RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
माँ अपने शरीर पे हो रहे तीनो तरफ के हमले को बर्दास्त नही कर पाई ऑर मेरे हमलो के सामने हार गयी,मतलब मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया था
मेरे तीन तरफ के हमले ,गान्ड पे झटके लगाना,चूत को सहलाना,ऑर चुचि को दबाना,ये ऐसे हमले थे इनसे कोई औरत ऑर लड़की नही बच सकती थी
अब मेने मम्मी को पलटाया,अब मम्मी के होठ मेरे होठ के सामने थे ,मेरा लंड मम्मी की चूत से बस थोड़ा सा ही दूर था
में जल्दी से अपने हाथ मम्मी की कमर के पीछे ले गया,ऑर मम्मी को अपनी तरफ खिचा
मेने अपने होठ मम्मी के होंठो पे रख दिए ऑर मम्मी के बदन को ज़ोर से अपने से चिपकाए रखा
मम्मी को होश आया कि मे क्या कर रहा हूँ,पर मम्मी का शरीर उनका साथ नही दे रहा था,
मम्मी ने आँखो के इशारे से कहा कि मत कर पर मे नही माना
मेरी आँखो मे एक चमक थी जो मम्मी को बता रही थी कि मे उन्हे आज नही छोड़ने वाला
मेरा लंड अब घाघरे के साथ ही चूत के अंदर घुसने को तैयार था
मम्मी अपनी चूत पे मेरे लंड का स्पर्श पाकर अपने आप को काबू नही कर पाई ऑर एक बार फिर पानी छोड़ दिया,मम्मी की चूत ने पानी छोड़ छोड़ कर हर मान ली,अब मम्मी के शरीर मे ताक़त नही बची थी
मे ये देख सकता था कि मम्मी का शरीर अब ज़ोर नही लगा रहा
मे जानता था कि अब मम्मी विरोध नही कर सकती ,इसलिए मेने अब पकड़ ढीली कर दी,ऑर एक हाथ माँ की गान्ड के उपर ले जाकर सहलाने लगा ऑर अपने होठ मम्मी के होठ से हटा कर गले को चूमने लगा
मम्मी की गान्ड को सहलाने मे मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी स्पंज की बॉल दबा रहा हूँ,बहुत ही गद्देदार थी
अब दूसरे हाथ से मेने मम्मी की चुचि दबाने लग गया था
जब मेने देखा कि मम्मी अब बिल्कुल होश मे नही है
मेने मोके का फ़ायदा उठाया ,मेने एक हाथ अब पीछे घाघरे के अंदर डाल दिया,मुझे बहुत ताज्जुब हुआ मम्मी ने पैंटी नही पहनी थी ,मेरा हाथ नंगी गान्ड पे था,मेने धीरे धीरे सहलाते हुए हाथ को गान्ड की दरार मे डालना शुरू किया
मेरा दिल तो रुक सा गया था जब मेरे हाथ की उंगलिया ने मम्मी की गान्ड के छेद को छुआ
मे महसूस कर पा रहा था कि मम्मी की गान्ड का छेद,बिल्कुल टाइट था ,मे इस कुवारि गान्ड के छेद के पीछे पागल सा हो गया,इस गान्ड के छेद को चोद चोद कर चोडा कर दूँगा
में अब एक उंगली से ही माँ की गान्ड के छेद के उपर मसाज करने लगा
मम्मी की चूत ने फिर पानी छोड़ दिया था
अब मेने ज़्यादा देर ना करते हुए मम्मी के घाघरे का नाडा खोलने लगा ये सब मे बिना देखे ही कर रहा था,पर बहुत जल्द नाडा खुल गया ,नाडा खुलते ही,मम्मी का घाघरा नीचे गिर गया
मम्मी ने पैंटी नही पहनी हुई थी इसलिए मम्मी की चूत मेरे लंड के सामने आ गयी
मेने एक बार फिर अपने हाथ मम्मी की कमर पे ऑर मेरे होठ मम्मी के होठ पे रख दिए,ऑर मम्मी को अपनी बाहों मे कस लिया
अबकी बार मे मम्मी के होंठो को चूस रहा था,मम्मी अपने होठ नही खोल रही थी लेकिन मे बाहर से ही मम्मी के होठ चूस रहा था,मे कोई ज़बरदस्ती नही करना चाहता था,ऑर मेरी पकड़ मजबूत होने के कारण मेरा लंड भी मम्मी की चूत पे जा टिका ,ऐसा लग रहा था कि लंड ने अपनी मंज़िल खुद ढूँढ ली,बिना हाथ लगाए ही मम्मी की चूत के मुँह पे पहुच गया,चूत ने पहले ही बहुत पानी छोड़ रखा था,बस गीला करना था तो मेरे लंड को
मेने एक हाथ अपने मुँह पे लिया थोड़ा सा थूक थुका फिर लंड पे लगाया ऑर फिर लंड को पकड़ कर मम्मी की चूत के मुँह मे लगा दिया,मेने थोड़ा सा ज़ोर लगाया जिससे मेरा लंड चूत के मुँह मे फिट हो गया,ऑर फिर दोनो हाथ मम्मी की गान्ड पे रख दिए
अब मेने सब कुछ तैयार कर लिया था,मेरे होँठों ने बहुत कठोरता से मम्मी के मुँह को बंद कर रखा था,मेने अपनी पकड़ मम्मी के शरीर पे बहुत मजबूती से बना रखी थी
सब कुछ तैयार था,मेरा लंड चूत के मुँह मे फसा हुआ था,अब मेने गिनती करनी चालू कर दी कि कब लंड अंदर डालना है पूरी ताक़त ले साथ
3...............................लंड को सख़्त किया
2...............................हाथो की पकड़ बढ़ाई गान्ड पे
1................................पूरी ताक़त जुटाई
फिर गचह
मेरा लंड मम्मी की चूत को फाड़ता हुआ तकरीबन 3 इंच घुस गया
कुछ पल के लिए वक्त थम सा गया था
मेने मम्मी का मुँह अपने होठ से बंद कर रखा था
फिर एक घुटि हुई चीख निकली उूुउउम्म्म्ममममममममममममम
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