि केवेल मेरा मिलन
मम्मी:हाँ हाँ वही हमारा मिलन
मे:नही मम्मी ,जब एक प्रेमी आगे के हिस्से मे अपना हथियार डालता है तो आधा मिलन होता है
मम्मी:ऑर बाकी आधा
मे:पिछवाड़े मे डालने से
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